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गणतंत्र दिवस परेड – 26 जनवरी परेड 2023

भारत में गणतंत्र दिवस, हर साल एक बड़ी और भव्य गणतंत्र दिवस परेड को नई दिल्ली में राजपथ, इंडिया गेट पर आयोजित करके मनाया जाता है। वार्षिक रुप से 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण (झंड़ा फहराने) के बाद गणतंत्र दिवस परेड की जाती है। ये गतिविधि भारतीय गणतंत्र दिवस के उत्सव का प्रमुख आकर्षण होती है जो आमतौर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह के होने तक अगले 3 दिनों तक चलती है। ये भारतीय सरकार द्वारा सुरक्षा क्षमता, भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को पूरी दुनिया के सामाने दिखाने के लिये आयोजित की जाती है।

गणतंत्र दिवस परेड 2020 पर विशेष

  • कई असाधारण कृत्यों के कारण 71 वां गणतंत्र दिवस बहुत अनूठा था। राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत CRPF की टुकड़ी की महिला बाइकरों के अभूतपूर्व प्रदर्शन के साथ हुई।
  • एक शानदार ऑल राउंड डिफेंस का आलौकिक प्रदर्शन ’सहायक उप-निरीक्षक, दिल्ली की सुजाता गोस्वामी और उनके पाँच साथियों द्वारा किया गया था।
  • हेड कांस्टेबल आशा कुमारी और उनकी टीम ने ‘बीम पर रोलिंग’ जैसे साहसी कार्य प्रस्तुत किए।
  • परंपरा के भाग के रूप में, आकाश में गणतंत्र दिवस परेड त्रिशूल का गठन SU-30 MKI द्वारा किया गया जबकि VIC (formation of Chinook helicopters) का गठन ALH हेलीकॉप्टरों द्वारा किया गया।
  • केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी ने डल झील का दृश्य दिखाया और मध्य प्रदेश ने सांची स्तूप का।
  • मध्य प्रदेश की झांकी में, राज्य के जनजातीय संग्रहालय का मॉडल पेश किया गया था।
  • कुल्लू दशहरा हिमाचल प्रदेश की झांकी का विषय था। मिशन शक्ति के तहत एंटी-सैटेलाइट मिसाइल DRDO द्वारा प्रस्तुत की गई थी जो लोगों का अत्यधिक ध्यान खींचा।
  • गोआ की झांकी मेंढकों को बचाने की थीम पर आधारित थी।
  • सभी पुरुषों की टुकड़ी का नेतृत्व कप्तान तान्या शेरगिल ने किया। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ था जब एक महिला, गणतंत्र दिवस पर पुरुषों की टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थी।
  • पहली बार जम्मु और काश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में उत्सव का हिस्सा बना। इसकी झांकी का विषय ‘गांव की ओर लौटो’ था।

गणतंत्र दिवस परेड क्या है?

गणतंत्र दिवस के उत्सव पर विशेष रुप से आयोजित परेड गणतंत्र दिवस परेड कही जाती है। आमतौर पर, एक परेड मिलिट्री या सार्वजनिक प्रदर्शन होती है जो किसी विशेष दिन या कार्यक्रम पर आयोजित की जाती है। हम ये कह सकते हैं कि ये औपचारिक निरीक्षण या औपचारिक अवसर पर व्यक्तियों का एकत्रित समूह है। ये अर्थपूर्ण ढंग से मार्चिंग या एक रास्ते या स्थान के चारो ओर घूमते हुये किसी चीज को प्रदर्शित करने के लिये आयोजित की जाती है। एक परेड को मार्च या मार्चपास्ट भी कहा जाता है जिसके दौरान एक थीम (विषय) आधारित एक समूह के व्यक्तियों द्वारा अनूठा प्रतिनिधित्व करके प्रदर्शित किया जाता है।

