इस आधुनिक दुनिया में एक देश के लिए दूसरे देशों से मजबूत, ताकतवर और अच्छी तरह से विकसित होने के लिए विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में नए आविष्कार करना बहुत आवश्यक है। इस प्रतियोगी समाज में, हमें आगे बढ़ने और जीवन में सफल व्यक्ति बनने के लिए अधिक तकनीकों की जरूरत है। आज मनुष्य ने विज्ञान और तकनीकी में बहुत विकास कर लिया है। अब तकनीकी के बिना रह पाना नामुमकिन हो गया है। इसने हमारे जीवन को सरल, आसान और सुविधाजनक बना दिया है।
प्रस्तावना
हम विज्ञान और तकनीकी के समय में रह रहे हैं। हम सभी का जीवन वैज्ञानिक आविष्कारों और आधुनिक समय की तकनीकों पर निर्भर है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने लोगों के जीवन को बड़े स्तर पर प्रभावित किया है। इसने जीवन को आसान, सरल और तेज बना दिया है। नए युग में, विज्ञान के विकास ने हमें बैलगाड़ी की सवारी से हवाई यात्रा की सुविधा तक पहुंचा दिया है।
विज्ञान और तकनीकी के प्रयोग
विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधुनिकरण के हर पहलू को प्रत्येक राष्ट्र में लागू किया गया है। जीवन के हरेक क्षेत्र को सही ढंग से संचालित करने और लगभग सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए आधुनिक उपकरणों की खोज की गई है। इसे चिकित्सा, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में लागू किए बिना सभी लाभों को प्राप्त करना संभव नहीं था।
विज्ञान और तकनीकी का महत्व
हम विज्ञान में प्रगति नहीं करते तो आज भी हमारा जीवन पहले की तरह दुष्कर और कठिन होता। नवीन आविष्कारों ने हमें बहुत लाभ पहुँचाया है। हमारे चारों तरफ अनेक तकनीकी मौजूद है। मोबाइल फोन, टीवी, कम्प्यूटर, इंटरनेट, ओवन, फ्रिज, वाशिंग मशीन, पानी निकालने वाली मोटर, मोटर साइकिल, जहाज, ट्रेन, बस, यातायात के साधन, सभी कुछ आधुनिक तकनीकी की सहायता से सम्भव हो सका है। नई तरह की दवाइयां, चिकित्सा उपकरणों की सहायता से अब जटिल रोगों का इलाज भी सम्भव हो गया है। इस तरह से हम कह सकते है कि आज के समय में आधुनिक तकनीकी के बिना हमारा जीवन भी संभव नही है।
निष्कर्ष
देश के उचित विकास और वृद्धि के लिए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ चलना बहुत आवश्यक है। गाँव अब कस्बों के रुप में और कस्बे शहरों के रुप में विकसित हो रहे हैं और इस प्रकार से अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में भी काफी विकास देखने को मिला है।
प्रस्तावना
समाज में विज्ञान और तकनीकी वाद-विवाद का विषय बन गए हैं। एक तरफ तो यह आधुनिक जीवन के लिए आवश्यक है, जहाँ अन्य देश तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहे हैं, वहीं यह अन्य देशों के लिए भी आवश्यक हो जाता है कि, वे भी इसी तरह से भविष्य में सुरक्षा के लिए ताकतवर और अच्छी तरह से विकसित होने के लिए निरंतर वैज्ञानिक विकास करते रहे। ये विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही है, जिन्होंने अन्य कमजोर देशों को भी विकसित और ताकतवर बनने में मदद की है।
मानवता के भले के लिए और जीवन के सुधार के लिए हमें हमेशा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद लेनी होगी। यदि हम तकनीकों की मदद नहीं लेते; जैसे- कम्प्यूटर, इंटरनेट, बिजली, आदि तो हम भविष्य में कभी भी आर्थिक रुप से मजबूत नहीं होंगे और हमेशा पिछड़े हुए ही रहेंगे यहाँ तक कि इसके बिना हम आज के इस प्रतियोगी और तकनीकी संसार में जीवित भी नहीं रह सकते हैं।
प्रौद्योगिकियों के उदाहरण
चिकित्सा, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, खेल, नौकरियाँ, पर्यटन आदि विज्ञान और प्रौद्योगिकियों के उदाहरण है। ये सभी प्रकार की उन्नति हमें दिखाती हैं कि, कैसे दोनों हमारे जीवन के लिए समान रुप से आवश्यक है। हम अपनी जीवन-शैली में प्राचीन समय के जीवन के तरीकों और आधुनिक समय के जीवन के तरीकों की तुलना करके स्पष्ट रुप में अन्तर देख सकते हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च स्तर की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति ने बहुत सी खतरनाक बीमारियों के इलाज को सरल बना दिया है जो पहले संभव नहीं था। तकनीकी ने बीमारीयों का इलाज दवाइयों और आपरेशन के माध्यम से करने में चिकित्सकों की प्रभावी ढंग से मदद करने के साथ ही भंयकर बीमारियों, जैसे- कैंसर, एड्स, मधुमेह (डायबीटिज़), एलज़ाइमर, लकवा आदि के टीकों के शोध में भी काफी मदद की है।
