निबंध

स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर निबंध (Christmas Celebration Essay in Hindi)

हर साल दिसंबर का महीना में हमें दो चीजों का इंतजार रहता है, एक क्रिसमस तो दूसरा नए साल के आगमन की। दिसंबर महीने में जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती है, क्रिसमस के उत्सव की रौनक भी बढ़ने लगती है। होली, दिवाली, ईद की तरह ही ईसाई धर्म के लोग इस त्यौहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है। मुख्य रूप से यह ईसाइयों का त्यौहार है, पर भारत के साथ पुरे विश्व में सभी धर्म के लोग मिलजुल कर इस त्यौहार को मनाते है। क्रिसमस के साथ ही बीते साल की अच्छी विदाई और नए साल के आगमन का शुभ संकेत देती हैं।

क्रिसमस पर 10 वाक्य || क्रिसमस ट्री पर 10 वाक्य

स्कूल में क्रिसमस उत्सव 2022 पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Christmas Celebration in School 2022 in Hindi, School mein Christmas Utsav par Nibandh Hindi mein)

उम्मीद करती हूँ कि नीचे लिखे गए क्रिसमस सेलेब्रेशन 2021 पर बड़ा निबंध आपको जरूर पसंद आयेंगे और आपके स्कूल प्रोजेक्ट में काम भी आयेंगे।

Long Essay on Christmas Celebration – 1300 Words

परिचय (Introduction)

आप सभी ने यीशु मसीह का नाम अवश्य सुना या पढ़ा होगा, इन्हें भगवान के दूत के रूप में जाना जाता है। हर साल दिसम्बर के अंत में 25 तारीख को ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। भारत और अन्य देशों में अन्य धर्मों के लोग इस दिन को ‘बड़ा दिन’ के रूप में मानते है। क्योंकि इस दिन से दिवस के बढ़ने की शुरुआत भी होती है। लोग इसे बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाते है, और बच्चों के लिए यह दिन खाश होता है। ऐसा माना जाता है कि ‘सांता क्लॉज’ के रूप में यीशु मसीह उन्हें आशीर्वाद और उनके लिए उपहार देने स्वयं आते हैं। बच्चे भी इस दिन सांता क्लॉज का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है।

क्रिसमस कैसे मनाते है? (How Christmas is Celebrated)

ईसाइयों के लिए यह सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार होता है। दुनियां भर के लोग इस दिन को बड़े धूम-धाम से मानते है। भारत में ईसाई लोगों की संख्या बहुत कम है, फिर भी यहां के लोग इसे बड़े जोश और उमंग के साथ मनाते है। क्योंकि यहां सभी धर्मों के लोग इसे मिलजुल कर बहुत ही प्यार और आनंद के साथ इस त्योहार को मनाते है।

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क्रिसमस की तैयारी और त्योहार मनाना (Preparation for Christmas Festival)

इस त्योहार के आते ही लोग महीनों पहले से ही इसकी तैयारी में लग जाते है। घर सजावट के सामान, कपड़े, उपहार, मिठाइयां, और बच्चों के लिए तोहफों की खरीदारी लोग पहले से ही शुरू कर देते है। परिवार और रिश्तेदारों को देने के लिए उपहारों की खरीदारी सबके लिए बहुत रोमांचकारी होता है। हम अपने घर के पास के गिरजाघरों की सफाई और उसकी मरम्मत करवाते है। इस दिन हम एक क्रिसमस ट्री को घर पर अद्भुत और मनमोहक तरीके से सजाते है।

त्योहार में क्रिसमस का पेड़ को नये जीवन और नयी भावना का प्रतीक माना जाता है। इस दिन गीत-संगीत, प्रार्थना, नृत्य, और पार्टियों का आयोजन किये जाते है। रात्रि चर्च में यीशु की प्रार्थना के बाद लोग आपस में एक दूसरे के गले लग शुभकामनाएं और बधाइयाँ देते है। बच्चों के लिए उपहार और हम उम्र के साथ अपने विचारों का आदान प्रदान करते है। रात्रि के समय पार्टियों में खाने की व्यवस्था की जाती है।

त्योहार का इतिहास (Christmas Festival History)

क्रिसमस का यह त्योहार ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा है। माना जाता है कि लगभग 5-6 ईसा पूर्व सदी के सबसे सर्द मौसम में ईसा मसीह का जन्म मरियम के पुत्र के रूप में हुआ। जिन्हें बाद में मदर मैरी के नाम से भी जाना गया।

उस बच्चे को ईशु के नाम से जाना गया और वह बड़ा होकर लोगों में प्यार और सद्भावना को जगाने और चारों तरफ शांति के संदेश के साथ लोगों को बुराइयों से दूर रहने का सन्देश दिया। ईशु को भगवान का अवतार माना जाता है, क्योंकि उन्होंने कुवारी मरियम की गोंद से जन्म लिया था। इनके जन्म के बाद स्वर्ग के दूतों ने मरियम को उनके जन्म के सूचना दी की वे ईश्वर का रूप है।

25 दिसम्बर का दिन ईशु मसीह के जन्म का सही दिन तो नहीं दर्शाता पर इस दिन उनके बलिदान, उपदेश, जीवन ज्ञान, शांति दूत के रूप में उन्हें याद किया जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक परम्पराएं भी है।

क्रिसमस का महत्व (Significance of Christmas)

जैसा की हम सब जानते है यह ईसाईयों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। क्रिसमस त्योहार का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य और महत्त्व है।

क्रिसमस का यह उत्सव सभी के बीच आपसी प्रेम और भाईचारे का सन्देश देता है। हमें आपस में सद्भाव और सौहार्द के साथ रहना सिखाता है।

क्रिसमस के त्योहार का मुख्य मकसद है बुराई को खत्म करना और अच्छें विचारों को एक दुसरे में फैलाना। हर किसी के प्रति दया-भाव रखना। क्रिसमस के माध्यम से हम अपने अच्छे विचारों दुसरों में बाटना और चारों ओर सुख और शांति फैलाना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।

मेरे स्कूल में क्रिसमस उत्सव (Christmas Celebration in my School)

हर वर्ष क्रिसमस और नए साल के जश्न का आयोजन स्कूलों में मनाया जाता है। मेरे स्कूल में भी क्रिसमस को बड़े ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। अध्यापकों से ज्यादा बच्चों में इस त्यौहार का जोश और उत्साह देखने को मिलता है। हमारा स्कूल एक मिशन स्कूल है इसलिए हमारे स्कूल के परिसर में एक चर्च भी है। हम सब बच्चे और सफाई कर्मचारी मिलकर इसकी अच्छे से साफ-सफाई करते हैं, और हमलोग इसे माला, रिबन, झालर, गुब्बारे इत्यादि से सजाते है। सभी मिलकर क्रिसमस के पेड़ को सितारों, गुब्बारों, रोशनी इत्यादि से सजाकर चर्च के पास रखते है और एक मंच को भी अच्छी तरह से सजा कर तैयार करते है।

मंच के सामने अतिथि की कुर्सियों पर हमारे शिक्षक को सम्मान के साथ बैठाया जाता है और पीछे की कुर्सियों पर हमारे स्कूल के वरिष्ठ छात्रों को बिठाया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत के साथ की जाती है और फिर ईशु के प्रार्थना गीत गायी जाती है। इसके बाद ईशु के जन्म और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया जाता है। उसके बाद संगीतकारों द्वारा क्रिसमस के कुछ संगीत प्रस्तुत किये जाते है। बाद में हमारे प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों के द्वारा भाषण कराया जाता है। भाषणों में ईशा मसीह के गुणों को बताया जाता है और सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी जाती है। तत्पश्चात हमारे ही शिक्षकों में से सांता क्लॉज बने एक शिक्षक वहां उपहारों के साथ आते है और हम सभी को हमारा उपहार देते है।

इसके बाद छात्रों को शिक्षकों द्वारा केक और खाने के लिए अन्य चीजें वितरित की जाती है। इसके साथ ही हमें क्रिसमस और नए साल की बधाइयाँ दी जाती है और ठंडी की छुट्टियों की घोषणा भी इसी समय कर दी जाती है। सभी छात्र क्रिसमस का खूब आनंद लेते है और बाद में सब एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते है।

गरीब छात्रों के लिए कार्यक्रम (Program for Poor Students on Christmas in My School)

हमारे स्कूल में क्रिसमस के कार्यक्रम वाले दिन स्कूल और स्कूल के परिसर के पास रहने वाले गरीब छात्रों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हमारे प्रधानाध्यापक द्वारा किया जाता है। हर बच्चे को नए पोशाक और मिठाइयां दी जाती हैं। उन छात्रों के मनोरंजन के लिए अलग से कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, कुछ प्रस्तुतियां उनके द्वारा भी की जाती है। बाद में चैरिटी संस्थाओं द्वारा उन्हें केक, मिठाइयां, किताबों, इत्यादि का वितरण किया जाता है। उन्हें कक्षा में मुफ्त शिक्षा के लिए आमंत्रित भी किया जाता है। इन सब बातों से उनके चेहरे की खुशी देख मन को संतुष्टि मिलती है, और मन में विचार आता है कि मैं भी बड़ा होकर ऐसे ही बच्चों के हित के लिए कुछ करूँगा।

क्रिसमस संध्या (Christmas Evening Special)

मैं अपने कॉलोनी के अपने दोस्तों के साथ क्रिसमस का त्योहार मनाता हूँ। सब साथ मिलकर क्रिसमस के पेड़ को अद्भुत तरीके से सजाते है। मेरी माँ द्वारा बनाये गए केक को सभी कॉलोनी के बच्चे और बड़े साथ मिलकर काटते है। सभी बच्चे और बड़े मिलकर नाचगाने के साथ खूब मस्ती करते है।

सभी लोग एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई और शुभकामनाएं देते है। बड़े लोग बच्चों को प्यार, आशीर्वाद और उन्हें उपहार देते हैं। सभी बच्चे भी मिलकर बड़ों के लिए कोई डांस या क्रिसमस प्रोग्राम करते है। बाद में सभी चर्च जाकर ईशु के सामने सभी के सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करते है।

निष्कर्ष (Conclusion)

क्रिसमस हमें प्रेम और सद्भाव के साथ रहना सिखाता हैं। यह त्यौहार गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना बताता है। हर धर्म के लोग आपसी प्रेम के साथ इस त्योहार को मनाते है। मुख्यतः यह त्योहार बच्चों को बहुत पसंद आता है। गीत-संगीत, जिंगल्स और अनेक प्रकार के तोहफे बच्चों को बहुत पसंद आते है, और सांता क्लॉस के दिए उपहार उन्हें हमेशा के लिए खुश कर जाते है।

सम्बंधित जानकारी:

स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on Christmas Celebration in School in Hindi)

प्रश्न 1 – ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार क्रिसमस  पर्व किस दिन को पड़ता है?

उत्तर – 7 जनवरी को

प्रश्न 2 – सबसे पहले क्रिसमस ट्री को किस देश ने सजाया था?

उत्तर – लातविया के रिगा शहर में सन् 1510 में सजाया गया था।

प्रश्न 3 – क्रिसमस ट्री को और किस नाम से जानते है?

उत्तर – सदाबहार वृक्ष डगलस, बालसम या फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री कहते है।

अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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अर्चना सिंह