आमतौर पर, ये एक मार्ग के आस-पास विशेष पहनावे के साथ मार्चिंग बैंड या फ्लोट्स (बिजली द्वारा संचालित एक छोटा वाहन या गाड़ी) के द्वारा आयोजित किया जाता है। एक परेड विशेष कारणों की श्रृंखला के साथ आयोजित की जाती है हांलाकि, आम तौर पर किसी ईवेंट या त्योहार के उत्सव के दौरान आयोजित होती है। कभी-कभी, लोग विरोध प्रदर्शनों के दौरान परेड प्रदर्शन करते हैं।

राजपथ, इंडिया गेट पर भारत के गणतंत्र दिवस परेड का प्रदर्शन करने के लिए एक उत्कृष्ट व्यवस्था की जाती है। सबसे पहले, भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय झंड़े को फहराते हैं जिसका अनुकरण राष्ट्रीय गान (जन,गण,मन) को गाकर किया जाता है। 21 तोपों के माध्यम से राष्ट्रीय सलामी दी जाती है। इसके बाद, भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मान या पुरस्कार (जैसे अशोक चक्र, क्रीर्ति चक्र, आदि) उन लोगों को वितरित किये जाते जो इन्हें प्राप्त करने के पात्र होते हैं।

तब राष्ट्रपति के द्वारा बहादुरी पुरस्कार और मेडल या पदक लोगों (शस्त्र फोर्सों और सैनिकों) के बीच उनके साधरण साहस और कठिन परिस्थितियों में वीरता प्रदर्शित करने के लिये वितरित किये जाते हैं। कुछ बच्चे भी (जो राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करते हैं) परेड में भाग लेते हैं जिसके दौरान इन्हें दर्शकों के सामने कुछ रंगीन सजे हुये हाथियों या वाहनो पर बिठाया जाता है।

26 जनवरी परेड के प्रतिभागी

भारत की गणतंत्र दिवस की परेड दुनिया की सबसे प्रसिद्ध परेडों में से एक है जिसमें 25 से अधिक चलते और घुड़सवार दल वाले, लगभग 20 सैन्य बैंड, विभिन्न सैन्य वाहन, 30 विमान, 30 सांस्कृतिक झाँकी, राज्यों के अनुसार सांस्कृतिक झांकी और 1200 स्कूल के बच्चे शामिल होते हैं।

भारतीय सेना, नेवी, और वायु सेना की विभिन्न रेंजीमेंट्स अपने विविध बैंडो और सरकारी सजावट के साथ परेड में भाग लेती है। भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ, भारत के राष्ट्रपति, सलामी लेते हैं। भारत के विभिन्न अर्द्ध-सैन्य बल और अन्य सैन्य बल गणतंत्र दिवस की परेड में बहुत सक्रिय रुप से भाग लेते हैं। पूरी परेड का दृश्य विशेष रुप से ऊंट सवार सीमा सुरक्षा बल दल (पूरी दुनिया में इकलौती ऊंट सवार सैन्य बल) की वजह से बहुत ही आकर्षक और मनोरंजक हो जाता है। गणतंत्र दिवस परेड के अन्य प्रतिभागी एनसीसी कैडेट (विशेष रूप से देश भर से परेड के लिए चयनित) और स्कूल के बच्चे (सभी देश भर के विभिन्न स्कूलों से) होते हैं।

बहुत से बिजली से चलने वाले (जिन्हें फ्लोट्स भी कहा जाता है, जिनकी संख्या 20 से 30 होती है) छोटे वाहन और गाड़ियाँ भारतीय गणतंत्र दिवस में भारत के विभिन्न राज्यों और संयुक्त राज्यों की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिये भाग लेती हैं। केन्द्रीय मंत्रालयों और राज्य के उद्यमों के इस तरह के फ्लोट परेड को एक भव्य रुप देते हैं। भारतीय गणतंत्र दिवस की वार्षिक परेड को पूरे राष्ट्र में टीवी और रेडियों के माध्यम से सीधे प्रसारित किया जाता है। इस परेड में भारतीय सेना और मिलिट्री की शक्ति, सभी भारतीय राज्यों की परंपराओं और संस्कृति, सरकार की विशेष गतिविधियाँ, संगीत, नृत्य और स्कूल के बच्चों द्वारा गाने आदि प्रदर्शित किये जाते हैं।

