जानें – बेकारी आपको समय से पहले कैसे बूढ़ा बना सकती है

कोई भी कार्य या नौकरी क्या है? यह और कुछ भी नहीं बल्कि हमारे द्वारा की जाने वाली गतिविधियों का ही यह एक स्वरूप है। दूसरे शब्दों में हम जो भी गतिविधि करते हैं उसे किसी ना किसी प्रकार से एक नौकरी या कार्य कहा जा सकता है और इसे अच्छे से करना हमारी कोशिश होती है। हम यह प्रयास करते हैं कि हमारे हाथ में लिए गए कार्य के साथ हम पूरा न्याय करें और तभी कोई भी कार्य अच्छी तरह से हुआ है यह माना जाता है। हालांकि अगर हमारे पास कोई कार्य न हो तो हम समय से पहले बेकार या बूढ़े हो जाते हैं और इसलिए हमें लगातार किसी-न-किसी रोचक गतिविधि में संलग्न रहना चाहिए। ऐसा करते हुए हम न केवल खुशी महसूस करते हैं बल्कि अपने आप में ऊर्जावान महसूस करते हुए अपने बुढ़ापे को भी दूर रख सकते हैं।

लगातार नौकरी करना, बुढ़ापे से बचने की एक कारगर चाभी है

किसी भी गतिविधि को हम कार्य या नौकरी की श्रेणी में रख सकते हैं। अपने बगीचे का ख्याल रखना उसे लगातार सुशोभित और सुंदर बनाए रखने के लिए नित्य विभिन्न प्रकार के कार्यों में लगे रहना या अपने परिवार या दोस्तों के लिए एक स्वादिष्ट भोजन तैयार करना या कोई कहानी लिखना इत्यादि सभी कार्य की श्रेणी में ही आते हैं। आप किसी कार्यालय में एक औपचारिक नौकरी भी कर सकते हैं या किसी संगठन के साथ एक पेशेवर या एक स्वयंसेवक की तरह भी जुड़े रह सकते हैं। अगर आप एक गृहणी हैं तो आप सिरेमिक या मिट्टी के साथ मूर्तिकला में अपने आप को दक्ष कर सकती हैं या आप चाहें तो कैनवास चित्रकारी या वस्त्र डिजाइनिंग, घर या कार्यालयों की इंटीरियर डिजाईनिंग, इत्यादि– इस प्रकार आप शारीरिक और मानसिक रूप से युवा बने रहने के लिए किसी भी तरह का कार्य पूर्णकालिक, अंशकालिक या फ्रीलांस रूप से किसी भी संस्था से जुड़े रहकर आप कार्य कर सकते हैं।

अक्सर जो महिलाएं गृहणियां होती हैं, वे कहती हैं, “मैं सिर्फ एक गृहिणी हूं” और ऐसा कह कर वे एक प्रकार से अपने आप को कोसती रहती हैं। वे कहती हैं कि यह हमारी बदकिस्मती है कि हम गृहणी हैं। एक पूर्णकालिक पेशेवर काम को एक गृहिणी के कार्य से बेहतर माना जाता है। इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या काम करते हैं बस आपका व्यस्त रहना जरूरी है। अगर आप व्यस्त हैं तो आपको अपने रचनात्मक एवं उत्पादक होने का एहसास होता है और आपको खुशी मिलती है। इस प्रकार आप अपने लिए और साथ ही दूसरों के लिए भी कुछ मूल्यवान कार्य करते हैं और कुछ न कुछ उत्पादन करते हैं या सृजन करते हैं और दिन के अंत में आप उपलब्धि की भावना महसूस करते हैं और आपको संतुष्टि मिलती है – यही तो है आपके कार्य या आपकी नौकरी का वास्तिविक आनंद।

