बहन जी के नाम से विख्यात सुश्री मायावती जी दलित समाज की गौरव तथा नारी जाति के लिए प्रेरणा की श्रोत है, बहन कुमारी मायावती जी “बहुजन समाज पार्टी” (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा दलितों की एक प्रतीक है। इस भारतीय राजनेत्री ने चार बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर काम पर किया है। “बहुजन समाज पार्टी” धार्मिक अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों तथा बहुजनों के विकास तथा कल्याण हेतु निर्मित क्षेत्रीय पार्टी है जिसका गठन स्व0 कांशीराम जी द्वारा 1984 में किया गया था। बहन जी पार्टी के स्थापना के समय पार्टी के एक सदस्य के रूप में कांशीराम जी के साथ थी, पार्टी की एक लोकप्रिय नेत्री के रूप में उन्होंने पार्टी के लिए अथक कार्य किया। इनके कर्तव्यपरायणता तथा पार्टी के प्रति इनकी निष्ठा को देखते हुए कांशीराम जी ने इनको अपना उत्तराधिकारी चुना तथा पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। इन्होंने अपनी इस पार्टी को अपने खुन से सिंचा और इसे उठाकर शून्य से शिखर तक का सफर कराया, इन्होंने आजीवन कुवारी रहने का प्रण लेकर अपना सारा जीवन अपने समाज, असहाय लोगों तथा देश को अर्पित कर दिया।
साथियों आज मैं आप लोगों से सुश्री मायावती जी की जीवनी के बारे में चर्चा करूंगा, दोस्तों मुझे उम्मीद है कि ये जीवनी आपको जरूर पसंद आएगी तथा आप इसे अपने स्कूल तथा अन्य स्थानों पर इस्तेमाल भी कर सकेंगे।
बहन सुश्री मायावती जी का जन्म दिल्ली के एक दलित हिंदू परिवार में 15 जनवरी 1956 को हुआ था, इनके माँ का नाम रती देवी तथा पिता प्रभु दास जी एक साधारण डाक कर्मचारी थे। प्रभु दास जी के 6 बेटे तथा 3 बेटियां है, जिनमे से एक मायावती जी है। इन्होंने साल 1975 में कालिंदी महिला कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध) से कला में स्नातक की उपाधि धारण की, साल 1976 में मायावती जी ने मेरठ विश्वविद्यालय से बी0 एड0 की उपाधि अर्जित की उसके बाद भी इन्होंने अपने पठन पाठन कार्य को जारी रखा तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से साल 1983 में एल0 एल0 बी0 की पढ़ाई पूरी की। राजनीतिक जन्म से पहले ये वही दिल्ली के एक स्कूल में मामूली शिक्षिका के तौर पर कार्यरत थी तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए अध्ययनरत भी थी।
बहन मायावती का सपना था आईएएस की परीक्षा को पास करना इसलिए वो निरंतर अध्ययन में लगी रहती थी तथा साथ ही साथ अपने आस पास के बच्चों को पढ़ाती भी थी, उन दिनों माननीय कांशीराम जी एक जाने माने दलित नेता के रूप में जाने जाते थे साल 1977 में एक बार कांशीराम जी दलित क्षेत्र के दौरे पर थे उसी दौरान उनकी मुलाकात मायावती जी से होती है। कांशीराम जी बहन जी के विचारों तथा उनके बातचीत करने के तरीके से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने बहन जी को अपने लोग तथा समाज के उत्थान के लिए राजनीति में आने को प्रेरित किया। उसके बाद साल 1984 में माननीय कांशीराम जी ने एक पार्टी की स्थापना की जिसका नाम उन्होंने “बहुजन समाज पार्टी” रखा तथा इस पार्टी में उन्होंने मायावती जी को भी एक सदस्य के रूप में शामिल किया। उस दिन से उन्होंने पार्टी के लिए काम करना शुरू कर दिया तथा 1989 के चुनाव में वो पहली बार संसद सदस्य चुनी गई। कुछ दिनों बाद साल 2006 में जब कांशीराम जी पंचतत्व में विलीन हो गए तो उनका अंतिम संस्कार भी बहन सुश्री मायावती जी ने ही किया।