सैन्य बलों की मोटर साइकिल की इकाई अपने साहस का प्रदर्शन मोटर साइकिल की सवारी करके करती है जिसके बाद आकर्षक फ्लाई-पास्ट (लड़ाकू विमान द्वारा हवाई परेड) सैन्य हवाई जेट्स और हैलीकॉप्टर द्वारा राष्ट्रीय झंड़े को लेकर प्रदर्शित की जाती है। सभी दिखाई जाने वाली परेड विभिन्न धर्मो के लोगो के बीच, उत्सवों और त्योहरों से धनी विरासत और संस्कृति की विविधता में एकता प्रदर्शित करती है। इस वार्षिक परेड में, लगभग 1200 स्कूलों के बच्चे सांस्कृतिक नृत्य और गानों को दिखाने व गाने के लिये भाग लेते हैं। इस महान राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी अपना सौभाग्य समझते हैं।

पहली गणतंत्र दिवस की परेड 1950 में प्रदर्शित की गयी थी जब भारत का पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया था। भारतीय राष्ट्रपति के पहुँचने के बाद परेड शुरु होती है। परेड से पहले, भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करके भारत के लिये अपने जीवन का बलिदान करने वाले भारतीय जवानों को श्रद्धाजंलि देते हैं। और, भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं।

26 जनवरी परेड मार्ग और समय

भारत के गणतंत्र दिवस की परेड राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित की जाती है। ये राजपथ, इंडिया गेट पर प्रदर्शित की जाती है। ये राष्ट्रपति भवन (भारतीय राष्ट्रपति का निवास स्थान) के पास से रायसीना पहाड़ी से शुरु होती है और इंडिया गेट पर समाप्त होती है। परेड से पहले, प्रधानमंत्री के द्वारा अमर ज्योति जवानों को पुष्प अर्पित करके अमर शहीदों (देश को आजाद कराने के लिये स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शहीदों) की याद में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि दी जाती है साथ ही राष्ट्रीय झंड़े को राष्ट्रपति के द्वारा फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस की परेड का मार्ग 5 किलोमीटर से अधिक लम्बा होता है।

आमतौर पर, ये 9:00 ध्वजा रोहण के बाद सुबह 9:30 पर 26 जनवरी को हरेक साल प्रदर्शित की जाती है। गणतंत्र दिवस की परेड का कुल समय लगभग 3 घंटे का होता है। वास्तविक कार्यक्रम 26 जनवरी के कुछ दिन पहले, प्रतिभागी रास्ते पर पूर्वाभ्यास करते हैं। शायद, सामान्यतः दो तीन घंटे के स्थान पर परेड का समय केवल 90 मिनट का भी हो सकता है। सरकार के कार्यक्रम के अनुसार, दलों की मार्च (परेड) की संख्या को एक दूसरे में मिलाकर कम किया जा सकता है।

टिकट कहाँ से प्राप्त करें और गणतंत्र दिवस की परेड में कैसे भाग लें

26 जनवरी के कार्यक्रम पर गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिये, किसी को भी प्रवेश के लिये टिकट की आवश्यकता होती है। उत्सव के लगभग दो हफ्ते पहले से ही टिकटों की बिक्री शुरु हो जाती है। आप हर साल 7 जनवरी से 25 जनवरी तक भारत के गणतंत्र दिवस की टिकट प्राप्त कर सकते हैं। दो प्रकार की टिकट उपलब्ध होती है, एक तो वी.आई.पी. (पहली लाईन पास) और दूसरी सामान्य टिकट। इन टिकटों को नई दिल्ली में निम्नलिखित स्थानों पर प्राप्त किया जा सकता है:

