10 वाक्य

राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस पर 10 वाक्य (10 Lines on National Flag Adoption Day in Hindi)

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में भारत के राष्ट्रीय ध्वज का बहुत ही बड़ा महत्व है। हमारा राष्ट्रीय झंडा एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत को विशिष्ट पहचान देता है। 1947 में ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस मनाया जाता है। देशभक्ति के सही अर्थ का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपनाया गया तिरंगा झंडा भी भारत के नागरिकों के बीच ‘अनेकता में एकता’ का संदेश फैलाने में मदद करता है।

सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर 10 वाक्य || राष्ट्रीय ध्वज का महत्व पर 10 वाक्य

राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस पर 10 लाइन (Ten Lines on National Flag Adoption Day in Hindi)

यहाँ नीचे हम ध्वज अंगीकरण दिवस पर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6 के लिए हिंदी में 10 पंक्तियाँ, 5 पंक्तियाँ, 20 पंक्तियाँ और वाक्य उपलब्ध करा रहे हैं। इन पंक्तियों को पढ़ने के बाद आप ध्वज व ध्वज ग्रहण के बारे में सब कुछ जान सकेंगे। आप इन पंक्तियों को अपने निबंध लेखन, पैराग्राफ लेखन व अपनी परीक्षा में इस्तेमाल कर सकते हैं।

Rashtriya Dhwaj Angikaran Divas par 10 Vakya – Set 1

1) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई 1947 को भारत के संविधान द्वारा अपनाया गया था तब से हर साल 22 जुलाई को झंडा अंगीकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

2) ध्वज अंगीकरण दिवस तिरंगे को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने की याद दिलाता है।

3) 22 जुलाई 1947 को हुई संविधान सभा की बैठक के दौरान ध्वज को अपनाया गया था, लेकिन 15 अगस्त 1947 को भारत का आधिकारिक ध्वज बना।

4) युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना जगाने के लिए भी झंडा अंगीकरण दिवस मनाया जाता है।

5) ध्वजारोहण के दौरान राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देकर, भारतीय संस्कृति और परंपरा का सम्मान करते हुए झंडा अंगीकरण दिवस मनाया जाता है।

6) भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले राष्ट्र भक्तों को सम्मान देने के लिए भी लोग झंडा अंगीकरण दिवस मनाते हैं।

7) इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों जैसे कविता प्रतियोगिता, भाषण, वाद-विवाद, निबंध लेखन प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया जाता है।

8) लोग फूल चढ़ाकर, राष्ट्रगान गाकर और सार्वजनिक स्थानों पर परेड करके भी ध्वज का सम्मान करते हैं।

9) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज मूल रूप से पिंगली वेंकय्या द्वारा डिजाइन किया गया था और 1921 में महात्मा गांधी द्वारा अनुमोदित किया गया था।

10) राष्ट्रीय ध्वज का तीनो रंग स्वराज ध्वज की अवधारणा पर आधारित है जिसे मूल रूप से महात्मा गांधी के हाथ से बुने हुए कॉटन से तैयार किया गया था।

Rashtriya Dhwaj Angikaran Divas par 10 Vakya – Set 2

1) 1947 में 22 जुलाई वह दिन था जब भारतीय राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था, जो राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस के उत्सव का प्रतीक था।

2) भारत का ध्वज तिरंगा में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा रंग होता है, सफ़ेद भाग के बीच में नीला चक्र होता है जिसमें 24 तीलियाँ होती हैं।

3) राष्ट्रीय ध्वज पर चक्र सम्राट अशोक के ‘धर्म चक्र’ के प्रतीक का प्रतिनिधित्व करता है।

