अध्यापक हमारे जीवन में वह व्यक्ति होता है, जो हमें अच्छी शिक्षा के साथ बहुत सी अन्य महत्वपूर्ण चीजों को सिखाता है। एक अध्यापक अपने विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक मायने रखता है। वह हमारे जीवन में विकास की प्रारम्भिक अवस्था से हमारे परिपक्व होने तक बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह हमें और हमारे भविष्य को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने की ओर मोड़ देते हैं।
शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | मेरे शिक्षक पर निबंध
परिचय
रश्मि मैम मेरी सबसे प्रिय अध्यापिका है। वह हमें हिन्दी और कम्प्यूटर पढ़ाती है। उनका व्यक्तित्व एकदम अलग है। वह कक्षा में पढ़ाई के दौरान मनोरंजन के लिए कुछ चुटकुले भी सुनाती है और पढाई की ओर हमारा ध्यान खिंचती है। मैं हिन्दी विषय में बहुत अच्छा नहीं हूँ इसलिए वह हिन्दी भाषा को सुधारने में मेरी बहुत मदद करती है। वह हमेशा कुछ प्रश्नों के उत्तर खोजने और याद करने के लिए देती है और अगले दिन उन्हें पूछती है।
मेरी अध्यापिका की विशिष्टता
वह क्म्प्यूटर के बारे में हमारी अवधारणाओं को अधिक निश्चित और स्पष्ट बनाने के लिए हमें कम्प्यूटर की प्रयोगशाला में ले जाती है। वह पढ़ाते समय बिल्कुल शान्ति पसंद करती है। वह कभी भी अपने कमजोर विद्यार्थी को अपने पढ़ाए हुए पाठ के, समझ न आने पर उसे स्पष्ट किए बिना नहीं छोड़ती है। वह सभी को कक्षा में पढ़ाये गए विषयों को स्पष्ट करती है और हमें उससे संबंधित प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करती है।
मेरी अध्यापिका के पढ़ाने का तरीका
वह कभी भी अगला पाठ तब तक शुरु नहीं करती, जब तक कि हम पिछले वाले को पूरी तरह से नहीं समझ लेते हैं। उनका स्वभाव बहुत ही प्यारा, और कक्षा के सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखने वाला है। उनकी कक्षा के दौरान कोई भी झगड़ा या लड़ाई नहीं करता है। उन्होंने अपनी कक्षा में बैठने के लिए सप्ताहिक आधार पर रोटेशन बनाया हुआ है, ताकि कोई भी विद्यार्थी कमजोर न रहे। मेरे सभी मित्र उन्हें पसंद करते हैं और उनकी कक्षा में नियमित रुप से उपस्थित रहते हैं।
निष्कर्ष
वह अतिरिक्त समय देने के माध्यम से कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों की सहायता करती है। वह हमारी पढ़ाई से अलग समस्याओं को भी सुलझाती है। वह हमें पढ़ाई से अलग स्कूल में आयोजित खेलों या अन्य प्रतियोगिताओं में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है।
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जब मैं कक्षा 3 और 4 में था, उस समय मेरे प्रिय अध्यापक सुनील दत्त थे, जिन्होंने मुझे दो साल तक अंग्रेजी और गणित पढ़ाया था। वह बनारस से थे हालांकि, स्कूल के आसपास के क्षेत्र में रहते थे। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पूरी की थी। उनका स्वभाव बहुत ही नम्र और दयालु था। वह कक्षा में छोटे बच्चों को संभालना अच्छे से जानते थे।
उनके पढ़ाने का अद्वितीय ढंग मुझे आज भी याद है। जो कुछ भी उन्होंने मुझे पढ़ाया, वो सबकुछ मुझे आज भी याद है। उन्होंने मेरी गणित अवधारणाओं को स्पष्ट किया। वर्तमान में, मैं कक्षा 5 में पढ़ता हूँ हालांकि उन्हें बहुत याद करता हूँ। जब कभी भी मुझे गणित के कठिन सवालों को हल करने की आवश्यकता पड़ती है, तो मैं उनसे कभी-कभी मिलता भी हूँ। वह अच्छे शरीर, चमकदार आँखे और भूरे बालों के साथ बहुत ही अच्छे लगते हैं। मैं उन्हें अच्छे व्यक्तित्व और नम्र स्वभाव के कारण बहुत अधिक पसंद करता हूँ।
वह हमेशा मुस्कुराते हुए हमारी कक्षा में प्रवेश करते थे और सबसे पहले हमारे स्वास्थ्य के बारे में पूछते थे। जब कभी भी खेल के अध्यापक अनुपस्थित होते थे, तो उन्हें हमेशा खेल के सहायक अध्यापक के रुप में भी नियुक्त किया जाता था। उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा है हालांकि, अध्ययन में बहुत ही सख्त है। वह हमेशा उन विद्यार्थियों को सजा देते थे, जो अपना गृह कार्य पूरा नहीं करते थे।
