पूरे वर्ष में, ऐसे अनेक अवसर आते हैं जहां हम राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न दिवस को समारोह के रूप में मनाते है जैसे योगा दिवस, कैंसर दिवस, विश्व मलेरिया दिवस, किडनी दिवस आदि। इन समारोह को मनाने का उद्देश्य लोगों में उस विषय से संबंधित जागरूकता फैलाना और समस्याओं को हल करना होता है। इसी प्रकार समान उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
परिचय
वर्तमान समय में, बढ़ते आधुनिकरण के साथ बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं। विश्व में फैले रोगों से बचाव के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, विश्व स्वास्थय दिवस को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह अनेक महत्वपूर्ण दिवसों में से एक दिवस है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस का इतिहास
विश्व स्वास्थ्य दिवस 1950 से मनाना प्रारंभ हुआ। इससे पहले 7 अप्रैल, 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना संयुक्त राष्ट्र संघ के एक अन्य सहयोगी संस्था के रूप में 193 देशों की सदस्यता समेत स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में इसकी नींव रखी गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का उद्देश्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्य उद्देश्य WHO के सदस्यता प्राप्त देशों के सहायता से विश्व में व्याप्त रोग जैसे मलेरिया, कुष्ठ रोग, नेत्रहीनता, पोलियो की गंभीर समस्या को दूर करना है। दुनिया भर में इन रोग से पीड़ित मरीज़ों को इलाज़ मुहैया कराना है और कुपोषण को दूर करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की सदस्यता प्राप्त देशों में भारत भी शामिल है तथा इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस की उपलब्धि
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर हर वर्ष एक थीम रखा जाता है जैसे- स्वास्थ्य ही धन है, रोड सुरक्षा आदि। पूरे वर्ष इस थीम के आधार पर अनेक आन्दोलन आयोजित किए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहायता से विश्वभर में फैले अनेक रोग जैसे कालरा, मलेरिया, पोलियो, दृष्टि रोग आदि पर नियंत्रण पाया गया है। इसी प्रकार से 1955 में विश्व को पोलियो मुक्त करने के लिए पोलियो उन्मूलन का थीम चुना गया था। इसके परिणाम स्वरूप अब ज्यादातर देश पोलियो मुक्त हो चुके हैं।
निष्कर्ष
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विश्व भर में स्वास्थ्य संबंधित जागरूकता फैलाया जाता है। चयनित थीम के अनुसार पूरे वर्ष विभिन्न शिविर, आंदोलन आदि किए जाते हैं। हम सभी को स्वस्थ्य और सुरक्षित भविष्य के लिए इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए और अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।
परिचय
विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मानाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य विश्व में व्याप्त खतरनाक बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक करना और बीमारियों को हमेशा के लिए समाज से दूर करना है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस कैसे मनाया जाता है
विश्व स्वास्थ्य दिवस को विश्वभर में व्यापक रूप में मनाया जाता है। इसमें सरकारी, गैर सरकारी क्षेत्र, एनजीओ आदि के माध्यम से गाँव, शहर, कस्बें के लोगों में रोगों के प्रति जागरूकता फैलाया जाता है। जगह-जगह पर विभिन्न रोगों के जांच हेतु निःशुल्क शिविर (कैम्प) लगाए जाते हैं। अनेक मुहिम और समारोह का आयोजन किया जाता है। रैली, साइकल रैली, नुक्कड़ नाटक विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता के माध्यम से लोगों का ध्यान इस दिवस की ओर आकर्षित होता है।
जनजागरूरता के लिए थीम की आवश्यकता
प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर नये थीम का निर्धारण किया जाता है अतः यह थीम बहुत महत्वपूर्ण होतें हैं। वर्तमान समय में चल रहे समस्या को खत्म करने के लक्ष्य से इस थीम का चुनाव काफी सोच विचार के पश्चात विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभी सदस्यता प्राप्त देशों की सहमति से होता है। इस थीम को आधार बना कर पूरे वर्ष अनेकों जागरूरता मुहिम चलाए जाते हैं। इससे गांव व शहर से जुड़े अनेक लोगों को विभिन्न नई बीमारी का पता चलता है तथा इस बीमारी से बचाव किस प्रकार किया जा सकता है इसका भी ज्ञान हो पाता है। जैसे की 2017, 2018 और 2019 से संबंधित निम्नवत् थीम हैं।
