प्रवासी भारतीय दिवस भारत सरकार द्वारा भारतीय प्रवासियों को समर्पित किया गया दिन है। यह प्रतिवर्ष 9 जनवरी के दिन मनाया जाता है, यह दिन भारतीय प्रवासियों के द्वारा विदेशों में अपनी मेहनत और लगन से भारत का नाम बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इसी दिन महात्मा गाँधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आये थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नेतृत्व की बागडोर संभाली थी।
यह दिन प्रवासी भारतीयों के भारत के विकास में दिये गये योगदान को दर्शाता है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यों द्वारा विदेशों में ना सिर्फ भारत का नाम रोशन किया है बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस साल 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को मनाया गया। यह आयोजन 9 जनवरी 2023 (सोमवार) को किया गया था। प्रवासी भारतीय दिवस 2023 का थीम “प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार” था।
प्रवासी भारतीय दिवस के स्पेशल गेस्ट सूरीनाम प्रेसिडेंट चन्द्रिका प्रसाद थे और चीफ गेस्ट गुयाना के प्रेसिडेंट डॉ मोहम्मद इरफ़ान अली थे। इस बार केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार दोनों ने साथ मिलकर इंदौर में 8 जनवरी से 10 जनवरी तक तीन दिवसीय 17वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया था।
प्रवासी भारतीय दिवस भारतीय प्रवासियों के सम्मान में मनाया जाता है। जिन्होंने ने अपने लगन और मेहनत से विदेशों में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया और अपने देश का मान बढ़ाया। प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत सन् 2003 से हुई थी। इस दिन को 9 जनवरी के दिन मनाने के पीछे एक ऐतिहासिक कारण है जब महात्मा गाँधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आये थे।
यही कारण है कि इस दिन को 9 जनवरी के दिन मनाया जाता है। सरकार को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का सुझाव सर्वप्रथम स्वर्गीय लक्ष्मी मल द्वारा दिया गया था। उनका मानना था कि भारतीय प्रवासी भारत के तरक्की में भारतीय नागरिकों के तरह ही सहयोगी है और उन्हें उचित सम्मान देकर हम भारत की तरक्की को एक तीव्र गति दे सकते है।
प्रवासी भारतीय दिवस पर होने वाले कार्यक्रम
प्रवासी भारतीय दिवस पर कई सारे कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। मुख्यतः यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किये जाता है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण, पुरस्कार वितरण जैसे कार्यक्रम प्रमुख होते है। प्रवासी भारतीय दिवस पर होने वाले यह कार्यक्रम इस उत्सव की शोभा को और भी बढ़ा देते है। इस दिन भारत सरकार द्वारा किसी महत्वपूर्ण भारतीय प्रवासी को इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया जाता है, जिसने की अपने कार्यों द्वारा भारत का नाम रोशन किया हो।
इसके बाद भारतीय प्रवासियों के उपलब्धियों पर चर्चा की जाती है तथा इसके साथ ही उनकी परेशानियों और समस्याओं पर भी चिंतन किया जाता है और इन्हें दूर करने का प्रयास किया जाता है। इस दौरान प्रवासी भारतीयों को भारत में तकनीकी और उद्योग को बढ़ाने के लिए निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भारत में निवेश करने वाले प्रवासियों के लिए भारत सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती है, ताकि उन्हें भारत में व्यापार और उद्योग स्थापित करने में आसानी हो।
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का अपना एक विशेष तरीका है। सबसे पहले इस कार्यक्रम का प्रधानमंत्री द्वारा दीप प्रज्वलित करके उद्घाटन किया जाता है। इसके बाद मुख्य अतिथि, प्रधानमंत्री और माननीय व्यक्ति अपने स्थान ग्रहण करते है। इन कार्यों के बाद इस दिन के जश्न में तमाम तरह के भाषण, रंगारंग तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है और इन सबके अंत में राष्ट्रपति द्वारा भारतीय प्रवासियों को विदेशों में भारत का नाम बढ़ाने के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
