पृथ्वी पर प्रकृति द्वारा ही विभिन्न रंगों से सजाया हुआ भारत एक सुंदर देश है, जिसमें कहीं दूर तक फैली हरियाली नज़र आती है तो कहीं लम्बा रेगिस्तान, कहीं ठोस पठार है तो कहीं मीलों दूर तक बहती नदियां। इसी प्रकार भारत में विभिन्न जाति, उपजाति, रंग-रूप तथा भाषा में भिन्नता रखने वाले लोग रहते है। भारत की विशेषता इसकी अनेकता में एकता का गुण है और इतने बड़े परिवार को शांतिपूर्ण रूप से चलाने के लिए राष्ट्रीय एकता का होना अतिआवश्यक है।
परिचय
भारत विभिन्न प्रान्त, धर्म, तथा जाति वाला देश है। यहां कुछ दूरी पर जाते ही भाषा बदल जाती है, फिर भी भारत की विशेषता उसकी अनेकता में एकता है। हम सभी हर तरह से भिन्न होने के बाद भी एक जैसे हैं। इस व्याख्यान का महत्व इस सुप्रसिद्ध गीत से पता चलता है ‘हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं, रंग रूप वेषभाषा चाहे अनेक हैं’।
राष्ट्रीय एकता से तात्पर्य
देश के नागरिक जब छुआछूत और जात-पात के भावना से ऊपर उठ कर भाई-चारे के समूह में बंध जाते हैं। इस बंधन को राष्ट्रीय एकता कहते है। जिसमें “राष्ट्र” सभी के लिए सर्वोपरि है उस भावना को राष्ट्रीय एकता के नाम से संबोधित किया गया है। राष्ट्रवादियों के अनुसार- “व्यक्ति राष्ट्र के लिए है, राष्ट्र व्यक्तियों के लिए नहीं” इस दृष्टि से व्यक्ति का राष्ट्र के अभाव में कोई अस्तित्व नही।
राष्ट्रीय एकता का महत्व
देश को गुलामी, साम्प्रदायिक झगड़ों, दंगों से बचाने के लिए राष्ट्र में एकता का होना अतिआवश्यक है। 200 साल से भी अधिक की गुलामी के पश्चात प्राप्त स्वतंत्रता का हमें सम्मान करना चाहिए तथा किसी भी कारणवश राष्ट्र एकता पर उंगली उठ सके, ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए। ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा यह पाए जाने पर की फूट डालो और राज करो की नीति हम पर काम करेगी। उनका मनोबल बढ़ गया और उन्होंने ऐसा ही किया। एकता में शक्ति है अतः हमें राष्ट्र एकता के महत्व को समझना चाहिए।
निष्कर्ष
भारत की विशेषता उसकी अनेकता में एकता का होना है। किसी भी राष्ट्र के लिए राष्ट्र की एकता हथियार के रूप में कार्य करता है। राष्ट्रीय एकता के न होने की स्थिति में किसी भी राष्ट्र को बड़े आसानी से तोड़ा जा सकता है। अतः हम सभी देशवासियों को राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझना चाहिए।
परिचय
राष्ट्र के लिए, राष्ट्रीय एकता, अखंडता के महत्व को समझते हुए देशवासियों के हृदय में एकता की भावना प्रवाहित करने तथा राष्ट्रीय एकता को गंभीरता से लेने के लिए राष्ट्रीय एकता दिवस और राष्ट्रीय एकता सप्ताह दोनों हीं अगल-अगल समय पर आयोजित किया जाता है। दोनों समारोह का उद्देश्य एक है राष्ट्रीय एकता के महत्व के प्रति जन जागरूकता फैलाना।
राष्ट्रीय एकता दिवस
सरदार वल्लभ भाई पटेल के देश को एक सूत्र में पिरों के रखने की सोच को सदैव देशवासियों के स्मृति में जिंदा रखने के लिए, 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 31 अक्टूबर को वल्लभ भाई पटेल के जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
राष्ट्रीय एकता सप्ताह
राष्ट्रीय एकता और अखंडता को उत्सव के रूप में पूरे सप्ताह मनाया जाता है। इससे संबंधित सूची निम्नवत् है।
देश को बाहरी शक्ति से बचाने के लिए – राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता
देश को बाह्य (बाहरी) शक्ति से बचाने के लिए सभी देशवासियों में राष्ट्रीय एकता की भावना का होना बहुत जरूरी है। इतिहास गवाह है जब-जब राष्ट्र में राष्ट्रीय एकता को ताक पर रखा गया है तब-तब किसी बाहरी शक्ति ने इसका लाभ उठा कर हमें तोड़ कर रख दिया है। भिन्न-भिन्न समय पर हमारे देश में अनेक शासकों ने शासन किया। जिससे विभिन्न जाति भारत में फल-फूल पायी।
संचार का कोई सशक्त माध्यम न होने के वजह से ब्रिटिश सरकार को यह अनुमान लग गया की वह हमें जाति और धर्म के नाम पर बहुत आसानी से तोड़ सकते हैं और उन्होंने यही किया। हमारे देश के स्वतंत्रता सैनानियों को इस बात का आभास होने पर उन्होंने सर्वप्रथम राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधा। कुछ तो जेल से ही अपने कलम के दम पर देश में राष्ट्रीय एकता के महत्व को बताने चल पड़े।
जंग जीतने के लिए – राष्ट्रीय एकता
राष्ट्रीय एकता की भावना निहित होने पर देश कम सैन्य शक्ति में भी विजय प्राप्त कर सकता है। इसके विपरीत अनेकों सैनिक तथा हथियार के होने पर भी एकता के अभाव में राष्ट्र जीती हुई बाजी हार जाता है।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अभाव में हम पुनः दासतापूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए प्रतिबद्ध हो सकते हैं। राष्ट्र से हम हैं, हम से राष्ट्र नहीं! राष्ट्र के न होने पर हमारा कोई अस्तित्व नहीं इसलिए राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।
परिचय
स्वतंत्र देश के लिए राष्ट्रीय एकता का बहुत महत्व है। राष्ट्रीय एकता का भाव न रखने वाला व्यक्ति मेरे समझ से देशद्रोही है क्योंकि राष्ट्रीय एकता के अभाव में देश कमज़ोर हो जाता है। भारत विभिन्न भाषा, बोली वाला देश है इसके बावजूद अनेकता में एकता के लिए प्रसिद्ध है तथा यही भारत की विशेषता है।
वर्तमान में राष्ट्रीय एकता का महत्व
राष्ट्रीय एकता में बाधा
एकता के लिए दौड़े (रन फॉर यूनिटी)
सरदार वल्लभ भाई पटेल देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपने दिए गए योगदान के लिए जाने जाते हैं। अतः 31 अक्टूबर 2014, देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री तथा प्रथम गृहमंत्री के 144 वें जन्म दिवस के अवसर पर उस समय के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर मालार्पण किया और देशवासियों से रन फॉर यूनिटी, मैराथन दौड़ में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आग्रह किया। इस मैराथन दौड़ का उद्देश्य लोगों में राष्ट्रीय एकता के महत्व को बताना एवं फिर से एक बार राष्ट्र को एकता के सहारे बंद मुट्ठी के रूप में ढ़ालना था।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए ही कानून की किताब (संविधान) को नीतियों से भरा गया है। स्वतंत्र भारत के लिए राष्ट्रीय एकता महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। अतः हमें हर हाल में राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना चाहिए।