भाषण

पर्यावरण बचाओ पर स्पीच

पिछले कुछ वर्षों में पर्यावरण के लिए बढ़ते खतरे में इजाफ़ा हुआ है। धरती को हमारे लिए और साथ ही साथ हमारी अगली पीढ़ियों के लिए रहने हेतु साफ़ तथा सुरक्षित स्थान बनाने का कर्तव्य और ज़िम्मेदारी है लेकिन पर्यावरण संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से हमने पारिस्थितिक संतुलन को काफ़ी हद तक बिगाड़ दिया है। यह हमारे लिए जरूरी है कि हम इसके साथ प्रयोग करने और इसे अधिक शोषण करने के बजाय पर्यावरण के अनुरूप रहें। यहां हम आपको “पर्यावरण को बचाने” के मुद्दे पर चार भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं। आप अपनी शैक्षणिक आवश्यकताओं के अनुसार अपनी पसंद से कोई भी भाषण चुन सकते हैं।

पर्यावरण बचाओ पर भाषण (Speech on Save Environment in Hindi, Paryavaran bachao par bhashan)

पर्यावरण बचाओ पर भाषण – 1 (Paryavaran Bachao par Bhashan)

आदरणीय प्रधानाचार्य, सम्मानित उपाध्यक्ष, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे सहयोगी छात्रों!

मुझे खुशी है कि आज हमारी सुबह की सभा में हमने इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय, पर्यावरण को बचाना, पर स्पीच देने और चर्चा के लिए चुना है और स्कूल की हेड गर्ल होने के नाते इस विषय पर स्पीच देने का विशेषाधिकार प्राप्त कर मैं खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूँ। मुझे पर्यावरण और भूगोल पर चर्चा के रूप में चुने जाने वाले विषय से ज्यादा अच्छा और कोई विषय नहीं लगता खासकर जब यह हाल के दिनों में इस तरह का अपने आप में एक प्रचलित विषय बन गया है। मुझे यकीन है कि हम में से हर कोई किसी भी कीमत पर पर्यावरण को बचाना चाहता है। हालांकि पर्यावरण को बचाने का मतलब केवल हमारे तत्काल परिवेश की सुरक्षा नहीं है बल्कि हमारे पार्क, वन भंडार और वन्यजीव सैंक्चुअरी भी हैं। इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है कि हम सभी पर अपनी धरती माँ को बचाने की जिम्मेदारी है जिससे यह रहने के लिए एक साफ़ और सुरक्षित जगह बन सके।

सभी पर अपनी छत्र–छाया रखने वाली धरती माँ ने मनुष्यों को प्रकृति के कुछ अविश्वसनीय रूप से सुंदर उपहार दिए हैं जिसमें नदियां, पहाड़, जंगल और विभिन्न प्राकृतिक संसाधन हैं जो हमें हर दिन इस ग्रह पर जीवित रहने में मदद करते हैं। इसलिए अब हमारी बारी है कि पर्यावरण को उन चुनौतियों से बचाने के लिए काम करना है जो हमारी धरती माँ के अस्तित्व के लिए लगातार खतरा बन रही हैं।

अफसोस की बात है पृथ्वी का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है जो हमारे कार्यों से प्रभावित नहीं हुआ है चाहे हमारे ग्रह का स्वास्थ्य हो या उस भूमि के रूप में हो जहां हम रहते हैं, काम करते हैं, ओजोन परत, जल आपूर्ति, वन्यजीव या हमारी प्रजातियां – जिन पर लगातार ख़तरा बढ़ता जा रहा है। आज जो वातावरण हो गया है वह निश्चित रूप से उतना अनुकूल नहीं है जैसा कि पहले होता था। नदियों में भारी मात्रा में रासायनिक उद्योगों से निकलने वाले जहरीले रसायन मिल रहे है, वाहनों से लगातार जहरीला धुआं निकल रहा है। लोग ऐसे तरीके से कचरे का निपटारा कर रहे हैं जो हमारे पर्यावरण के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।

हालांकि समस्या काफी हद तक बढ़ गई है लेकिन ऐसा नहीं है कि इसका समाधान मौजूद ना हो। हमें अपने आप पर विश्वास रखना होगा कि हम अपने ग्रह के लिए कुछ कर सकते हैं।