स्वास्थ्य के प्रति सख्ती बरतने की आवश्यकता
हम सभी अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं पर क्या हम अपने स्वास्थ्य को गंभीरता से लेते है? हम सभी को स्वास्थ्य के प्रति सख्ती बरतने के जरूरत है। स्वच्छ भोजन, पानी तथा स्वच्छता का ध्यान रखने पर संभव है की हम खतरनाक बीमारियों से खुद को और खुद से जुड़े लोगों को बचा पाए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए समाज को रोगों से मुक्त कर स्वस्थता प्रदान करने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
निष्कर्ष
विश्व स्वास्थ्य दिवस एक बहुत महत्वपूर्ण दिवस है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य संबंधित जानकारी से अवगत करना, समाज को खतरनाक रोगों से मुक्त करना है और कुपोषण को दूर करना है। हम सब को इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए तथा सुरक्षित व स्वस्थ जीवन प्राप्त के हर संभव प्रयास करना चाहिए।
परिचय
स्वास्थ्य ही धन है, स्वास्थता के महत्व को समझते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) का 7 अप्रैल 1948 में, गठन किया गया। इसके वर्षगांठ के रूप में हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहायता से विभिन्न जानलेवा बीमारी से मुक्ति
विश्व स्वास्थ्य संगठन के संकल्प से पोलियो जैसे घातक बीमारी को आज कई देशों से दूर किया जा चुँका है। इससे विश्व के अन्य देशों पर भी उचित प्रभाव पड़ा है और वह भी पोलियो मुक्त होने के बेहतर प्रयास कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन वर्तमान समय में एड्स, इबोला और टीवी जैसे जानलेवा बीमारी पर काम कर रहा है।
वर्तमान समय में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयसस हैं इन्होंने अपना 5 वर्ष का कार्यकाल 1 जुलाई 2017 को प्रारंभ किया है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस का महत्व
पहले की अपेक्षा वर्तमान समय में हम स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए है। अभी भी विश्व के ज्यादातर लोगों को इस बात का पता नहीं होता की वह किस बीमारी से जूझ रहें हैं। लोगों को बीमारी का पता होने पर भी वह अपना इलाज़ सही तरह से नहीं करा पाते हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर समाज में व्याप्त रोगों से बचाव के उपाय बताए जाते हैं। कैंसर, एड्स, टीवी, पोलियो आदि से पीड़ित मरीज़ों को निःशुल्क सहायता प्रदान किया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के थीम का हमारे जीवन पर प्रभाव
सुरक्षित मातृत्व विश्व स्वास्थ्य संगठन 1988 का थीम सुरक्षित मातृत्व था। इस थीम को आधार बना कर पूरे वर्ष गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार न हो इसलिए विभिन्न कैम्प और आंदोलन चलाए गए। साथ ही सरकार द्वारा टीवी चैनल, रेडियों स्टेशन और संचार के सभी माध्यम पर विज्ञापन चलाए गए। गर्भवती महिला और नवजात शिशु के लिए नि:शुल्क पोष्टिक आहार दिया गया। इससे लोगों ने मातृत्व के देख रेख को और गंभीरता से लेना प्रारंभ किया।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के उद्देश्य के लिए अंधविश्वास एक चुनौती
समाज के कुछ देशों में आज भी अंधविश्वास व्यापक रूप में फैला हुआ है। इस वजह से अनेक प्रयास के बावजूद कई बच्चों और युवा की असमय ही मृत्यु हो जाती है। उदहारण के तौर पर दक्षिण पूर्व अफ्रिका में स्थित मालवी एक ऐसा राज्य है जिसमे 7 हजार से 10 हजार लोग रंजकहीनता (एल्बीनिज़्म) से पीड़ित हैं। यह एक चर्म रोग है और यह जन्म से ही होता है।
इससे पीड़ित व्यक्ति का जीवन अनेक कठिनाईयों से भर जाता है, इनके घर वाले इन पर जादू टोना कराते हैं कई बच्चे अपहरन कर लिए जाते हैं। इनके मरने के बाद भी इनके शव को जलाया या दफनाया नहीं जाता जादू टोना के लिए इनकी हड्डियां दे दी जाती हैं।
निष्कर्ष
विश्व स्वास्थ्य दिवस के माध्यम से विश्व को अनेक जानलेवा बीमारियों से बचाया गया है। इसके बाद भी आज विभिन्न खतरनाक बीमारियों के हो जाने की आशंका में हैं। ज़रूरत है जागरूरता की और विश्व स्वास्थ्य दिवस के मुहिम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की इस प्रयास से ही हमारा विश्व रोग मुक्त होगा।