  • नार्थ ब्लाक गोलचक्कर
  • सेना भवन – गेट नंबर 2
  • प्रगति मैदान – गेट नंबर 1
  • जंतर मंतर – मुख्य गेट
  • शास्त्री भवन – गेट नंबर 3
  • जामनगर हाउस – इंडिया गेट के दूसरी तरफ।
  • लाल किला – अगस्त पार्क पंद्रह के अंदर तथा जैन मंदिर के विपरीत स्थान पर।
  • संसद भवन (रिशेप्शन आफिस) – यह विशेष काउंटर माननीय सांसदों के लिए बनाया गया है।

बहुत शान्ति और आसानी से गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिये, हर एक को वहाँ के सुरक्षा दलों द्वारा बनाये गये सभी नियमों और कानूनों को मानना चाहिये। आपको अपना मोबाइल फोन, कैमरा, लैपटॉप, डिजिटल डायरी, ट्रांजिस्टर, कारों की रिमोर्ट वाली चाभी या अन्य कोई विद्युत यंत्र कुछ सुरक्षा कारणो से ले जाने की अनुमति नहीं है। आपको अपने सभी विद्युत यंत्रों को घर या वहाँ उपस्थित सुरक्षा जाँच केन्द्र पर रख देने चाहिये।

अपने स्वंय के वाहनों पर पार्किंग स्टीकर प्रदर्शित करना आवश्यक है अन्यथा उन्हें उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा। परेड शुरु होने के बाद, प्रवेश निषेध कर दिया जाता है और कोई भी कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश नहीं कर सकता। पानी की बोतलें, पेय पदार्थ या अन्य खाने योग्य चीजें ले कर जाने की अनुमति नहीं है। कार्यक्रम स्थल पर जाते समय आपके पास टिकट है या नहीं ये सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है।

26 जनवरी परेड के टिकट बिक्री का समय

गणतंत्र दिवस के टिकटों की बिक्री दो पालियों में की जायेगी पहली पाली की टिकट बिक्री सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12:30 तक चलेगी तथा दूसरी पाली के टिकट बिक्री दोपहर 2:00 से लेकर दोपहर 4:30 तक चलेगी।

7 जनवरी 2023 से लेकर 25 जनवरी 2023 तक – सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक तथा दोपहर 2:00 बजे से लेकर दोपहर 4:30 बजे तक।

बीटिंग रिट्रीट समारोह के टिकट बिक्री का समय

27 जनवरी 2023 से लेकर – सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 12:30 तक तथा दोपहर 2:00 बजे से लेकर दोपहर 4:30 बजे तक।

28 जनवरी 2023 तक – सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 12:30 तक तथा दोपहर 2:00 बजे से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक।

गणतंत्र दिवस परेड के लिए तैयारी

गणतंत्र दिवस परेड रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाती है। राष्ट्रीय समारोहों का आयोजन (जैसे गणतंत्र दिवस परेड, बीटिंग रिट्रीट समारोह, गणतंत्र दिवस समारोह का ध्वजा रोहण, शहीद दिवस आदि) रक्षा मंत्रालय की प्राथमिक जिम्मेदारी है। गणतंत्र दिवस परेड के प्रतिभागियों को अंतिम उत्सव की तैयारी के लिए राजपथ पर रिहर्सल करने के लिए इंडिया गेट पर आना पड़ता है। भारतीय सैनिक नई दिल्ली में आगामी गणतंत्र दिवस परेड के लिए सुबह जल्दी अभ्यास शुरू करते हैं।

बैठने की व्यवस्था और अन्य तैयारियाँ कम से कम दो हफ्ते पहले शुरु हो जाती है। 26 जनवरी को सुरक्षा कारणों से इंडिया गेट पर जनता का प्रवेश निषेध कर दिया जाता है और सुरक्षा प्रबंधों को कड़ा कर दिया जाता है। इस कार्यक्रम पर आतंकी घटनाओं को रोकने के लिये कुछ हफ्ते पहले से ही सभी राष्ट्रीय राजधानियों में पुलिस के माध्यम से कानूनी जाँच शुरु हो जाती है क्योंकि ये कार्यक्रम एक बहुत बड़ी भीड़ को अपनी ओर आकर्षित करता है।

