निबंध

लॉकडाउन में मैंने क्या किया पर निबंध (How I Spent Lockdown Period Essay in Hindi)

लॉकडाउन लागू करने के कारण भिन्न हो सकते हैं, जैसे की हाल ही में पूरे विश्व को COVID-19 नामक संक्रमण के कारण इसे लागू किया गया। लॉकडाउन की सहायता से इस संक्रामक बीमारी को रोकने का प्रयास किया गया और इसे बेहद कारगर भी माना गया। इस समय का लोगों ने अलग-अलग तरीके से उपयोग किया।

लॉकडाउन में मैंने क्या किया पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on How I Spent Lockdown Period in Hindi, Lockdown mein maine kya kiya par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द)

परिचय

लॉकडाउन उस स्थिति को कहते हैं जिसमें सरकार द्वारा पूरे इलाके या देश को बंद कर दिया जाये। इसे सरलता से समझने के लिये हम बड़े स्तर की बंदी भी कह सकते हैं। यह भी एक प्रकार की आपातकालीन स्थिति होती है और इससे देश की अर्थ व्यवस्था को बेहद क्षति पहुँचती है। परंतु घर पर रह रहे लोगों के पास कोई अन्य काम न होने के कारण सब ने इस समय का अलग-अलग तरह से उपयोग किया। आइये देखें कैसा रहा मेरा लॉकडाउन।

लॉकडाउन में मैंने क्या खास किया

देखा जाये तो आमतौर पर लोग अपने काम में बेहद व्यस्त रहते हैं, परंतु इस दौरान बाजारों के भी बंद रहने के कारण लोगों के पास केवल घरों में रहने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रहा। घर पर एक-दो दिन तो बीत जाता परंतु महीने भर कोई नहीं रह सकता अन्यतः जब तक आप उसे थोड़ा रोचक नहीं बनाते।

आप लॉकडाउन के समय का उपयोग विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं जैसे की मैंने किया। ऐसी स्थिति में आप अपने पुराने शौक पूरा कर सकते हैं, जैसा की मुझे गाने का शौक है और बचपन में शास्त्रीय संगीत भी सीखी हुई थी, पर जीवन की भगा दौड़ में मानो जैसे कही खो ही गयी और सब भूल गयी। मैंने इस समय का सदुपयोग करते हुए इस शौक को और निखारने की कोशिश की।

इसे सीखने में इंटरनेट ने मेरी बखूबी मदद की और आज कल हर चीज इंटरनेट पर इतनी आसानी से उपलब्ध रहता है की कोई भी कुछ भी आसानी से सीख सकता है। आप भी कुछ न कुछ जरूर सीखें और इस समय का सही उपयोग करें।

निष्कर्ष

हालाँकि यह कोई ख़ुशी का मौका नहीं है फिर भी दिन भर घर में बैठ कर चिंता करने से अच्छा है की इस समय का उपयोग दूसरी जगह करें जो सार्थक भी हो। इसे एक मौके के तौर पर देखें की जीवन में जो आप नहीं कर पाए या कोई तमन्ना अधूरी हो जिसे करने के लिये आपके पास कई दिनों से समय की कमी रही हो, ऐसे सभी काम आप इस लॉकडाउन में कर सकते हैं और हम में से कई ऐसा कर भी रहे हैं।


निबंध – 2 (400 शब्द)

परिचय

पूरे विश्व में फैले महामारी COVID-19 के कारण ज्यादा तर देशों में लॉकडाउन की विधि अपनाई गयी। हालाँकि यह तरीका सार्थक तो है, परन्तु कई दिनों तक लगातार घर में रहना कोई आसान काम नहीं है। व्यर्थ में बैठ के चिंता करने से अच्छा है की खुद को ऐसे कामों में व्यस्त रखना की आप इस समय का सही उपयोग कर सकें। मैंने अपने क्रियाकलापों का वर्णन किया है।

कैसा रहा मेरा लॉकडाउन

मैंने लॉकडाउन के समय का उपयोग बेहतरीन तरीके से किया जैसे की मैंने अपना एक दिनचर्या बना लिया पूरे दिन का और उस हिसाब से एक-एक काम किया आइये देखते हैं कैसे।

मेरी सुबह की शुरुआत होती थी योग से और मैंने यूट्यूब पर एक महीने में वजन घटाने की चुनौती को स्वीकार किया और हर सुबह उठ कर योग और कसरत कर के करीब अपना 5kg वजन घटाया। क्यों की इस महामारी से बचने का सबसे बेहतरीन उपाय है खुद को स्वस्थ रखना इस लिये कसरत बेहद आवश्यक होता है।

इसके बाद बाकी दैनिक कार्यों को निपटाने के बाद, दोपहर में कुछ देर आराम करके शाम को कुछ बेहद पौष्टिक नाश्ता बनाया भी और कई नए सीखे भी। और अपने मेन्यू में कई नई-नई रेसपी जोड़े, जो बनाने में बेहद आसन और खाने में स्वादिष्ट और साथ ही साथ स्वास्थ्य के लिये बेहतरीन भी थे।

शाम के समय मैंने कई प्रकार के आर्ट और क्राफ्ट बनाने भी सीखे जो आपको इंटरनेट के विभिन्न साईटो पर आसानी से मिल जाते हैं। जिन शो पीस के दाम बाजारों में हजारों रुपए हैं, उन्हें मैंने घर के पुराने सामान की मदद से मुफ्त में बनाना सीख लिया।

