भाषण

खेलकुद पर भाषण

हमारे देश में खेल के बढ़ते महत्व को देखते हुए इस विषय पर बात करना बहुत  आम बात हो गया है। हर कोई जानता है कि खेलकुद हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है इसीलिए हमें इसे सभी स्तरों पर प्रोत्साहित करना चाहिए। कई वर्षों से ये स्कूल, कॉलेज तथा कैरियर में अपना स्थान बना रहा है। खेलकुद हमारे दिमाग तथा शरीर को सक्रिय बनाये रखने तथा कई गंभीर बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करता है। इसलिए, हमें विचारपुर्ण भाषण के माध्यम से खेलकुद से जुड़े लोगों को और अधिक प्रत्साहित करना चाहिए। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी भी भाषण का चयन कर सकते हैं और भाषण को सबसे श्रेष्ठ बनाने के लिए खुद का अनुभव भी जोड़ सकते हैं।

खेलकुद पर लम्बे और छोटे भाषण (Long and Short Speech on Sports and Games in Hindi)

भाषण – 1

आप सभी को मेरा नमस्कार!

आज, मैं आप सभी के सामने एक ऐसे विषय पर भाषण देने जा रहा हूं जिसके बारे में कक्षा व्याख्यान, महत्वपूर्ण और आकस्मिक वार्तालापों में और अधिक चर्चा करने तथा जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है। आप सभी ने यह सुना ही होगा कि “काम ही काम किसी को भी एक सुस्त और निराश व्यक्ति बना देता है”। उन सभी के लिए जो अभी भी सोच रहे हैं कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूं, तो मैं उनको बता दु कि मैं जीवन में खेल के महत्व के बारे बताने जा रहा हुँ क्योंकि मेरी राय में खेलकुद एक मनुष्य के व्यक्तित्व के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

खेलकुद को अतिरिक्त या मनोरंजक गतिविधियों के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि ये उससे कहीं अधिक हैं। कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के खेलों में जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें केवल एक खेल में ही नहीं बल्कि उससे अधिक खेलो को खेलने का मौका दिया जाना चाहिए, ताकि वे रुचि के साथ अपने पसंदीदा खेल के क्षेत्र में अपना करियर बना सकें। खेलकुद न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि ये एक खिलाड़ी को कई चीजें भी सिखाता हैं जो उसे जीवन में एक बेहतर इंसान बनने में उसकी मदद करता हैं। खेल एक खिलाड़ी को, जीवन के वैकल्पिक चरणों पर प्राप्त सफलता और असफलता से साझा करने की कला, सामूहिक रूप से किसी समस्या से निपटने, बैक अप लेने तथा महत्वपूर्ण परिस्थितियों में एक दूसरे की मदद करना सिखाता हैं। यह उनके नेतृत्व और टीम के साथ काम करने के गुणों को भी निखारता है।

खेलकुद एक व्यक्ति के दिमाग को स्वस्थ और सक्रिय रखने में मदद करता हैं। जिसके कारण उनकी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सभी जगहों पर सकारात्मक ऊर्जा फैल जाती है। यह लोगों को मजबूत, आत्मविश्वासी और कुशल बनाता हैं तथा उसके मानसिक एवं शारीरिक विकास और चरित्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। आज बेहद सफल और प्रसिद्ध खिलाड़ी जैसे अभिनव बिंद्रा, साइना नेहवाल, ज्वाला गुट्टा, सचिन तेंदुलकर, मिल्खा सिंह और सानिया मिर्जा ने अपने जुनून को हासिल करने के लिए खुद को अपने रुचि खेल की ओर समर्पित कर दिया। उनके ध्यान, कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ता ने उन्हें आज प्रतिष्ठित व्यक्ति के रुप में विश्व प्रख्यात कर दिया। उन्होंने जीवन के शुरुआती दिनों में खेलकुद के महत्व को महसूस किया और उसे बहुत गंभीरता से लिया।

आप सभी को खेलने के लिए प्रत्येक दिन कुछ समय निकालना चाहिए। खेल आपको स्वस्थ शरीर औऱ दिमाग के साथ बेहतर ध्यान लगाकर पढ़ाई करने में भी मदद करेगा, परन्तु खेलकुद को आज के समय में माध्यमिक माना जाता है क्योंकि हर कोई उच्चतम अंक स्कोर करने और प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने में लगा हुआ है। उन्हें ये समझ में नहीं आता कि अध्ययन खेल से बाधा नहीं बनता बल्कि ये उन्हें आशावादी बने रहने और प्रतिस्पर्धी भावना को सकारात्मक बनाए रखने में मदद करता हैं। इसलिए, खेलकुद के संबंध में लोगों के बीच अधिक जागरूकता पैदा की जानी चाहिए और इसे अपने मित्रों तथा परिवारों के बीच साझा करना चाहिए, क्योंकि वो ही सबसे पहले उन्हें प्रोतसाहित करते हैं। इसे किसी भी तरह से समय की बर्बादी नहीं मानना चाहिए, बल्कि इसे एक गुण के रूप में देखा जाना चाहिए जो जीवन के हर क्षेत्र में सदैव उनकी मदद करगा।

धन्यवाद!

 

भाषण – 2

सम्मानित प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को शुप्रभात!

हम सभी आज यहां खेल दिवस के समारोह के लिए इकट्ठे हुए हैं, जो हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भुमिका निभाता है। इस शुभ अवसर पर, मैं आप सभी से खेल के महत्व के बारे में चर्चा करने तथा इस विषय पर भाषण देने की अनुमति चाहता हूं। हालांकि, खेलकुद निश्चित रूप से मज़ेदार, आनंद और मनोरंजन से भरे होते हैं, परन्तु यह सभी को फिट रहने, अच्छी सहनशक्ति बनाये रखने में भी सहायता करता हैं। इसका मुख्य उद्देश्य जीवन के खराब परिस्थिति में भी कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार करना होता है।

यह कथन “यह जीतने वाले सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का टीम नहीं है, बल्कि यह सबसे अच्छी टीम के खिलाड़ी होते है जो जीतते है” जब भी मैं किसी भी खेल या प्रतिस्पर्धा के बारे में सोचता हूं तो ये कथन मेरे कानों में गूंजने लगते है। एक सपनो की टीम केवल उन्हीं खिलाड़ियों के साथ बनाई जा सकती है, जिनके पास जुनून, टीम भावना और टीम के सदस्यों के प्रति समर्थन देने की क्षमता होती है। ये गुण खेलकुद के माध्यन से प्राप्त होते हैं औऱ ये केवल मैदान तक ही सीमित नहीं रहते। खेल किसी के भी जीवन में प्रशंसा प्राप्त करने के मौके को बढ़ावा देता है – चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो। खिलाड़ी दुनिया भर में अपने अद्वितीय कौशल के लिए अच्छा नाम कमाते हैं। वे अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा उसके गौरव को बढ़ाते है।

खेल मूल रूप से जीवन का एक महत्वपुर्ण हिस्सा हैं। ये प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपुर्ण भूमिका निभाता है। खेल और गतिविधियां सांसारिक जीवन के तनाव को दूर करने तथा सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने में मदद करती हैं। यह आसन्न या निष्क्रिय लोगों के जीवनशैली में महत्वपुर्ण भुमिका निभाती है। ये दिमाग और शरीर को सक्रिय और बेहतर बनाये रखने में मदद करती हैं केवल इतना ही नहीं, ये खिलाड़ियों को निर्णय लेने के लिए बेहतर समझ तथा किसी भी प्रकार के डर और असफलता पर काबू पाने में मदद करती हैं। यह सामाजिक रूप से लोगों को एकान्त से बाहर लाने और आनंदित रहने का अवसर प्रदान करती है। प्रत्येक खेल उन्हें जीवन के कुछ नियम सिखाता है जो लंबे समय तक उनके साथ रहता हैं। यहां तक ​​कि बुजुर्ग और शारीरिक रूप से बीमार लोगों को भी ये सलाह दी जाती है कि वे कुछ शारीरिक गतिविधियों में भाग लें ताकि वे अपने अन्दर की शक्ति को पुनः जाग्रित कर और अपनी शारीरिक समस्याओं को आसानी से दूर कर सकें।

प्रत्येक वर्ष इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। शिक्षकों और माता-पिता को अपने बच्चों के प्रारम्भिक उम्र में उनकी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने तथा सक्रिय रूप से खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में इस तरह की अतिरिक्त पाठ्यचर्या गतिविधियों में छात्रों को अनिवार्य रुप से शामिल करना चाहिए जिससे उन्हें इनके बारे में सूचना मिलती रहे तथा खेल से जुड़े पेशेवरों को बढ़ावा देना चाहिए। सरकार को एथलेटिक मीटिंग्स और साइक्लिंग रेस जैसे सार्वजनिक खेल को व्यवस्थित ढ़ंग से आयोजित करना चाहिए तथा लोगों को उनमें भाग लेने और जीतने के लिए जिज्ञासा और उत्साह पैदा करना चाहिए ताकि वो जीवन के सभी क्षेत्रों का भरपुर आनंद ले सके। इसलिए, खेलकुद को द्वितीयक विकल्प के रूप में अलग नहीं करना चाहिए बल्कि इसे शिक्षा की तरह ही अधिक महत्व देना चाहिए।

धन्यवाद!

 

भाषण – 3

यहां उपस्थित सभी को शुप्रभात!

मैं _______ हूं और मैं आज यहां आप सभी के सामने एक ऐसे विषय पर बात करने जा रहा हूं जो बच्चों को तो बहुत पसंद है लेकिन बुजुर्ग लोग इसे अच्छा नहीं समझते। आज, मैं आप सभी को जीवन में खेल के महत्व के बारे में बताने जा रहा हूं। पूरे विचार को एक छोटे से प्रसिद्ध उद्धरण, “एक स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ दिमाग” के रुप में बहुत अच्छी तरह से व्यक्त किया जा सकता है। स्वस्थ शरीर के बिना, स्वस्थ दिमाग नहीं हो सकता और स्वस्थ शरीर शारीरिक व्यायाम के द्वारा प्राप्त होता है। खेल में अनेक गतिविधियां जैसे खींचाव, दौड़, भाग  आदि सम्मिलित होते हैं जो हमारे दिमाग और शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।

नौकरी या शारीरिक श्रम के बाद लोगों के लिए खेल बहुत ही आवश्यक होता हैं। ये हमें हमारे दैनिक दिनचर्या के सुस्ती से छूटकारा प्रदान करता हैं। आप कोई भी इनडोर गेम जैसे शतरंज, एयर हॉकी, पुल, टेबल-टेनिस इत्यादि या बैडमिंटन, फुटबॉल, क्रिकेट, वॉलीबॉल इत्यादि जैसे आउटडोर गेम खेल सकते है। आउटडोर गेम हमारी मांसपेशियों को मजबूत करने तथा सहनशक्ति बढ़ाने, फेफड़ों को मजबूत बनाने और सही ढंग से सांस लेने, शरीर को मजबूत और फिट बनाने तथा ताकत और साहस प्रदान करने में हमारी मदद करता हैं। इसलिए, आउटडोर गेम को और अधिक पसंद किया जाना चाहिए क्योंकि ये अंतःक्रिया का एक विस्तृत दायरा भी प्रदान करता हैं।

खेल हमारे अदंर के आज्ञाकारिता, अनुशासन, धैर्य, ईमानदारी और टीम भावना के गुणों को बढ़ावा देता हैं। एक टीम के कप्तान को सभी खिलाड़ियों के विशेषता को समझना चाहिए और गेम को जिम्मेदारी से खेलना चाहिए, वहीं टीम के सदस्यों को अपने साथी की मदद करने तथा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रत्येक खिलाड़ी को यह पता होता है कि उसे सदैव खुद से पहले टीम के भले और हित के बारे में सोचना हैं। उन्हें आत्मत्याग, अनुशासन और सहयोग के गुणों के साथ, दूसरों के सामने खुद को प्रस्तुत करना होता हैं। इस तरह, हर खिलाड़ी के अंदर समूह के प्रति मित्रता की भावना उत्पन्न होती है। पाठ्यपुस्तकों की तुलना में, वे खेल के माध्यम से ही जीवन के मूल्यों के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

हालांकि, खेलों में अस्वास्थ्यकर प्रतिद्वंद्विता से बचाना चाहिए। प्रतिस्पर्धा की भावना को एक टीम के खिलाड़ियों और विपरीत टीमों के बीच अप्रिय परिस्थितियों का कारण नहीं बनने देना चाहिए और ना ही इसके कारण खेल के उद्देश्य को खोने देना चाहिए। अस्वास्थ्यकर स्थिति से बचने के लिए, खिलाड़ियों के बीच सच्चे खिलाड़ियों की भावना पैदा की जानी चाहिए और उन्हें सभी नियमों का पालन करते हुए मेल-जोल के साथ खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। खेल को केवल जीतने की इच्छा से नहीं बल्कि एक अच्छे खिलाड़ी और बेहतर इंसान बनने के लक्ष्य के साथ, आन्नदपुर्वक खेला जाना चाहिए।

इसलिए, आज मैं आप सभी को अपने व्यस्त कार्यक्रमों में से कुछ समय निकाल कर खेलने और बाहर जाने की सलाह देता हुं। मेरा अनुरोध है कि आप किताबों और तकनीकी उपकरणों में अपने जीवन को सीमित ना रखे। बाहर की दुनिया में आपके जैसे कई और युवा खिलाड़ी मौजूद हैं जो कठिन परिश्रम कर अपना लक्ष्य प्राप्त करने की कोशिश में दिन-रात लगे हुए है। उसी प्रकार आपको भी एक लक्ष्य निर्धारित कर, कड़ी मेहनत करनी चाहिए क्योंकि यह आपको अपके जीवन को बेहतर संतुलित करने तथा भविष्य के उद्देश्यों को हासिल करने में आपकी मदद करेगा।

धन्यवाद!


