10 वाक्य

अन्तर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस पर 10 वाक्य (10 Lines on International Day for Natural Disaster Reduction in Hindi)

लगभग सभी देश प्राकृतिक आपदाओं से परेशान होते है और अपने लोगो की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। मानव का प्रकृति पर कोई जोर नहीं है परन्तु अप्रत्यक्ष रूप से मानवीय गतिविधियां भी कभी कभी इन प्राकृतिक घटनाओं का कारण बन जाती हैं। ऐसे विकट समय में लोगों की सहायता करने वाले कुछ अंतर्राष्ट्रीय संगठनो ने मिलकर एक दिन को चुना जिसपर वो लोगों को जागरूक कर सके कि ऐसी स्थितियो मे क्या करे और क्या नहीं। जिससे की लोग अपनी और अपने जानने वालो की जान बचा सके।

अन्तर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस पर 10 लाइन (Ten Lines on International Day for Natural Disaster Reduction in Hindi)

आइए इन 10 वाक्यो के सेट से हम अन्तर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस के बारे में जानते हैं।

Antarrashtriya Prakritik Apada Nyunikaran Divas par 10 Vakya – Set 1

1) प्राकृतिक आपदा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 13 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है।

2) आपदा निवारण के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा के सम्मेलन में 2009 में अक्टूबर के दूसरे बुधवार को यह दिन मनाना तय किया गया था।

3) आगे चलकर 21 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 64 से 200 रिजॉल्युशन को पारित किया और 13 अक्टूबर को यह दिन मनाना निश्चित हुआ।

4) दुनियाभर में लोग कई प्रकार के अभियान और गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण बचाव और आपदाओं में जान-माल के नुकसान के प्रति जागरूकता फैलाते हैं।

5) इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर प्रिपेयर्डनेस एंड रिस्पांस (International Association For Preparedness and Response) नाम की एक संस्था है जो 1962 में गठित हुई और जनसेवा कर रही है।

6) यह एक गैर लाभकारी संस्था है जिसका मुख्यालय कोलोरॉडो, युनाइटेड स्टेट्स में है और 50 से अधिक देश इसके सदस्य हैं।

7) यह केवल आपदा बचाव और प्रबंधन ही नहीं बल्कि प्राकृतिक जलवायु परिवर्तन के खतरों से भी आगाह करता है।

8) अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस को हर साल एक नए थीम के साथ मनाया जाता है।

9) ऐसे कार्यक्रमों के प्रति युवाओं मे काफी उत्साह रहता है और वे फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरुक करते हैं।

10) ये प्राकृतिक आपदाओं जैसे सुनामी, तूफान, भूकम्प, सूखा और हिमस्खलन आदि के बारे में जागरूक करने का दिन है।

Antarrashtriya Prakritik Apada Nyunikaran Divas par 10 Vakya – Set 2

1) विश्व के कई ऐसे देश हैं जहाँ हर साल कोई न कोई प्राकृतिक आपदा आती रहती है जिससे जान-माल का काफी नुकसान होता है।

2) इस दिन पर लोगों को प्राकृतिक आपदाओ की संकट परिस्थिति से कैसे बचा जा सकता है, बताया जाता है।

3) भारी संख्या में लोग बढ़-चढ़ कर इन आयोजनों में हिस्सा लेते हैं और रैली आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हैं।

4) स्कूलों में कुछ खास कार्यक्रमों के माध्यम से ऐसी विकट परिस्थिति से निपटना सिखाया जाता है।

5) इस दिन छात्रों द्वारा भाषण, वाद-विवाद और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

6) लगभग सभी देशों में ऐसी गतिविधियों का आयोजन करके वैश्विक स्तर पर इस दिन को मनाया जाता है।

7) ऐसे कार्यक्रमों के बड़े स्तर पर प्रसारण करके इलेक्ट्रानिक मीडिया भी इन कार्यक्रमों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

8) भारत जैसे अधिक जनसंख्या वाले देश मे ऐसी आपदाओं से बचने के प्रबंध संतोषजनक नहीं है।

9) भारत के दक्षिण पूर्वी राज्यों मे लगभग प्रतिवर्ष ही कोई न कोई सुनामी, तूफान या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं।

10) ऐसी विकट परिस्थियों के लिए हम सभी को तैयार रहना चाहिए और अन्य लोगों को भी बचाव व सहायता के लिए जागरूक करना चाहिए।


केवल ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। हम सभी को आगे आना पड़ेगा और अपने आस-पास लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहना चाहिए। हम आपदा को रोक तो नहीं सकते पर इसके लिए तैयार रह सकते हैं। उचित प्रबंधन और एक योजनाबद्ध तरीके से एक साथ मिलकर इन गंभीर समस्याओं से निपटा जा सकता है, आवश्यकता है तो बस लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने की।

Shubham Singh

राजनितिशास्त्र से स्नातक एवं इतिहास से परास्नातक करने के पश्चात् शुभम सिंह लेखन कार्य से जुड़ गये। लेखन से पूर्व किये गये गहन अन्वेषण इनके लेखों में साफ़ दिखाई देते है। उत्कृष्ठ लेखन के साथ-साथ ये युवाओं को उनके शिक्षा एवं भविष्य से सम्बंधित मार्गदर्शन भी करते है। इनका मानना है की सही दिशा में किया गया परिश्रम व्यक्ति को हमेशा सफल बनाता है।

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