प्लास्टिक बैगों का उपयोग कई कार्यो के लिये किया जाता है। जिसमे कि इसका सबसे ज्यादे उपयोग किराने का सामान लाना में किया जाता है। यह प्लास्टिक बैग बाजार में आसानी से उपलब्ध है, जिससे इनका व्यापक रुप से इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इनका निस्तारण एक बड़ी समस्या है क्योंकि प्लास्टिक बैग एक नान-बायोडिग्रेडबल पदार्थ है। इसी वजह से यह भूमि प्रदूषण का मुख्य कारण बन गया है, इन प्लास्टिक बैगों के हानिकारक प्रभावो से पर्यावरण को बचाने के लिये इनपर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है।
प्रस्तावना
प्लास्टिक बैगों को इसलिये अधिक पसंद किया जाता है क्योंकि यह काफी किफायती होने के साथ ही काफी हल्के और इस्तेमाल करने में भी आसान होते है। भले ही यह इतने व्यापक रुप से लोकप्रिय है, परन्तु हमें पर्यावरण और स्वास्थ्य पर इनके हानिकारक प्रभावो को नही भूलना चाहिए।
प्लास्टिक बैग पर्यावरण के लिये एक गंभीर संकट
प्लास्टिक बैगों के अंदर सिंथेटिक पालीमर नामक एक पदार्थ होता है, जोकि पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक होता है और क्योंकि यह नान-बायोडिग्रेडबल होता है, इसी वजह से इसका निस्तारण भी काफी कठिन है। प्लास्टिक बैग वजन में काफी हल्के होते है इसलिये ये हवा द्वारा आसानी से एक जगह से दूसरी जगह उड़ा कर इधर-उधर बिखेर दिये जाते है। यह केवल शहरो और कस्बो में ही प्रदूषण नही फैलाते बल्कि की जलीय स्रोतों और महासागरो में पहुंचकर में पहुचकर समुद्री जीवों के लिये भी गंभीर समस्या उत्पन्न कर देते है।
प्लास्टिक बैग स्वास्थय के लिये खतरा
प्लास्टिक बैग के कारण मानव स्वास्थ्य के लिये भी कई तरह के संकट उत्पन्न हो जाते है, इसके साथ ही यह पशुओ के लिये भी काफी हानिकारक है। खराब खाना और सब्जिया तथा फलो के छिलके आदि प्लास्टिक बैगों के साथ ही फेक दिये जाते है, जिससे पशु-पक्षियो द्वारा इन्हे अपने खाने के साथ निगल लिया जाता है। जिससे उनके अंदर कई तरह की बीमारियां और स्वास्थ्य संबधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है, इसके साथ ही काफी ज्यादे मात्रा में प्लास्टिक निगल लेने के वजह से यह उनके गले में फस जाता है, जिससे इन निरीह पशुओ की मृत्यु तक हो जाती है।
इसी तरह समुद्री जीवों द्वारा भी प्लास्टिक बैग या उसके टुकड़ो को भ्रमवश अपना भोजन समझकर खा लिया जाता है, जिससे प्लास्टिक का जहरीला तत्व उनके भीतर कई स्वास्थ्य संबधी समस्याएं उत्पन्न कर देता है। इसके अलावा जो व्यक्ति इन मछलियो, केकड़ो और अन्य समुद्री जीवों को खाते है उसके भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।
इसी तरह से प्लास्टिक के द्वारा होने वाले प्रदूषण से अन्य कई समस्याएं भी उत्पन्न होती है।
निष्कर्ष
इस प्रकार से हम कह सकते है कि प्लास्टिक बैग हमारे पर्यावरण के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य लिए गंभीर भी एक गंभीर संकट बन चुका है और अब यह वह समय है जब हमें इसके उपयोग को रोकना होगा। इसके लिये हमें अपनी क्षणिक सुविधाओ को छोड़कर इसके व्यापक रुप से होने वाले नुकसान को देखना होगा। इसके अलावा कुछ आसान उपायो जैसे कि बाजार से सामान खरीदने के लिये हम प्लास्टिक बैग के जगह कपड़े के बैग का इस्तेमाल कर सकते है, जिससे हम आने वाले समय में वातावरण के स्वच्छता में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते है।
प्रस्तावना