वह शिक्षण की अच्छी तकनीकियों के साथ, दोस्ताना स्वभाव, हास्य, धैर्यवान और आसानी से सभी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने वाले अच्छे अध्यापक थे। मैं उनके आज्ञाकारी विद्यार्थियों में से एक था। कभी-कभी वह हमें कक्षा टेस्ट में और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने पर चॉकलेट देते थे। वह घर के लिए कभी भी बहुत अधिक गृह कार्य नहीं देते थे। वह बहुत ही उत्साहित और हमें हमेशा पढ़ाई में सबसे अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे।
मेरी प्रिय अध्यापिका विज्ञान की शिक्षक है। उनका नाम संजना कौशिक है। वह स्कूल परिसर के पास ही रहती है। वह स्कूल की सबसे अच्छी अध्यापिका है और उन्हें मेरे सभी मित्र बहुत पंसद करते हैं, क्योंकि वह बहुत अच्छा पढ़ाती है। कोई भी उनकी कक्षा में ऊबता नहीं है, क्योंकि वह पढ़ाई के दौरान कुछ मनोरंजक बातें भी बताती है। मैं कक्षा में उनके पढ़ाने की रणनीति को बहुत अधिक पसंद करता हूँ।
वह कक्षा में जो भी पाठ अगले दिन पढ़ाने वाली होती है, उसे सभी विद्यार्थियों को घर से पढ़कर आने के लिए कहती है। वह कक्षा में उस पाठ को पढ़ाती है और उसे स्पष्ट करने के लिए बहुत से प्रश्न करती है। वह अगले दिन भी उसी पाठ पर सवाल करती है। इस तरह से, हम एक विशेष पाठ के बारे में पूरी तरह से जान लेते हैं। वह तीन या चार पाठ पढ़ाने के बाद में टेस्ट लेती है। वह शिक्षक के पेशे से प्यार करती है और हमें पूरे जोश और उत्साह के साथ पढ़ाती है।
वह हमारे साथ बहुत ही मित्रवत व्यवहार करती है और हमें उनसे कभी भी डर नहीं लगता है। हम बिना किसी डर के कक्षा में या उनके केबिन में उनसे कोई भी प्रश्न पूछते हैं। वह कक्षा में पढ़ाने के दौरान प्रत्येक और सभी विद्यार्थियों की गतिविधियों को देखती है और शरारती बच्चों को दंडित भी करती है। वह हमें हमेशा पढ़ाई पर ध्यान देने और कक्षा में जो भी अध्यापक कुछ कह रहा है उसकी बातों का पालन करने के लिए कहती है।
वह हमेशा कहती है कि, यदि आप अपने जीवन में वास्तव में सफल होना चाहते हो, तो आपको अपने अध्यापक द्वारा बताई गई चीजों का ध्यान रखना चाहिए और उनका जीवन भर पालन करना चाहिए। वह कमजोर और बुद्धिमान बच्चों में कोई भी भेदभाव नहीं करती है। वह कमजोर बच्चों का बहुत अधिक सहयोग करती है और होशियार बच्चों से कमजोर सहपाठियों की मदद करने का अनुरोध करती है। वह हमें बताती है कि, हमें अपनी पढ़ाई और जीवन के उद्देश्य के बारे में गंभीर होना चाहिए।
वह बहुत अधिक प्रोत्साहित करने वाली अध्यापक है, जो न केवल हमें पढ़ाई में प्रोत्साहित करती है, बल्कि पाठ्योत्तर गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करती है। वह विद्यार्थियों को शैक्षणिक स्तर पर या खेल गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए व्यक्तिगत रुप से प्रोत्साहित करती है। वह कमजोर विद्यार्थियों को अपने घर में मुफ्त ट्यूशन देती है। सभी छात्र विज्ञान विषय में कक्षा टेस्ट और परीक्षा, दोनों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। वह स्कूल की उप-प्रधानाचार्या भी है। इसलिए, वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाती है। वह स्कूल परिसर में हरियाली और स्वच्छता की पूरी तरह से देखरेख करती है।
वह कभी भी गंभीर या गुस्से में नहीं लगती है क्योंकि, उनका चेहरा मुस्कुराता हुआ है। वह स्कूल में हमें अपने बच्चों की तरह खुश रखती है। वह स्कूल में किसी भी कार्यक्रम या प्रतियोगिता के आयोजन पर पूरी तरह से ध्यान रखती है। वह सभी विद्यार्थियों से नम्रता से बात करती है और स्कूल में किसी भी परेशानी वाली परिस्थिति को अच्छे से संभालना जानती है।
सम्बंधित जानकारी:
उत्तर – एक शिक्षक ही है जो छात्र के सफल जीवन के लिए उसका मार्गदर्शन करता है।
उत्तर – छात्र शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को उपहार देकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।
उत्तर – शिक्षक एक कुम्हार की तरह होता है जो कच्ची मिट्टी रूपी छात्र के जीवन को आकर देता है।
उत्तर – अपने शिक्षक की बातों को मानकर उनके आदर्शों का पालन करना ही एक छात्र का कर्तव्य होता है।