निबंध

प्लास्टिक बैग पर क्यों प्रतिबंध लगना चाहिए पर निबंध (Why Plastic Bags Should Be Banned Essay in Hindi)

प्लास्टिक बैगों का प्लास्टिक द्वारा फैलने वाले प्रदूषण में विशेष योगदान है। यह एक प्रकार का प्रदूषण है जो पर्यावरण को हानि पंहुचा रहा है, जिससे यह पृथ्वी पर जीवन के लिये भी एक गंभीर संकट बन गया है। इसलिये प्रदूषण को कम करने के लिये प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। प्लास्टिक बैगों के कारण भूमि, वायु और जल प्रदूषण उत्पन्न होता है, इन्ही वजहो से यह कई देशो में प्रतिबंधित है। हालांकि फिर भी दुनिया के कई हिस्सो में इनका इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यह पर्यावरण के लिये एक गंभीर खतरा बन गये है।

प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध क्यों लगना चाहिए पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Why Plastic Bags Should Be Banned in Hindi, Plastic Bagon par Pratibandh kyo lagana chahiye par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द)

प्रस्तावना

हमारे वातावरण में दिन-प्रतिदिन प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है और औद्योगिक क्रांति के समय से इसमे काफी तेजी से इजाफा हुआ है। दुनिया भर में कारखानो और वाहनो की बढ़ती संख्या के वजह से पिछले कुछ दशको में प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ गया है। जहां एक तरफ वाहनो और कारखानो से निकलते धुंए ने हवा को प्रदूषित करके हमारे लिये सांस लेना भी मुश्किल कर दिया है, वही दूसरी तरफ उद्योगो और घरो से निकलने वाले कचरे ने जल और भूमि प्रदूषण में अपना योगदान दिया है, जिसके कारण कई गंभीर बीमारियों ने जन्म लिया है।

प्लास्टिकः पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण

दूसरे कारको के तरह ही आज के समय में प्लास्टिक भी प्रदूषण फैलाने में काफी अहम योगदान देता है। प्लास्टिक जिसे तेल और पेट्रोलियम जैसे जीवाश्म ईंधन से प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग बड़े रुप से प्लास्टिक बैग, रसोई का सामान, फर्नीचर, दरवाजे, चद्दर, पैकिंग के सामान के अलावा अन्य कई चीजो को बनाने के लिये किया जाता है। लोग प्लास्टिक से बने सामानो को लेना ज्यादे पसंद करते है क्योंकि यह लकड़ी और धातु के वस्तुओ के तुलना में काफी हल्के और किफायती होते है।

प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे की मात्रा को बढ़ा रहा है, जिससे इसका निस्तारण दिन-प्रतिदिन कठिन होता जा रहा है, क्योंकि प्लास्टिक एक नॉन बायोडिग्रेडेबल पदार्थ है। यह कई टुकड़ो में टूट जाता है और खराब होता है परन्तु मिट्टी में नही मिलता है, जिससे यह पर्यावरण में सैकड़ो सालो तक बना रहता है और प्रदूषण फैलाता है। यदि इसे लैंडफिलो में भी दफना दिया जाये तो इसके द्वारा लीक होकर जमीन और पानी में प्रदूषण फैलाने की संभावना बनी रहती है। प्लास्टिक को जलाकर भी नही खत्म किया जा सकता है, क्योंकि इसके दहन से कई जहरीली गैसे उत्पन्न होती है, जिससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। प्लास्टिक बैगों का निस्तारण आज के समय में एक बड़ी समस्या बन चुका है।

प्लास्टिक बैग प्लास्टिक के द्वारा फैलने वाले प्रदूषण के प्रमुख स्त्रोत है, जिसके वजह से यह कई देशो में प्रतिबंधित है। हालांकि सिर्फ प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध लगाने से इस समस्या का हल नही हो सकता है। पर्यावरण की रक्षा के लिये हमें अन्य प्लास्टिक वस्तुओ पर भी प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

यह वह समय है जब हमे इसे समस्या की गंभीरता को समझने की आवश्यकता है कि आखिरकार कैसे प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव के साथ ही पेड़-पौधो, जीव-जन्तुओं और समुद्री जल-जीवो तथा मानव जाति पर भी गंभीर संकट मंडरा रहा है। हमे पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्लास्टिक उत्पादो के उपयोग को कम करना चाहिये, जिससे एक स्वच्छ वातावरण का निर्माण हो सके।

