स्कूल के बाद का जीवन पर निबंध (Life after School Essay in Hindi)

“जीवन” एक ऐसा शब्द है जो हमारे द्वारा सीखी गई चीजों और अनुभवों का एक संग्रह है। ये अनुभव हमें जीवन के कई चरणों में मिलता है। हम जीवन के कई महत्वपूर्ण बातें स्कूल के समय में ही सीखते हैं, और एक अच्छा जीवन जीने के लिए उन सभी बातों का अनुसरण करते है। स्कूल के दिनों में जब हम जिंदगी जीने की बातों को सुनते और सीखते है, तो वहां से जीवन की दुनिया हमें बहुत आसान सी दिखती है। पर जब हम जीवन के उस वास्तविक समय में आते है तो हम अनुभव करते है की जीवन कितना मुश्किल भरा होता है।

स्कूल के बाद का जीवन पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Life after School in Hindi, School ke bad ka Jivan par Nibandh Hindi mein)

स्कूल के समय में ही बच्चे अपने सपनों यानी भविष्य में वो क्या करना चाहते है, या उन्हें क्या बनाना है, आगे क्या पढ़ाई करनी है, इत्यादी चीजों के बारे में सोचते है और अपने भविष्य के जीवन को उस प्रकार से बनाने की कोशिश करते है। इस निबंध में मैंने जीवन के ऐसे ही पहलुओं के बारें में चर्चा की है। अवश्य ही ये आपके जीवन में मददगार साबित होगी।

Long Essay – 1350 Words

परिचय

जीवन का सबसे सुखद समय स्कूल के दिन होते है। सभी बच्चे जीवन की चिंता से मुक्त होकर अपने स्कूल के दिनों का आनंद लेते हुए जीवन के बारें में सिखते हैं। जब यही बच्चे 10वी. पास कर लेते है तो उनको अपने भविष्य की चिंता होने लगती है। आगे क्या करना है, कौन सा कोर्स चुनना, विषय, किताबें, तैयारी, इत्यादि की चिंता उनके मन में लगातार चलती रहती है।

कुछ बच्चे जो पढ़ाई में अच्छे होते है, उन्हें आगे क्या करना है वो खुद या अपने माता-पिता की सलाह से निर्णय कर लेते है। लेकिन जो छात्र थोड़े से पढ़ने में साधारण और कमजोर होते है उनको ऐसी चिंता सताती है। कई छात्र इस कारण अवसाद में भी चले जाते है।

स्कूल के बाद जीवन की चुनौतियां

स्कूल के दिनों में ज्यादातर बच्चे अपने माता-पिता और अपने गुरुओं के निर्देशानुसार आगे की ओर कदम बढ़ाते है। सभी छात्र बाहरी दुनिया की चिंताओं से मुक्त रहते है, पर जब हम स्कूल की पढाई खत्म कर बाहरी दुनिया में प्रवेश करते है तो हमें जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

सभी छात्र जिम्मेदारी के साथ अपने निर्णय, करियर, और जीवन में अपने अच्छे व्यक्तित्व की छाप छोड़ना चाहते हैं। इसके लिए सभी को अपने कुशल निर्णय का परिचय देने की आवश्यकता होती है।

कोर्स और कॉलेज का चयन

स्कूल के दिन हर किसी के जीवन के सबसे अच्छे दिन होते है। सभी छात्र स्कूल के समय में ही अपने भविष्य के निर्णय लेने की क्षमता हो जाती है। उन्हें आगे क्या करना है, किस तरह करना है, इस प्रकार के निर्णय वो खुद ही ले सकते है। स्कूल के बाद शिक्षा को जारी रखने के लिए “कोर्स और कॉलेज” का चुनाव करने का निर्णय भी उन्हें खुद से ही लेने की आवश्यकता है, आगे की चुनौतियों में इस प्रकार के निर्णय से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा।