बेशक जब देश के सकल घरेलू उत्पाद की गणना होती है तो उसमें गृहिणियों या गृहकर्मियों का योगदान शामिल नहीं किया जाता है। उनकी बहुविध गतिविधियों में किसी मौद्रिक विशेषता का आंकलन नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि एक गृहणी अपने परिवार के लिए खाना तैयार करती है तो सकल घरेलू उत्पाद में उसका कोई योगदान नहीं माना जाता है। वहीं अगर परिवार के लिए खाना पकाने के लिए किसी रसोइये की सेवाएं ली जाती हैं तो उसे किए गए भुगतान की गणना जीडीपी में जरूर की जाती है। निश्चित तौर पर यह गृहिणियों के कार्य के प्रति पक्षपात  है।

एक गृहिणी के कार्य को किसी भी व्यावसायिक नौकरी या करियर के मुकाबले कमतर नहीं आंका जा सकता है। इतना ही नहीं, एक महिला जो भी काम अपने करियर के रूप में या अपनी आजीविका चलने के लिए या गृहिणी के रूप में करती है उसका निश्चित रूप से एक बड़ा प्रभाव होता है और ऐसा करते हुए उसे पूर्ण रूप से संतुष्टी का एहसास होता है।

पूरी कुशलता से किया गया कार्य आपको युवा बनाए रखता है

किसी भी कार्य या नौकरी को करने के लिए क्या जरूरी है, यह भी एक मानसिकता हो सकती है या एक दृष्टिकोण हो सकता है कि कार्य इस प्रकार करें जिससे दूसरों को भी संतुष्टि का एहसास हो और अगर आपके पास कोई ऐसा कार्य है जो आपको पसंद है तो आप उसे पूरी रचनात्मक के साथ निभाते हैं और इस प्रकार आप युवा बने रहते हैं।

खाना पकाने के कार्य को भी क्यों न हम एक गतिविधि के तौर पर देखें। और यह जरूरी भी है क्योंकि अक्सर परिवार के लिए या मेहमानों के लिए खाना पकाने के काम को एक बोरियत भरा,  नीरस और समय बिताने वाले कार्य के रूप में देखा जाता है। आपको खाना बनाने में कुछ घंटे तो जरूर लग जाते हैं हालांकि बना हुआ भोजन समाप्त होने में जरा भा वक्त नहीं लगता। भोजन समाप्त होते ही गृहणियों के पास अपने कार्य का सबूत दिखाने के लिए कुछ भी नहीं होता है चाहे भोजन का दस्तरख्वान कितना भी भव्य एवं लजीज व्यंजनों से भरा हुआ क्यों ना हो। चलिए आपको एक अन्य उदाहरण द्वारा समझाते हैं।

मैं पेंटिंग में बहुत अच्छी नहीं थी, हालांकि पेंटिंग करना मुझे पहले भी पसंद था और अब भी है। लेकिन मेरी रचनात्मकता कला या चित्रण के माध्यम से पूरी नहीं हो पाई और उससे बेहतर मैंने खाना पकाने के माध्यम से किया है। इससे मुझे खुशी मिली। चलिए मैं आपको बताती हूं कैसे खाना पकाने का काम भी रचनात्मक होता है। सब्जियां काटना भी एक कला है चाहे आप पकाने के लिए सब्जियां काट रहे हों या एक शानदार सलाद की प्लेट सजाने के लिए। आप बेशक ग्रीन सलाद, सब्जियों के सलाद और फलों के सलाद को तैयार करने और व्यवस्थित करने में अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं।

विभिन्न सब्जियों के संयोजन से एक अलग प्रकार की सब्जी बनाने में भी आपकी रचनात्मकता उभर कर आ सकती है। उदाहरण के तौर पर, मैंने एक बार ब्रोकोली और करैले के साथ पनीर को मिलाकर बनाई गई सब्जी देखी और फिर मैंने अपने ही तरीके से इस नुस्खे का प्रयोग करते हुए एक अलग प्रकार की सब्जी बनाई और जब उसे चखा तो मेरे मुंह से अनायास ही निकल पड़ा, “वाह क्या स्वाद है!”