भारत अब विज्ञान और उन्नत तकनीकी के क्षेत्र में अपने नए आविष्कारों के माध्यम से तेजी से विकास करने वाला देश बन गया है। विज्ञान और तकनीकी आधुनिक लोगों की आवश्यकता और जरूरतों को पूरा करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
निष्कर्ष
आजादी के बाद, देश के राष्ट्रीय विकास के लिए हमारे देश ने विज्ञान के प्रसार और विस्तार को बढ़ावा देना शुरु किया है। सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न नीतियों ने पूरे देश में आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास और वृद्धि पर जोर दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी दोनों ने ही देश में असाधारण ढंग से आर्थिक विकास और सामाजिक विकास को उन्नत करने का कार्य किया है।
प्रस्तावना
विज्ञान और तकनीकी लोगों के जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह सिंधु घाटी सभ्यता से ही हमारे जीवन का एक महत्वरपूर्ण हिस्सा रहा है। ऐसा पाया गया है कि, आग और पहिये की खोज करने के लिए लगभग पाँच आविष्कार किए गए थे। दोनों ही आविष्कारों को वर्तमान समय के सभी तकनीकी आविष्कारों का जनक कहा जाता है। आग के आविष्कार के माध्यम से लोगों ने ऊर्जा की शक्ति के बारे में पहली बार जाना था। तभी से, लोगों में रुचि बढ़ी और उन्होंने जीवन-शैली को सरल और आसान बनाने के लिए बहुत से साधनों पर शोध के और अधिक कठिन प्रयास करने शुरु कर दिए।
आविष्कार
भारत प्राचीन समय से ही पूरे संसार में सबसे अधिक प्रसिद्ध देश है हालांकि, इसकी गुलामी के बाद, इसने अपनी पहचान और ताकत को खो दिया था। 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, इसने भीड़ में अपनी खोई हुई ताकत और पहचान को दुबारा से प्राप्त करना शुरु कर दिया है। वो विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही थे, जिन्होंने पूरे विश्व में भारत को अपनी वास्तविक पहचान को प्रदान किया है। भारत अब विज्ञान और उन्नत तकनीकी के क्षेत्र में अपने नए आविष्कारों के माध्यम से तेजी से विकास करने वाला देश बन गया है। विज्ञान और तकनीकी आधुनिक लोगों की आवश्यकता और जरूरतों को पूरा करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक
तकनीकी में उन्नति के कुछ उदाहरण, रेलवे प्रणाली की स्थापना, मैट्रो की स्थापना, रेलवे आरक्षण प्रणाली, इंटरनेट, सुपर कम्प्यूटर, मोबाइल, स्मार्ट फोन, लगभग सभी क्षेत्रों में लोगों की ऑनलाइन पहुँच, आदि है। भारत की सरकार बेहतर तकनीकी विकास के साथ ही देश में विकास के लिए अंतरिक्ष संगठन, और कई शैक्षणिक संस्थाओं (विज्ञान में उन्नति के लिए भारतीय संगठन) में अधिक अवसरों का निर्माण कर रही है। भारत के कुछ प्रसिद्ध वैज्ञानिक जिन्होंने भारत में (विभिन्न क्षेत्रों में अपने उल्लेखनीय वैज्ञानिक शोध के माध्यम से) तकनीकी उन्नति को संभव बना दिया, उनमें से कुछ सर जे.सी. बोस, एस.एन. बोस, सी.वी. रमन, डॉ. होमी जे. भाभा, श्रीनिवास रामानुजन, परमाणु ऊर्जा के जनक डॉ. हर गोबिंद सिंह खुराना, विक्रम साराभाई आदि है।
आधुनिक तकनीकी का महत्व
विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में विकास किसी भी देश के लोगों के लिए दूसरे देश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए बहुत अधिक आवश्यक है। विज्ञान और तकनीकी का विकास तथ्यों के विश्लेषण और उचित समझ पर निर्भर करता है। प्रौद्योगिकी का विकास सही दिशा में विभिन्न वैज्ञानिक ज्ञान के आवेदन के तरीकों पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष
विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधुनिकरण के हर पहलू को प्रत्येक राष्ट्र में लागू किया गया है। जीवन के हरेक क्षेत्र को सही ढंग से संचालित करने और लगभग सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए आधुनिक उपकरणों की खोज की गई है। इसे चिकित्सा, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में लागू किए बिना सभी लाभों को प्राप्त करना संभव नहीं था।
प्रस्तावना
विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधुनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसने मानव सभ्यता को गहराई में जाकर प्रभावित किया है। आधुनिक जीवन में तकनीकी उन्नति ने पूरे संसार में हमें बहुत अधिक उल्लेखनीय अंतर्दृष्टि दी है। वैज्ञानिक क्रान्तियों ने 20वीं शताब्दी में अपनी पूरी गति पकड़ी और 21वीं सदी में और भी अधिक उन्नत हो गई। हमने नए तरीके और लोगों के भले के लिए सभी व्यवस्थाओं के साथ नई सदी में प्रवेश किया है। आधुनिक संस्कृति और सभ्यता विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर निर्भर हो गई है क्योंकि वे लोगों की जरूरत और आवश्यकता के अनुसार जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं।
भारतीय आर्थिक स्थिति में सुधार
भारत रचनात्मक और मूलभूत वैज्ञानिक विकास और सभी दृष्टिकोण में दुनिया भर में का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। सभी महान वैज्ञानिक खोजो और तकनीकी उपलब्धियों ने हमारे देश में भारतीय आर्थिक स्थिति को सुधारा है और तकनीकी रूप से उन्नत वातावरण को विकसित करने के लिए नई पीढ़ी के लिए कई नए तरीकों का निर्माण किया है। गणित, आर्किटेक्चर, रसायन विज्ञान, खगोल विज्ञान, चिकित्सा, धातु कर्म, प्राकृतिक दर्शन, भौतिक विज्ञान, कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मास्यूटिकल्स, खगोल भौतिकी, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, आवेदन, रक्षा आदि के क्षेत्र में कई नए वैज्ञानिक शोध और विकास संभव हो गए हैं।
सकारात्मक परिवर्तन
शिक्षा के क्षेत्र में वैज्ञानिक शोध, विचारों और तकनीकों का परिचय नई पीढ़ी में बड़े स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन लाया है और उन्हें अपने स्वयं के हित में काम करने के लिए नए अवसरों की विविधता प्रदान की है। भारत में आधुनिक विज्ञान को वैज्ञानिकों ने अपने निरंतर और कठिन प्रयासों के द्वारा पुनः जीवंत बना दिया है। वास्तव में वह भारत के महान वैज्ञानिक ही है, जिन्होंने हमारे देश के तेजी से तरक्की को संभव किया है।
आजादी के बाद, देश के राष्ट्रीय विकास के लिए हमारे देश ने विज्ञान के प्रसार और विस्तार को बढ़ावा देना शुरु किया है। सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न नीतियों ने पूरे देश में आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास और वृद्धि पर जोर दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी दोनों ने ही देश में असाधारण ढंग से आर्थिक विकास और सामाजिक विकास पर असर डाला है।
देश के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का योगदान
हमारे देश को स्वतंत्र हुए 70 साल हो गए है। इतने वर्षों में देश के विकास में विविध क्षेत्रों का योगदान रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसने देश को विकास की राह पर आगे बढ़ाने में अपना सबसे अधिक योगदान दिया है। असल में हमारे जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जिसमें विज्ञान का दखल न हो। भारत के कुछ प्रसिद्ध वैज्ञानिक जिन्होंने भारत को तकनीकी उन्नति प्रदान की है , उनमें से कुछ सर जे.सी. बोस, एस.एन. बोस, सी.वी. रमन, डॉ. होमी जे. भाभा, श्रीनिवास रामानुजन, परमाणु ऊर्जा के जनक डॉ. हर गोबिंद सिंह खुराना, विक्रम साराभाई आदि का नाम प्रमुख है।
निष्कर्ष
किसी भी क्षेत्र में तकनीकी विकास उस देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने का कार्य करता है। भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शक्ति में सुधार के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1942 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और 1940 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान के बोर्ड का निर्माण किया। देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर जोर देने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान संस्थानों की एक श्रृंखला स्थापित की है, जोकि हमारे देश के वैज्ञानिक प्रगति में अपना अहम योगदान दे रही है।