कोर्स और कॉलेज के निर्णय उनकी स्कूली शिक्षा और उनके मेहनत से प्राप्त किये उनके ग्रेड पर निर्भर करता है। ग्रेड के आधार पर ही उन्हें किस विषय में ज्यादा रूचि है उसके लिए उन्हें अपने कोर्स का चुनाव करना चाहिए। इसी कड़ी में इस कोर्स को किस कॉलेज से करना अच्छा होगा इसका फैसला उन्हें खुद से ही करना चाहिए। सलाह के लिए वे अपने माता-पिता, गुरुओं, मित्रों, इत्यादि से ले सकते है। पर उनके विषय के अनुसार कौन सा कॉलेज अच्छा होगा इसका निर्णय उन्हें खुद चुनने की आवश्यकता है। इसी निर्णय से उनका भविष्य और करियर निर्धारित होगा।

करियर चुनने व भविष्य बनाने की चुनौती

कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पढ़ाई की डिग्री और आपकी रूचि के अनुसार अपने करियर के चुनाव की चुनौती आपके सामने होगी। अपने पसंदीदा क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए आपको कई प्रतिस्पर्धा, संघर्षों, असफलता, निराशा इत्यादि से आपको गुजरना पड़ेगा। हर वर्ष प्रतिस्पर्धा में बदलते नियम, करियर में कमी इत्यादि आपके सपनों और आपकी हिम्मत को निराशा में बदल देती है। अतः इस प्रकार की चुनौतियों के लिए हमें पहले से तैयार रहने की आवश्यकता है।

जीवन की चुनौतियां

स्कूल और कॉलेज के बाद का जीवन चुनौतियों से भरा होता है। यह वह समय होता है जब आप अपनी जिम्मेदारी को खुद उठाते है। आपके जीवन में होने वाली घटना या कार्य को गंभीरता से लेने की आवश्यकता होती है। यही हम इसमें सफल नहीं होते है तो इसकी जिमेदारी भी आपको खुद लेनी होगी। किसी भी कार्य के लिए कोई भी आपका मार्गदर्शन नहीं करेगा। उसके लिए सही और गलत का फैसला आपको खुद करना होगा। इसी से आपके अंदर की छुपी प्रतिभा, कार्य क्षमता और आपके बुद्धि निर्णय का पता चलेगा। हमें खुद ही सही दिशा का चुनाव कर खुद को औरों से अच्छा साबित करना होगा।

जीवन के इस चरण में हम स्कूल और कॉलेज के मित्रों को पीछे छोड़ नए और अनजान लोगों से मिलते हैं। इनमें से कुछ नए दोस्त या साथी भी बनते है। अपने आचरण के अनुसार आप किसको अपना मित्र बनाना चाहते है इसका निर्णय भी आपको खुद ही लेना होगा। इससे जीवन में आपकी परख और अपने ऊपर आपका आत्मविश्वास और मजबूत होगा। सही और गलत इंसान का फर्क भी आपके समझ में आने लगेगा।

इसके साथ ही पारिवारिक और समाज का बोझ भी आपके ऊपर डाल दिया जाता है। हमें अपने कार्य के साथ ही परिवार की जिम्मेदारी को उठाना पड़ता है। आर्थिक और शारीरिक दोनों प्रकार से हमें अपने परिवार की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने की आवश्यकता हैं। हमें अपने परिवार की परेशानी और उनकी जरूरतों की देखभाल की जिम्मेदारी लेनी पड़ती है। इसके साथ ही समाज की जिम्मेदारी का वहन भी हमें खुद करना पड़ता है। यही सब हमारी जिम्मेदारियों को दर्शाती हैं।

व्यक्तित्व का निर्माण करना

स्कूली और कॉलेज से मिले ज्ञान को सही दिशा में अपनाकर हम अपने व्यक्तित्व को निखार सकते है। स्कूल के समय में हर बच्चे को अपने भविष्य को लेकर हमेशा सचेत और चिंतित रहने की जरुरत है। इससे भविष्य में आपको घबराहट कम होगी और इस तरह उनके दूरदर्शिता की क्षमता का भी पता चलता है। इस तरह आप अपने भविष्य की योजना को पहले ही तैयार कर सकते है।

