भाषण

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 पर भाषण (Independence day speech in Hindi)

यहाँ पर हम स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे और विद्यार्थियों के लिये भारत के स्वतंत्रता दिवस पर कई प्रकार के भाषण उपलब्ध करा रहे हैं। किसी भी दिये गये भाषण का इस्तेमाल कर स्वतंत्रता दिवस उत्सव पर विद्यार्थी सक्रियता से भाग ले सकते हैं। विद्यार्थीयों के लिये सभी भाषण (Independence Day Speech) बेहद आसान और सरल भाषा में लिखे गये हैं जिससे कि वो भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर अपना बेहतरीन भाषण प्रस्तुत कर सकें।

प्रधानाचार्य के लिये स्वतंत्रता दिवस पर भाषण | स्वतंत्रता दिवस पर शिक्षको के लिये भाषण

77वें स्वतंत्रता दिवस 2023 पर स्पीच (Long and Short Speech on 77th Independence Day/15 August 2023 Swatantrata diwas par bhashan)

छोटे बच्चों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

  1. सबको सुप्रभात।
  2. मेरा नाम नेहा सिंह है, मैं कक्षा 1 में पढ़ती हूँ।
  3. आज भारत का 77वां स्वतंत्रता दिवस है।
  4. यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है।
  5. आज ही के दिन 1947 में हमें ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी।
  6. इस लड़ाई में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान गंवाई।
  7. इस दिन हर साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
  8. यह स्वतंत्रता दिवस “मेरी माटी मेरा देश” अभियान के तहत मनाया जाएगा।
  9. हम सभी को अपने वीर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।
  10. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। जय हिंद जय भारत!

15 अगस्त पर एक मिनट का भाषण (15 August par 1 minute ka bhashan)

सभी सम्मानित लोगो को सादर प्रणाम ! आज, हम अपने देश के एक बहुत ही खास दिन – स्वतंत्रता दिवस – का जश्न मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। यह एक ऐसा दिन है जब हर भारतीय गर्व और खुशी महसूस करता है। इस दिन, हम उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने हमारी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। स्वतंत्रता दिवस ब्रिटिश शासन से हमारे देश की आजादी का जश्न मनाने का दिन है। 76 वर्ष पहले 15 अगस्त 1947 को आज ही के दिन भारत आज़ाद हुआ था। यह हमारे देश और नागरिको के लिए गर्व वाला दिन है। हमारे पूर्वजों ने आज़ादी की लड़ाई और हमारे लिए अपना जान न्योछावर किया, उसे ध्यान में रखते हुए हमें अपने देश को एक बेहतर देश बनाने की शपथ लेनी चाहिए।

सभी को आजादी की 77 वीं वर्षगाठ पर ढेर सारी शुभकामनाएं।

जय हिन्द! जय भारत!

स्वतंत्रता दिवस पर 1 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par 1 Minute ka bhashan)

आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्मानित शिक्षकगण, अभिभावक एवं मेरे साथियों। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त कर मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह हमारा 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह है। आज से ठीक 76 वर्ष पूर्व, हमें आजादी मिली थी। हमारे आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है जिसका वर्णन एक दिन में नहीं हो सकता है। हर भारतीय के लिए स्वतंत्रता दिवस बहुत महत्व रखता है।

आज से 76 वर्ष पूर्व हम पर अंग्रेजों का शासन था, वे व्यापार के बहाने भारत आए और धीरे-धीरे सब कुछ अपने अधीन कर लिया और हमें अपना गुलाम बना लिया। फिर कई आंदोलन और लड़ाई लड़ने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। हमारे देश के वीर योद्धाओं की वजह से आज हम स्वतंत्र हुए हैं और उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों में से एक है।

जय हिन्द।

इसे यूट्यूब पर देखें : 1 Minute Speech on Independence day in Hindi

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “कहती भारत की आबादी, है जान से प्यारी आजादी”

चंद्रशेखर आजाद:- “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं आजाद ही रहेंगे”

स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त पर 2 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par 2 minute ka bhashan)

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षकगण एवं प्यारे साथियों। आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुझे अपने विचार आपके सामने व्यक्त करने का सुअवसर प्रप्त कर बेहद खुशी की अनुभूति हो रही है, आइये मैं आपको स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे में बताती हूं।

स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, आज से 76 वर्ष पूर्व भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली थी। भारत, जिसने अपना अस्तित्व खो दिया था, को पुनः अपनी पहचान मिली। अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद, हमारी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हम पर आक्रमण किया और करीब दो सौ वर्षों तक शासन किया। हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाईयां लड़ी और उसके बाद जाके 15 अगस्त 1947 को हमें आज़ादी मिली।