तो आइए हर संभव तरीके से हमारी “धरती माता” को बचाने की प्रतिज्ञा ले।

ऐसे कई तरीके हैं जिन्हें अपनाने के बाद हम इस धरती माता को बचाने के लिए प्रभावी रूप से योगदान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए हम अपने आस पास रहने वाले इलाके में या जहाँ खाली जगह दिखे वहां अधिक से अधिक पेड़ लगा सकते हैं या फिर अगर आपके घर में ख़ाली जमीन है तो पेड़ लगाना शुरू करें। जैसा कि हम सभी जानते हैं पौधे, प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और पर्यावरण में ऑक्सीजन को छोड़ते हैं। एक अनुमान के हिसाब से एक पेड़ जितने समय जिंदा रहता है उतनी अवधि में वह एक टन कार्बन डाइऑक्साइड को सोख लेता है। कोई बात नहीं, यदि आपके पास बहुत अधिक जगह नहीं है तो आप अपनी बालकनी, द्वार या खिड़कियों में भी पौधों के छोटे-छोटे गमले रख सकते हैं।

दूसरा अपने व्यक्तिगत वाहनों का उपयोग कम करें और कम दूरी के लिए सार्वजनिक परिवहन और साइकिल का उपयोग करने की आदत डालें। इसके अलावा घर या कार्यालय में बिजली बर्बाद ना करें। उपयोग में नहीं होने पर बिजली के यंत्रों को बंद कर दें। आप सामान्य बल्ब के स्थान पर फ्लोरोसेंट लाइट बल्ब का उपयोग कर सकते हैं। आपको ऐसा लगेगा की यह बल्ब महंगे है लेकिन मेरा विश्वास करिए वे वास्तव में हमारे बिजली के बिल को कम करने में मदद करते हैं और सामान्य बल्ब की तुलना में 70 प्रतिशत कम गर्मी का उत्सर्जन करते हैं।

आपको पानी का उपयोग भी बुद्धिमानी से करना चाहिए। पानी उपयोग करने के तुरंत बाद नल बंद कर दें और कचरे को ईधर उधर ना फेंककर कूड़ेदान में कचरे का निपटान करें। अपने परिवार में दूसरों को भी इन उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें और पर्यावरण को बर्बाद होने से बचाए।

मुझे इतना ही कहना था। धन्यवाद।

पर्यावरण बचाओ पर भाषण – 2

सम्मानित सीईओ, सम्मानित प्रबंधक, प्रिय सहकर्मियों (पर्यवेक्षक) और फैक्ट्री के प्रिय कर्मचारियों!

जैसा कि आप सबको पता है हम यहाँ ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ का जश्न मनाने के लिए इक्कठे हुए हैं। मुझे यह अवसर पर्यावरण संरक्षण के संबंध में आंकड़े साझा करने के लिए दिया गया है लेकिन इससे पहले मैं पर्यावरण के बारे में अपने विचारों और तथ्यों को साझा करूँगा।

हमारा पर्यावरण हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारे जीवन का मुख्य स्रोत है क्योंकि हम पर्यावरण से भोजन, पानी, हवा प्राप्त करते हैं। वास्तव में पर्यावरण हमारा संतुलन बनाए रखता है जहां हम हर पल सांस लेते हैं और जीते हैं। इस प्रकार हमारे जीवन की गुणवत्ता भी हमारे पर्यावरण पर निर्भर करती है।

पहले के दिनों में लोग शांति-सद्भाव में रहते थे, खुद को पर्यावरण के अनुकूल ढाल लेते थे  लेकिन आधुनिक युग में हम अपनी जरूरत और सुविधा के अनुसार पर्यावरण को ढालने का प्रयास कर रहे हैं जिससे अंततः हम जाने-अनजाने में प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी प्रगति ने हमें अधिक सशक्त बना दिया है जिससे मुझे लगता है कि हम अनावश्यक रूप से पर्यावरण के संसाधनों का उपयोग अंधाधुंध रूप से कर रहे हैं और बदले में हानिकारक रसायनों और प्रदूषण के अलावा कुछ भी नहीं दे रहे।

