अपने ऐतिहासिक साक्ष्य एवं संस्कृति को संजोए रखने तथा आने वाली पीढ़ियों को इसके महत्व से अवगत कराने के लिए 1983 में, 18 अप्रैल को यूनेस्को (UNESCO) ने “विश्व धरोहर दिवस” या विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। तत्पश्चात इनके बढ़ते महत्व को देखते हुए, लोगों को इनके बारे में जागरूक करने तथा इनको संरक्षित करने के उद्देश्य से यूनेस्को ने 19 से 25 नवंबर को विश्व विरासत सप्ताह (World Heritage Week) के रूप में मनाने का भी ऐलान कर दिया।
मित्रों आज हम विश्व विरासत सप्ताह पर 10 लाइन (10 Points on World Heritage Week) के माध्यम से विश्व विरासत सप्ताह एवं विश्व विरासत दिवस के बारे में जानेंगे।
1) विश्व प्रसिद्ध प्राकृतिक स्थलों तथा इमारतों की रक्षा हेतु एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने 1968 में एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जो एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (स्टॉकहोम) में पारित हुआ।
2) इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद ‘यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज’ (UNESCO World Heritage) का गठन किया गया।
3) इसके बाद 18 अप्रैल, 1978 को पहली बार कुल 12 स्थलों को विश्व स्मारक स्थलों के नाम से नामित किया गया।
4) 18 अप्रैल, 1978 के पश्चात से इस दिन को ‘विश्व स्मारक दिवस’ के रूप में जाना जाता था।
5) नवम्बर, 1983 में यूनेस्को (UNESCO) के घोषणा के बाद से 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस या विश्व विरासत दिवस के नाम से जाना जाने लगा।
6) विश्व विरासत सप्ताह प्रतिवर्ष पूरे विश्व में यूनेस्को (UNESCO) द्वारा 19 नवम्बर से 25 नवम्बर तक मनाया जाता है।
7) इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहरों एवं स्थलों के बारे में जागरूक करना तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे संरक्षित रखना है।
8) साल 2021 के लिए विश्व विरासत दिवस की थीम ‘जटिल अतीत: विविध भविष्य’ (‘कॉम्प्लेक्स पास्ट्स: डाइवर्स फ्यूचर्स’- Complex Pasts: Diverse Futures’) है।
9) इस सप्ताह में स्कूल तथा कॉलेज के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक धरोहरों के महत्व तथा उनके संरक्षण के बारे में लोगों को विविध कार्यक्रमों द्वारा जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।
10) भारत में विश्व विरासत सप्ताह संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है।
1) विश्व विरासत स्थल से तात्पर्य ऐसे स्थलों से है, जिनको उनकी विशिष्ट भौतिक, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक महत्व के कारण यूनेस्को (UNESCO) द्वारा सूचीबद्ध किया गया है।
2) यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति, द्वारा ‘विश्व धरोहर कार्यक्रम’ के माध्यम से विश्व धरोहर स्थलों की सूची तैयार की जाती है।
3) वर्तमान समय (2021) में इटली के सबसे अधिक (58 स्थल) विश्व विरासत स्थल यूनेस्को (UNESCO) की सूची में शामिल है।
4) 40 विश्व विरासत स्थलों के साथ भारत यूनेस्को (UNESCO) की सूची में 6 वें स्थान पर है।
5) साल 2020 में भारत के 38 स्थल यूनेस्को (UNESCO) के विश्व विरासत स्थल में शामिल थे, परन्तु 2021 में धोलावीरा (गुजरात) तथा तेलंगाना के रूद्रेश्वर मंदिर को भी इनमें शामिल कर लिया गया।
6) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग विश्व विरासत सप्ताह के दौरान देश भर के विभिन्न स्मारकों एवं संग्रहालयों में अनेक विरासत संबंधी कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
7) भारत में विश्व विरासत सप्ताह का आयोजन करने वाली संस्था भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की स्थापना अलेक्जेण्डर कनिंघम द्वारा 1861 में की गई थी।
8) विश्व के समस्त देशों में मूर्त तथा अमूर्त दो प्रकार की विरासतें होती हैं।
9) मूर्त विरासत के अंतर्गत स्मारक तथा इमारत आदि का समावेश होता है।
10) अमूर्त विरासत हमारी सभ्यता एवं संस्कृतियों द्वारा प्रदर्शित होती है।
निष्कर्ष
यूनेस्को (UNESCO) द्वारा मनाया जाने वाला विश्व विरासत सप्ताह लोगों को मूर्त विरासत के महत्व तथा उनके संरक्षण के बारे में जागरूक करता है तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारत में इससे संबंधित अपनी भूमिका निभाता है। लेकिन उस भारत के लिए सिर्फ इतना पर्याप्त नहीं होगा जिसकी अमूर्त विरासतों ने पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित किया है।
मुझे पूर्ण आशा है कि विश्व विरासत सप्ताह पर 10 लाइन आपको बेहद पसंद आयी होगी।
धन्यवाद !
यह भी पढ़े :
विश्व विरासत सप्ताह पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on World Heritage Week in Hindi)
उत्तर- प्रति वर्ष विश्व विरासत 19-25 नवंबर तक मनाया जाता है
उत्तर– साल 2021 के विश्व धरोहर दिवस की थीम Complex Pasts : Diverse Futures (कमप्लेक्स पास्ट : डाइवर्स फ्यूचर्स) है।