नकारात्मक दिवास्वप्न कुछ और नहीं बल्कि हमारे नकारात्मक विचारों का ही नतीजा होता है; सकारात्मक जीवन के लिए हमें इसपर जीत हासिल करनी होती है। हमारे विचार अक्सर ही उन परिस्थितियों से होकर गुजरते हैं जिनका हम सामना करते हैं, अगर हमारा कोई दिन बुरा जाता है तो निश्चित रूप से यह हमारे दिमाग पर सोचने के तरीके पर असर डालता है। हमारे नकारात्मक विचार हमारी मानसिक शांति को भंग करते हैं; क्या होगा जब आपके दिमाग में तमाम तरह के नकारात्मक विचार आ रहे हों तो? नकारात्मक विचार हमे तत्काल के माहौल से निकाल कर उस नकारात्मकता में ले जाती हैं जहाँ हम अपने वर्त्तमान को हर उस नकारात्मक चीजों से जोड़ने लगते हैं।
नकारात्मक दिवास्वप्न क्या है और कैसे ये हमपर प्रभाव डालता है? (What is Negative Daydreaming and how it affects us?)
नकारात्मक दिवास्वप्न विचारों का एक परिणाम है जो हमें मानसिक अभाव की स्थिति प्रदान करता है और इसमें एक उदास मानसिक ढांचा, क्रोध में लिया गया निर्णय, जीवन के प्रति निराशावादी दृष्टिकोण, आदि शामिल होता है। जब कोई व्यक्ति हमेशा नकारात्मक सोचता है, तब नियमित कार्य करते वक़्त वह केवल जीवन की प्रतिकूलताओं की कल्पना करेगा, न कि उसके आसपास मौजूद सकारात्मक चीजों की। नकारात्मक दिवास्वप्न के परिणाम कुछ इस तरह से हैं:
नकारात्मक दिवास्वप्न हमारे नकारात्मक विचारों का परिणाम है, अगर हम खुद को किसी वजह से खो देते हैं और परेशान हो जाते हैं तो इसकी वजह से सबसे पहले हमारी मानसिक स्थिति गड़बड़ हो जाएगी और हम हर समय तनाव महसूस करेंगे। यहां हम आपको नकारात्मक दिवास्वप्न से बचने के लिए विभिन्न तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं:
1. चौकस रहें
नकारात्मक दिवास्वप्न हमें दुःख और उदासी की भावना देता है, निश्चित रूप से इसकी वजह से आपकी एकाग्रता भंग हो जाएगी, इसलिए अगर हम इस पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करते हैं, तो सावधानी प्राप्त की जा सकती है। मान लीजिए कि आप अपने कार्यालय में हैं और सुबह की हलचल शुरू होने वाली है। आप कोई भी कार्य को करते समय एकाग्र नही हो पा रहे हैं तो पहले अपना मन बना लें कि आपको सुबह की हलचल में चौकस रहना होगा। लोगों से मिलने के दौरान, यदि आप नकारात्मक विचार प्राप्त कर रहे हैं, तो केवल एक बात सोचकर इसे कम करने की कोशिश करें, कि आपको चौकस रहना है। स्कूल, कॉलेज या घर में भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जा सकता है।
2. लक्ष्य उन्मुख व्यक्ति
लक्ष्य-उन्मुख व्यक्ति अपने उद्देश्य के प्रति दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति को संदर्भित करता है। व्यक्ति जो अपने कार्यस्थल पर कोई गंभीर कार्य करते वक़्त नकारात्मक विचार और नकारात्मक दिवास्वप्न का सामना करते हैं, वे इसे लक्ष्य-उन्मुख बनकर इसे कम कर सकते हैं।
हर किसी का एक लक्ष्य होता है, उसके जीवन का उद्देश्य होता है, लेकिन उद्देश्य की दिशा में उठाए गए कदम अलग-अलग होते हैं और कभी-कभी जीवन में उतार-चढ़ाव की वजह से बाधाएं भी आती हैं, इसलिए हर एक व्यक्ति दृढ़ संकल्प के इस सिद्धांत को लागू कर सकता है। जब भी आप लगातार नकारात्मक विचार प्राप्त कर रहे हों तब अपने उद्देश्य के बारे में सोचें और ऐसा सोचें कि यदि आप नकारात्मक होंगे तो आपका दिन बर्बाद हो जाएगा और ये नकारात्मकता से निपटने में काफी सहायक होगा।
3. नकारात्मक विचारों को नजरअंदाज करने की कोशिश करें
नकारात्मक दिवास्वप्न नकारात्मक विचारों का ही परिणाम है। अगर हम उन विचारों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं जो हमें नकारात्मक विचारधारा दे रहे हैं तब नकारात्मक दिवास्वप्न की संभावना कम हो जाएगी। अनावश्यक विचारों को नजरअंदाज करना ही सबसे अच्छी नीति है जो हमें हतोस्ताहित कर रहे और वर्तमान परिदृश्य से अलग कर रहे हैं।
4. दिन की शुरुवात पत्रकारिता से करें
दिन की शुरुआत पत्रकारिता से करने पर हमें सकारात्मकता मिल सकती है। पत्रिकाओं में दिन-प्रतिदिन और जीवन से संबंधित कई प्रश्नावली आदि मिलते हैं; ये नकारात्मकता को कम करने में सहायक हो सकता है। यदि शुरुआत में हम सकारात्मक चीजों को पढ़ेंगे और लिखेंगे तो निश्चित रूप से नकारात्मक दिवास्वप्न की समस्या को कम किया जा सकता है।
5. लक्ष्य छोटा रखें
एक बात का ध्यान रखें कि अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिए छोटे लक्ष्य निर्धारित करें। यह आपको उस समय का पता लगाने में मदद करेगा जब आपका दिमाग भटक रहा होगा और वर्त्तमान स्थिति को लेकर नकारात्मक परिणामों या किसी अन्य नकारात्मकता के बारे में सोच रहा होगा। अगर नकारात्मक दृष्टिकोण का साफ़-साफ़ पता चल जाएगा तो हर छोटे लक्ष्य का काम आसानी से पूरा हो जाएगा।
6. ध्यान लगाना
ध्यान लगाने की आदत डाल कर नकारात्मकता को आसानी से कम किया जा सकता है और हमारा दिमाग शांति महसूस करता है और हम अपने प्रतिदिन के कार्य पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं। ध्यान लगाने का अभ्यास नियमित रूप से किया जा सकता है ताकि तनाव को कम किया जा सके, एक स्वस्थ मानसिक स्थिति के लिए। नकारात्मक दिवास्वप्न हमारे नकारात्मक विचारों का परिणाम होता है और ध्यान एक तरह से इस तरह नकारात्मक विचारों से बाहर निकलने का घरेलू उपाय है।
7. खुद के दोस्त बनें
नकारात्मक विचारों, नकारात्मक दिवास्वप्न को कम करने के लिए, पहले खुद पर भरोसा करें और खुद को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानें। नकारात्मकता कम करने के लिए स्वतः सुधार की प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है।
8. अच्छी चीजों के बारे में सोचें
उन चीजों के बारे में सोचना जिससे हम धन्य होते है वे नकारात्मक दिवास्वप्न को कम करने में मदद करते हैं। हर कोई जीवन में सकारात्मक चीजों से धन्य होता है; उन चीजों के बारे में केवल एक मिनट तक सोचना जो हमें खुश कर देते हैं वो हमें ख़ुशी के पल देते हैं।
9. भरोसा
जीवन के सकारात्मक पहलुओं पर भरोसा करना नकारात्मक दिवास्वप्न को कम करता है। यह कहा गया है कि आप अपनी मर्जी के मालिक हैं, हाँ यह पंक्ति एकदम सही है। अपने कर्म में भरोसा करना आपके जीवन में एक सकारात्मकता लाता है जहाँ पर नकारात्मक दिवास्वप्न की कोई जगह नहीं होती।
10. हमेशा आशावादी रहें
यह कहा गया है कि आशावादी होना सफलता कि कुंजी है। ऐसा क्यों कहा गया है? उम्मीद आपको संतुष्टि की ख़ुशी देती है और हमारी मानसिक शांति उच्च स्तर पर काम करती है। अगर हम अपने कार्य के सकारात्मक परिणामों के प्रति हमेशा आशावादी रहते हैं तब नकारात्मकता हमारे आसपास भी नहीं होगी और हम कभी नकारात्मक दिवास्वप्न की कल्पना भी नहीं कर पाएंगे।
11. खुद से सवाल करना
नकारात्मक दिवास्वप्न के लिए खुद से सवाल करना चाहिए। जैसे मैं ऐसा क्यों सोच रहा हूँ? इस तत्काल समस्या की जड़ क्या है? इस तरह के सवाल हमें ऐसी समस्या से बाहर निकलने में केन्द्रित करते हैं, न कि उदास और अस्थिर कर देने वाले विचार।
12. हल्की ध्वनि में वाद्य संगीत सुनना
मानसिक शांति के लिए संगीत हमेशा से एक शांतिपूर्ण घरेलू उपाय माना गया है और जब हम बात कर रहे हों नकारात्मक दिवास्वप्न और ध्यान केन्द्रित करने जैसी समस्या के बारे में तब वाद्य संगीत तत्काल परिस्थिति पर केन्द्रित करने में मदद करता है। कभी-कभी बोल वाले संगीत हमारा ध्यान वर्तमान मुद्दे से भटका सकते हैं, इसलिए ध्यान केन्द्रित करने के लिए, हम हल्के वाद्य संगीत की मदद ले सकते हैं।
13. प्रेरक विडियो देखना
आजकल सोशल मीडिया वाले इस ज़माने में, तमाम प्रेरक वक्ता यू ट्यूब या अन्य सोशल प्लेटफार्म की मदद से अपने-अपने विचार साझा करते हैं। वो व्यक्ति जो नकारात्मक दिवास्वप्न से जूझ रहा है इन प्रेरक विडियो को देख सकता है और ध्यान केन्द्रित करने के महत्त्व को सीख सकता है और इसी तरह के अन्य सकारात्मक विडियो देख कर नकारात्मक दिवास्वप्न को दूर किया जा सकता है।
14. सफ़र करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है
उन सभी लोगों के लिए जो नकारात्मक दिवास्वप्न से जूझ रहे हैं और तमाम प्रयासों के बाद भी वो ध्यान केन्द्रित कर पाने में सफल नहीं हो पा रहे है, तो उन्हें किसी स्थान के लिए एक छोटी सी यात्रा करनी चाहिए जहाँ पर वो मानसिक शांति पा सकें।
15. प्रकृति के साथ वक़्त बिताएं
प्रकृति के साथ वक़्त बिताना एक बेहतर घरेलू उपाय हो सकता है उस व्यक्ति के लिए जो हर वक़्त नकारात्मक दिवास्वप्न से जूझ रहा हो। प्रकृति से यहाँ मतलब है हरियाली और प्राकृतिक वातावरण। कोई व्यक्ति अपने घर में ही बागबानी लगा सकता है; यह भी उसे मानसिक शांति प्रदान करता है, जैसे हमारे आसपास हरे पेड़-पौधे उगाना हमारी मदद करते है।
निष्कर्ष
अभी तक हमने नकारात्मक दिवास्वप्न की मुश्किलों को जितना समझा है, आखिर में, मैं यही कहना चाहूँगा कि नकारात्मक दिवास्वप्न हमारे दिमाग की एक प्रवृत्ति है जहाँ पर हम खुद को वर्तमान परिस्थिति से पूरी तरह काट लेते हैं, उन विचारों के लिए जो नकारात्मक हैं और पूरी तरह से हमारी उन्नत्ति के लिए गलत हैं। ऐसे विचार के बारे में क्यों सोचा जाए हो हमें हमारे वर्तमान स्थान से दूर ले जा रहा हो? इसलिए, यहाँ पर नकारात्मक दिवास्वप्न को कम करने के लिए तमाम तरीके उल्लेखित हैं। उपयोगकर्ता इनमे से किसी को भी आजमा सकते हैं और अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।