रोज़ रात में खाने से पहले मैंने टहलने की आदत बनायी और छत पर जा कर कई चक्कर लगाती इससे रात्रि भोजन करने की भी उत्सुकता बढ़ती और स्वास्थ्य भी ठीक रहता। हालाँकि की ऐसा हमें हर दिन करना चाहिए परंतु हम करते नहीं है और शुक्र है इस लॉकडाउन का जिसकी वजह से मैंने अपने अन्दर कुछ अच्छी आदतों को अपनाया।

निष्कर्ष

लॉकडाउन का सबके जीवन पर कुछ न कुछ अच्छा प्रभाव जरूर पड़ा है और जैसे की हमारी प्रकृति स्वच्छ हो गयी, इसी प्रकार मनुष्य ने भी कई अच्छी आदतों को अपने अन्दर विकसित किया। कोरोनावायरस भले ही एक संक्रामक रोग है और यह बेहद खतरनाक भी है परंतु कई मायनों में लोग खुद के लिये और अपने रिश्तों के लिये जीना सीख गए।

निबंध – 3 (500 शब्द)

परिचय

लॉकडाउन जो की भारत में 24 मार्च से शुरू हुआ और यह आगे चल कर मई के महीने तक रहा। लॉकडाउन का मुख्य वजह COVID-19 महामारी का कोरोनावायरस को माना गया। इसे एक बेहद खतरनाक वायरस के रूप में चिन्हित किया गया क्यों की इसका इलाज अब तक नहीं ढूंढा गया है और इससे बचने का सबसे सरलतम उपाय लॉकडाउन को माना गया। इस काल में सभी स्कूल, कॉलेज, मॉल, आदि सब को पूरी तरह से बंद रखा गया, एक तरह से पूरे भारत को बंद रखा गया। सभी अपने-अपने घरों में रह कर इस बीमारी से बचने और देश को जल्द से जल्द इस समस्या से निपटने में अपना-अपना योगदान दिया।

दैनिक गतिविधियाँ जो मैंने लॉकडाउन में किया

एक तरफ लॉकडाउन का हर देश की अर्थ व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा, तो वहीं दूसरी तरफ इसकी वजह से लोगों ने इसका उपयोग कुछ नई और अच्छी आदतों को अपना कर भी किया है। जैसे मैंने कुछ शारीरिक गतिविधियां सीखी हैं जैसे की कसरत करना, खुली हवा में टहलना (अपने गार्डन में), माँ के घर के काम में हाथ बटाना, घर की साफ़-सफाई करना, रोज़ पौधों में पानी डालना, समय पर भोजन करना, सब का एक साथ बैठ कर टीवी देखना, परिवार के साथ समय बिताना, अपने भाई-बहनों के साथ खेलना, आदि जैसे काम मैंने इस लॉकडाउन में रोजाना किए और मुझे इस बात का भी अंदाजा हुआ की हमारी माँ रोजाना कितने काम अकेले ही किया करती हैं। हमें अपने परिवार के साथ समय अवश्य बिताना चाहिए क्यों की मुसीबत आने पर परिवार वाले ही साथ रहते हैं।

लॉकडाउन में क्या नया सीखा?

दैनिक कामों के साथ ही मैंने कुछ और भी नई चीजें सीखी जैसे की –

  • मुझे मेकअप करने का शौक है तो मैं रोजाना कुछ समय मेकअप कर के अपने इस गुण को और अच्छी तरह निखारा। मेरा यह बड़ा पुराना शौक है और मैं इसे समय न मिल पाने की वजह से सीख नहीं पाती थी लेकिन अब मैं इसमें निपुर्ण हो चुकी हूँ।
  • मैंने कई सारे घर सजाने के DIY सीखें हैं जो बेहद आसन और देखने में आकर्षक लगते हैं, इनसे आप अपने घर को कम पैसों में बेहतरीन तरीके से सजा सकते हैं।
  • मैंने अपने पुराने गिटार को निकाला और यूट्यूब की सहायता से उससे चलाना सीखा। गिटार बजाने का शौक था इस लिये खरीदा था लेकिन कभी बाजने का समय नहीं मिला, जिसे मैंने इस लॉकडाउन में पूरा किया।
  • मुझे गणित नहीं समझ आती थी तो इस बार लॉकडाउन में मैंने अपने सरे पाठ पहले ही तैयार कर लिये। क्यों की पहले मेरे पिताजी के पास समय नहीं होता था परंतु लॉकडाउन की वजह से वे भी घर पर ही रहे और उन्होंने गणित में मेरी बहुत मदद की।

निष्कर्ष

हालाँकि यह हम सब के लिये एक संकट की घड़ी है परंतु मेरे नज़रों में हम सब को एक ब्रेक की आवश्यकता थी। कुछ समय अपने लिये और अपने परिवार के लिये निकालना आवश्यक था। इस लॉकडाउन ने हमें लोगों के महत्व, भोजन के महत्व और स्वच्छता के महत्व बखूबी समझा दिया। प्रकृति को भी खुद को स्वच्छ करने का मौका दिया जिससे प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो गया। देखा जाये तो लॉकडाउन हर मायने में हमारे लिये लाभदायक ही सिद्ध हुई।

कनक मिश्रा

आंग्ल भाषा में परास्नातक, कनक मिश्रा पेशे से एक कुशल कंटेंट राइटर हैं। इनकी हिन्दी और अंग्रेजी पर समान पकड़ इनकी लेखनी को खास बनाती है। ये नियमित लेखन करती हैं और इनकी सृजनात्मकता इनके कार्य को प्रभावशाली बनाती है। ये बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। आपने आहार-विशेषज्ञ और स्टेनोग्राफी में भी कुशलता प्राप्त कर रखी है।

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कनक मिश्रा