प्लास्टिक बैग किराने का सामान लाने के लिये इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे व्यापक वस्तुओं में से एक है। हालांकि यह सबसे खराब तरह के बैगों में से भी एक है क्योंकि इनके उपयोग से पर्यावरण पर काफी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। ये प्लास्टिक बैग समय के साथ छोटे-छोटे टुकड़ो में टुट जाता है, परन्तु विघटित नही होता है, क्योंकि यह नान-बायोडिग्रेडबल होते है। यह पर्यावरण में वर्षो तक बना रहता है, जिससे भूमि, वायु और जल प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है।
प्लास्टिक बैगों का पेड़-पैधो पर हानिकारक प्रभाव
पेड़-पौधे हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग है। वह जीवनदायी आक्सीजन के महत्वपूर्ण स्त्रोत है जिससे कि पृथ्वी पर जीवन संभव है। दुर्भाग्य से हम मनुष्यों द्वारा ईश्वर के द्वारा बनायी गयी इस महात्वपूर्ण रचना को नष्ट किया जा रहा है। क्योंकि प्लास्टिक बैग काफी हल्के होते है, इसलिये यह हवा द्वारा आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिखेर दिये जाते है। जिससे खेती की भूमि प्रभावित होती है और यह मिट्टी की गुणवत्ता को खराब करके उसे कम उपजाऊ बना देते है। इसके साथ ही यह जमीन में बोये गये बीज को हानि पहुंचाकर पेड़-पौधो की वृद्धि को प्रभावित करता है।
मनुष्यो और पशुओं पर प्लास्टिक बैग का हानिकारक प्रभाव
जैसे-जैसे पर्यावरण का स्तर बिगड़ता जा रहा है वैसे-वैसे ही खेती के फसलो और पेड़-पौधो की वृद्धि प्रभावित होती जा रही है। जिससे दिन-प्रतिदिन मनुष्यो और पशुओं की जीवन दशा खराब होती जा रही है। प्लास्टिक बैग से उत्पन्न प्रदूषण से मनुष्य और पशु प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से अवश्य प्रभावित होते है।
जानवरो द्वारा इधर-उधर खुले में पड़ा हुआ प्लास्टिक खा लिया जाता है, जिससे उनका पाचन तंत्र खराब हो जाता है और उनमें विभिन्न तरीके की स्वास्थ्य संबधी समास्याएं उत्पन्न हो जाती है। इसी तरह से कई पक्षियों, मछलियों और अन्य समुद्री जीवों द्वारा पानी में तैरते हुए प्लास्टिक को खा लिया जाता है, जिससे उनमें कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है और जो लोग इन जीवों को खाते है उनके भी संक्रमित या बिमार होने की समस्या बनी रहती है।
इसके अलावा जानवरो और समुद्री जीवों द्वारा जब ज्यादे मात्रा में प्लास्टिक खा लिया जाता है तो दम घुटने से उनकी मृत्यु भी हो जाती है।
निष्कर्ष
प्लास्टिक बैगों के द्वारा पर्यावरण में भारी मात्रा में प्रदूषण फैलता है। इन्ही कारणो से सरकार द्वारा इन प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहीये, इसके साथ ही एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम इन प्लास्टिक बैगों का उपयोग बंद कर दे। वास्तव में सरकार को इनके उत्पादन पर ही प्रतिबंध लगा देना चाहीये, जिससे बाजार में इनका प्रचलन बंद हो जाये तथा इस समस्या को और भी ज्यादे भयावह होने से रोका जा सके।
प्रस्तावना
प्लास्टिक बैग सामान लाने के लिये एक बहुत ही सुविधाजनक साधन है और यह हमारे आधुनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। हम लगभग प्रतिदिन ही इनका उपयोग करते है और जब दुकानदार द्वारा हमें बताया जाता है कि इनका उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है और हमे अपना खुद का बैग लाना होगा या कपड़े का बैग खरीदना होगा तो हममें से कई लोग इस बात को लेकर नाराज भी हो जाते है। हम इस बात को समझने में नाकाम हो जाते है कि सरकार ने हमारी भलाई के लिए ही इन प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध लगाया है।
प्लास्टिक बैगों का उपयोग क्यों बंद करे?