कई अन्य अभिनव तरीके हैं भोजन बनाने के और आपके परिवार और दोस्तों के लिए दस्तरख्वान सजाने के ताकि उन्हें आनंद प्राप्त हो सके। वास्तव में भोजन के लिए योजना बनाना, फिर खाना पकाना और फिर उसे एक सरल या फैंसी या सजावटी तरीके से प्रस्तुत करना, सबके एक से बढ़कर एक तरीके हैं। कहा जाता है कि एक आदमी (या महिला) के दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है। आज भी यह कहावत उतना ही प्रासंगिक है और यह बिल्कुल सच है कि संभ्रांत लोगों के साथ बैठकर किया गया लजीज भोजन लोग आसानी से भूल नहीं पाते हैं।

इसीलिए कहा जाता है भोजन की मेज पर ही अच्छे संबंध पनपते हैं और यह कॉफी या बढ़ियां नाश्ते के साथ परोसी गई चाय के लिए भी सही है। शायद इसी वजह से कैफे कॉफी डे चेन की टैगलाइन: “कॉफी की मेज पर बहुत कुछ हो सकता है।” इसलिए, यह वाकई आपकी मानसिकता और आपके रवैये पर ही निर्भर करता है जिसके द्वारा खाना पकाने जैसी एक साधारण, नियमित गतिविधि को भी उच्च स्तर पर ले जाया जा सकता है। यह एक रचनात्मक एवं आध्यात्मिक रूप से संतुष्टी प्रदान करने वाला और संतोषजनक प्रयोग, अनुभव और प्रसंग भी हो सकता है। अब आप ही बताईए क्या खाना बनाना एक कार्य नहीं हैं? क्या इस कार्य को पूरी तन्मयता से पूरा करना आवश्यक नहीं है?

बेकारी से कैसे बचें

यदि आप सोच रहे हैं कि आपको नौकरी या कार्य के रूप में क्या करना है, एक ऐसा कार्य जिसे करना आप पसंद करते हैं, तो आप कभी भी बेकार नहीं हो सकते। आपके पास करने के लिए जो कुछ भी है उस काम को अच्छी तरह से किया जाना चाहिए। आपके द्वारा किया गया वह कार्य ही आपके बारे में बहुत कुछ बता देगा। किसी भी कार्य को सिर्फ करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उसे बेहतर एवं और भी बेहतर तरीके से किया जाना जरूरी है। और यह हर प्रकार के कार्य के लिए सही है चाहे वह एक पेशेवर काम हो, या मौद्रिक लाभ के लिए किया जाने वाला कार्य हो, एक नौकरी हो या फिर कोई शौकिया गतिविधि।

किसी भी कार्य को करने के कई रचनात्मक और अभिनव एवं मजेदार तरीके हो सकते हैं जिन्हें करते हुए आप अपने कार्य का आनन्द उठा सकते हैं,  उत्पादक बन सकते हैं और अपने एवं अन्य लोगों (आपके परिवार, आपके मित्र और समाज) के जीवन के मूल्यों में वृद्धि कर सकते हैं। और, यह तब भी सही है यदि आप उदारण के तौर पर एक स्वयंसेवक हों और एक महान सेवा का कार्य कर रहे हों जिससे आपको किसी भी प्रकार के वित्तीय लाभ की संभावना न हो। यह कार्य आपके दिल के बेहद करीब हो सकता है और ऐसा होने का कारण सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण या आध्यात्मिक कुछ भी हो सकता है।

इसी तरह अगर आप अपने अपने घर पर एक सुंदर उद्यान का निर्माण करते हैं या फिर भारत के किसी शहर में जहां आजकल जगह की कमी से जूझना पड़ता है उसके बावजूद अपने घर की छत पर एक उद्यान बनाते हैं तो आपको रचनात्मक रूप से काफी संतुष्टी प्राप्त होगी और साथ ही आपको प्रकृति के करीब होने का एहसास भी होगा। आप हरा-भरा लॉन भी बना सकते हैं और फूलों की कई किस्में अलग-अलग रंगों की और विभिन्न मौसमों में खिलने वाले फूलों की क्यारियां भी सजा सकते हैं जिनसे न केवल हवा सुगन्धित होगा बल्कि तितलियों और पक्षियों को भी आप आमंत्रित कर सकते हैं। तो क्या इस प्रकार आप एक सुंदर उद्यान बनाते हुए कई और जीवन को भी इसमें शामिल करते हुए वास्तव में अपने जीवन को खूबसूरत नहीं बना रहे हैं? क्यों सही कहा न?

