आजादी के बाद से ही पाकिस्तान, कश्मीर के लिए समय समय पर भारत को युद्ध के लिए उकसाता रहा है। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद भी बॉर्डर पर छोटी मोटी गोली बारियाँ होती ही रहती थी। उसी बीच दोनों देशों के परमाणु परीक्षण के कारण यह तनाव और विकराल रूप ले लिया। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ और जनरल स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अजीज ने कश्मीर को एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाने के लिए 1998 की शरद ऋतु से ही भारत में घुसपैठ करने की योजना बनाने लगे। जिसके फलस्वरूप कारगिल और द्रास के इलाकों में लगभग 60 दिनों तक भारत और पाकिस्तानी सेना के बीच युद्ध लड़ा गया।
आइये आज हम कारगिल विजय दिवस के बारे में पढतें हैं।
1) कारगिल, भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ी गई एक एतिहासिक लड़ाई है।
2) कारगिल में शाहिद हुए सैनिकों के सम्मान में “अमर जवान ज्योति” स्मारक बनाया गया है।
3) भारत सरकार द्वारा इस मिशन को “ऑपरेशन विजय” नाम दिया गया था।
4) 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल की लड़ाई जीत ली थी।
5) कारगिल की लड़ाई में लगभग 2,00,000 सैनिकों की तैनाती की गई थी।
6) कारगिल के युद्ध में भारी मात्रा में विस्फोटकों का प्रयोग किया गया था।
7) कारगिल, भारत पाकिस्तान के बीच अब तक का सबसे बड़ा युद्ध है।
8) इस युद्ध को लड़ने के लिए बहुत से नए हथियारों को खरीदना पड़ा था।
9) इस युद्ध में लगभग 500 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए।
10) कारगिल के युद्ध में लगभग 1400 जवान घायल हुए थे।
1) कारगिल का युद्ध भारतीय सैनिकों के पराक्रम का एक जीता जागता उदाहरण है।
2) कारगिल युद्ध में पाकिस्तान ने भारत के 160 किलोमीटर के इलाके में घुसपैठ किया था।
3) वायु सेना ने इस मिशन को “ऑपरेशन सफेद सागर” नाम दिया था।
4) कारगिल का युद्ध लगभग 16 हजार फुट की ऊंचाई पर लड़ा गया था।
5) “कारगिल विजय दिवस”, कारगिल युद्ध में शाहिद हुए जवानों के सम्मान में मनाया
जाता है।
6) कारगिल का युद्ध लगभग ढाई महीने तक चला था।
7) द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कारगिल सबसे लंबा युद्ध था।
8) कारगिल की लड़ाई में जवान शेषनाथ सिंह, कमलेश सिंह और मुहम्मद इश्तियाक खां ने
अपनी बहादुरी से दुशमनों को धूल चटा दिया था।
9) कारगिल विजय दिवस के दिन “अमर जवान ज्योति” स्मारक शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाति है।
10) “अमर जवान ज्योति” समरक पर जलने वाली ज्वाला निरंतर जलती रहती है।
फरवरी 1999 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के बावजूद पाकिस्तान ने छिपकर अपनी सेना को भारत के नियंत्रित इलाकों में भेजने लगा जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया। लगभग 60 दिनों के कठिन परिश्रम और सैकड़ों सैनिकों के बलिदान के बाद 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल के युद्ध में जीत प्राप्त की। इतिहासकारों का ये मानना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कारगिल सबसे लंबे समय तक लड़ी गई लड़ाईयों में से एक है।