निबंध – 2 (400 शब्द)

प्रस्तावना

जिन प्लास्टिक बैगों का हम अपने जीवन में प्रतिदिन इस्तेमाल करते है, वह पृथ्वी पर जनजीवन के लिये एक गंभीर संकट बन गया है। यह धीर-धीरे हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है, जिससे यह मनुष्यो के साथ-साथ जानवरो के लिये भी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन गया है।

प्लास्टिक बैगः मानव स्वास्थ्य के लिए एक खतरा

प्लास्टिक बैग मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादे ही हानिकारक है। इनके निर्माण से लेकर इनके निस्तारण तक यह प्लास्टिक बैग मानव स्वास्थ्य के लिये संकट ही उत्पन्न करते है।

प्लास्टिक बैगों के निर्माण के समय इन्हे आकार देते वक्त जो जहरीले रसायन बनते है, उससे इन्हे बनाने वाले के स्वास्थ्य पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक बैगों का ज्यादेतर उपयोग खाद्य सामग्रीयो के पैकिंग में किया जाता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि खाद्य सामग्रियो के पैकिंग के समय कुछ जहरीले तत्व इनमे प्रवेश कर जाते है। इस प्रकार से प्लास्टिक बैग इन्हे सुरक्षित रखने के स्थान पर इन्हे प्रदूषित कर देते है। कई घटनाओ में प्लास्टिक द्वारा खाद्य सामग्री को क्षति पहुंचाने की बात सामने आयी है और इस तरह का खाद्य पदार्थो को खा लेने पर फूड प्वॉइजनिंग, आंत समबंधित समस्या के अलावा अन्य कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा प्लास्टिक द्वारा मनुष्यो को कैंसर होने का भी खतरा रहता है।

प्लास्टिक बैगों के द्वारा भारी मात्रा में नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे की उत्पत्ति होती है और यह कचरा लगभग 500 वर्षो तक पृथ्वी पर बना रहता है। इसके साथ ही यह अपशिष्ट पदार्थ पानी के स्त्रोतो में मिलकर पीने के पानी के गुणवत्ता को भी खराब कर देते है। पिछले कुछ दशको में पीने के पानी की गुणवत्ता में काफी तेजी से कमी आयी है। इसका एक महत्वपूर्ण कारण है प्लास्टिक बैगों की बढ़ती संख्या जिनको नदियों और पीने के पानी के दूसरे स्त्रोतो में फेंक दिया जाता है। जिससे पानी जिसे जुड़ी कई समस्याएं और बीमारियां उत्पन्न हो गयी है।

प्लास्टिक बैगः पशुओ में बीमारियों का कारण

पशु और समुद्री जीव-जन्तु प्लास्टिक बैग के द्वारा उत्पन्न होने वाले इस कचरे से सबसे बुरी तरह से प्रभावित होते है। हम इस्तेमाल करने के बाद बिना सोचे-समझे इन प्लास्टिक बैगों को फेंक देते है, जिससे यह विशाल कचरे के क्षेत्र में परिवर्तित हो जाते है और मासूम पशु भोजन के तलाश करते हुए इन स्थानो तक पहुंच जाते है तथा कुछ मात्रा में या कभी-कभी पूरे प्लास्टिक बैग को अपने भोजन के साथ खा जाते है। यह प्लास्टिक तत्व उनके शरीर के भीतर इकठ्ठा हो जाते है और आगे चलकर उनके स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का कारण बन जाते है। वही दूसरी तरफ पूरे प्लास्टिक बैग को खा लेने से दम घुटने से उनकी मृत्यु भी हो जाती है।

ठीक ऐसा ही समुद्री जावो के साथ भी होता है। प्लास्टिक से उत्पन्न होने वाले कचरे के वजह से पानी के स्त्रोत काफी ज्यादे प्रदूषित हो जाते है, जिससे यह जलीय जन्तुओ के पीने के पानी के गुणवत्ता को बिगाड़ देता है। कई बार मछली, कछुओ और समुद्री जीवो द्वारा अपने भोजन के भ्रम में थोड़े मात्रा में या पूरा प्लास्टिक खा लिया जाता है, जिससे वह अस्वस्थ पड़ जाते है या फिर उनकी मृत्यु हो जाती है।

निष्कर्ष

प्लास्टिक बैग स्वास्थ्य के लिये बहुत ही हानिकारक है और इसके साथ ही अन्य कई प्रकार के गंभीर समस्याए उत्पन्न करते है। इसलिये हमे प्लास्टिक बैग का उपयोग बंद कर देना चाहिये और अन्य पर्यावरण के अनुकूल विकल्पो को अपनाना चाहिये।

निबंध – 3 (500 शब्द)

प्रस्तावना

वजन में हल्के होने और आसानी से उपयोग आने के कारण प्लास्टिक बैग लोगो के बीच काफी लोकप्रिय है। इसके अलावा सामान खरीदते समय हमे इन्हे कपड़े और कागज के बैगों की तरह खरीदना भी नही पड़ता है। क्योंकि यह काफी किफायती होते है इसलिये सामान खरीदने पर दुकानदारो द्वारा मुफ्त में दे दिये जाते है। इन्ही सब कारणो से दुकानदारो और खरीददारो द्वारा प्लास्टिक बैगों को अधिक पसंद किया जाता है। हालांकि हमे अपने तत्काल के सहूलियतो को भूलकर भविष्य के बड़े प्रभावो को देखने की आवश्यकता है।

प्लास्टिक बैगों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं

यहा प्लास्टिक बैगों के द्वारा उत्पन्न होने वाली कुछ प्रमुख समस्याओ के बारे में बताया गया है।

1.नॉन-बायोडिग्रेडेबल

प्लास्टिक बैग एक नॉन-बायोडिग्रेडेबल वस्तु है। इसलिये इनका निस्तारण एक प्रमुख समस्या है। यह छोटे-छोटे कणो में टूट जाते है और जमीन तथा पानी के स्त्रोतो में प्रवेश कर जाते है, परन्तु यह विघटित नही होते है। जिससे यह भूमि और पानी में सैकड़ो वर्षो तक रहते है और जहरीले रसायनो का उत्सर्जन करके हमारे इस सुंदर तथा समृद्ध पृथ्वी को काफी क्षति पहुंचाते है।

2.पर्यावरण स्तर में गिरावट

आज के समय में प्लास्टिक बैग भूमि प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया है। इनके वजह से प्रकृति पर काफी नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। लैंडफिलो में फेके जाने वाले प्लास्टिको को विघटित होने में लगभग 500 वर्ष का समय लगता है। यह बैग वजन में काफी हल्के होते है जिसके कारण यह हवा के झोंको द्वारा उड़ाकर दूर पहुंचा दिये जाते है। इनके एकत्रित कूड़े के ढेर से भूमि प्रदूषण फैलता है, इसके अलावा जब यह पानी के स्रोतो में मिल जाते है तो यह जल प्रदूषण का मुख्य कारण बनते है। इस प्रकार से यह हर संभव तरीके से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है।

3.पशुओ और समुद्री जीवो के लिये हानिकारक

पशुओ और समुद्री जीवो के द्वारा अपने भोजन के साथ ही प्लास्टिक को भी खा लिया जाता है। क्योंकि प्लास्टिक को पचाया नही जा सकता इसलिये यह उनके आंतो में फंस जाता है। इस प्रकार से विभिन्न पशुओं और समुद्री जीवो के आंतो में काफी मात्रा में प्लास्टिक जमा हो जाता है, जिससे यह उनके स्वास्थ्य के कई समस्याओ का कारण बनती है। कई बार पशुओं के द्वारा पुरे प्लास्टिक बैग को निगल लिया जाता है और यह उनके आंत या गले में फंस जाता है, जिसके चलते दम घुटने से उनकी मौत हो जाती है। इस तरह के घटनाओ का सबसे ज्यादे शिकार समुद्री कछुए होते है, जिनके द्वारा प्लास्टिक बैग को भ्रमवश जेलीफिश समझकर खा लिया जाता है। अनुसंधानो द्वारा पता चला है कि प्लास्टिक बैगों के द्वारा उत्पन्न कचरा पशुओ के असमय मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है।

  1. मनुष्यो में बीमारियों का कारण

प्लास्टिक बैगों के उत्पादन से कई प्रकार के जहरीले रसायन उत्पन्न होते है, जो उनके निर्माण करने वालो के लिए गंभीर स्वास्थ्य सबंधी समस्याओ का कारण बन सकती है। इसके अलावा खाद्य पदार्थो के पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक बैग भी कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकते है। इसके अलावा जैसा कि पहले ही बताया गया है कि प्लास्टिक बैगों के कारण पर्यावरण प्रदूषण उत्पन्न होता है और यह तो हम सब जानते है कि पर्यावरण प्रदूषण मनुष्यो को होने वाले कई बीमारियों का मुख्य कारण है।

5.क्लौग्ड सीवेज

फेंके गये खराब प्लास्टिक बैग पानी और हवा द्वारा बहा लिये जाते है और नालियों और सीवरो में फंस जाते है। इस प्रकार से रुका हुआ सीवेज सिस्टम मनुष्यो और जीव-जन्तुओं के लिये खासतौर से बरसात में एक गंभीर संकट बन जाता है। सीवर और नालियों में प्लास्टिक फंसने के कारण इनमें पानी का बहाव रुक जाता है और जल जमाव होने लगता है। जिससे बाढ़ जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है और सामान्य जन जीवन में बाधित हो जाता है।

निष्कर्ष

हमें प्लास्टिक के उपयोग से होने वाली समस्याओ पर गंभीरता से विचार के साथ तत्काल रुप से इनका उपयोग बंद करने की आवश्यकता है। हालांकि इस विषय को लेकर कुछ राज्यो द्वारा सकरात्मक पहल की गयी है और प्लास्टिक बैगों को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है, परन्तु यह वह समय है जब हमारे देश के विभिन्न राज्य के सरकारो को साथ मिलकर इस मामले पर सख्त रवैया अपनाते हुए प्लास्टिक बैगों को पूर्णतः प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है।

निबंध – 4 (600 शब्द)

प्रस्तावना

प्लास्टिक बैग पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारणो में से एक है। क्योंकि प्लास्टिक एक नान-बायोडिग्रेडिबल पदार्थ है, इसलिये यह पर्यावरण में सैकड़ो सालो तक बना रहता है लगातार प्रदूषण फैलाता है। इससे पहले कि यह हमारे पर्यावरण को पूरी तरह से नष्ट कर दे, हमे प्लास्टिक बैगों पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है।

वे देश जिन्होने प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाया

दुनिया भर के कई सारे देशो ने प्लास्टिक बैगों को या तो प्रतिबंधित कर दिया या फिर उनके उपयोग को कम करने के लिये उनपर कर लगा दिया। इसमें तंजानिया, केन्या, युगांडा, दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, मलेशिया, बांग्लादेश, ताइवान, इंग्लैंड, जर्मनी, हवाई, न्यूयॉर्क, इटली, स्कॉटलैंड, रोड आइलैंड और मेन जैसे देश शामिल है। इन उपायो के द्वारा काफी हद तक प्लास्टिक बैगों की समस्या से निजात पाने में मदद मिली है। परन्तु अभी इस समस्या का पूरे तरीके से समाधान नही हुआ है क्योंकि इन उपायो को सही तरीके से लागू नही किया गया है।

इनमें से कुछ देशो में प्लास्टिक बैग अभी भी काले बाजार में उपलब्ध है और गैरकानूनी तरीके से अभी भी इनका उपयोग हो रहा है।

प्लास्टिक बैगों को प्रतिबंधित करने के कारण

वैसे तो इसके कई कारण है कि आखिर प्लास्टिक बैगों को क्यों प्रतिबंधित किया जाये और इसी के वजह से कई देशो ने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिये सख्त कदम उठाये है, इन्ही में से कुछ कारणो के विषय में नीचे बताया गया हैः