यहा कुछ कारण बताये गये है कि क्यों हमें प्लास्टिक बैगों का उपयोग बंद करना चाहिये और पर्यावरण के अनूकुल दूसरे विकल्पो को अपनाना चाहीए।
1.भूमि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण
प्लास्टिक बैग एक नान-बायोग्रेडिबल पदार्थ है, इसलिये इनका उपयोग अच्छा नही माना जाता है क्योंकि इनका उपयोग करने से भारी मात्रा में अपशिष्ट इकठ्ठा हो जाता है। यह इस्तेमाल करके फेंक दिए जाने वाले प्लास्टिक बैग निस्तारण के लिए भी एक गंभीर समस्या है। यह छोटे-छोटे टुकड़ो में टुट जाते है और वातावरण में हजारो वर्षो तक बने रहकर प्रदूषण फैलाते है।
2.जल प्रदूषण में वृद्धि करता है
प्लास्टिक काफी हल्का होता है और लोगो द्वारा उपयोग करके इधर-उधर फेंक दिया जाता है, जिससे यह हवा द्वारा उड़कर जल स्त्रोतो में पहुंच जाते है। इसके अलावा पैक्ड खाद्य पदार्थ भी प्लास्टिक पैकिंग में आते है और जो व्यक्ति पिकनिक और कैंपिग के लिये जाते है तो इन खराब प्लास्टिक बैगों को वही फेंक देते है, जिससे यह आप पास के समुद्रो और नदियों में मिलकर जल प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न करता है।
3.पेड़-पौधो की वृद्धि को प्रभावित करता है
प्लास्टिक बैग में मौजूद विभिन्न रसायन मिट्टी को दूषित कर देते है। ये मिट्टी को बंजर बना देता है, जिससे पेड़-पौधो की वृद्धि रुक जाती है। इसेक साथ ही यह खेती को भी प्रभावित करता है जो हमारे देश में रोजगार का सबसे बड़ा क्षेत्र है।
4.जानवरो में उत्पन्न होती गंभीर बीमारियां
जानवर प्लास्टिक बैग और फेंके गये खाने में फर्क नही समझ पाते है, जिससे वह कचरे के डिब्बो या जगहो से फेंके गये भोजन के साथ प्लास्टिक को भी खा लेते है और यह उनके पाचन तंत्र में फंस जाता है तथा ज्यादे मात्रा में प्लास्टिक खा लेने पर यह उनके गले में फस जाता है जिससे दम घुटने से उनकी मृत्यु हो जाती है। इसके आलावा छोटे-छोटे मात्रा में उनके द्वारा जो प्लास्टिक खाया जाता है वह उनके पेंट में इकठ्ठा हो जाता है, जिससे यह जानवरो में कई तरह के बीमारियों का कारण बनता है।
5.जलवायु परिवर्तन के लिये जिम्मेदार
प्लास्टिक बैग ज्यादेतर पोलीप्रोपलाईन से बने होते है जोकि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से बनता है। यह दोनो ही अनवकरणीय जीवाश्म ईंधन है और इनके निष्कर्षण से ग्रीन हाउस गैसे उत्पन्न होती है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है।
प्लास्टिक बैग का उपयोग कैसे बंद करे?