ये परिणाम विश्वभर में पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दे रहे हैं जैसे वनों की कटाई, जैव विविधता का नुकसान, वायु प्रदूषण, जहरीले रसायनों के प्रवाह की वजह से नदियों में प्रदूषण, अपशिष्ट पदार्थ, कचरा, प्लास्टिक, ग्लोबल वार्मिंग और ओजोन परत का कमजोर होना, भूमिगत जल, तेल, गैस भंडार और प्राकृतिक संसाधन जैसे खनिजों का दूषित होना, जहरीले गैसों का विकास, हवा में प्रदूषण, धुंध आदि का बढ़ना।

यह तो स्पष्ट है कि हमारे अनियंत्रित कार्यों के कारण हमने अपने पर्यावरण के पारिस्थितिक संतुलन को हानि पहुंचाई है और इसलिए इन मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। यह सही समय है जब हमें अपने पर्यावरण को बनाए रखने के लिए कुछ कठोर कार्रवाइयां करनी चाहिए और हमारी अगली पीढ़ियों के लिए रहने के लिए हमारी जगह एक बेहतर जगह बनानी चाहिए।

कैसे?

खैर पहला कदम पर्यावरण के अनुरूप होने के लिए विनिर्माण और घरेलू उत्पाद के उपयोग की हमारी प्रक्रिया को अनुकूलित करना होगा। पुनर्निर्माण, पुन: प्रयोज्य और पुन: प्रयोज्य तकनीकों का अधिक उपयोग विनिर्माण इकाइयों में किया जाना चाहिए। विकसित देश वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं के लिए अधिक जिम्मेदार हैं। इस प्रकार इस तरह के देशों और संयुक्त राष्ट्र संघ (संयुक्त राष्ट्र संगठन) की सरकार को वैश्विक स्तर पर एहतियाती उपायों को बरतना चाहिए। इसके अलावा दीर्घकालिक योजना और विनिर्माण इकाइयों के कार्यों की करीबी से निगरानी आवश्यक है। युवाओं को शिक्षित करने और इसे प्रयोग और शोषित करने के बजाय पर्यावरण के अनुरूप रहने के लिए शिक्षित किया जाना चाहिए।

पर्यावरण की रक्षा का हम में से हर एक को ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर मुद्दा है जो पर्यावरण प्रदूषण के उन्नत स्तर के लिए अग्रणी है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी है। सूखा और बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों और जंगलों को संरक्षित किया जाना चाहिए। कीटनाशकों का उपयोग सीमित तरीके से किया जाना चाहिए और मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाई जानी चाहिए।

सब्जियों और फलों की बर्बादी को उर्वरकों में परिवर्तित किया जा सकता है तथा इसे तालाबों में नहीं छोड़ा जाना चाहिए। हमें छोटे-छोटे कार्यों जैसे पीने के पानी की बचत, जूट का उपयोग, कपड़ा, पेपर बैग, अपशिष्ट उत्पादों को रीसाइक्लिंग आदि का ध्यान रखना चाहिए। हम अब भी हमारे पर्यावरण को पूरी तरह से बिगड़ने से बचा सकते हैं।

मैं अब से आशा करता हूं हम सभी हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में इन उपायों को लागू करेंगे और हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रयास करेंगे।

धन्यवाद।

पर्यावरण बचाओ पर भाषण – 3

सुप्रभात आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय सहपाठियों।

आज की सभा का विषय है “पर्यावरण को बचाना”।

पर्यावरण क्या है? मुझे पता है कि हम सभी के पास इस एक शब्द के लिए अलग-अलग परिभाषा मिलेगी। अगर मैं सरल शब्दों में कहूँ तो पर्यावरण हमारे आस-पास का वह परिवेश है जिसमें हम मनुष्य, पौधे और जानवर रहते हैं। अब जरा सोचिए कि क्या हम कभी भी ऐसे परिवेश में रहना पसंद करेंगे जो खराब या अस्वस्थ हैं? बिलकुल भी नहीं..! हम हमेशा ऐसे वातावरण में रहना चाहते हैं जो हमारे और दूसरों के लिए सुरक्षित है। एक आदर्श वातावरण वह है जो मानव रोगों, प्राकृतिक संसाधनों, पौधों और पशुओं के विलुप्त होने का कारण नहीं है।