यह समय अपने अंदर की क्षमता को पहचानने का समय होता है। अपने ताकत और कमजोरियों पर काम करने का समय मिलता है। दूसरों से बातचीत से आपके व्यवहार का पता चलता है। यदि आपके व्यक्तित्व में कोई कमी है तो आप समय के साथ उसमें सुधार कर सकते है। आपका व्यक्तित्व ही आपकी पहचान होती है और एक अच्छे भविष्य और करियर निर्माण में मददगार साबित होती हैं।

जीवन की योजना तैयार करना

शिक्षा पूरी करने के बाद जब हम जीवन-चक्र में कदम रखते है, तो उसके लिए हमें पहले से ही योजनाएं बनाकर चलनी चाहिए। यह आपके भविष्य को बेहतर बनाने में आपकी मदद करेंगी।

  • एक लक्ष्य का चुनाव

हम सभी को जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उस लक्ष्य को पाने का अथक प्रयास करना चाहिए। जीवन में बिना किसी उद्देश्य को लेकर चलना निरर्थक सा लगता है। लक्ष्य होने से हमारे सामने जीवन की एक तस्वीर होगी। अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए सही रास्तें और निर्णय लेने में आपकी मदद करेगी। इससे आप में आत्मविश्वास और आपको लक्ष्य प्राप्ति की प्रेरणा भी मिलती रहेगी। कई छात्र जीवन में बिना उद्देश्य के चलते है, जिस कारण उन्हें जीवन में परेशानी और निराशा का सामना करना पड़ता है।

  • सही फैसला लेना

शिक्षा के चरण को पूरा करने के बाद हमें अपने जीवन के हर बातों में खुद ही निर्णय लेने की आवश्यकता होगी। उसके लिए आपको खुद को तैयार करना पड़ेगा। आपको परिस्थिति के अनुसार सही फैसला लेना आना आवश्यक है। जीवन के एक गलत निर्णय से आपके अंदर नकारात्मकता का भाव और यहां तक की भविष्य का जीवन भी अंधेरे में पड़ जाता है। इस प्रकार का निर्णय लेना आप स्कूल के समय में ही सिखते है, जैसे की पैसों की कमी होने पर सही स्कूल या कॉलेज के चुनाव करना आपके निर्णय क्षमता को दर्शाता है।

  • नकारात्मकता से दूर रहें

जीवन में आपका हर निर्णय ही आपके भविष्य को संवारने का काम करती है। व्यक्ति का चुनाव करते समय वो सही है या नकारात्मक व्यक्ति है यह सब आप पर निर्भर करता है। ऐसे व्यक्तियों से दूर रहकर आप सही व्यक्ति या दोस्त का चुनाव करें जो आपको प्रेरणा और बढ़ावा दे सकें।

  • खुद को स्वस्थ और खुश रखें

जीवन जीने के लिए इन सब चीजों के अलावा खुद को स्वस्थ और खुश रखने की आवश्यकता है। भाग-दौड़ और परेशानियों से भरी ज़िन्दगी में खुद के लिए समय ही नहीं मिलता है। जिससे उसके अंदर चिड़चिड़ापन और गुस्सा इत्यादि आ जाता है। इससे बचने के लिए आपको कुछ वक्त निकाल कर खुद के स्वास्थ्य, मनोरंजन और अपने परिवार के साथ खर्च करना चाहिए। जिससे आप तनाव मुक्त रहते हुए सही फैसला ले सके।

निष्कर्ष

स्कूल और कॉलेज की दुनिया, जीवन की दुनिया से बिल्कुल भिन्न होती है, जो ज्ञान और आपके अनुभवों पर चलती है। आप इसका इस्तेमाल सही तरीके से कर के अपने जीवन को अर्थपूर्ण और सफल बना सकते है। आप अपने स्कूली ज्ञान का इस्तेमाल जीवन में किस प्रकार करते हैं यह आपके बुद्धि कुशलता पर निर्भर करता है।

Essay on Life after School

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