जैसा कि हम सभी जानते है कि बच्चों के दिल में माँ के लिये सबसे खास जगह होती है। और क्यों नहीं होगी, वह इसके काबिल भी है। एक माँ हर पल हर चीज के लिये अपने बच्चे का ध्यान रखती है। मातृ-दिवस हर बच्चे और विद्यार्थी के लिये वर्ष का अत्यधिक यादगार और खुशी का दिन होता है। मदर्स डे साल का खास दिन होता है जो भारत की सभी माताओं के लिये समर्पित होता है। मातृ-दिवस हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।
यहाँ बहुत ही आसान भाषा में मातृ दिवस पर हिंदी में निबंध पायें:
एक माँ हर एक की सबसे अच्छी दोस्त होती है क्योंकि वह हर एक चीज का ध्यान रखती है जिसकी हमें जरुरत होती है। इसलिये, उन्हें धन्यवाद और आदर देने के लिये वर्ष का एक दिन समर्पित किया गया है जिसे हर साल हम सभी मातृ-दिवस के रुप में मनाते है। हमलोग बिना अपनी माँ के प्यार और देख-भाल के नहीं रह सकते हैं।
वह हमारा बहुत ध्यान रखती है, वह बहुत खुश हो जाती है जब हमलोग हँसते है तथा वह बहुत दुखी हो जाती है जब हमलोग रोते है। इस दुनिया में माँ एकमात्र ऐसी इंसान होती है जो हमें कभी अकेला नहीं छोड़ती। माँ अपने बच्चों के लिये पूरी निष्ठावान होती है।
भारत में हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के लिये घर पर हर कोई एक साथ होता है और घर या बाहर जाकर मज़ेदार व्यंजनों का आनन्द लेता है। परिवार के सभी सदस्य माँ को उपहार देते है तथा ढ़ेर सारी बधाईयाँ देते है। हमारे लिये माँ हर वक्त हर जगह मौजूद रहती है। हमारे जन्म लेने से उनके अंतिम पल तक वो हमारा किसी छोटे बच्चे की तरह ख्याल रखती है। हम अपने जीवन में उनके योगदानों की गणना नहीं कर सकते है। यहाँ तक कि हम उनके सुबह से रात तक की क्रिया-कलापों की गिनती भी नहीं कर सकते।
माँ के पास ढ़ेर सारी जिम्मेदारियाँ होती हैं वो उसको लगातार बिना रुके और थके निभाती है। वो एकमात्र ऐसी इंसान है जिनका काम बिना किसी तय समय और कार्य के तथा असीमित होती है। हम उनके योगदान के बदले उन्हें कुछ भी वापस नहीं कर सकते हालाँकि हम उन्हें एक बड़ा सा धन्यवाद कह सकते है साथ ही उन्हें सम्मान देने के साथ ध्यान भी रख सकते है। हमें अपनी माँ को प्यार और सम्मान देना चाहिये तथा उनकी हर बात को मानना चाहिये।
मदर्स डे बच्चे और माँ दोनों के लिये वर्ष का एक बहुत ही खास दिन है। भारत में ये पिछले कई वर्षों से मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। माताओं को आमंत्रण के द्वारा स्कूल में शिक्षकों और विद्यार्थीयों के द्वारा इसे मनाया जाता है। अपनी माँ को खुश करने के लिये विद्यार्थी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है। स्कूल शिक्षक और प्रधानाध्यापक के आदेश पर उनके बच्चों के द्वारा माताओं को खासतौर से निमंत्रित किया जाता है। इस दिन पर माँ को उनके बच्चों के द्वारा ढ़ेर सारा प्यार और उपहार मिलता है। बच्चे अपनी माँ के लिये हिन्दी या इंग्लिश में खास कविता व्याख्यान या संवाद तैयार करते है।
हमारे प्रतिदिन के जीवन में माँ के योगदान को विशिष्ट रुप से दर्शाने के लिये विभिन्न देशों में अलग-अलग दिनों में मातृ-दिवस को मनाया जाता है। एक बच्चे को जन्म देने से लेकर उसे एक अच्छा इंसान बनाने तक सभी पड़ावों में माँ अपने बच्चों के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती है। ये केवल माँ ही है जो अपने बच्चे के चरित्र और पूरे जीवन को आकार देती है। सभी माँ अपने बच्चे की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्णं भूमिका अदा करती है। वो हर एक चीज का ध्यान रखती है जो उसके बच्चे की जरुरत हो। सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक वो खुद को अपने बच्चे के लिये पूरी तरह जिम्मेदार समझती है।
हमारी माँ हमें सुबह जल्दी उठाती है, ब्रश और नहाने में मदद करती है, नाश्ते और स्कूल के लिये लंच तैयार करना, ड्रेस पहनाना, हमारे पीटीएम में जाना, गृह कार्य में मदद करना, समय पर खाना, दूध और फल देना, बीमार होने पर सही समय पर दवाईयाँ देना तथा ढ़ेर सारे लज़ीज़ पकवान बनाना, कपड़े धोना और इस्त्री करना, हमारे साथ घर या मैदान में फुटबॉल खेलना, रात में सही समय पर सुला देना, रात का अच्छा खाना बनाना और ढ़ेर सारे क्रियाओं से हमारे जीवन को सफल बनाती है। वास्तव में हम अपनी माँ के रोज के कार्यों की गणना नहीं कर सकते। वह पूरे दिन हमारे लिये असीमित कार्य करती है। परिवार के सभी सदस्यों के सभी कार्यों के लिये सिर्फ वह ही जिम्मेदार होती है। इसलिये हमलोग आसानी से कह सकते है कि माँ महान होती है।
हमारी माँ हमारे लिये सुरक्षा कवच की तरह होती है क्योंकि वो हमें सभी परेशानियों से बचाती है। वो कभी अपनी परेशानियों का ध्यान नहीं देती और हर समय बस हमें ही सुनती है। माँ को सम्मान देने के लिये हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ-दिवस के रुप में मनाया जाता है। ये कार्यक्रम हमारे और हमारी माँ के लिये बहुत महत्वपूर्णं है। इस दिन पर हमें अपनी माँ को खुश रखना चाहिये और उन्हें दुखी नहीं करना चाहिये। हमें उनकी हर आज्ञा का पालन करना चाहिये और काम को सही तरीके से करना चाहिये। वो हमेशा हमें जीवन में एक अच्छा इंसान बनाना चाहती है।
एकसाथ इसे मनाने के लिये मदर्स डे पर हर साल हमारे स्कूल में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस दिन की पूरी तैयारी के लिये हमारे शिक्षक हमारी खूब मदद करते है। इस उत्सव को मनाने के लिये हम ढ़ेर सारी कविता, तुकबंदी, निबंध, भाषण, संवाद आदि तैयार करते है। ईश्वर के आशीर्वाद से हमें एक प्यार करने वाली और ध्यान देने वाली माँ मिली है। बिना माँ के हमारा जीवन कुछ भी नहीं है। हमलोग बहुत भाग्यशाली है कि हमारे पास माँ है। हम सभी अपनी माँ को ढ़ेर सारा उपहार देते है और वो हमें ढ़ेर प्यार तथा हमारी देख-भाल करती है। उत्सव की शोभा बनने के लिये हमारे शिक्षक हमें अपनी माँ को स्कूल में आने के लिये निमंत्रण कार्ड देते है।
हमारी खुशी के लिये माँ कक्षा में नृत्य, गायन, कविता पाठ, भाषण आदि जैसे कई सारे क्रियाओं में भाग लेती है। अपनी माँ और शिक्षक के समक्ष हम भी इस उत्सव में भाग लेते है (जैसे कविता पाठ, निबंध लेखन, भाषण, गायन, नृत्य आदि) और अपनी प्रतिभा दिखाते है। हमारी माँ स्कूल में अपने साथ ढ़ेर सारे स्वादिष्ट पकवान ले आती है। उत्सव के समापन पर, अपनी माँ और शिक्षक के साथ उन लज़ीज़ व्यंजनों का आनन्द उठाते है। हमारी माँ के द्वारा हमें ढ़ेर सारे पकवान खाने को मिलते है।
हमारी माँ बहुत खास होती है। थकी हुई होने के बावजूद वह हमारे लिये हमेशा मुस्कुराती रहती है। रात में सोते समय वह हमें बहुत सारी कविताएँ और कहानियाँ सुनाती है। माँ हमारे गृह-कार्य, प्रोजेक्ट और परीक्षा के समय बहुत मदद करती है। वह हमारे स्कूल ड्रेस का ध्यान रखती है। वह हमें सिखाती है कि खाना खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह से साबुन से धो लेना चाहिये। वह हमें अच्छा शऊर, शिष्टाचार, नैतिकता, इंसानियत और हमेशा दूसरो की मदद करना सिखाती है। वह हमारे पिता, दादा-दादी और छोटी बहन का ध्यान रखती है। हम सभी उनको बहुत प्यार करते है और हर सप्ताह उन्हें बाहर घुमाने ले जाते है।
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