यद्यपि प्लास्टिक बैग हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गये है, लेकिन फिर भी इनका उपयोग रोकना इतना कठिन नही है, जितना की यह दिखता है। सरकार द्वारा हमारे देश के कई राज्यो में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन फिर भी लोग इनका धड़ल्ले से उपयोग कर रहे है और बाजारो में यह अभी भी आसानी से उपलब्ध है।
सरकार को इस विषय को लेकर कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है, जिससे की इनका उपयोग बंद किया जा सके। इसके साथ ही एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम इनका उपयोग बंद कर दे। प्लास्टिक प्रतिबंध तभी सफल हो सकता है, जब हममे से हर एक व्यक्ति इनका उपयोग करना बंद कर दे।
निष्कर्ष
प्लास्टिक बैगों के उपयोग से उनका नकरात्मक प्रभाव समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है। इनके द्वारा पर्यावरण को होने वाले नुकसानो से तो हम सभी परिचित है। अब अपने पर्यावरण की सुरक्षा के लिये हमें प्लास्टिक उपयोग को बंद करने जैसे बड़े फैसले लेने की आवश्यकता है।
प्रस्तावना
प्लास्टिक एक मानव निर्मित पदार्थ है, दूसरे प्राकृतिक पदार्थो के तरह इसका निस्तारण करना संभव नही है क्योंकि यह एक नान-बायोडिग्रडबल पदार्थ है। प्लास्टिक बैगों का पूरे विश्व भर में भारी मात्रा में उत्पादन किया जाता है, जिससे की भारी मात्रा में कचरे की उत्पत्ति होती है। यह कचरा पृथ्वी पर हजारो वर्षो तक बना रहता रहता और इससे भूमि, जल और वायु प्रदूषण उत्पन्न होता है। इस तरह से यह कई तरह की गंभीर बीमारियों और पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनता है।
प्लास्टिक बैगों को पूर्ण रुप से प्रतिबंधित किया जाना चहिए क्योंकि यह पर्यावरण के लिए एक गंभीर समस्या है
जब प्लास्टिक बैगों को इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है, तो यह पर्यावरण के लिये गंभीर संकट बन जाता है। यह भूमि को प्रदूषित करने के साथ ही पेड़-पौधो और फसलो के वृद्धि को भी प्रभावित करता है। इसके द्वारा जंगली पौधे और खेती की फसल दोनो ही प्रभावित होते है। जब पेड़-पौधो को नुकसान पहुंचता है तो इससे पूरा पर्यावरण नकरात्मक रुप से प्रभावित होता है।
पशु-पक्षियो द्वारा भी भ्रमवश इन प्लास्टिक बैगों को अपना भोजन समझकर खा लिया जाता है, जिससे वह बीमार पड़ जाते है। हर साल काफी संख्या में पशु-पक्षीओं और समुद्री जीवों की प्लास्टिक बैगों को खा लेने के कारण मृत्यु हो जाती है। बढ़ते भूमि और जल प्रदूषण में भी प्लास्टिक बैगों का महत्वपूर्ण योगदान है, इसी कारणवश पर्यावरण का स्तर दिन-प्रतिदिन नीचे गिरता जा रहा है।
इसके अलावा प्लास्टिक के उत्पादन में पेट्रोलियम का उपयोग किया जाता है, क्योंकि पेट्रोलियम एक गैर-नवकरणीय ऊर्जा संसाधन है और इसका उन अन्य कार्यो के लिये भी उपयोग किया जाता है, जिनके बिना हम अपने जीवन की परिकल्पना भी नही कर सकते। इसलिये हमें अपने इन प्रकृतिक संसाधनो की रक्षा करनी होगी ना कि उनको प्लास्टिक उत्पादन जैसे प्रदूषण और कचरा फैलाने वाले कार्यो में व्यर्थ करना चाहिये।
पर्यावरण की सुरक्षा के लिये प्लास्टिक पर प्रतिबंध आवश्यक
1.सरकार को कड़े फैसले लेने की आवश्यकता
