10 वाक्य

सुशासन पर 10 वाक्य (10 Lines on Good Governance in Hindi)

किसी भी देश का विकास देश के नागरिकों के विकास पर निर्भर करता है। शासन और सुशासन में काफी अंतर होता है। जब हम अध्ययन करते हैं तो पता चलता है कि विकसित देशों ने बहुत पहले ही सुशासन प्रणाली को अपनाया है। सुशासन व्यवस्था देश के सभी नागरिकों को राष्ट्र निर्माण का भागीदार बना देती है। भारत में भी वर्तमान में सुशासन के लिए कई कदम बढ़ाएं जा रहे हैं। सुशासन सभी को एक समान अधिकार के साथ हक देता है, सरकार के सभी कार्यों को जानने का जिसका संबंध उनसे है। एक देश के चतुर्मुखी विकास के लिए सुशासन अति आवश्यक है।

सुशासन पर 10 वाक्य (Ten Lines on Good Governance in Hindi)

आज इस लेख से मैंने देश के विकास के लिए सहायक सुशासन पर 10 वाक्यों के सेट लिखे हैं जो आपको इसे समझने में सहायक होगा।

Sushasan par 10 Vakya – Set 1

1) एक प्रगतिशील और गुणवत्ता-उन्मुख शासन प्रक्रिया को सुशासन कहा जाता है।

2) जनता में सुशासन की जागरूकता के लिए भारत में प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है।

3) इस दिन को पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जयंती के रूप में मनाया जाता है।

4) समाज में फैली कुछ बुराईयों का कारण खराब शासन व्ययस्था भी होती हैं।

5) जनता का सरकार की नीतियों और कार्यों में भाग लेना सुशासन की सबसे मुख्य आधारशिला है।

6) सुशासन का उद्देश्य कानून के शासन के साथ लोक कल्याण तथा पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।

7) सुशासन की मुख्य विशेषता है कि यह सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही को तय करता है।

8) एक सुसंगठित योजना जिसके वांछित परिणाम निकले सुशासन का एक उदाहरण है।

9) किसी राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में सुशासन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

10) 2005 में भारत सरकार द्वारा पारित ‘सूचना का अधिकार’ कानून सुशासन की ओर बढ़ाया गया कदम है।

Sushasan par 10 Vakya – Set 2

1) सुशासन वह है जिसमें सरकार की सभी नीतियों के प्रति जनता समान रूप से भागीदार होते हैं।

2) 1992 में विश्व बैंक ने व्यापक रूप में “सुशासन” की एक परिभाषा तय की है।

3) सुशासन सभी के लिए एक समान विधि संहिता का कठोर समर्थन करता है।

4) सुशासन सभी के लिए उज्जवल और प्रगतिशील भविष्य की अवधारणा रखता है।

5) सभी को एक समान अधिकार और एक निष्पक्ष कानूनी ढांचा सुशासन के स्तम्भ हैं।

6) सुशासन समान रूप से सुविधाओं का वितरण और जीवन स्तर में सुधार को सुनिश्चित करता है।

7) सुशासन मूल रूप से एक स्वस्थ और सच्चे लोकतंत्र की नैतिकता पर निर्भर करता है।

8) सुशासन एक ऐसा आदर्श है जो महत्वपूर्ण है परंतु इसे प्राप्त करना बहुत कठिन है।

9) आर्थिक असमानता, न्याय में देरी, भ्रष्टाचार, दोहरी राजनीति व हिंसा सुशासन में मुख्य बाधाएं है।

10) भारत में ई-गवर्नेंस, ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस, विकेंद्रीकरण, कानूनों में सुधार आदि करके सुशासन की पहल की गई है।


भारत में सुशासन के लिए कई प्रकार की कोशिशें कि गयी परन्तु फिर भी हम बाकी देशों के मुकाबले बहुत पीछे है जिसका एक मुख्य कारण भारत में होने वाली दोहरी राजनीति भी है। वर्तमान में हम सभी को देश के विकास के लिए सोचना चाहिए और सरकार को तथा जनता को एक दुसरे के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए तभी हमारा भारत अपनी नई पहचान बनाने में सफल हो सकेगा।

Shubham Singh

राजनितिशास्त्र से स्नातक एवं इतिहास से परास्नातक करने के पश्चात् शुभम सिंह लेखन कार्य से जुड़ गये। लेखन से पूर्व किये गये गहन अन्वेषण इनके लेखों में साफ़ दिखाई देते है। उत्कृष्ठ लेखन के साथ-साथ ये युवाओं को उनके शिक्षा एवं भविष्य से सम्बंधित मार्गदर्शन भी करते है। इनका मानना है की सही दिशा में किया गया परिश्रम व्यक्ति को हमेशा सफल बनाता है।

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