 

भाषण – 4

सभी को मेरा नमस्कार!

खेल समारोह के इस अवसर पर मैं हमारे प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों का स्वागत करता हूं।

आज मैं सभी छात्रों से आग्रह करना चाहता हूं कि वे अधिक से अधिक खेलों तथा गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लें और अपना हुनर दिखाएं। टच स्क्रीन, वीडियो गेम और टेलीविज़न के इस युग में, गेम खेलने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है यह हम सबको स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। आज के समय में सभी आयु समूहों के लोग कंप्यूटर और मोबाइल फोन में ही व्यस्त रहते है, जिसके परिणाम स्वरुप वे आलसी बनते जा रहे है। खेल मनुष्यों में मानसिक थकावट और सुस्ती को खत्म करता है तथा ये व्यक्ति को ताज़गी का अनुभव करने में मदद करता है। ये सभी प्रकार की परिस्थितियों के लिए व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार करता है।

खेल के महत्व को गंभीरता से लिया जाना चाहिए तथा इसे शिक्षा के बराबर समझा जाना चाहिए। बच्चों को उनके शुरुआती उम्र से ही इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। छात्रों के बीच अधिक जागरूकता फैलाने के लिए संस्थानों में नियमित अभ्यास और फिटनेस कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए तथा उनके माता-पिता को खेल के महत्व के बारे में जागरुक कराना चाहिए। सभी स्कूलों में खेल के लिए अनिवार्य अवधि होनी चाहिए तथा खेल के प्रति इच्छुक छात्रों को जिला, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने के लिए अतिरिक्त सहायता और उचित प्रशिक्षण के लिए कुशल कोच, आवश्यक खेल उपकरण प्रदान किये जाने चाहिए।

खेल, एक व्यक्ति को बेहतर और एक सही दिशा प्रदान करता है। हालांकि, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि चरम पर ले जाने वाले गेम फायदेमंद के बजाय हानिकारक साबित ना हो जाये हैं। खेलों को अच्छे इरादे के साथ खेला जाना चाहिए। एक जोरदार हिट आसानी से हड्डी तोड़ सकता है, इसलिए, खेल को गंभीरता और आनंनद के साथ खेला जाना चाहिए तथा हार के साथ बहादुरी और मजबूती से निपटना चाहिए। खेल रोग और बीमारी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता हैं। यह केवल उन बच्चों के लिए नहीं हैं जो खेल में शामिल है यह वयस्क के लिए भी जरुरी है , क्योंकि उनके लिए भी खेल उतना ही महत्वपूर्ण है। ये व्यक्ति में मनोरंजन, अवकाश, और व्याकुलता के प्रति उसकी सामान्य प्रतिबद्धता की भावना को पैदा करता है इसके कारण वो नकारात्मक विचारों से दूर, सकारात्मकता विचारों को उजागर करने में सक्षम हो पाते हैं। ये समुह में एक दुसरे के प्रति मित्रता की भावना विकसित करता हैं और संबंध स्थिर बनाए रखने में मदद करता हैं।

आज की समय में तनाव और मानसिक आघात तेजी से विकसित होकर लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रहा हैं। व्यायाम, योग, शारीरिक गतिविधियां, खेल उन्हें इन समस्याओं से दुर ले जाने तथा नेक बनाने में उनकी सहायता करता हैं। खेलकुद व्यक्ति को स्वस्थ और फिट रखने के साथ-साथ, उसके स्वरूप को और बेहतर बनाने तथा शीघ्र निर्णय लेने की दिशा में उनकी मदद करता हैं। इसलिए, हर किसी को खेल के महत्व को समझना चाहिए। युवाओं को खेलों में भाग लेने के साथ-साथ इसे अपने करियर के रूप में चुनना चाहिए। खेल मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें इससे किसी भी कीमत पर अलग नहीं किया जाना चाहिए।

धन्यवाद!

अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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द्वारा प्रकाशित
अर्चना सिंह