गणतंत्र दिवस परेड का महत्व

एक भव्य गणतंत्र दिवस परेड में इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए 26 जनवरी को आयोजित की जाती है। ये विशेषरुप से राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में अमर जवान ज्योति के सामने स्वतंत्रता संग्राम और युद्ध के दौरान अपने राष्ट्र के बचाने के लिये शहीद हुये भारतीय सैनिकों को उनके बलिदान के सम्मान में श्रद्धाजंलि देकर आयोजित किया जाता है। ये रायसीना राष्ट्रपति भवन से राजपथ पर शुरु होकर और इंडिया गेट पर समाप्त होती है। ये परेड बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये भारतीय सेना के सशस्त्र बल की शक्ति (टैंक, मिसाइल, रडार, आदि के प्रदर्शन के द्वारा), विभिन्न भारतीय राज्यों की संस्कृति और परंपरा और स्कूलों के बच्चों की कलात्मकता का प्रतिनिधित्व करती है।

आमंत्रित मुख्य अतिथि (दूसरे देश से) और भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस की परेड के बहुत महत्वपूर्ण अतिथि होते हैं। परेड की शुरुआत से पहले अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि, ध्वजा रोहण, 21 तोपों की सलामी और राष्ट्रीय गान का कार्यक्रम किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति (भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ) इस भव्य परेड की सलामी लेते हैं। ये भारतीय युवकों का साहस देता है और उन्हें एक भारतीय नागरिक होने पर गर्व महसूस कराता है।

भारत के अन्य शहरों में 26 जनवरी परेड

राष्ट्रीय राजधानी के अलावा, पूरे भारत में ऐसे और भी शहर है जहाँ गणतंत्र दिवस की परेड का आयोजन किया जाता है:

  • मुम्बई में मरीन ड्राइव पर और शिवाजी पार्क में गणतंत्र दिवस की भव्य परेड आयोजित की जाती है।
  • एक परेड और सांस्कृतिक मेले फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में 26 जनवरी को बेंगलूर में आयोजित की जाती है।
  • कोलकाता में, ये मैदान के पास लाल रोड पर आयोजित की जाती है।
  • चेन्नई में, इसे आयोजित करने के सबसे आम स्थान कामराज सालाई और मरीन बीच है।

गणतंत्र दिवस परेड – 2021 फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर जवान ज्योति पर माल्यार्पण कर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का राजपथ पर आगमन पर स्वागत किया।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को तीनों सेना प्रमुखों और अन्य गणमान्य लोगों से परिचय कराये।

ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान किया गया।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी।

विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने हमारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी।

कई युद्धक क्षमताओं वाली मुख्य युद्धक टैंक T-90 (BHISMA) भारत की सैन्य शक्ति प्रस्तुति की।

परेड की झांकी में ब्रह्मोस वेपन सिस्टम प्रस्तुत किया गया।

फाइटर पायलट भावना कंठ परेड में भारतीय वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली पहली महिला थीं।

फाइटर जेट तेजस ने भारतीय वायु सेना की झांकी में प्रदर्शन किया।

राजपथ पर परेड में विभिन्न प्रतियोगियों ने इंडिया गेट की ओर मार्च किया।

भारतीय नौसेना की झांकी “स्वर्णिम विजय वर्षा” के रूप में और उसके सामने का हिस्सा 1971 में कराची बंदरगाह पर हुए हमले का चित्रण है।

इंडियन एयर फोर्स झांकी “टच द स्काई विद ग्लोरी” थीम के साथ प्रदर्शित किए।

DRDO झांकी ने परेड में एंटी-टैंक मिसाइलों के विभिन्न मॉडल पेश किए।

भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान “लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट” को प्रदर्शित किया गया।

