गर्भावस्था जीवन का वह चरण है जब हर महिला में कुछ विशेष भावनाएं उत्पन्न होती हैं; उसके मिजाज में अचानक बदलाव आ सकता है और एक ही वक़्त में वो उदासी और खुशी दोनों ही महसूस कर सकती है। गर्भावस्था के दौरान, डॉक्टर भी तरह-तरह की सावधानियां बरतने और आहार योजनाओं का सुझाव देते हैं। कभी-कभी उन सभी चीजों को याद रख पाना काफी कठिन हो जाता है और कुछ ही वक़्त के बाद लोग तनाव में आ जाते है और नकारात्मक विचार उनके दिमाग को बर्बाद कर देता है।
एक महिला को हमेशा खुश रहना चाहिए और गर्भावस्था के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना चाहिए। किसी भी तरह का नकारात्मक विचार या वातावरण में किसी भी तरह की नकारात्मकता सीधे तौर पर बच्चे को प्रभावित कर सकती है।
माँ जो भी खाती है, सोचती है, और करती है वह सीधे तौर पर बच्चे को प्रभावित करता है। इसलिए, हमेशा यह सलाह दी जाती है कि सकारात्मक रहें और कुछ स्वस्थ आदतों का चुनाव करें। गर्भावस्था के दौरान मिजाज का बदलना एक बहुत ही सामान्य बात है लेकिन इनसे निपटना और खुश रहना बेहद ही आवश्यक है। आपका मूड सीधे आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है क्योंकि जब आप खुश होते हैं, तो उन्हें ख़ुशी वाले हार्मोन मिलते हैं और आपके गर्भ में एक अच्छा वातावरण उनके विकास के लिए सर्वोत्तम होता है। जबकि, तनावपूर्ण और नकारात्मक वातावरण आपके साथ-साथ आपके बच्चे के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।
मैं यहाँ पर कुछ सरल तरीकों और आदतों को लेकर आया हूँ जो गर्भावस्था के दौरान आपको खुश रखने के बारे में समझायेंगे। मुझे उम्मीद है कि वे आपके लिए उपयोगी होंगे और सकारात्मक तरीके से सोचने में आपकी मदद करेंगे।
1. किताबें पढ़ें (Read Books)
पढ़ने की आदत वास्तव में आपको कई तरह की समस्याओं में मदद कर सकती है। आप कई तरह की किताबें जैसे अच्छे पेरेंटिंग या कुछ कहानियों से संबंधित किताबें पढ़ सकते हैं। पढ़ना खुद को व्यस्त रखने का सबसे बेहतर तरीका है और जब हम कहीं और व्यस्त होते हैं तो हमारे दिमाग को किसी भी तरह की अनर्गल बातों के बारे में सोचने का समय नहीं मिलेगा।
2. अपने बच्चे के लिए खरीदारी के लिए जाइये (Go for Shopping for Your Baby)
खरीदारी करने के लिए लड़कियां हमेशा ही उत्सुक रहती हैं और यह एक स्ट्रेस बस्टर यानी चिंता निवारक की तरह से काम कर सकता है। यह खुद को खुश रखने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। जिस क्षण हम अपने मन की चीजें करते हैं, हमारा दिमाग स्वतः ही एंडोर्फिन्स उत्पन्न करता है, जो एक खुशी हार्मोन के रूप में जाना जाता है और यह सकारात्मकता को भी बढ़ावा देता है। इस तरह, आप सकारात्मक रह सकते हैं।
3. अपने माता-पिता से मिलने जाएँ (Visit your Parents)
गर्भावस्था जीवन का वह चरण है जब एक महिला अपने माता-पिता से अधिक जुड़ाव और लगाव महसूस करती है। खासकर यह उसकी माँ होती है जिसने उसे नौ महीने तक अपने गर्भ में रखा था। ऐसे वक़्त पर एक महिला ही सबसे अधिक जुड़ाव महसूस करती है और जीवन का सार वही महसूस कर सकती है जो उसकी माँ ने झेला था। माता-पिता सबसे अच्छी सलाह देते हैं और वे आपको अपना खुद का वो समय याद दिलाते हैं जो वास्तव में आपको उत्साहित कर सकता है और यह आपको एक सकारात्मक एहसास दिलाता है।
4. जीवन के स्वाद का आनंद लें (Enjoy the Flavours of Life)
जिस दिन से हम पैदा होते हैं, उस दिन से हमारे जीवन के कई अलग अलग चरण होते हैं। हम हर चरण का सामना करते हैं और जीवन का हर एक चरण कोई न कोई खूबसूरत यादें लेकर आता है। इसी तरह, गर्भवती होना जीवन के अन्य सभी सर्वश्रेष्ठ भावनाओं में से एक है। इसलिए, चिंतित और दुखी होने के बजाय जीवन के इस चरण का आनंद लीजिये। गर्भवती होना बहुत ही मार्मिक और भावनात्मक क्षण है और वास्तव में किसी को भी इसे लेकर खुश होना चाहिए। भले ही इसमें कई खामियां हैं क्योंकि इस दौरान एक महिला अपने शरीर में विभिन्न परिवर्तनों का सामना करती है, फिर भी बच्चा सभी नकारात्मक भावनाओं को ढँक लेता है और अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान लाता है।