1) आयरन लेडी कुमारी मायावती
माननीय कांशीराम जी द्वारा इस पुस्तक का प्रकाशन 14 अप्रैल 1999 को किया गया था, इस को वरिष्ठ पत्रकार जमील अख्तर ने लिखा था।
2) बहन जी
इस पुस्तक को अनुभवी पत्रकार अजय बोस जी ने लिखा है, इसमें उन्होंने मायावती जी के राजनीतिक जीवन का वर्णन किया है।
1) बहुजन समाज और उसकी राजनीति
इस किताब को माननीय कांशीराम जी द्वारा पार्टी की पच्चीसवीं सालगिरह 3 जून 2000 को प्रकाशित किया गया।
2) मेरा संघर्षमय जीवन एवं बहुजन आंदोलन का सफरनामा
इस पुस्तक को भी कांशीराम जी द्वारा ही मायावती जी के 50वें जन्मदिन पर प्रकाशित किया गया था।
3) मेरी और बहुजन समाज की संघर्ष यात्रा
इस पुस्तक को 15 मार्च 2008 को कांशीराम जयंती की पूर्व संध्या पर प्रकाशित किया गया।
1) ताज हेरिटेज कॉरिडोर से संबंधित परियोजना में केंद्रीय जांच ब्यूरो को संदेह था कि उसमें कुछ वित्तीय अनियमितताएं है इस आधार केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने वर्ष 2002 में अपनी टीम के साथ उनके घर पर छापा मारा। हालांकि राज्यपाल टी0 वी0 राजेश्वर जी ने 2007 में यह साफ कर दिया था की उनके खिलाफ कोई भी पर्याप्त सबूत नहीं था तथा सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को खारिज कर दिया था।
2) एक बार पुनः उनपर आय से अधिक संपत्ति रखने के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया, लेकिन मायावती जी ने साफ कर दिया की उनके आय में पार्टी में के सदस्यों तथा उनके समर्थकों द्वारा दिए गए योगदान तथा उपहार भी शामिल है। कोर्ट ने भी इस मामले को यह कहकर खारिज कर दिया की पार्टी ने पूरी तरह से समर्थकों तथा दानकर्ताओं लिस्ट कोर्ट में पेश कर दिया है। तब 8 अक्टूबर 2013 को हार मानकर सीबीआई ने भी मुकदमा बंद कर दिया।
3) मुख्यमंत्री के कार्यकाल दौरान उनके द्वारा हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म तथा दलितों के प्रतीकों की कई मूर्तियों का निर्माण कराया जिसमें बहुत सारे पैसे बरबाद हुए इसके लिए उनकी काफी आलोचना ही थी।
अद्वितीय प्रतिभा की धनी सुश्री मायावती जी भारत वर्ष की शान रही है, एक समय था जब लोग इनसे बहुत प्रभावित थे, उत्तर प्रदेश की जनता में पिछड़े तथा दलित समाज के लोग इन्हें देवी की तरह पूजते थे। इनकी ख्याति इतनी रही है कि इनके समर्थकों ने इनके जन्म दिवस को जन कल्याणकारी दिवस (Peoples Welfare Day) के रूप में मनाने की घोषणा कर दी थी, अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान इंहोंने 2009 में अपने जन्म दिन पर गरीबों तथा दलितों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की। साल 2010 में इसी दिन 7312 करोड़ से भी अधिक सामाजिक कार्यक्रमों का शुभारम्भ भी किया गया।
उत्तर- मायावती जी चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी।
उत्तर- मायावती जी तीन बार राज्यसभा की सदस्य बनी थी।
उत्तर- मायावती जी का जन्म 15 जनवरी 1956 दिल्ली के सुचेता कृपलानी अस्पताल में हुआ था।
उत्तर- मायावती जी के राजनीतिक गुरु कांशीराम जी थे।