पहली बार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की झांकी परेड में “विज़न ऑफ़ द फ्यूचर” थीम के साथ दिखाई गई।

गुजरात की झांकी 11वीं शताब्दी में निर्मित मोढ़ेरा के सूर्य मंदिर को प्रदर्शित किया गया।

असम की झांकी में वहां उगने वाली चाय की विभिन्न किस्मों और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में योगदान को दर्शाया गया है।

तमिलनाडु की झांकी पल्लव राजवंश में निर्मित “शोर मंदिर” और अन्य संरचनाओं को प्रदर्शित किया।

महाराष्ट्र की झांकी में संतों और भक्ति आंदोलन को दिखाया गया।

उत्तराखंड की झांकी ने केदारखंड को आध्यात्मिकता की पवित्र भूमि के रूप में प्रदर्शित किया।

छत्तीसगढ़ की खूबसूरत झांकी में वाद्ययंत्र और लोक गीतों का अद्भुत संगीत शामिल था।

पंजाब की झांकी में सिखों के 16वें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर को दर्शाया।

त्रिपुरा की झांकी ने “इको-फ्रेंडली आत्म-निर्भर” की थीम के साथ समृद्ध जनजातीय परंपरा का प्रदर्शन किया।

पश्चिम बंगाल की झांकी ने साइकिल को शिक्षा में परिवर्तन और स्वच्छ वातावरण प्राप्त करने के रूप में चित्रित किया।

सिक्किम की झांकी ने “पंग ल्हबसोल महोत्सव” के स्मरणोत्सव का प्रदर्शन किया।

उत्तर प्रदेश की खूबसूरत झांकी ने राम मंदिर अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि और राष्ट्रीय अखंडता को प्रस्तुत किया।

दिल्ली की झांकी “शाहजहाँनाबाद – रीडेवलपमेंट ऑफ़ चांदनी चौक” थीम के साथ प्रदर्शन किया।

कर्नाटक की झांकी ने “विजयनगर – द सिटी ऑफ़ विक्ट्री” थीम को प्रदर्शित किया।

केरल की झांकी ने “कोयर ऑफ़ केरल” और उसकी समृद्ध संस्कृति को प्रस्तुत किया।

आंध्र प्रदेश की झांकी में स्थापत्य लेपाक्षी मंदिर और विजयनगर साम्राज्य की झलक दिखाई गई।

अरुणाचल प्रदेश की झांकी “ईस्ट मीट्स वेस्ट” थीम को प्रदर्शित करती है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की झांकी ने डिजिटलाइजेशन और आत्मनिर्भर भारत को दर्शाया।

श्रम और रोजगार मंत्रालय की झांकी में मजदूरों के महत्व और कर्मचारियों की सुरक्षा को प्रदर्शित किया गया।

दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग की झांकी में सांकेतिक भाषा और संचार के मूल्य को प्रदर्शित किया गया।

आयुष मंत्रालय की झांकी ने स्वास्थय और फिट शरीर के लिए प्राकृतिक जड़ी बूटियों और आयुर्वेद के महत्व को प्रदर्शित किया।

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की झांकी ने प्रदर्शन किया।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग की झांकी में महामारी कोविड-19 के दौरान कोरोना योद्धाओं की बहादुरी को दिखाया।

झांकी में भारतीय तटीय बलों और उनकी बहादुरी का प्रदर्शन किया गया।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय की झांकी ने नए भारत के निर्माण की दिशा में संचार के महत्व को प्रस्तुत किया।

सीमा सड़क संगठन की झांकी ने दुर्गम क्षेत्रों के लोगों को जोड़ने में लगे ताकतों के अपार श्रम का प्रदर्शन किया।

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी भारत के बहादुर शहीदों को समर्पित है।

संस्कृति मंत्रालय की झांकी ने भारत के स्वतंत्रता के आगामी 75वें वर्ष की एक थीम के साथ प्रस्तुत किया।