तब से लेकर आज तक, हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आए हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर साल लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। इसके बाद वे देश को संबोधित करते हैं और फिर कुछ रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। इसे देखने के लिये दूर-दूर से लोग दिल्ली जाते हैं और जो नहीं जा पाते वे इसका सीधा प्रसारण देखते हैं।

इस प्रकार हम हमारे वीर जवानों को याद करते हुए अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।

जय हिन्द।

इसे यूट्यूब पर देखें : 2 Minute Speech on Independence day in Hindi

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “जिन वीरों पर हमको गर्व है, स्वतंत्रता उन्हीं का पर्व है”

भगत सिंह:- “व्यक्तियों को कुचलकर, वे विचारों को नहीं मार सकते”

स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त पर 5 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par 5 minute ka bhashan)

यहां उपस्थित सभी दिग्गजों को मेरा प्रणाम एवं भाईयों और बहनों को स्नेह भरा नमस्कार। स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर मैं अपने विचारों को पंक्तिबद्ध तरीके से व्यक्त कर रही हूं, ताकि आप उस दौर के मार्मिकता को समझ पाएं, कि आखिर ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी थी की लोगों को जान की बाजी लगानी पड़ी, ऐसी कौन सी विपदा आन पड़ी थी कि लोगों को कुर्बानी देनी पड़ी थी, तो आईए मैं अपने भाषण का प्रमुख हिस्सा आपके सामने रखती हूँ और आशा करती हूं कि ये आप सबको जरूर पसंद आएगा।

क्या समझोगे तुम इस युग में कि प्राण गवाने का डर क्या था,

क्या समझोगे तुम इस दौर में की अंग्रेजों के प्रतारण का स्तर क्या था।

क्या देखा है रातों रात, पूरे गांव का जल जाना।

क्या देखा है वो मंजर, बच्चों का भूख से मर जाना।

कहने को धरती अपनी थी, पर भोजन का न एक निवाला था।

धूप तो उगता था हर दिन, पर हर घर में अंधियारा था।

बैसाखी का पर्व मनाने घर-घर से दीपक निकले थे,

लौट न पाए अपने घर को, जो देश बचाने निकले थे।

जलियावाला बाग हत्या कांड वो कहलाया, जिसमें बच्चे-बूढ़े सब मर गए थे।

क्या कसूर था उन निर्दोशों का कि देनी पड़ी कुर्बानी थी,

क्या कसूर था उस बेबस मां का जिससे रूठी उसकी किलकारी थी।

धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ा, सब के सर पर क्रोध चढ़ा।

गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलवाया, तो हमने भी चौरा-चौरी कांड किया।

हमें बेबस समझते थे, इस लिये हमपर हुकूमत करते थे।

पर देश पर जान कूर्बान करने से, न हम भारत वासी डरते थे।

बहुत हुआ था तानाशाही, अब तो देश को वापस पाना था।

साम, दाम, दंड, भेद चाहे जो हथियार अपनाना था।

गांधी जी ने धीरज धरा और कहा अहिंसा को ही अपनाना है।

इंट का जवाब पत्थर नहीं होता, यह सबक अंग्रेजों को सिखाना है।

अहिंसा को हथियार बनाया, न कोई गोली-बंदूक चलाया।

फिर भी अंग्रेजों को हमने, अपने देश से खदेड़ भगाया

और उस तारीख को हमने, सुनहरे अक्षरों से गढ़वाया

यही हमारा स्वतंत्रता दिवस है भाइयों, जो शान से 15 अगस्त कहलाया।

जय हिन्द, जय भारत।

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “हम सब ने आज ये ठाना है, आजादी को अमर बनाना है”

रामप्रसाद बिस्मिल:- “सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु ए कातिल में है”

स्वतंत्रता दिवस पर 5 मिनट का भाषण (Swatantrata diwas par bhashan)

मेरे सभी आदरणीय अधयापकों, अभिभावक, और प्यारे मित्रों को सुबह का नमस्कार। इस महान राष्ट्रीय अवसर को मनाने के लिये आज हमलोग यहाँ इकठ्ठा हुए हैं। जैसा कि हम जानते है कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये एक मंगल अवसर है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है तथा ये इतिहास में सदा के लिये उल्लिखित हो चुका है। ये वो दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानीयों द्वारा वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटीश शासन से हमें आजादी मिली। भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिये हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही साथ उन सभी महान नेताओं के बलिदानों को याद करते है जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपनी आहुति दी।