  • प्लास्टिक बैगों से फैलने वाले कचरे से लगातार भूमि और जल प्रदूषित होते रहते है।
  • प्लास्टिक के वजह से पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जन्तुओ के साथ-साथ समुद्री जावो पर भी खतरा मंडराने लगा है।
  • अपशिष्ट प्लास्टिक बैगों से मुक्त रसायन भूमि में प्रवेश कर जाते है और उसे बंजर बना देते है।
  • प्लास्टिक बैगों का मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • प्लास्टिक बैगों द्वारा नालियो और सीवरो के जाम होने की भी समस्या उत्पन्न होती है।

जनता को प्लास्टिक प्रतिबंध का समर्थन करना चाहिये

हालांकि भारत सरकार द्वारा कई राज्यो में प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया जा चुका है, फिर भी लोग इनका उपयोग करते हुए देखे जाते है। दुकानदार कुछ दिन के लिये खरीददारो को प्लास्टिक बैग देना बंद कर देते है और कुछ दिन बाद फिर से इनका उपयोग चालू कर देते है क्योंकि सरकार द्वारा प्लास्टिक बैगों के उत्पादन और वितरण को लेकर कोई ठोस कदम नही उठाया जाता। यह वह समय है, जब हमें भी इस प्रतिबंध को सफल बनाने के लिये अपना योगदान देने की आवश्यकता है।

हम जैसे समाज के पढ़े-लिखे लोगो को इस संदर्भ में अपनी जिम्मेदारी का वहन करते हुए प्लास्टिक के उपयोग को बंद करने के साथ दूसरो को भी इसके लिये प्रेरित करना होगा। नीचे दिये गये कुछ तरीको से हम इस विषय में सरकार का समर्थन कर सकते हैः

  • उपयोग पर नियंत्रण करना

क्योंकि हम प्लास्टिक बैगों का उपयोग करने के आदि है, इसलिये एका-एक इनका उपयोग बंद कर देना हमारे लिये थोड़ा कठिन है। इस योजना में सफल होने के लिये हमें पर्यावरण पर होने वाले इसके दुष्प्रभावो को समझना होगा और इनके उपयोग पर नियंत्रण करना होगा। जिससे कुछ दिनो में हमारी प्लास्टिक बैग उपयोग करने की आदत छूट जायेगी।

  • विकल्पो को अपनाना

प्लास्टिक के अलावा पर्यावरण के अनुकूल ऐसी अन्य कई वस्तुएं है जिनका हम उपयोग कर सकते है। किराने के दुकान से सामान लाने के लिये प्लास्टिक बैग के जगह, हम बाजार जाते वक्त कपड़े या जूट का बैग लेकर जा सकते है जिनका बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • पुनरुपयोग

हमे हमारे घर में पड़े प्लास्टिक बैगों को फेंकने से पहले जितने बार संभव हो सके उनका उतने बार उपयोग करना चाहिये।

  • जागरुकता फैलाकर

इसके आलावा सरकार द्वारा भी लोगो में प्लास्टिक बैगों के नकरात्मक प्रभाव को लेकर लोगो में जागरुकता फैलानी चाहिये और प्रचार-प्रसार तथा लोगो के मध्य मौखिक रुप से इसके विषय में जानकारी फैलाकर इसे प्रतिबंधित करना चाहिए। हम स्वंय भी अपने घरो में काम करने वालो को, कार साफ करने वालो और बच्चो को पर्यावरण से जुड़ी समस्याओ के विषय में जागरुक कर सकते है। जिससे हम उन्हे प्लास्टिक बैग के उपयोग को बंद करने के लिये प्रेरित कर सकते है।

निष्कर्ष

हमारे द्वारा प्लास्टिक बैग से उत्पन्न होने वाली समस्याओ को ज्यादेतर नजरअंदाज कर दिया जाता है और उनपर गंभीरतापूर्वक विचार नही किया जाता है। क्योंकि दैनिक रुप से इस्तेमाल होने वाले इन छोटे- छोटे प्लास्टिक बैगों के दिर्घकालिक प्रभाव पर लोगो द्वारा ध्यान नही दिया जाता है। अपनी सुविधा के लिये हम इन प्लास्टिक बैगों का उपयोग करते रहते है और पर्यावरण और पृथ्वी के जनजीवन पर इनके द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभावो को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर देते है।

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अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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द्वारा प्रकाशित
अर्चना सिंह