पर्यावरण के संरक्षण में मनुष्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छा या बुरा वातावरण हमारी गतिविधियों पर निर्भर करता है। हमारे कृत्यों से हम प्राकृतिक पर्यावरण के पतन में योगदान दे रहे हैं जो नतीजतन पृथ्वी ग्रह पर मानव जीवन को प्रभावित करता है। इस आधुनिक दुनिया में सभी मानव कार्य और गतिविधियां सीधे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण पर प्रभाव डालती हैं। हमें अपने गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने खतरनाक कृत्यों को रोक दें ताकि पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सके।

पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है लेकिन आज हमारा पर्यावरण हमारे कार्यों और निर्णयों के कारण खतरे में है। हम पर्यावरण में फैलते प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। वनों की कटाई, खनन, मशीनों और बिजली का अनुचित उपयोग, कम दूरी की यात्रा आदि के लिए अंधाधुंध वाहनों का उपयोग आदि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। ग्लोबल वार्मिंग, प्राकृतिक संसाधनों की कमी, असंतुलित बारिश, चक्रवात, रोग और प्रदूषण के बीच की जिंदगी जैसे कुछ लक्षण हैं जो बताते हैं कि हम असंतुलित वातावरण में रह रहे हैं। हमें यह स्वीकार करना होगा कि हम हमारे लिए और साथ ही भविष्य की पीढ़ी के लिए वातावरण को बर्बाद कर रहे हैं। हमें ऐसा करना तुरंत बंद कर देना चाहिए और हमारी गतिविधियों को नियंत्रित करना चाहिए जो हमारे पर्यावरण को खतरा ना पहुंचाए।

पर्यावरण को होते नुकसान से बचाना कोई बड़ा काम नहीं है, यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे हल नहीं किया जा सकता। हमें बस कुछ कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल, ऊर्जा आदि को बचाएं, हमारे कचरे को सही तरीके से निपटाएं और सड़कों तथा सार्वजनिक स्थानों पर कूड़े को ना फैलाएं, अधिक पेड़ लगायें , सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करें और प्रत्येक सदस्य के लिए व्यक्तिगत वाहनों का उपयोग करने से बचें, औद्योगिक कचरे को नियंत्रित करें आदि। लगता यह आसान नहीं है? जी हाँ यह बिल्कुल आसान है। हमें केवल सतर्क रहने और हमारे कार्यों पर नियंत्रण रखने की जरूरत है और हम निश्चित रूप से बुरे प्रभावों को कम कर सकेंगे हैं और पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दे पाएंगे।

मेरी चर्चा को यहाँ समाप्त करते हुए मैं आपसे अनुरोध करना चाहूंगा कि कृपया आपके द्वारा किए जाने वाली गतिविधियों की निगरानी करें और अपने कार्यों की और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए दूसरों को भी शिक्षित करें। हमें सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना और योगदान करना चाहिए जो पर्यावरण को बचाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। अगर हम सभी पेट्रोलियम, कोयला और प्राकृतिक गैस के अत्यधिक उपयोग को रोकने के लिए कदम उठाए तो कई प्रमुख पर्यावरणीय समस्याएं अपने आप गायब हो जाएंगी। हमें अधिक से अधिक पेड़ उगाने चाहिए और बेकार अपशिष्ट पदार्थों को सही तरीके से निपटाने के सभी संभव तरीके खोजने चाहिए। हमारा ध्यान पूरी तरह ऊर्जा के नवीकरणीय और पुन: इस्तेमाल होने वाले स्रोतों के रख-रखाव से जुड़ा होना चाहिए। ये ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण को बचाने में मदद करेंगे।

