भगवान विष्णु ने धरती पर श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया जिस दिन को हम श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। लोक कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म कंस का वध करने के लिए हुआ था, जो कृष्ण के मामा थे। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में कंस के बंदीगृह में हुआ था और उन्हें बचाने के लिए वासुदेव ने इन्हें गोकुल में अपने चचेरे भाई नन्द बाबा के पास छोड़ आये। माता यशोदा ने बड़े ही लाड व प्यार से श्री कृष्ण का पालन पोषण किया।
कंस के वध के पश्चात् भी भगवान कृष्ण ने कई चमत्कारी कर्म दिखाए। श्री कृष्ण राधा के साथ मिलकर सच्चे प्यार और स्नेह का संदेश दिये। महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण पांडवों का मार्गदर्शन किये। आईये दोस्तों निचे दिए हुए 10 लाइन्स के सेट से हम श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बारे में जानते हैं।
1) हिन्दू कैलेंडर के भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष के अष्टमी के दिन यह त्योहार मनाते हैं।
2) भगवान श्रीकृष्ण के धरती पर जन्म लेने के दिन के उपलक्ष्य में जन्माष्टमी मनाते हैं।
3) भगवान श्रीकृष्ण, विष्णु जी के 8वें अवतार के रूप में धरती पर जन्म लिए।
4) श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व प्रमुख हिन्दू त्यौहारों में से एक है।
5) इस दिन भगवान कृष्ण के सभी मंदिरों को फूलों और मालाओं से सज़ा दिया जाता है।
6) इस दिन लोग घरों व मंदिरों में श्रीकृष्ण के अलौकिक घटनाओं की झांकियां बनाते हैं।
7) “दही-हांडी” इस पर्व का एक मुख्य हिस्सा है जो भारत में प्रचलित है।
8) इस दिन लोग एक साथ इकट्ठे होते है और भजन-कीर्तन करते हैं।
9) विशेष स्थानों पर मुख्य रूप से रासलीला नृत्य का मनमोहक आयोजन किया जाता है।
10) श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मथुरा व वृन्दावन में बड़े ही भव्य तरीके से मनाया जाता है।
1) कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार को “गोकुलाष्टमी” भी कहा जाता है।
2) ये महापर्व ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर महीने में आता है।
3) यह त्योहार केवल भारत ही नहीं विदेशों में भी हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है।
4) भगवान श्रीकृष्ण सदियों से हिन्दुओं के आस्था के केंद्र रहे हैं।
5) श्रीकृष्ण अपने पिता वासुदेव और माता देवकी की आठवीं संतान हैं।
6) भगवान कृष्ण का पालन पोषण गोकुल में माता यशोदा ने किया।
7) इस दिन हिन्दू धर्म की महिलाएं, पुरुष, बच्चे व बूढ़े उपवास रखते हैं।
8) दूध से बने दही, माखन आदि श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय थे इसलिए बड़े हर्षोल्लास के साथ भारत में “दही-हांड़ी” मनाया जाता है।
9) लोग भक्ति गीत गाते हैं, पूजा करते हैं और एक दुसरे को प्रसाद बाटकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाते हैं।
10) दुनिया में फैली बुराइयों और अधर्मी लोगों से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार आदि में बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। त्योहार के कुछ दिन पहले से ही बाज़ार में भगवान कृष्ण के रूपों की प्रतिमाएं और उनके वस्त्र आभूषण मिलने लगते हैं। लोग साथ मिलकर श्रीकृष्ण के जीवन की चमत्कारी घटनाओं की झांकियां बनाते हैं। लोग साथ मिलकर नृत्य करते हैं, गीत गाते हैं और उपवास के दिन रात 12 बजे कृष्ण के जन्मोत्सव का प्रसाद खाकर व्रत तोड़ते हैं। भगवान कृष्ण ने “श्रीमद्भागवत गीता” के रूप में संसार को सरोच्च ज्ञान दिया।