एक देश का झंडा उसके स्वशासन को प्रदर्शित करता है। कई वर्षो तक राजतन्त्र एवं उसके बाद आक्रमणकारियों तथा ब्रिटिशों द्वारा गुलाम रहने के बाद जब भारत ने स्वतंत्रता की ओर कदम बढ़ाया तो पूरे देश मे एक झंडे ने एकता की भावना की लहर पैदा कर दिया। जिसने लोगों में भाईचारे को बढ़ावा देने का सफल कार्य किया। कई बदलाव से गुजरने के बाद 22 जुलाई 1947 को भारत के वर्तमान झंडे को अपनाया गया। तब से यह हमारे देश व इसके नागरिकों के सम्मान और गौरव का प्रतीक है।
राष्ट्रीय ध्वज का महत्व पर 10 वाक्य || हर घर तिरंगा
भारत का राष्ट्रीय ध्वज देश की स्वतंत्रता एवं लोकतांत्रिकता को दर्शाता है। यह देश की अखंडता का सूचक है। आज हम इस लेख के माध्यम से अपने राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को जानेंगे।
1) भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा के नाम से जानते हैं।
2) भारत का राष्ट्रीय झंडा संविधान सभा द्वारा 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था।
3) भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों से मिल कर बना हुआ है।
4) भारत के राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया, सफ़ेद और हरा रंग है।
5) ध्वज के बीच में नीले रंग का अशोक चक्र है, जिसमें 24 तीलियां होती है।
5) राष्ट्रीय ध्वज भारत के गौरव का प्रतीक है।
6) राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान हम उसे हमेशा ऊँचा स्थान देकर करते हैं।
7) भारत का अपना झंडा हो यह सुझाव सर्वप्रथम पिंगली वेंकैया ने दिया।
8) भारत का राष्ट्रीय ध्वज केवल खादी एवं सूती कपड़े से बनाया जाता है।
9) भारत का झंडा कई चरणों से गुजरने के बाद वर्तमान स्वरूप प्राप्त किया।
10) विद्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के साथ राष्ट्रगान गाया जाता है।
1) किसी राष्ट्र का अपना ध्वज उसके स्वतंत्रता और गौरव का प्रतीक होता है।
2) भारत के झंडे में पहले दो रंग ही थे, लाल रंग हिन्दु एवं हरा रंग मुस्लिम धर्म के लिए, बाद में अन्य धर्मों के लिए इसमें सफ़ेद रंग जोड़ा गया।
3) भारत देश का पहला झंडा सन् 1906 में कोलकाता में फहराया गया था, जिसके बाद इसके रंग रूप में कई परिवर्तन हुए।
4) भारत के राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग ताकत को, सफ़ेद रंग सत्य और शांति तथा हरा रंग उर्वरता एवं विकास को प्रदर्शित करता है।
5) राष्ट्रीय ध्वज के बीच में स्थित सफ़ेद पट्टी के मध्य में स्थित चक्र सारनाथ के अशोक स्तम्भ से लिया गया है, जो जीवन के सदैव प्रगतिशील होने को दर्शाता है।
6) भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज की माप 3:2 के लम्बाई और चौड़ाई के अनुपात में होना चाहिए।
7) राष्ट्रीय ध्वज के रख-रखाव, बनावट, ध्वज फहराने का तरीका आदि ध्वज से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख भारतीय ध्वज संहिता 2002 में मिलता है।
8) सन् 2002 में भारतीय ध्वज संहिता में संसोधन के द्वारा भारत के सभी व्यक्तियों, शैक्षिक संस्थानों, निजी व सरकारी कार्यालय में सम्मान और नियमों के साथ ध्वज फहराने व रखने की अनुमति दिया गया।
9) भारत का राष्ट्रीय ध्वज देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है और इससे देश का सम्मान जुड़ा हुआ है।
10) किसी भी सांप्रदायिक लाभ हेतु राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल सख्त वर्जित है।
1) किसी राष्ट्र का अपना ध्वज उसके स्वतंत्रता और गौरव का प्रतीक होता है।
2) भारत के झंडे में पहले दो रंग ही थे, लाल रंग हिन्दु एवं हरा रंग मुस्लिम धर्म के लिए, बाद में अन्य धर्मों के लिए इसमें सफेद रंग जोड़ा गया।
3) भारत देश का पहला झंडा सन् 1906 में कोलकाता में फहराया गया था, जिसके बाद इसके रंग रूप में कई परिवर्तन हुए।
4) भारत के राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया रंग ताकत को, सफेद रंग सत्य और शांति तथा हरा रंग उर्वरता एवं विकास को प्रदर्शित करता है।
5) राष्ट्रीय ध्वज के बीच में स्थित सफेद पट्टी के मध्य में स्थित चक्र सारनाथ के अशोक स्तम्भ से लिया गया है, जो जीवन के सदैव प्रगतिशील होने को दर्शाता है।
6) भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज की माप 3:2 के लंबाई और चौड़ाई के अनुपात मे होना चाहिए।
7) राष्ट्रीय ध्वज के रख-रखाव, बनावट, ध्वज फहराने का तरीका आदि ध्वज से संबंधित सभी महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख भारतीय ध्वज संहिता 2002 में मिलता है।
8) सन् 2002 मे भारतीय ध्वज संहिता मे संसोधन के द्वारा भारत के सभी व्यक्तियों, शैक्षिक संस्थानों, निजी व सरकारी कार्यालय में सम्मान और नियमों के साथ ध्वज फहराने व रखने की अनुमति दिया गया।
9) भारत का राष्ट्रीय ध्वज देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है और इससे देश का सम्मान जुड़ा हुआ है।
10) विद्यालयों मे राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के साथ राष्ट्रगान किया जाता है और देश व देश के लोगों के प्रति निष्ठा का शपथ लिया जाता है।
हम जिस देश मे रहते हैं, उसका सम्मान करना चाहिए। भारत के राष्ट्रीय त्योहारों पर सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है। हम सभी को किसी खास मौके पर ही नहीं बल्कि हमेशा अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना चाहिए। ध्वज का सम्मान हमारे लिए देशभक्ति का प्रतीक है। सभी को ध्वज की रक्षा करनी चाहिए तथा इसका अनादर या अपमान नहीं करना चाहिए। यह ध्वज केवल देश का ही नहीं, देश मे रहने वाले नागरिकों के आदर्शों का भी सूचक है।
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