धन्यवाद। कृप्या यह संदेश सभी को बताएं।


paryavaran bachao par bhashan – 4

सभी को सुप्रभात। मैं आप सभी का इस चर्चा में स्वागत करता हूं।

हमारी आज की चर्चा का विषय है “पर्यावरण को बचाए”।

आप सभी को पर्यावरण को बचाना कितना महत्वपूर्ण लगता है? हमारे पर्यावरण को बचाने से तात्पर्य वास्तव में हमारे जीवन को बचाने से है। वातावरण मूल रूप से आसपास के भौगोलिक क्षेत्र का माहौल है। जीवित रहने, भोजन करने, खेलने, काम करने, आनंद लेने, चलने, सांस लेने, सुनने, पीने या समग्र रूप से मौजूद रहने के लिए मनुष्य, जीव, पौधों और जानवरों के लिए पर्यावरण मुख्य स्रोत है। जीवन को स्वस्थ खुश तरीके से चलाने के लिए हम सभी को एक स्वस्थ और प्राकृतिक वातावरण की आवश्यकता होती है।

हम सभी पर पर्यावरण की निगरानी और दिन-प्रतिदिन की क्रियाओं की निगरानी करने की जिम्मेदारी है। पारिस्थितिकी, पर्यावरण संतुलन और प्राकृतिक चक्र असंतुलित हो गए हैं जिसे वापस उसी स्थिति और प्राकृतिक रूप में लाना बहुत मुश्किल है। पर्यावरण को विभिन्न स्तरों, व्यक्तिगत, संगठन नियंत्रित या सरकारी स्तर, पर विकास सुनिश्चित करने के लिए संरक्षित किया जा सकता है।

हम सभी को यह समझना चाहिए कि हमारे पर्यावरण में जीवित और गैर-जीवित दोनों तरह की चीजें हैं। इसे प्राकृतिक पर्यावरण और निर्मित वातावरण के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्राकृतिक वातावरण वह है जो लंबे समय से स्वाभाविक रूप से अस्तित्व में है और निर्मित पर्यावरण मनुष्य द्वारा बनाया गया है जैसे इमारतों, उद्योगों आदि।

पेड़ों को काटना, औद्योगिकीकरण, तकनीकी सुधार और इतने सारे मानव गतिविधियों ने पर्यावरण के प्रति खतरे और नुकसान को बढ़ाया है जिससे सभी जीवों के जीवन, विकास और अस्तित्व को प्रभावित करने का ख़तरा रहता है। कई प्रकार के पर्यावरण प्रदूषण जैसे जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण वातावरण के संतुलन को बिगाड़ रहे हैं और विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य खतरों, मानवों और जानवरों के लिए बीमारियां पैदा कर रहे हैं। पृथ्वी के निरंतर असंतुलित तापमान से कई मानव निर्मित और प्राकृतिक साधनों में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं और खतरों की वजह से मानव और अन्य जीवित प्राणियों के सामंजस्यपूर्ण अस्तित्व के लिए काफी हद तक अशांति पैदा होती है।

हम सभी को हमारी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और ध्यान दें कि हममें से कोई भी पर्यावरण की गुणवत्ता में कमी नहीं लाएगा। हमें ऊर्जा, बिजली और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग बुद्धिमानी से करना चाहिए। कम दूरी पर वाहनों के उपयोग को प्रतिबंधित करें और प्रत्येक सदस्य के लिए अलग-अलग वाहन इस्तेमाल किए जाने के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने पर जोर दें। ये कुछ ही बातें हैं जिनका मनुष्यों को अपने पर्यावरण की सुरक्षा में ध्यान रखना चाहिए।

पर्यावरण को बचाने के बारे में मेरी चर्चा समाप्त करने से पहले मैं कहना चाहूँगा कि मुझे पता है आप सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। किस तरह इंसान सावधानीपूर्वक पर्यावरण की रक्षा करता है। हमारी हर कार्रवाई का नतीज़ा और परिणाम होता है। नतीज़ा वह होता है जो हम इच्छा करते हैं लेकिन परिणाम को अच्छा और बुरे के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता हैं जो हमारे पर्यावरण को फायदा और नुकसान पहुंचाते हैं। हम छोटी-छोटी गतिविधियों का पालन करके पर्यावरण की रक्षा करने की जिम्मेदारी ले सकते हैं। हमारी मातृभूमि, हमारे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इस चर्चा का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद।

अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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द्वारा प्रकाशित
अर्चना सिंह