विश्वभर में कई राष्ट्रो द्वारा प्लास्टिक बैगों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। भारत सरकार द्वारा भी देश के कई राज्यो में प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लेकिन क्योंकि इन नियमो को सही तरीके से लागू नही किया गया है इसलिये इनसे कोई खास सफलता नही प्राप्त हुई और अभी भी बाजारो में इनका खुलेआम उपयोग किया जाता है। इस विषय में सरकार को कड़े फैसले लेने के साथ ही इसके लिये बनाये गये नियमो का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है। नीचे बताये गये कुछ सुझावो द्वारा प्लास्टिक बैगों के प्रतिबंध का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सकता है।
2.लोगो द्वारा इस विषय में ज्यादा परिपक्वता की आवश्यकता
यह वह समय है जब हमारे देश के लोगो को समझना होगा कि उनकी ही भलाई के लिये प्लास्टिक जैसी भयावह वस्तु को प्रतिबंधित किया गया है। लोगो को यह समझना होगा की पर्यावरण की स्वच्छता और हमारे स्वस्थ्य जीवन के लिए ही इन प्लास्टिक बैगों के प्रतिबंधित किया गया है। लोगो द्वारा इस समस्या को और परिपक्वता से समझने के आवश्यकता है, जिससे वह प्लास्टिक बैगों का उपयोग बंद करके इस गंभीर समस्या से निपटने में अपना महात्वपूर्ण योगदान दे सके।
3.प्लास्टिक बैगों के विकल्पो को अपनाकर
हम प्लास्टिक बैगों के उपयोग के आदि हो चुके है, क्या इनकी जगह दूसरी चीजो का उपयोग करना या इनका उपयोग करना इतना मुश्किल है? तो इसका जवाब है ना, जी हाँ बिल्कुल ठिक सुना आपने प्लास्टिक बैगों के ऐसे कई विकल्प है, जिनको हम आसानी से अपना सकते है।
ज्यादेतर प्लास्टिक बैग दुकानदारो द्वारा किराना या अन्य सामान देने के लिये किया जाता है। इसका सबसे अच्छा उपाय है कि जब भी हम बाजार जाए तो उपने साथ कपड़े या जूट का बैग लेकर जाए। कपड़े के बने हुए बड़े आकार के बैग आसानी से बाजार में उपलब्ध है, हम चाहे तो इन्हे खरीदकर कई बार इनका उपयोग कर सकते है। ये कपड़े के बने हुये बैग प्लास्टिक बैगों के तुलना में काफी अच्छे है, क्योंकि सामान लाने की इनकी क्षमता प्लास्टिक बैगों की तुलना में काफी ज्यादे होता है इसलिये हम इनमें आसानी से ज्यादे सामान ला सकते है। जोकि छोटे-छोटे कई प्लास्टि बैगों का उपयोग करने के ज्यादे अच्छा है। इसके साथ ही कपड़े से बने बैग सामान लाने में भी ज्यादे सुविधाजनक होते है।
हम चाहे तो प्लास्टिक बैगों की जगह पेपर बैगों का भी इस्तेमाल कर सकते है। कई सारे दुकानो ने प्लास्टिक बैग के विकल्प के रुप में पेपर बैग देना शुरु कर दिया है जोकि एक सराहनीय पहल है, इन छोटे छोटे उपायो द्वारा भी हम प्लास्टिक प्रदूषण जैसी भयावह समस्या पर काफी हद तक काबू पा सकते है।
निष्कर्ष
हम मनुष्यों द्वारा पृथ्वी को काफी गंभीर रुप से नुकसान पहुचाया गया है। हमने पर्यावरण के स्तर को बिगाड़ दिया है और दिन-प्रतिदिन इसकी स्थिति और भी बदतर होती जा रही है। प्लास्टिक बैग के जगह कपड़े का बैग इस्तेमाल करके हम पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है। इन छोटे-छोटे उपायो द्वारा भी हम पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करके भविष्य में होने वाले इसके भयावह परिणामों को टाल सकते है।
सम्बंधित जानकारी: