करवा चौथ भारत में महिलाओं द्वारा मनाये जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्यौहार है। यह मुख्य रूप से शादीशुदा सौभाग्यवती स्त्रियों द्वारा मनाया जाता है। बॉलीवुड ने भी इस व्रत के प्रचार और प्रसार में काफी अहम भूमिका निभाई है और इसे भारत ही नहीं विदेशों में भी विख्यात कर दिया है। विदेशी महिलाएं इस अनोखे हिन्दू संस्कृति के त्यौहार को ख़ुशी और सम्मान से मनाती हैं। यह व्रत महिलाओं द्वारा पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाता है।
इस 10 लाइन के सेट से मैंने करवा चौथ के विशेष पर्व के बारे में लिखा है जो आपको इसे समझने में मदद करेगा।
1) करवा चौथ हिन्दू सुहागिन स्त्रियों द्वारा मनाये जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है।
2) यह पर्व हिंदी पंचाग के कार्तिक माह की कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।
3) ग्रेगोरीयन कैलेण्डर के अनुसार यह पर्व अक्टूबर से नवम्बर महीने में मनाया जाता है।
4) करवा चौथ प्रमुख हिन्दू त्योहरों में एक विशेष स्थान रखता है।
5) मुख्य रूप से करवा चौथ का त्यौहार भारत के उत्तरी भाग के राज्यों में मनाया जाता है।
6) अपने पति के लिए लम्बी उम्र की कामना के लिए इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं।
7) महिलाएं दिन भर व्रत रखती हैं और रात में चन्द्रमा दिखने के बाद व्रत खोलती हैं।
8) करवा चौथ के दिन महिलायें शिव-पार्वती और भगवन गणेश की पूजा करती हैं।
9) उपवास रखने वाली महिला की सास उसे फल, सुहाग के सामान आदि भेंट करती है जिसे ‘सरगी’ कहा जाता है।
10) हिन्दू धर्म के इस ख़ास त्यौहार को विदेशों में भी महिलाओं द्वारा बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
1) भारत में मनाये जाने वाले इस त्यौहार की शुरुवात पंजाब राज्य से हुई है।
2) करवा चौथ का ही एक और नाम ‘‘करक चतुर्थी’ भी है।
3) ‘करवा’ व्रतपूजा में इस्तेमाल किये जाने वाला एक मिट्टी या धातु का लोटा जैसा पात्र होता है।
4) छलनी में चाँद और अपने पति को देखकर पत्नियाँ अपना उपवास खोलती हैं।
5) अधिकतर महिलाएं रीति-रिवाजों के अनुसार पूरा दिन बिना अन्न और जल के व्रत रहती हैं।
6) यह व्रत पति और पत्नी के प्रेम को और बढ़ाता है और उन्हें समृद्ध रखता है।
7) करवा चौथ का व्रत महिलाओं को 12 या 16 वर्षों तक अवश्य करना चाहिए।
8) व्रत खोलने के बाद परिवार के लोग एक साथ मिलकर भोजन करते हैं।
9) करवा चौथ के समय बाजारों में महिलाओं की काफी भीड़ लगी रहती है।
10) भारतीय सिनेमा ने करवा चौथ व्रत पर काफी फ़िल्में बनाई है जिससे इस व्रत के प्रचलन को बढ़ावा मिला है।
करवा चौथ का व्रत पति और पत्नी के बीच स्नेह और प्यार को दर्शाता है। आज के समय में इसे ‘पति दिवस’ भी कहा जाने लगा है। करवा चौथ के व्रत से सम्बंधित काफी कहानियाँ प्रचलित है और लोग अपनी श्रद्धा और रीति रिवाजों के अनुसार ख़ुशी और उत्साह से इस पर्व को मनाते हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ भगवान गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा अर्चना की जाती है और अपने पति और परिवार के लिए स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं।