स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न अंग है और इसे हम बचपन से सीखते आए हैं और उम्र के साथ ये हमारी आदत बन जाती है। हम बचपन से अन्य व्यवहार जैसे बोलना, चलना सीखते हैं ठीक इसी प्रकार हमें सफाई की भी शिक्षा दी जाती है, इसका उदाहरण आप उस…
पिछले कुछ वर्षों में पर्यावरण के लिए बढ़ते खतरे में इजाफ़ा हुआ है। धरती को हमारे लिए और साथ ही साथ हमारी अगली पीढ़ियों के लिए रहने हेतु साफ़ तथा सुरक्षित स्थान बनाने का कर्तव्य और ज़िम्मेदारी है लेकिन पर्यावरण संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से हमने पारिस्थितिक संतुलन को काफ़ी…
क्रांतिवीरों की जब भी बात होगी उस श्रेणी में भगत सिंह का नाम सबसे ऊपर होगा। गुलाम देश की आज़ादी के लिए अपनी जवानी तथा सम्पूर्ण जीवन भगत सिंह ने देश के नाम लिख दिया। सदियों में ऐसा एक वीर पुरुष जन्म लेकर धरती को कृतार्थ करता है। देश भक्ति…
पेड़ और पौधे मुख्य कारण हैं कि हम इस धरती पर जीवित क्यों हैं। वे जीवन देने वाली ऑक्सीजन गैस प्रदान करते हैं जिसके बिना इस ग्रह पर हमारा अस्तित्व असंभव है। इसके अलावा पेड़ों के रोपण के कई अन्य लाभ हैं। वृक्षारोपण के कई फायदे हैं। उनके द्वारा मिलने वाले…
बसंत पंचमी एक हिंदू त्योहार है, जो ज्ञान, संगीत और कला की देवी सरस्वती का उत्सव है। यह पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह हर साल माघ महीने के पांचवें दिन (पंचमी) को हिंदू कैलंडर के अनुसार मनाया जाता है। इस वर्ष यह 14 फरवरी, 2024…
बैंक वित्तीय संस्थान हैं जो मौद्रिक लेनदेन में सौदा करते हैं। बैंक किसी भी समाज का अभिन्न अंग हैं। हमारे देश के विभिन्न हिस्सों में कई बैंक स्थित हैं। हालांकि पहले भारत में बड़े शहरों और कस्बों में कुछ शाखाओं के साथ सीमित संख्या में बैंक थे पर पिछले कुछ…
बाल गंगाधर तिलक (23 जुलाई 1856 – 1 अगस्त 1920) एक राष्ट्रवादी भारतीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, स्वतंत्रता संग्राम मे दिए गए उनके योगदान के लिए उन्हें बहुत सम्मान दिया जाता है। उन्हें ‘लोकमान्य’ के नाम से भी जाना जाता है, और उन्हें भारतीय क्रांतिकारी के जनक के रुप…
शराब, आज की तारीख में इस पेय ने अपनी अहमियत इतनी ज्यादा बढ़ा ली है कि कुछ लोगों के लिए यह भोजन और यहाँ तक कि पानी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुका है। सबसे बड़ी बात कि एक कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति यदि इस तरह की आदतों को शुमार करता…
एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम या एड्स एक सिंड्रोम है, जैसा कि नाम से पता चलता है, ये हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। यह संक्रमण एक वायरस के वजह से होता है जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस या एचआईवी के नाम से जाना जाता हैं। और इसके प्रसारित…
“स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है” कहावत का अर्थ है कि स्वच्छता भक्ति या देवत्व के मार्ग की ओर ले जाती है। पर्याप्त स्वच्छता के माध्यम से हम स्वयं को शारीरिक और मानसिक रुप से स्वच्छ रख सकते हैं। जो हमें वास्तव में अच्छा, सभ्य और स्वस्थ मनुष्य बनाती है।…