इसलिए किसी अपने या किसी और को बेकार होने का तमगा देने से पहले दो बार सोचने की ज़रूरत है। यदि हम अपने जुनून को पूरा करते हैं तो हमें अच्छा महसूस होता है। इसलिए हमें वास्तव में जो भी कार्य हमारे पास हो या जो कुछ भी हम कर रहे हैं उससे प्यार करना चाहिए। हम अपने कार्य को पूरा करने के लिए रचनात्मक एवं आउट-ऑफ-द-बॉक्स विचारों की सहायता ले सकते हैं। यह वास्तव में हमें दिल से युवा बनाए रखने में, हमारे विचारों एवं सोच को युवा बनाए रखने में मदद करता है और यह हमारे मस्तिष्क का पोषण भी करता है। आप शारीरिक रूप से पुनर्जागरित और मानसिक रूप से सशक्त महसूस करते हैं।

अपने कार्य से आपको हो रहे लाभ पर भरोसा करें

हम अपने कार्य से प्यार किस प्रकार कर सकते हैं? यदि आप जिस कार्य से प्यार करते हैं वही कर रहे हैं तो बेशक यह एक अच्छी स्थिति है लेकिन अगर आप कुछ ऐसा कर रहे हैं जिसे आप पसंद नही करते तो उसे प्यार करना शुरू करें यही बेहतर है। अपने काम की तुलना करें – अपने काम की प्रकृति, आपके समय, खतरों, भत्तों या आपके कार्य या नौकरी की वे चीजें जो आपको संतुष्टि प्रदान करते हैं उनकी तूलना दूसरे लोगों के कार्यों के साथ करें। आप देखेंगे कि आपके कार्य या नौकरी में कुछ ऐसे सकारात्मक पहलू हैं जो अन्य नौकरियों में नहीं हैं। हर कार्य के अपने सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलू होते हैं। किसी भा कार्य या नौकरी में सिर्फ नकारात्मक पक्ष नहीं होता, अगर ऐसा होता तो ऐसी नौकरियों या कार्यों को करने के लिए कोई भी आगे नहीं आता। है न?

यदि आप एक गृहिणी हैं तो गृहिणी होने के लाभों पर गौर फरमाईये। आप अपने घर के आराम में अपनी इच्छा के अनुरूप काम करते हैं और आप इसे बेहद फायदेमंद कह सकते हैं। आप जो भी करते हैं उसका आनंद पूरे परिवार के साथ उठाते हैं और साथ ही आप एक सुंदर एवं प्यार से भरपूर घर में समय व्यतीत करते हैं। आपको भीड़ भरे रास्तों पर रोज़ाना सफर करने की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।

यदि आप किसी कार्यालय में काम कर रहे हैं तो उस नौकरी के विशेष लाभों पर ध्यान दें। यदि आप पोस्टमास्टर के रूप में किसी पोस्ट ऑफिस में या किसी बैंकर के रूप में किसी बैंक में काम करते हैं, तो इन कार्यों के भी अपने कुछ फायदे हैं। यदि आप एक विमान परिचारिका हैं, तो समयबद्ध होने की परेशानियों के बावजूद आपके पास इस कार्य के कुछ फायदे हैं। यदि आप एक डॉक्टर या शिक्षक हैं तो आपको अपने महान पेशे के निश्चित रूप से कई फायदे नजर आएंगे।

एक डिजाइनर के रूप में आपको अपने रचनात्मक विचारों को आकार दे पाने की काबीलियत की वजह से संतुष्टी प्राप्त होगी। यदि आप एक फूलवाले हैं तो आप सुंदर सुगंधित फूलों की व्यवस्था करने से मिलने वाली संतुष्टी का लाभ उठा सकते हैं। क्यों यह सही है न?  इसलिए, आपका कार्य हमेशा मज़ेदार हो सकता है। यह बस आधे खाली ग्लास को आधे-पूर्ण रूप से देखने के नजरिये की बात है। इसलिए अपनी नौकरी या कार्य के लाभों की तलाश करें और उन्हें प्राप्त करें।

बेरोजगारी निश्चित रूप से इंसान को बूढ़ा बना देती है

इसे दूसरी तरह से भी सोचें कि जब आप बेरोजगार हो जाते हैं तो आप बूढ़े हो जाते हैं। और वास्तव में एक पूर्णकालिक पेशेवर नौकरी में होने के बावजूद भी यदी आप जो कर रहे हैं उससे आप खुश नहीं हैं, तो आपकी स्थिति बिल्कुल एक बेरोजगार व्यक्ति की तरह ही है। और इससे आप निश्चित रूप से बूढ़े हो जाएंगे क्योंकि आप अब अपनी मस्तिष्क की कोशिकाओं का उपयोग नहीं करते हैं और इस प्रकार आप उनमे जंग लगने की अनुमति प्रदान करते हैं। इस सांसारिक जीवन में यदि आप यंत्रवत् कार्य करते हैं तो आपकी नौकरी कष्टदायक हो जाती है और आपका मन सुखी अवस्था में नहीं रह पाता।

और जब आप अपनी नौकरी का आनंद नहीं लेते हैं, आप अपने अवकाश के क्षणों का आनंद भी नहीं उठा पाते। यह एक प्रसिद्ध कहावत है कि सबसे व्यस्त व्यक्ति के पास ही सबसे ज्यादा अवकाश होता है। तो, एक व्यस्त जीवन में भी आप खुद को आनंद प्रदान करने वाली गतिविधियों को करने का समय निकाल ही लेते हैं और इस प्रकार अपने आप को तरो-ताज़ा कर लेते हैं।

जब आप कहते हैं कि आप बेरोजगार हैं तो आप एक प्रकार से अपनी मानसिकता का प्रदर्शन कर रहे हैं। और तब यह स्थिति आपके सभी गतिविधियों में स्थानांतरित हो जाता है, यहां तक कि दिन-प्रतिदिन सांसारिक गतिविधियों में भी। आप मस्कुराना भूल जाते हैं और आपका आत्मविश्वास खो जाता है जिसके फलस्वरूप आप सकारात्मकता के साथ किसी भी गतिविधि में संलग्न नहीं रह पाते। इस वजह से जो लोग किसी भी कार्य में आपके साथ होते हैं उनपर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

याद रखें उम्र सिर्फ एक संख्या है और वृद्धावस्था का कोई भी संबंध आपकी उम्र के बढ़ने के साथ नहीं है। इसका संबंध सिर्फ आपके दृष्टिकोण से है। अगर आप अपने चारो तरफ उत्साह एवं सकारात्मकता का संचार करने की क्षमता रखते हैं तो आप युवा हैं। अगर आप अपने कार्य द्वारा दूसरों को कार्य करने के लिए उत्साहित कर सकते हैं तो आप हर लिहाज से युवा हैं। और क्या यह आपको अपने कार्य या नौकरी को उत्साह और जोश के साथ करने की प्रेरणा नहीं देता?

इसलिए यदि आप अपनी नौकरी या कार्य को लेकर उदासीन और निराश हैं, तो आप न केवल आपकी उत्पादकता को प्रभावित करते हैं और साथ ही आपका शरीर भी प्रभावित होता है। एक स्वस्थ मन से ही एक स्वस्थ शरीर का निर्माण होता है। उसी प्रकार युवा होने की भावना से शरीर भी युवा बना रहता है।

इसलिए, यदि आप कोई नौकरी कर रहे हैं या किसी कार्य में संलग्न हैं तो यह आपको युवा बनाए रखता है। बेकारी से केवल आपके बेकार होने की भावना का विस्तार होता है जिसकी वजह से आप समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं।

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