ब्रिटीश शासन से 15 अगस्त 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र और मातृभूमि में सारे मूलभूत अधिकार मिले। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिये कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए है। गुलाम भारत का इतिहास सब कुछ बयाँ करता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने कड़ा संघर्ष किया और फिरंगियो कें क्रूर यातनाओं को सहन किया। हम यहाँ बैठ के इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानीयों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठायी थी।

बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को आजादी के लिये दे दिया। हम सब कभी भी भगत सिंह, खुदीराम बोस और चन्द्रशेखर आजाद को नहीं भूल सकते जिन्होंने बहुत कम उम्र में देश के लड़ते हुए अपनी जान गवाँ दी। हम नेताजी और गाँधी जी संघर्षों को कैसे दरकिनार कर सकते हैं। गाँधी जी एक महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। वो एक एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के माध्यम के आजादी का रास्ता दिखाया और अंतत: लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को वो दिन आया जब भारत को आजादी मिली।

हमलोग काफी भाग्यशाली है कि हमारे पूर्वजों ने हमें शांति और खुशी की धरती दी है जहाँ हम बिना डरे रातों में सो सकते हैं और अपने स्कूल तथा घर में पूरा दिन मस्ती कर सकते हैं। हमारा देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकसित कर रहा है जो कि बिना आजादी के संभव नहीं था। परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में सक्रिय रुप से भागीदारी करने के द्वारा हमलोग आगे बढ़ रहे हैं। हमें अपनी सरकार चुनने की पूरी आजादी है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का उपयोग कर रहे हैं। हाँ, हम मुक्त है और पूरी आजादी है हालाँकि हमें खुद को अपने देश के प्रति जिम्मेदारीयों से मुक्त नहीं समझना चाहिये। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, किसी भी आपात स्थिति के लिये हमें हमेशा तैयार रहना चाहिये।

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “स्वतंत्रता अधूरी जिनके बिन है, ये उन्हीं शहीदों का दिन है”

सुभाष चंद्र बोस:- “संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले नहीं था”


स्वतंत्रता दिवस पर 10 मिनट का लम्बा भाषण (Swatantrata diwas par bhashan)

इस प्रांगण में उपस्थित सभी सम्माननीय लोग, शिक्षक, मेरे सहपाठियों और उपस्थित अन्य सभी गणमान्य लोगों को मेरा प्रमाण (नमस्कार)। 15 अगस्त को इस स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर को मनाने के लिए हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं। इस शुभ अवसर की आप सभी को ढ़ेरों शुभकामनाएं और बधाई। आज इस शुभ अवसर पर मुझे आप सभी के बीच संबोधन करने का मौका मिला है उसके लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

दोस्तों, जैसा कि हम जानते हैं, 15 अगस्त हर भारतीयों के लिए एक सम्मान और गर्व का दिन है। 15 अगस्त सन् 1947 को हमारें सभी स्वतंत्रता सेनानीयों और क्रांतिकारीयों ने अपनी जान की बाजी लगाकर हमारे देश को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त कराया था, और वो हमें अपने बलिदान और इस देश की आजादी का कर्जदार कर गएं। इसलिए हम इसे एतिहासिक रुप से उनकी याद और सम्मान में इस दिन को मनाते हैं। इसी दिन तकरीबन 200 वर्षों से हम भारतीयों पर अत्याचार कर रहें अंग्रेजी हुकूमत से हमें आजादी मिली थी, जो कि अतूलनीय है।

अंग्रेजी हुकूमत ने कई वर्षों तक हम भारतीयों पर अत्याचार किया और हमें गुलाम बनाकर रखा। एक कहावत है कि “पाप का घड़ा एक दिन अवश्य फूटता है”, और इसी कहावत के अनुसार 15 अगस्त के दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली और हम पूर्ण रुप से स्वतंत्र हो गए। इस आजादी के अथक प्रयास में हमने अपने देश के कई महान व्यक्तियों को भी खो दिया। हमारे देश में ऐसे कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया जिन्होनें देश की आजादी के लिए अपनी जान तक की परवाह न की, और हंसते-हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए। हमारे देश की आजादी में सबसे महत्वपूर्ण योगदान महात्मा गांधी जी ने दिया, जिन्होनें ब्रिटिश शासन के खिलाफ सत्य और अहिंसा जैसे शस्त्र का प्रयोग कर उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। देश की आजादी में कई अन्य स्वतंत्रता सेनानी जैसे जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सुभाष चन्द्र बोष, भगत सिहं, चन्द्रशेखर आजाद इत्यादि कई ऐसे लोग थें जिन्होंने भारत की आजादी में अपना योगदान दिया और देश को अंग्रेजों की गुलामी के चंगुल से मुक्त करवाया।

हम बहुत भाग्यशाली हैं कि इतिहास में हमें ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी मिले और उन्होंने न केवल देश को बल्कि आगे आने वाली पीढ़ियों को भी अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाया। इस कारण हम आज आजाद हैं और दिन प्रतिदिन नई-नई उपलब्धियों और नये मुकाम को हासिल कर रहें हैं।

आजादी के 76 साल बाद आज हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति की ओर अग्रसर है। हमारा देश हर दिन अलग क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है, जैसे सैन्य ताकत, शिक्षा, तकनिकी, खेल और कई अन्य क्षेत्रों में यह हर दिन नया आयाम लिख रहा है। आज हमारी सैन्य ताकत इतनी अच्छी है कि दुनियां भर में इसकी मिसाल दी जाती है, और कोई भी देश भारत पर आंख उठाकर देखने में भी घबराता है। आज हमारी सैन्य ताकत आधुनिक हथियारों से लैस है, जो किसी भी दुश्मन को पलक झपकते ही मिटाने की ताकत रखता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि हमारा देश प्रचीन काल से ही कृषि प्रधान देश रहा है, और 15 अगस्त 1947 के बाद हमारे कृषि क्षेत्र में भी काफी बदलाव आया है। आजादी के बाद हम कृषि में नई तकनीक और फ़सल उगाने के नये तरीकों का इस्तेमाल कर अधिक मात्रा में फसल का उत्पाद करते हैं, और आज हमारा देश आनाज का निर्यात करने में सबसे आगे है। सन् 1965 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान तात्कालिक प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था। और आज यह नारा काफी हद तक सिध्द होता है।

आज आजादी के बाद विज्ञान के क्षेत्र में भी हमने काफी तरक्की कर ली है। इस विज्ञानिक तकनीकी के कारण आज भारत चन्द्रमा और मंगल तक का सफर तय कर चुका है। नई विज्ञानिक तकनीकी को हर दिन नया कर हम देश को एक नई तरक्की की ओर ले जा रहे हैं। विज्ञान और तकनीक को हम अपने लिए हर क्षेत्र में अपना रहे है। सैन्य, कृषि, शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान और तकनीकी को अपनाकर हम खुद को प्रगतिशील देशों के समकक्ष खड़ा कर पाए हैं। आजादी के बाद हमने हर क्षेत्र में प्रगति की है और रोज नये आयामों को लिख रहे हैं।

आजादी के इस अवसर पर जहां हम देश के प्रगति के नये आयामों के बारे में चर्चा कर रहे है, वही हमें गुलामी के उस मंजर को कभी नहीं भुलना चाहिए, जहां हमारे महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने आजादी के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी। आज भी उन महान व्यक्तियों को याद कर हमारी आंखें नम हो जाती हैं। हमें आज के नये भारत की चकाचौंध में उन महान आत्माओं को कभी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया।

आज इस शुभ अवसर पर आपको संबोधित करते हुए उन महान आत्माओं को मेरा शत्-शत् प्रणाम और श्रद्धाजंली देते हुए अपनी इन बातों को विराम देता हूँ, आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय…. जय हिन्द….

स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन:- “गांधी सुभाष और भगत सिंह, हैं आजादी के अमर चिन्ह”

महात्मा गांधी:- “किसी की मेहरबानी मांगना, अपनी आजादी बेचना है।”

FAQs: Frequently Asked Questions on Independence Day in Hindi

प्रश्न 1 – “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” किसका भाषण है?

उत्तर – “ट्रिस्ट विद डेस्टनी” भाषण पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिया था।

प्रश्न 2 – “करो या मरो” नारा किसने दिया था?

उत्तर – “करो या मरो” नारा महात्मा गांधी द्वारा दिया गया था।

प्रश्न 3 – “स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है” नारा किसके द्वारा दिया गया था?

उत्तर – “स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है” नारा बालगंगाधर तिलक ने दिया था।

प्रश्न 4 – “क्वाइट इंडिया स्पीच” किसने दिया था?

उत्तर – “क्वाइट इंडिया स्पीच” महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को दिया था।

प्रश्न 5 – “क्राईसीस ऑफ सिविलाईजेसन” नामक भाषण किसने दिया था?

उत्तर – “क्राईसीस ऑफ सिविलाईजेसन” नामक भाषण रवींद्र नाथ टैगोर ने 1941 में दिया था।

अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

Share
द्वारा प्रकाशित
अर्चना सिंह