निबंध

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi)

नमस्कार दोस्तों आज हम अपने निबंध के माध्यम से सृष्टि के संचालन में एक बेटी अर्थात स्त्री के महत्व को समझाने का प्रयास करेंगे मुझे विश्वास है कि यह लेख आपको अवश्य पसंद आएगें तथा आप इसे अपने स्कूल कालेज के पाठ्यक्रम में इस्तेमाल भी कर सकेगें। और बेटीके प्रति व्यक्ति की मानसिकता में परिवर्तन अवश्य आएगा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi, Beti Bachao Beti Padhao par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द): बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्या है

प्रस्तावना

विश्व के प्रत्येक देशों में महिलाओं की शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति तथा लिंग अनुपात में परस्पर भिन्नता देखने को मिलती है। पर आज हम बात करते है भारत जैसे महान धार्मिक एवं सांस्कृतिक देश की जिसमें महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा कम प्राथमिकता दी जाती है।

इसका मुख्य कारण भारत का पुरुष प्रधान देश का होना तथा सामाजिक एवं धार्मिक दृष्टि से महिलाओं की क्षमता को कम आंकना है।

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ क्या है?

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को जानने से पहले हम इन दो शब्दों के अर्थ को समझने का प्रयास करेंगे अर्थात लोगों ने बेटियों की प्रतिभा एवं क्षमता को न समझते हुए गर्भ में या पैदा होने के बाद उनकी हत्या करते आ रहे है फलस्वरूप आज उन्हें बचाने की आवश्यकता पड़ रही है।

और शिक्षा ही एकमात्र ऐसा शस्त्र है जिसके बल पर संपूर्ण विश्व में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया जा सकता है। इसलिए इस अभियान का नाम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान’ रखा गया है।

उपसंहार

भारत में सदियों से महिलाओं को शिक्षा एवं समाज में बराबरी के अधिकार से वंचित रखा गया था पर आज संवैधानिक अधिकार के तहत भारत की लाखो बेटियों ने अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन करने में कामयाब हुई तब जाकर सरकार ने भी लोगो को जागरूक करने हेतु बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का संचालन प्रारंभ किया।

निबंध2 (400 शब्द): बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य

भूमिका

बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का तात्पर्य केवल बेटियों को बचाना और पढ़ाना ही नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही धार्मिक प्रथाओं एवं गलत मानसिक विचारधारा में परिवर्तन लाना भी है। महिलाओं के शिक्षित होने से वे अपने ऊपर होने वाले उत्पीड़न का विरोध कर सकती है और अपने अधिकार की मांग कर सकती है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत में निरंतर घट रही महिलाओं की जनसंख्या के अनुपात को संतुलित करने के साथ-साथ उनके हक एवं अधिकारों की पूर्ति करना भी है। भारतीय संविधान द्वारा महिलाओं को प्रदत्त अधिकार जैसे शिक्षा का अधिकार, समान सेवा का अधिकार तथा सम्मान के साथ जीने के अधिकार को सुनिश्चित करता है।

बेटी बचाओबेटी पढ़ाओ योजना सन् 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासो तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य़ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आरंभ की गई। हालाकि इस योजना की शुरुआत हरियाना प्रदेश से हुई पर आज भारत के प्रत्येक प्रदेश में इसका पालन पुरी इमानदारी का साथ किया जा रहा है। और इस योजना का साकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। आज इस योजना के तहत बेटियों को एक नई प्रतिभा का विकास एवं लोगों के अंदर बेटियों की शिक्षा के प्रति सकारात्मक सोच का संचार बहुत तेजी से हो रहा है।

इस योजना के तहत सबसे पहले सम्पूर्ण भारत में पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 को लागू किया गया है। कोई भी ऐसा करते पकड़ा गया तो उसके लिए कड़े दंड के प्रावधान हैं। साथ ही साथ यदि कोई चिकित्सक भ्रूण लिंग परीक्षण करते या भ्रूण-हत्या का दोषी पाया गया, तो उसे अपने लाइसेंस रद्द के साथ-साथ भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसके लिए कानूनी कार्यवाही के आदेश हैं।

उपसंहार

भारत सरकार एवं प्रत्येक राज्य की सरकार के अथक प्रयास से आज देश में जन्म लेने वाली बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सुनिश्चित हो पा रही है। आज बहुत सारी निजी संस्था, चैरिटेबल ट्रस्ट तथा व्यक्तिगत रूप से लोग एक दूसरे को जागरूक करने का प्रयास कर रहे है। इस मुहिम का प्रभाव देश के प्रत्येक स्कूलों, सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों, रक्षा तथा क्रिया के क्षेत्र में पुरुषों के अनुपात में देखने को मिल रहाहै।

