बकरी पालन

बकरी पालन शुरू करने से पहले इन चीजों को जरूर जान लें

बकरी पालन (Things to keep in mind before opening a Goat Farming Business)

दोस्तों आज इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि बकरी फार्म शुरू करने से पहले आपको किन किन चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा ताकि आपका बकरी पालन सफल हो सके और आप पैसे कमा सकें:

  • व्यावसायिक बकरी पालन आरंभ करते समय बकरी की नस्ल का चयन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। बकरी प्रजाति का चयन, बकरी पालन का उद्देश्य, क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, जलवायु इत्यादि। सामान्यतः यह ध्यान देना चाहिए कि बकरी की नस्ल उसी जलवायु से हो जहां व्यवसाय शुरू करना है।
  • आपको सबसे पहले इसे छोटे स्तर पर शुरू करना चाहिए, इसके लिए आप 10 बकरियों और एक बकरे से शुरुआत कर सकते हैं।
  • बकरी पालन की शुरुवात गाभिन बकरी से करें।
  • ढाई से तीन महीने की गाभिन बकरी को ही चुनें।
  • गाभिन बकरी चुनने से आपको ये फायदा होता है कि आपके फार्म में बकरियों की संख्या जल्दी बढ़ जाती है
  • कभी भी पुरानी गाभिन बकरी न चुनें मतलब बूढी बकरी न चुनें, बूढी बकरी वो बकरी होती है जो लगभग 7 से 8 बार गाभिन हो चुकी होती है बच्चे दे चुकी होती है। लेकिन अक्सर लोग यहीं पर गलती करते है जब भी फार्म शुरू करते है बूढी बकरी ही खरीदते है क्योकि ये बकरी उन्हें सस्ते में मिल जाती है, कभी कभी बूढ़ी बकरी लेने में आपके पैसे भी ज्यादा लग जाते है क्योकि ये बकरी गाभिन होने कारण स्वस्थ दिखती है और किसान आपसे ज्यादा पैसे ऐंठ लेता है। लेकिन मै आपको बता दूँ कि आप ये गलती कभी न करें वर्ना आप परेशान हो जायेंगे और फार्म शुरू होने से पहले ही बंद हो जायेगा। क्योकि बूढी बकरी जल्दी बीमार पड़ती है, उसकी कार्य क्षमता घट जाती है और आपके यहां आने पर एक या दो ही बार बच्चे देगी और बच्चों के लिए पर्याप्त दूध भी नहीं देगी। इस हालत में बच्चों के कुपोषित रहने के चान्सेस बढ़ जाते है और बच्चों में खून की कमी हो सकती है।
  • जब भी बकरी चुनें हमेशा 2 से 4 दांत वाली बकरी चुने, कभी भी 8 या उससे अधिक दांत वाली बकरी न लें। 2 से 4 दांत वाली बकरी चुनने से आपको ये फायदा होगा कि ऐसी बकरी आपके यहाँ लगभग 8 से 10 बार बच्चे देगी और आपके आने वाले समय में आपके फार्म पर बकरियों की संख्या जल्दी ही बढ़ जाएगी।
  • अगर आप बकरी पालन के सिर्फ फायदे देखकर फार्म की शुरुवात करना चाहते है तो मेरी मानिये आपका फार्म शुरू करना बेकार है, आप कभी सफल नहीं होंगे।
  • अगर आपको बकरी पालन में सफल होना है तो इसके सभी पहलुओं पर आपको ध्यान देना होगा, आपको एक  किसान की तरह सोचना होगा, आपको हरा चारा उगाना होगा, काटना होगा, खिलाना होगा इत्यादि तभी आप सफल हो पाएंगे।
  • बकरी पालन में शारीरिक मेहनत बहुत लगता है, अगर केयर टेकर रखें है तो भी आपको निगरानी बराबर रखनी होगी, अपने निरीक्षण में सारा काम कराना होगा।
  • बकरी पालन शुरू करने से पहले आपको एक अच्छा शेड बनाना होगा जो धुप के साथ साथ छायादार भी हो, जमीन साफ सुथरी हो, नमी न हो।
  • बकरिओं और बच्चों की समय से वैक्सीनेशन और डीवॉर्मिंग का भी ध्यान रखना होगा।
  • नेपियर घास, बरसीम उगाने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आपको कम से कम सूखा चारा खरीदना पड़े और कम लागत में ही आपका बकरी पालन सफल हो सके।
  • अपने फार्म में शहतूत और सहजन का पेड़ लगाएं, जिससे थोड़ी छाया रहेगी और बकरियों को सहतूत और सहजन की पत्तियां बहुत भाती हैं, चाव से खाती है।
  • बकरियों को स्वस्थ रखने के लिए पानी स्टैंड, चारा स्टैंड और दाना स्टैंड जरूर होना चाहिए ताकि बकरियां साफ सुथरा खाना खाएं और पानी पियें।
  • सभी मौसम को ध्यान में रखकर शेड बनायें जैसे ठंडी में ज्यादा ठंड न लगे, गर्मी में ज्यादा गर्मी न लगे और बरसात में जमीन गीली न हो जिससे बकरियां हमेशा स्वस्थ रहें।
  • बकरियों को ठंड से बचाने के लिए पूरी व्यवस्था होनी चाहिए, इस मौसम में बकरियों को अरहर, चना, मसूर का भूसा खिलाएं, रोजाना 50 ग्राम मेथी और 30 ग्राम गुड खिलाने से बकरियों पर शीतलहर का बुरा असर नहीं पड़ता, साधारण चारे की जगह बकरियों को नीम, पीपल, जामुन, बरगद और बबूल की पत्तियां खिलानी चाहिए।
  • बकरी पालन से पहले आप बकरी पालन की पूरी ट्रेनिंग लें जो सरकार द्वारा ब्लॉक से उपलब्ध कराई जाती है, ट्रेनिंग लेने से आपको पूरी जानकारी हो जाएगी की कैसे शुरू करना है, किन बातों का ध्यान रखना है वगैरह वगैरह।
अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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द्वारा प्रकाशित
अर्चना सिंह