प्रवासी भारतीय दिवस अब तक इन जगहों पर मनाया गया है
किसी भी कार्यक्रम या आयोजन की थीम उसकी सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है, यह वह नारा होता है जो लोगों को उस आयोजन या कार्यक्रम का महत्व और उद्देश्य समझाता है। किसी आयोजन में थीम का होना इसलिए भी काफी आवश्यक होता है क्योंकि ज्यादातर लोग किसी आयोजन का दिन भलें ही भूल जाते हों पर उसके थीम को लंबे समय तक याद रखते है। इसी प्रकार से प्रवासी भारतीय दिवस के थीम हमें इस दिन का महत्व समझाने का प्रयास करते हुए, इस बात का अहसास दिलाते हैं कि हमारे देश की तरक्की में प्रवासी भारतीयों का भी एक बड़ा योगदान है।
प्रवासी भारतीय दिवस के पिछले वर्षों के थीम
प्रवासी भारतीय दिवस की आवश्यकता
प्रवासी भारतीय दिवस का दिन हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन हमें भारत के विकास में प्रवासी नागरिकों के योगदान की याद दिलाता है। जिन्होंने अपने कठिन परिश्रम से ना सिर्फ विदेशों में भारत का नाम बढ़ाया बल्कि की भारत की आर्थिक तरक्की में भी अहम योगदान दिया। भले ही भारत के प्रवासी नागरिक विदेशों में बस गये हो लेकिन उन्होंने अपनी संस्कृति और सभ्यता को आज भी अपनाये रखा है और हर मुश्किल समय में भारत के साथ खड़े रहते है। चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या फिर आर्थिक या राजनीतिक संकट प्रवासी भारतीयों ने हर तरह से भारत की सहायता करने का प्रयास किया तथा भारत की एकता और अखंडता के लिए अपने निवास देशों में सदैव भारत के पक्ष में आवाज उठाई।
उनके अपने मूल निवास के इस लगाव और भारत की प्रगति में उनके योगदान के कारण सन् 2003 से प्रवासी भारतीय दिवस का यह कार्यक्रम बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है।
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने के कारण
2016 में प्रकाशित हुए आकड़ो के अनुसार लगभग 3.10 करोड़ भारतीय प्रवासी विदेशों में रहते है, जिनमें से लगभग 1.8 करोड़ भारतीय मूल के प्रवासी है और 1.3 करोड़ गैर प्रवासी भारतीय है जो कि विश्व के 146 देशों में फैले हुए है। अपने कठिन परिश्रम और लगन के कारण भारतीय प्रवासियों को विदेशों में एक आदर्श अल्पसंख्यक नागरिक माना जाता है। अपनी इसी मेहनत के बलबूते वह आज विदेशों में कई सारे उच्च पदों पर पदस्थ है, जो हर मुश्किल हालातों में भारत का पक्ष लेते है।
भले ही भारतीय प्रवासियों ने भारत को छोड़ दिया पर उन्होंने अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ा है और वह जहां भी गये इसका प्रचार-प्रसार किया। जिससे की विदेशों में लोगों को भारतीय संस्कृति के विषय में और भी अच्छे से जानने में सहायता मिली। इसके अलावा उनके द्वारा भेजे गये धन से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है, आकड़ो के अनुसार प्रवासी भारतीय, जिसमें की विदेशों में काम कर रहे गैर प्रवासी भारतीय और मजदूर भी शामिल है। उनके द्वारा प्रतिवर्ष 69 बिलियनडालरकी राशि भारत भेजी जाता है, जो किरेमिटेंस के मामले में पूरे विश्व में सर्वाधिक है।
जिस तरह से भारत के महानतम प्रवासियों में से एक महात्मा गाँधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आये और भारत की आजादी का नेतृत्व करते हुए, हमें स्वतंत्रता दिलायी उसी तरह विदेशों में बसे भारतीय प्रवासियों के भारत के विकास में योगदान को देखते हुए प्रवासी भारतीय दिवस का यह कार्यक्रम इतने भव्य स्तर पर और धूम-धाम से मनाया जाता है।
प्रवासी भारतीय सम्मान
प्रवासी भारतीय दिवस को विदेशों में भारत का परचम लहराने वाले प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय दिवस के दिन प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा जाता ह। इसकी शुरुआत सन् 2003 में हुई थी यह पुरस्कार अपने कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रवासी भारतीयों को प्रदान किया जाता है। प्रवासी नागरिकों को यह सम्मान भारतीय राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। अभी तक यह पुरस्कार 136 लोगों को दिया जा चुका है।