प्रौद्योगिकी वह है जो हमारी मदद करती है और हमारे काम को और भी आसान बनाती है। ये वो चीज है जो हर जगह मौजूद है ताकि लोग आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकें चाहे मोबाइल या फिर ऑटो-रिक्शा के रूप में। जब हमें किसी चीज की जरूरत होती है तो हम उसे खोजते हैं लेकिन आज के समय में, हम इन्टरनेट या ऐसी ही अन्य प्रौद्योगिकी पर आश्रित हैं और यहाँ शायद ही कुछ लोग हैं जो वाकई में कुछ नया इजाद करना चाहते हैं। आज मैंने प्रौद्योगिकी के कई मायनों पर चर्चा की है और बताया है कि कैसे ये हमारी रचनात्मकता को प्रभावित कर रही है।
परिचय
विकास अच्छा है; यहाँ तक कि ये हमारे देश को और प्रौद्योगिकी को भी विकसित कर रहा है। हम सभी एक शांतिपूर्ण जीवन चाहते हैं इसलिए हमने तरह-तरह की प्रौद्योगिकी को इजाद किया है। जैसे तैसे, वे हमारे लिए काफी महत्वपुर्ण होती है लेकिन यह भी माना जाता है कि कई तरह से ये हमारी रचनात्मकता को प्रभावित करता है।
प्रौद्योगिकी से सम्बंधित तथ्य
निष्कर्ष
प्रौद्योगिकी के बिना हम जीने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं, क्योंकि ये सभी जगह है फिर चाहे आप नहाने जा रहे हैं या फिर अपने बच्चे के लिए स्कूल की तलाश कर रहे हैं। ये हर तरफ है, लेकिन यह हमारे ऊपर है कि हम इसका कितना इस्तेमाल करते हैं और हम इसके इस्तेमाल को कितना सिमित कर सकते हैं। अलग अलग शोध में यह पता चला है की छोटे बच्चों के लिए मोबाइल फोन अच्छी बात नहीं है, यहाँ तक कि, बहुत से बच्चे फ़ोन को खिलोने की तरह खेलते हैं। हर किसी को इन चीजों के बारे में सोचना चाहिए और इस तरह की चीजों से निपटने के लिए खुद के विचार इजाद करना चाहिए।
परिचय
रचनात्मत्कता वो है जो सोची नहीं जा सकती क्योंकि ये एक आंतरिक प्रक्रिया है। ये खुद के विचार समेटे रहती है और कई अन्य मायनों में भी मदद करती है। नए नए विचार, सोच, आदि लाने में ये हमारी मदद करती है। रचनात्मत्कता हमारी नई-नई चीजों से परिचय कराती है; चाहे वो कोई उपकरण हो या फिर कोई विचार। ये हमें सोचने और खुद की चीजें इजाद करने में मदद करती है। वह एक विचार ही था जिसकी वजह से थॉमस एडिसन ने बल्ब का आविष्कार किया। इसलिए मैं कह सकता हूँ कि प्रौद्योगिकी के विकास के लिए रचनात्मतकता ही मुख्य स्रोत है।
प्रौद्योगिकी ने रचनात्मकता को कैसे प्रभावित किया है?
क्या होगा जब हर रोज आपको एक ही तरह का खाना दिया जायेगा? आप उससे बोर हो जायेंगे और आप कुछ नया लेना चाहेंगे। उसी तरह से, हमे हर क्षेत्र में कुछ नया चाहिए होता है, पहनने के लिए, पढ़ने के लिए, नए उपकरण, आदि।
निष्कर्ष
जितना ज्यादा हम सीखेंगे उतना ही ज्यादा हम सक्षम होंगे, सोचने के लिए, कुछ नया करने के लिए, आदि। लेकिन आजकल अलग-अलग तरह की प्रौद्योगिकियां ऐसी चीजें प्रदान करती हैं जो समाज में पहले से मौजूद हैं। इसलिए, हर चीज के लिए समय रखिये क्योंकि किसी को यह सब जानना चाहिए या चाहे वह एक तकनीक हो या गेहूं के खेत को विकसित करने की प्रक्रिया हो। रचनात्मक विचार हम कहीं से भी प्राप्त कर सकते हैं।
परिचय
रचनात्मकता एक ऐसी चीज है जब आपको कुछ नया सोचने के लिए इंटरनेट या फोन की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आपके विचार किसी विशेष वेबसाइट से प्रभावित हैं तो संभव है कि यह नया नहीं होगा। सीखना अलग चीज है, लेकिन जब आप कुछ नया बनाना सीखते हैं तो यह अलग लगता है।
एक रचनात्मक व्यक्ति वह होता है जो किसी नई चीज़ को लाना पसंद करता है लेकिन आजकल हममें से बहुत कम लोगों के पास ऐसा करने का समय है। हम अपने दिन-प्रतिदिन के काम में इतने फंस जाते हैं कि हम कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं करते हैं। हम तकनीक के आदी हो रहे है और यह हमें बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
रचनात्मकता क्या है?
रचनात्मकता एक नया विचार या सोचने का तरीका है जो आपके नाम से जाना जाता है। उदाहरण के लिए, वो न्यूटन था जिसे इस बात पर तहकीकात करने का विचार आया कि आखिर सेब नीचे क्यों गिरा? उसी तरह से, ये वर्ड्स वर्थ का रचनात्मक दिमाग था जिसने उन्हें मशहूर किरदार ‘लूसी’ दिया। इसलिए, यह कहना गलत नही होगा की रचनात्मकता बदलाव लाती है और नई चीजें भी बनाती है।
यह लियोनार्डो दा विंसी का रचनात्मक दिमाग था जिसने विश्व प्रसिद्द ‘मोनालीसा’ की तस्वीर बनाई। उसी तरह से, नई चीजें, नए उपकरण, प्रौद्योगिकी आदि सब एक रचनात्मक दिमाग की ही तो उपज हैं। रचनात्मकता हमें नई चीजें बनाने में मदद करती हैं। जब हमें किसी चीज की जरूरत पड़ती है, हम सोचते हैं और अपनी जरूरतों को पूरी करने की कोशिश करते हैं और, इस तरह से, हम कुछ नया इजाद कर लेते हैं।
रचनात्मकता में प्रौद्योगिकी का किरदार
यह एक रचनात्मक दिमाग ही था जिसने इंटरनेट और अन्य तकनीकों को जन्म दिया। और अब हम रचनात्मकता को बढ़ावा देने या गिराने के लिए प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं। हर चीज की कुछ अच्छाई तो कुछ बुराई होती है जो हमपर निर्भर करता है कि हमने क्या ग्रहण किया है।
कुछ सकारात्मक पहलू
कुछ नकारात्मक पहलू
निष्कर्ष
यह हमारी जरूरत है जो हमें कुछ नया खोजने के लिए उकसाती है। जब किसी बच्चे को वो सब कुछ मिल जाता है जो जो उसे चाहिए होता है वो भी बिना किसी मेहनत के तो वह नए आविष्कारों का महत्त्व कैसे समझेगा। इसलिए हमेशा अपने बच्चे को कोई भी चीज खुद से करने के लिए प्रेरित करें। जब बहुत आवश्यक हो तब ही कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें या फिर सिर्फ उत्तर मिलाने के लिए। जैसे किसी भी सवाल का जवाब पहले किताब में ढूँढो उसके बाद इन्टरनेट पर। ये छोटी छोटी आदतें बड़ा बदलाव ला सकती हैं। तो, प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करो मगर निश्चित मात्रा में।