4) तिरंगा की नारंगी पट्टी राष्ट्र की शक्ति और साहस का प्रतीक है।

5) झंडे की बीच की सफेद पट्टी शांति, सच्चाई, ईमानदारी और पवित्रता का प्रतीक है।

6) अंतिम हरी पट्टी राष्ट्र के विकास और आकांक्षाओं का प्रतीक है।

7) तिरंगे झंडे के चक्र में मौजूद प्रत्येक स्पोक के अलग-अलग अर्थ होते हैं।

8) अच्छाई, प्रेम, न्याय, सहानुभूति, आध्यात्मिक, धैर्य, नैतिक मूल्य ध्वज के चक्र या चक्र में तीलियों के कुछ प्रतीकात्मक अर्थ हैं।

9) युवा पीढ़ियों में भारतीय संस्कृति और परंपरा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए देश भर में राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस भी मनाया जाता है।

10) राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस मनाने से विभिन्न धार्मिक समुदाय के लोगों के बीच शांति और सद्भाव का संदेश भी फैलता है।


Rashtriya Dhwaj Angikaran Divas par 10 Vakya – Set 3

1) हर साल 22 जुलाई को मनाया जाने वाला झंडा अंगीकरण दिवस भारत के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है।

2) भारतीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था।

3) झंडा अंगीकरण दिवस मनाने का कारण नागरिकों को उनके ध्वज और उसकी विशिष्टताओं से अवगत कराना है।

4) भारतीय ध्वज के तीन रंग राष्ट्र के लोगों के बीच त्याग, शांति और समृद्धि की भावना फैलाते हैं।

5) कई स्कूलों, कॉलेजों और अन्य सरकारी, गैर सरकारी संगठनों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

6) भारतीय सेना ध्वज के सम्मान में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के सामने एक भव्य परेड आयोजित करती है।

7) झंडा फहराने के बाद लोग इसे सलामी देते हैं और फिर राष्ट्रगान गाते हैं।

8) राज्य सरकारें भी झंडा फहराने का कार्यक्रम व सशस्त्र बलों का मार्च आयोजित करती हैं।

9) यह दिवस पूरे देश में लोगों के बीच भाईचारे की भावना फैलाता है।

10) झंडा ही पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए हमें अपने झंडे का सम्मान हमेशा करना चाहिए।


Rashtriya Dhwaj Angikaran Divas par 10 Vakya – Set 4

1) भारत का राष्ट्रीय ध्वज भारतीय स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकय्या द्वारा डिजाइन किया गया था।

2) भारतीय ध्वज को 1947 में आज ही के दिन (22 जुलाई) संविधान सभा में अपनाया गया था।

3) झंडा अंगीकरण दिवस हम सब भारतियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय झंडा पूरे देश और उसकी स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्व करता है।

4) झंडा अंगीकरण दिवस हमें अपने झंडे के सम्मान और रक्षा का पाठ पढ़ाता है।

5) लोग गीत गाकर, नाटक और कार्यक्रम करके अपने झंडे और शहीद हुए सैनिकों के लिए सम्मान का इजहार करते हैं।

6) टीवी और रेडियो पर विभिन्न कविताएं और देशभक्ति के गीत गाये व बजाए जाते हैं।

7) झंडा फहराना और राष्ट्रगान गाना हमें देशभक्ति व देशप्रेम की भावना से भर देता है।

8) इस दिन के कार्यक्रम के बाद स्कूलों और कोलाजों में छात्रों को मिठाई बाटी जाती है।

9) भारतीय ध्वज के चक्र में मौजूद 24 तीलियाँ धैर्य, अच्छाई, सहयोग, प्रेम, सम्मान, समर्पण, बलिदान आदि के प्रतीक हैं।

10) इस दिन राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना भी है।


भारत के राष्ट्रीय ध्वज का प्रत्येक नागरिक के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है। हर साल हम झंडा अंगीकरण दिवस मनाकर हम ब्रिटिश शासन से हमारी स्वतंत्रता व लाखों लोगों का बलिदान याद करते हैं। पूरे भारत में विभिन्न संस्कृतियों व परंपराओं के लोगों द्वारा एक ही भावना और उत्साह के साथ यह दिवस मनाया जाता है।

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राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस पर निबंध

अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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द्वारा प्रकाशित
अर्चना सिंह