निबंध

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध (Picnic with Family Essay in Hindi)

परिवार के साथ पिकनिक पर जाने का अलग ही आनंद होता है। वो भी तब, जब आपको अपनी व्यस्तता, या उनकी व्यस्तता के कारण एक-दूसरे के लिए समय न मिल पा रहा हो। ऐसे में परिवार के साथ पिकनिक पर जाना एक संजीवनी का काम करता है। आजकल यदा-कदा विविध कक्षा-परीक्षाओं में भी इस विषय पर निबंध आदि पूछे जाने लगे है, जिसे ध्यान में रखते हुए कुछ छोटे और बड़े निबंध उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

परिवार के साथ पिकनिक पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Picnic with Family in Hindi, Parivar ke sath Picnic par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द)

परिचय

परिवार के साथ कहीं भी जाना काफी उत्साहवर्धक और सुरक्षात्मक होता है। बात जब पिकनिक की हो, तो क्या कहने! बच्चे तो अक्सर बाहर घूमते ही रहते हैं, कभी स्कूल की तरफ से तो कभी कॉलेज की ओर से। लेकिन मां-बाप जिन्दगी की भागा-दौड़ी में खुद के लिए जीना ही भूल जाते है। ऐसे में हम परिवार के साथ पिकनिक मनाने के बहाने ही सही, उन्हें थोड़ा खुश होने का मौका दे सकते हैं।

परिवार के साथ पिकनिक

पिछली गर्मियों में हमारा परिवार पास के वाटर पार्क में एक यादगार पिकनिक मनाने गया था। जिस दिन हमने पहली बार पिकनिक पर जाने के बारे में बात की, तभी से मेरा मन उछल पड़ा था। मैं अत्यधिक उत्साहित थी। पिकनिक की तैयारी के दौरान परिवार के बीच खुशी का प्रवाह अपने चरम पर था। इस गतिविधि को लेकर हर कोई उत्साहित था।

आखिरकार, वह दिन आ गया। हम सभी अपने घर से पिकनिक के लिए निकल गए। कार में पूरे समय हम सिर्फ उसी के बारे में बात कर रहे थे। परिवार के साथ पिकनिक को लेकर परिवार का हर सदस्य बहुत उत्साहित था। चूंकि यह सम्पूर्ण परिवार का पहला सामूहिक प्लान था। इसलिए हम सभी लोग बिलकुल अलग रूप में थे।

मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था

मैं सबसे ज्यादा अपनी मां के लिए खुश थी, क्योंकि उन्हें जल्दी बाहर जाने का मौका नहीं मिलता है। हम सभी अपने गन्तव्य तक पहुंच चुके थे। वहां मस्ती करने की बहुत सी चीजें थी, जिसमें से मेरा पसंदीदा पूल स्पॉट था। हम सबने उसके लिए अपने-अपने कपड़े बदलें और पूल में कूद पड़े।

मेरी माँ डर रही थी और जाने से मना भी की, लेकिन हम दोनो बहनों ने विश्वास दिलाया कि कुछ नहीं होगा और पूल के अंदर खींच लिया। पहले तो वो बहुत डर रही थी, लेकिन कुछ ही देर बाद सामान्य हो गयी थी। उन्हें देखकर लगा कि वो अपने बचपन में लौट गयी हों। उन्हें ऐसे खुश देखकर मेरी खुशी का ठिकाना न था।

निष्कर्ष

हालांकि परिवार के साथ पिकनिक खत्म हो गई थी, फिर भी यह यादों में जीवित है। सभी अच्छे समय हमनें एक साथ बिताए, बहुत सारी खूबसूरत तस्वीरें, हमेशा हमारी यादों में हमारे साथ रहेंगी।

निबंध – 2 (400 शब्द)

परिचय

“खुश परिवार ही स्वर्ग है” – जार्ज बर्नार्ड शॉ

अंग्रेजी साहित्य के दूसरे शेक्सपियर कहे जाने वाले बर्नार्ड शॉ ने एक खुशहाल परिवार को स्वर्ग कहा है। साफ है, हमारा परिवार ही हमारी नियति तय करता है। किन्तु आज की व्यस्त जिन्दगी ने सबको इतना व्यस्त कर दिया है, कि अपनों से मिलने तक का समय नहीं होता है किसी के पास। आजकल दोनो दम्पत्ति अपने-अपने कार्यो में व्यस्त रहते है। उनके पास न एक-दूसरे लिए समय होता है और न ही अपने बच्चों के लिए। ऐसे में पिकनिक पर जाना रिश्तों में नई जान फूंक सकता है।

पिकनिक स्पॉट

बहुत दिनों से हम सभी एकसाथ कहीं घूमनें नहीं गए थे, तो सभी ने सप्ताहांत पिकनिक पर जाने का फैसला किया। इस बार हमने शहर की प्रसिध्द फनसिटी जाने का फैसला किया। वो दिन आ गया, जब हमें एकसाथ घूमने और मजा करने का मौका मिलने वाला था।

अंततः हम अपने गंतव्य पर पहुँच गए। जिस क्षण हम टिकट खिड़की पर पहुँचे, बहुत अधिक भीड़ थी। टिकट लेने के बाद हम परिवार के साथ पिकनिक के लिए अपने प्रतीक्षारत साहसिक कार्य के लिए प्रवेश कर गए। अंदर जाते ही उस जगह की खूबसूरती ने हमारे चेहरे पर ठंडी हवा के साथ स्वागत किया।

स्वीमिंग-पुल का रोमांच

हमने वेशभूषा धारण की और पूल में प्रवेश किया। पानी की शीतलता बेहद सुखदायक थी। प्रत्येक छपाके ने सभी के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी। हर कोई अपने बचपन में वापस चला गया। पानी के साथ खेलने में काफी समय खर्च करने के बाद, हमें बच्चों को पूल से बाहर निकालने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। परिवार के साथ पिकनिक के दौरान कितना यादगार समय था!

फूड जोन

फिर हम फूड जोन की ओर जाने लगे। पूल में मस्ती करने के बाद हम सबको बहुत भूख लग चुकी थी, पेट में ज़ोर-ज़ोर से चूहे हड़कम्प मचा रहे थे और भोजन क्षेत्र से आने वाले स्वादिष्ट भोजन की सुगंध ने हमारी भूख को और बढ़ा दिया था।

परिवार के बच्चों ने उन सभी चीजों की सूची बनानी शुरू कर दी, जिन्हें वे खाना चाहते थे। हमने सभी की पसंदीदा भोजन आदेश की और खाने के आने का इंतज़ार करने लगे। यह प्रतीक्षा समय सबसे यातनापूर्ण था। और अंत में, हमारा गर्म और स्वादिष्ट भोजन आया। अगले 30 मिनट पूरे मौन थे। परिवार के साथ पिकनिक में हर कोई अपनी-अपनी पसंदीदा चीजों का आनंद लेने में व्यस्त था। हमनें खाना खत्म किया और घर के लिए रवाना हो गए।

निष्कर्ष

यह बेहद सुखद क्षण था, जब सबने एकसाथ इतना मजा किया। हम सभी को समय-समय पर ऐसी गतिविधियां करते रहना चाहिए। इससे आपसी समझ और प्रेम बढ़ता है। हम दुबारा बहुत जल्द परिवार के साथ पिकनिक प्लान करेंगे।

निबंध – 3 (500 शब्द)

परिचय

हम, मनुष्य सामाजिक प्राणी हैं। इसका मतलब है कि हम अकेले नहीं रह सकते हैं, इसके स्थान पर हमें अपने अस्तित्व के लिए समूहों में रहने की आवश्यकता होती है। इस समूह को एक समाज कहा जा सकता है, और समाज का केंद्र परिवार होता है। परिवार के साथ रहने के कई लाभ हैं, यह हमें समर्थन, शक्ति, खुशी, साहस, एकता की भावना प्रदान करता है।

हमारे फर्महाउस की यादगार पिकनिक

दीवाली की अगली सुबह पापा की छुट्टी के कारण पिकनिक पर जाने का हमारा प्रस्ताव स्वीकार हो गया था। हम सब बहुत उत्साहित थे। पिकनिक पर जितने ज्यादा लोग, उतना मज़ा आता है। यही सोचकर हमने अपने चाचा-चाची और उनके बच्चों को भी बुला लिया था।