5. अपने दोस्तों के समूह का आनंद लें (Enjoy Your Friend Circle)
दोस्त हमारे जीवन में एक बेहद ही खास जगह रखते हैं, भले ही आपके पास खास देखभाल करने वाला और दोस्त की तरह एक साथी है मगर, फिर भी, आपकी चिंताओं को ख़त्म करने और आपके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए दोस्तों का समूह बेहद आवश्यक है। इसलिए, जब भी संभव हो एक साथ मिलें और इसका आनंद लें। जब आप खुश होते हैं तो आपका मन स्वतः ही सकारात्मक रूप से सोचने लगता है।
6. एक स्वस्थ जीवनशैली जीना (Live a Healthy Lifestyle)
एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना बेहद आवश्यक है क्योंकि आपको अपने शरीर के साथ-साथ अपने बच्चे का भी ध्यान रखना है। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने की संभावना कुछ हद तक बढ़ जाती है जिसकी वजह से तनाव और थकान हो सकती है। इसलिए एक स्वस्थ जीवनशैली का चुनाव करना आपकी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि स्वस्थ शरीर ही एक स्वस्थ मस्तिष्क धारण करता है और जो स्वतः ही सकारात्मक विचारों को विकसित करता है।
7. नकारात्मक विचारों से दूर रहें (Stay Away from Negative Thoughts)
यहाँ कई ऐसे तरीके हो सकते हैं जिनसे नकारात्मक विचार आ सकते हैं जैसे कि कभी-कभी यह किसी एक व्यक्ति की वजह से भी हो सकता है। कुछ लोग हमेशा अनर्गल बातें करते रहते हैं और दूसरों को हमेशा नीचा दिखाते हैं और हममें से ज्यादातर लोगों के आस-पास इस तरह के लोग मौजूद होते हैं। इसलिए, हमेशा इस तरह के लोगों और उनके ऐसे नकारात्मक विचारों से दूर रहने की कोशिश करें।
8. लेखन की आदत विकसित करें (Develop a Writing Habit)
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हम अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और किसी विशेष विचार या मत में उलझ जाते हैं। इस तरह की परिस्थिति में व्यक्ति को लेखन की आदत विकसित करनी चाहिए। लिखने की आदत हमारे लिए अच्छी होती है क्योंकि जब हम अपने विचारों को लिखते हैं, तो यह स्वचालित रूप से कागज पर हमारे अन्दर के डर और चिंता को बाहर निकालता है। आप लिखने के बाद चाहें तो कागज को जला भी सकते हैं फिर भी आपके विचार सुरक्षित रहते हैं। लेखन तनाव को कम करता है, इसलिए किसी को भी इस आदत को विकसित करना चाहिए।
9. गर्भावस्था के हर क्षण का आनंद लें (Enjoy Your Pregnancy)
यह बहुत ही खास पल होता है जब आप अपने गर्भ में एक जान को संभाले हुए होते हैं, इसलिए हमेशा भगवान के आभारी रहें और अपने गर्भावस्था का आनंद लें। जीवन के हर चरण में परेशानियाँ आती हैं इसलिए कभी उदास नहीं होइए, जो भी हो रहा है खुश रहिये। आजकल कई ऐसे मुद्दे हैं जो हमें दुखी या उदास कर सकते हैं लेकिन यह भी याद रखें कि आप भगवान का दिया हुआ सबसे खूबसूरत तोहफा पाने जा रहें हैं। इसलिए, अपने बच्चे का स्वागत करें, तैयार रहें और इस खास पल का आनंद लें और गर्भावस्था के हर एक क्षण को जियें।
10. अपने जीवन के सबसे खास पल को याद करें (Remember the best Moments of Your Life)
जब भी कभी आप उदास या तनाव महसूस करते है तो उस दौरान आप अपने जीवन का सबसे खुशनुमा पल याद कीजिये। आप अपने बचपन के दिनों को भी याद कर सकते हैं या फिर अपने हनीमून के सफ़र को भी, मुझे यकीन है कि वे यादें आपके चेहरे पर मुस्कान ला देंगीं। इस तरह से, आप नकारात्मक विचारों से दूर रहेंगे और एक शांतिपूर्ण गर्भावस्था का आनंद लेंगे।
11. उचित नींद भी है जरूरी (Enough Sleep is Also Necessary)
नींद जो की सबसे बेहतर चिंता निवारक उपाय बताया जाता है और यह कई मायनों में हमारे लिए काफी बेहतर भी बताया जाता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें की कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें। अपने सोने के तरीके का ध्यान रखते हुए, एक गर्भवती महिला को उचित नीद लेनी चाहिए। नीद तनाव और थकान को दूर करता है और गर्भवती होना बेहद ही थकान भरा एहसास होता है और किसी को भी एक स्वस्थ्य बच्चे के लिए उचित आराम करना जरूरी है और ऐसा करने से उसका दिमाग भी नकारात्मक विचारों से दूर रहता है।
12. नियमित तौर पर जांच कराएँ (Have a Routine Check-up)
एक गर्भवती महिला को हमेशा नियमित तौर पर जांच कराते रहना चाहिए और अपनी परिस्थिति का आकलन करवाते रहना चाहिए। शरीर में रक्त और अन्य पोषक तत्वों की स्थिति पर हमेशा उसकी नजर बनी रहनी चाहिए। अनुसंधान के अनुसार, शारीर में विटामिन डी का होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि ये आपको तनाव और थकान से निपटने में मदद करता है। इसलिए नियमित रूप से अपने शरीर का चेकअप करवाते रहे ताकि शरीर में मौजूद पोषक तत्वों की स्थिति का अनुमान लगता रहे। एक कमजोर शरीर हमेशा एक अस्वस्थ्य दिमाग की तरफ इशारा करता है जो आपको नकारात्मक विचार की तरफ ले जाता है।
13. संगीत के लिए भी कुछ वक़्त दें (Have Some Time for Music)
संगीत में उपचार करने बहुत ही शानदार शक्ति होती है और यह आपके मूड को हल्का करती है। यह आपके बच्चे के विकास के लिए भी काफी अच्छा है और ये आपके बच्चे में रचनात्मकता विकसित करता है। गर्भावस्था के 29वें और 33वें सप्ताह में, आपका बच्चा बाहर की आवाज सुनने लगता है इसलिए आप अपने साथ-साथ उसके लिए भी संगीत सुन सकते हैं। संगीत आपको स्वस्थ्य करता है और आपके अन्दर एक सकारात्मक विचार भरता है।
14. अपने साथी के साथ कुछ वक़्त बिताएं (Spend Some Time with Your Partner)
यह केवल आपका साथी ही हो सकता है जो आपके बच्चे के लिए ठीक वैसा ही सोचता है जैसा कि आप। उसके साथ कुछ वक्त बिताएं और भविष्य की प्लानिंग के बारे में उससे बातें करें या अपने अतीत के कुछ खूबसूरत पलों के बारे में बात करें। यह वाकई में आपको खुश और तनाव मुक्त करेगा जो कि एक अच्छा संकेत होता है और आपको किसी भी तरह के नकारात्मक विचार से दूर रखता है।
15. ध्यान व योग का भी अभ्यास करें (Practice Meditation & Yoga)
ध्यान और योग आपके अन्दर ढेर सारी ऊर्जा का संचार करता है और हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम ध्यान का अभ्यास करें। ध्यान हमारे मस्तिष्क को शांत रखता है और अच्छे विचार लाता है, जो कि गर्भावस्था के दौरान बेहद आवश्यक है। ध्यान और योग का अभ्यास करना हमारे विचारों के लिए शुद्धिकरण की तरह काम करता है और हमें सकारात्मक बनाता है।
16. खुद को हमेशा लाड-प्यार दें (Always Pamper Yourself)
प्रेरित रहना बेहद आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान, यहाँ पर ऐसे कई क्षण आते हैं जब आप अपने बच्चे के साथ अकेले होते हैं। यह बहुत ही आवश्यक है कि आप खुद को भी लाड-प्यार दें क्योंकि जब आप खुद को प्यार करते हैं तब दुसरे भी आपको प्यार करते हैं। खुद को लाड-प्यार देना और तवज्जो देना प्रेरित रहने का सबसे सामान्य तरीका है और जब हम प्रेरित रहते हैं हमारा मस्तिष्क स्वतः ही सकारात्मक विचार पैदा करता है।
17. अपने बच्चे से बात करें (Talk to Your Baby)
आपका बच्चा 16वें सप्ताह से सुनने लगता है। इस चरण में, वे शरीर के अन्दर होने वाली हलचल जैसे दिल की धड़कन, रक्त प्रवाह, सांस लेने की आवाज, आदि सुनने लगता है। 33वें सप्ताह से वो पूरी तरह से बाहर की आवाज सुनने में भी सक्षम हो जाता है और जब आप उससे नियमित तौर पर बातें करते हैं, वो जन्म लेने के बाद भी आपकी बातों की बातों को याद कर लेता है। इसलिए, हमेशा अपने बच्चे से बातें कीजिये, यह आपके मूड को भी अच्छा रखेगा और आपको सकारात्मक महसूस कराएगा क्योंकि अपने आने वाले बच्चे से बात करना काफी उत्साहजनक होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हम सभी अपने जीवन में तरह-तरह की परिस्थितियों का सामना करते हैं और उनसे सीखते हैं। जब मैं बच्चा था मेरे लिए स्कूल जाना काफी मुश्किल होता था, फिर भी इसी तरह मैंने जीवन के हर चरण पर कुछ चुनौतियों का सामना किया। इसलिए, तनाव में आने और परेशान होने के बजाय, गर्भावस्था के दौरान अन्य माध्यमों को आजमाकर अपने दिमाग को दूसरी तरफ ले जाएँ और खुश रहें। मैंने यहाँ कुछ सबसे बेहतर और आसान तरीकों के बारे में चर्चा की है जो सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है; मुझे उम्मीद है ये आपके लिए मददगार होंगे।