निबंध 3 (500 शब्द): बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की आवश्यकता

प्रस्तावना

भारतीय हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार स्त्रियों को देवी एवं सृष्टि निर्माता कहा गया है वही पर अनेको कुप्रथा एवं संस्कारों की जंजीरों में उनके पैरों को बांधा गया है। बेटी होने पर पिता की आज्ञा का पालन करना, पत्नी बनने पर पति के इसारो पर चलना, माँ बनने पर बच्चों का पालन पोषण करना तथा मर्यादा को कायम रखते हुए घर की चारदीवारी में कैद रहना ही उनका कर्तव्य माना जाता था। आज भी भारत के कई हिस्सों में स्त्रियों को ऐसी कठोर प्रथा का पालन करना पड़ रहा है। उन्हे आज भी शिक्षा, सम्पति एवं सामाजिक सहभागिता से वंचित रखा गया है अप्रत्यक्ष रूप से कहे तो यह धार्मिक संस्कृति का ही प्रभाव है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की आवश्यकता

सन् 1991, 2001 एवं 2011 की जनगणना के अनुसार महिलाओं की जनसंख्या पुरुषों के अनुपात में निरंतर गिरावट देखी गई। लगातार महिलाओं की घटती जनसंख्या का मुख्य कारण निरक्षरता के साथ-साथ आज भी हमारे समाज में व्याप्त दहेज प्रथा भी है। आज भी सामान्य लोगों की मानसिकता होती है कि बेटी तो पराया धन है इसे पढ़ाने से क्या फायदा, शादी करने पर बहुत सारा दहेज भी देना पड़ेगा, फलस्वरूप लोग बेटियों को पैदा होने से पहले ही मार देते थे।

तब जाकर सरकार ने सन् 2015 से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को चलाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास आरंभ कर दिया। लोगों को सफल महिलाओं का उदाहरण देकर यह समझाने का प्रयास किया जाने लगा कि बेटियों को भी मौका दिया जाय तो ये केवल घर ही नहीं देश भी चला पकती है।

सरकार द्वारा चलाई गई इस मुहिम का सकारात्मक प्रभाव आज हमें देखने को मिल रहा है।

उपसंहार

आज शिक्षा के विस्तार के फलस्वरुप लोगो की मानसिक सोच में काफी परिवर्तन आय़ा है। हम आज बेटे एवं बेटियों की परवरिश तथा शैक्षणिक प्रक्रिया को एक समान रखने का प्रयास कर रहे है। बल्कि देखा जाए तो आज प्रतिस्पर्धा एवं सेवा के क्षेत्र में लड़को से कही आगे बढ़ती जा रही हैं। सुई से लेकर जहाज के निर्माण में एक गृहणी से लेकर राष्ट्रपति के पद तक, चिकित्सा से लेकर देश की रक्षा में भी अपना परस्पर सहयोग दे रही हैं। अपने माता-पिता के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन कर रही हैं।

सम्बंधित जानकारी:

बेटी पर कविता

बेटी बचाओ पर निबंध

महिला सशक्तिकरण पर निबंध

FAQs: Frequently Asked Questions on Beti Bachao Beti Padhao Abhiyan (बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1- भारत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान किस प्रधानमंत्री के शासन काल में प्रारंभ हुआ?

उत्तर- श्री नरेंद्र मोदी जी के।

प्रश्न 2- भारत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के कारण कन्या भ्रूण हत्या में कितने प्रतिशत की कमी आई है?

उत्तर-लगभग 50 से 60 प्रतिशत की कमी आई है।

प्रश्न-3 अब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नया नाम क्या होगा?

उत्तर- ‘बेटी आपा धन लक्ष्मी और विजय-लक्ष्मी’ होगा।

कनक मिश्रा

आंग्ल भाषा में परास्नातक, कनक मिश्रा पेशे से एक कुशल कंटेंट राइटर हैं। इनकी हिन्दी और अंग्रेजी पर समान पकड़ इनकी लेखनी को खास बनाती है। ये नियमित लेखन करती हैं और इनकी सृजनात्मकता इनके कार्य को प्रभावशाली बनाती है। ये बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। आपने आहार-विशेषज्ञ और स्टेनोग्राफी में भी कुशलता प्राप्त कर रखी है।

Share
द्वारा प्रकाशित
कनक मिश्रा