वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि की यह गंभीर समस्या केवल भारत ही नहीं विश्व के कई देशों द्वारा देखा जा रहा है। इन समस्याओं के निवारण के लिए सभी देश कुछ न कुछ ठोस कदम भी उठा रहे हैं। इस समस्या से समाधान के क्षेत्र में उत्तर-प्रदेश राज्य ने कुछ कदम उठाने का प्रयास किया है। अन्य कुछ भारतीय राज्यों एवं देशों के जनसंख्या नियंत्रण कानून से सीख लेते हुए एक मसौदा तैयार किया गया है, जो जनता को प्रोत्साहित करेगा। जिसे आने वाले समय में हम उत्तर-प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण कानून के रूप में देखेंगे।
मैं अपने लेख के माध्यम से उत्तर-प्रदेश राज्य विधि आयोग द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए तैयार किये गये मसौदे से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को साझा कर रहा हूं, जिससे आप इसे आसानी से समझ सकेंगे।
1) उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण मसौदा उत्तर प्रदेश में जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लाया गया है।
2) यह मसौदा उत्तर प्रदेश राज्य के विधि आयोग द्वारा पेश किया गया है।
3) यह मसौदा आदित्यनाथ मित्तल की अध्यक्षता में बनाया गया है।
4) इसे विश्व जनसंख्या दिवस अर्थात 11 जुलाई 2021 को प्रस्तुत किया गया।
5) इस मसौदे पर जनता अपना सुझाव 19 जुलाई 2021 तक दे सकती है।
6) आज हमारे देश में जनसंख्या विस्फोट सबसे बड़ी समस्या बन गयी है।
7) उत्तर प्रदेश राज्य की जनसंख्या विश्व में केवल 4 देशों से पीछे है।
8) 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 20 करोड़ थी।
9) वर्तमान में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या अनुमानतः 24 करोड़ हो चुकी है।
10) जनसंख्या नियंत्रण कानून को मानने वालों को सरकार के द्वारा कई सुविधाएं दी जाएंगी।
1) जनसंख्या नियंत्रण मसौदा, राज्य विधि आयोग द्वारा अगस्त के दुसरे हफ्ते में उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा जायेगा।
2) उत्तर प्रदेश सरकार इस मसौदे पर विचार-विमर्श करके इसे जनसंख्या नियंत्रण कानून के रूप में पास करेगी, जो एक वर्ष के पश्चात राज्य की जनता पर लागू हो जायेगा।
3) इसका उद्देश्य है कि सीमित संसाधनों के इस दौर में राज्य की जनता की भोजन, सुरक्षा, शिक्षा, शुद्ध पेयजल, बिजली और आवास आदि मौलिक जरूरते पूरी हो सके।
4) राज्य की जनता के आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ जनसंख्या नियंत्रण के भविष्य में अनेकों फायदे होंगे।
5) जो नागरिक जनसंख्या नियंत्रण कानून के मानदंडो का पालन करेंगे, उन्हें सरकार द्वारा कई सरकारी योजनाएं व सुविधाएं प्रदान किए जायेंगे।
6) इस कानून के तहत राज्य में रहने वाले एक दंपति को 2 बच्चे रहने पर कई सुविधाएं दिए जायेंगे, जैसे- पदोन्नति, वरीयता तथा अन्य निजी लाभ आदि।
7) सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग प्रकार की कई सुविधाएं दिए जाने की बात इस मसौदे में लिखित है।
8) जिन भी दंपति के तीन बच्चे होंगे उन्हें सरकार की कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा, हालाँकि दंपति जितने चाहे बच्चे कर सकते हैं, इस पर कोई बाध्यता नहीं है।
9) जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होने के पश्चात ही जनता इसके अंतर्गत आएगी, अर्थात कानून लागू होने के पश्चात ही ये नियम माना जायेगा।
10) कानून लागू होने के पूर्व की स्थिति में यदि किसी दंपति के 2 से अधिक बच्चे हैं तो वह इसके दायरे में नहीं आयेंगे। अतः वो पूर्ववत सरकारी योजनाओं का लाभ लेते रहेंगे।
जनसंख्या की तेज वृद्धि के इस दौर में शायद हम यह भूल गये है कि हमारे संसाधन सीमित मात्रा मे ही हैं। इन संसाधनों का असीमित दोहन हमें आने वाले समय में दुनिया के सबसे गरीब देशों में खड़ा कर सकता है। इससे बचने का एक ही उपाय है, जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना।
उत्तर प्रदेश सरकार जनता को प्रोत्साहित करने के लिए अनेकों सरकारी योजनाओं और सुविधाओं के साथ यह कानून ला रही है। जिसका फायदा इसका पालन करने वाले नागरिकों को मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए जा रहे इस कानून का हमें समर्थन करना चाहिए और जनता को इसका भागीदार बनते हुए इस कानून की मांग देश के लिए भी करना चाहिए।