हमारी सुबह पिकनिक की शुरुआत के साथ हुई, हमने एक बस किराए पर ली और सभी ने एक साथ यात्रा की। यह दो घंटे की यात्रा थी। हमारे पास बस में बहुत अच्छा समय था। हम सुबह खेत पर पहुंचे और हमारे नाश्ते की व्यवस्था फार्म हाउस में रसोइए ने कर दी थी। नाश्ता स्वादिष्ट था और मुझे घर के अंदर सबके साथ खाना पसंद था।

बगीचे का आनंद

हमने बगीचे में गद्दे बिछाए। उद्यान विशाल और कुशलता से विशेष प्रकार के पौधों और पेड़ों से सजाया गया था। आम और अमरूद के पेड़ थे; और गुलाब, सूरजमुखी और चमेली के पौधे भी थे, जो खिलने ही वाले थे। बगीचे में कई सब्जियां भी उगी थी।

यह एक आनंददायक दिन था और हम दिन के उजाले में बगीचे में बैठ गए। हमने कई खेल खेले और यहां तक कि थिरकते संगीत की धुनों पर नृत्य भी किया। एक संगीत प्रतियोगिता भी हुई, हमारी टीम प्रतियोगिता में सफल हुई।

मेरी माँ ने दिन के लिए जायकेदार पेय और मखाने तैयार किए थे और यहाँ तक कि मेरी चाची कुछ स्वादिष्ट भोजन भी लाई थीं। हम सभी ने साथ बैठकर फार्म हाउस के बगीचे में स्नैक्स का आनंद लिया।

एक अविस्मरणीय दिन

यह जीवन का सबसे अविस्मरणीय दिन था, मेरे परिवार के साथ बैठकर और फार्म हाउस में सुखदायक और घर का बना स्वादिष्ट स्नैक्स से भरा हुआ। लंच के लिए हमारे पास पिज्जा और सॉफ्ट-ड्रिंक्स थे। हमने एक कोक प्रतियोगिता भी की थी, मेरे चाचा ने एक ही बार में नौ गिलास कोक पीकर उस प्रतियोगिता को जीत लिया।

घर लौटने के समय माली ने हमें कई साफ और ताजे फल और सब्जियां दीं जैसे कि गोभी, टमाटर, सेब आदि। यह दिन बहुत ही तेजी से खत्म हुआ, यह कहा जा सकता है कि अच्छा समय लंबे समय तक नहीं रहता है।

निष्कर्ष

पिकनिक जीवन के सबसे सरल सुखों में एक सुखद समय बिताने और परिवार के साथ कुछ गुणवत्ता समय बिताने का सबसे शानदार तरीका है। मुझे पारिवारिक पिकनिक बहुत पसंद है क्योंकि यह मुझे अपने परिवार के सदस्यों के साथ अधिक मेल खाने की संभावना देता है। जब कोई पिकनिक की बात करता है तो कोई भी युवा या प्रौढ़ नहीं होता है, हम सभी बच्चों की तरह व्यवहार करते हैं और आनंद लेते हैं। यह मेरे परिवार के सदस्यों के मनोरंजक व्यक्तित्व को देखने का एक सुखद तरीका है।

मीनू पाण्डेय

शिक्षा स्नातक एवं अंग्रेजी में परास्नातक में उत्तीर्ण, मीनू पाण्डेय की बचपन से ही लिखने में रुचि रही है। अकादमिक वर्षों में अनेकों साहित्यिक पुरस्कारों से सुशोभित मीनू के रग-रग में लेखनी प्रवाहमान रहती है। इनकी वर्षों की रुचि और प्रविणता, इन्हे एक कुशल लेखक की श्रेणी में खड़ा करता है। हर समय खुद को तराशना और निखारना इनकी खूबी है। कई वर्षो का अनुभव इनके कार्य़ को प्रगतिशील और प्रभावशाली बनाता है।

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द्वारा प्रकाशित
मीनू पाण्डेय