गणतंत्र दिवस परेड फोटो

वर्ष 2019 के गणतंत्र दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमर जवान ज्योति पर पुष्प चढ़ाकर देश के लिए शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।


भारतीय सेना के तीनो भागों के अध्यक्षों द्वारा अमर जवान ज्योति पर देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपथ पर पहुंचकर सभी गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करते हुए उनका अभिवादन स्वीकार किया।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू राजपथ पहुंचे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनका स्वागत किया गया।

भारत के राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविंद तथा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति की पत्नी त्सेपो मोटसेपे का राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वागत किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस वर्ष के गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि सिरिल रामफोसा का भारत के तीनों सेनाओं के प्रमुखों से परिचय कराया गया।

70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रीय गान गाया गया।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ को सलामी दी गयी।

राष्ट्रपति द्वारा लांस नायक नजीर वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र पुरस्कार से नवाजा गया। राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार शहीद लांस नायक नजीर वानी की पत्नी को सौंपा गया।

70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पे राजपथ पर भारतीय सेना के परेड की शुरुआत हुई, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल असिद मिस्त्री द्वारा किया गया।

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारत के सबसे उन्नत टैंकों में शामिल टी-90 (भीष्म) टैंक की सैन्य शक्ति भी देखने को मिली।

टी-90 टैंक के बाद गणतंत्र दिवस परेड में इंफैट्री कॉम्बैट व्हीकल का प्रदर्शन देखने को मिला।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ में पहली बार K9 वज्र T सेल्फ प्रोपेल्ड गन का प्रदर्शन देखने को मिला।

हालही में भारतीय सेना में शामिल हुए M777 होवित्जर का भी गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार प्रदर्शन देखने को मिला।

गणतंत्र दिवस परेड में जमीन से आकाश में मार करने वाली ‘आकाश’ मिसाइल का प्रदर्शन किया गया।

भारतीय सेना की महिला अधिकारी भावना कस्तूरी द्वारा गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर पुरुष परेड दल का नेतृत्व किया गया।

भारतीय सेना निदेशालय द्वारा पूर्व सैन्य कर्मचारियों के बलिदान और महान कार्यों को देखते हुए उनके सम्मान में झांकी का प्रदर्शन किया।

भारतीय वायु सेना द्वारा वायु सेना के सुरक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाली झांकी निकाली गयी, जिसमें आकाश मिसाइल और लड़ाकू विमान भी शामिल रहे।

गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार नेजाती सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित आजाद हिंद फौज के चार पूर्व सैनिकों द्वारा भी हिस्सा लिया गया।

भारतीय गणतंत्र दिवस के इतिहास में पहली बार आसाम राइफल्स की महिला टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया।

गणतंत्र दिवस परेड में बीएसएफ के समृद्ध इतिहास और साहस को प्रदर्शित करने वाला अच्छे रुप से सुसज्जित बीएसएफ का ऊंट दस्ता भी देखने को मिला।

वर्ष 2019 के गणतंत्र दिवस परेड में सिक्कम के झांकी के थीम द्वारा प्रदेश के अहिंसा, समृद्धि और खुशी की संस्कृति को प्रदर्शित किया गया।

महाराष्ट्र के झांकी में महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को प्रदर्शित किया गया। जिसमें ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ और ‘करो या मरो’ जैसे नारों को उद्घोष किया गया।

अंडमान निकोबार के झांकी में महात्मा गांधी के द्वारा वहां के जेल में रहने के दौरान साथी कैदियों के उपर उनके द्वारा उत्पन्न किये गये सकरात्मक प्रभावों को दिखाया गया है।

असम की झांकी ‘गांधी जी आसाम में’ के उपर आधारित रहा और इसके अंतर्गत यह दिखाया गया कि आखिरकार कैसे उनके अहिंसा के संदेश ने असम में शांति स्थापित करने में सहायता की।

त्रिपुरा की झांकी ‘गांधी जी के विचारों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का आर्थिक विकास’ के विषय पर आधारित रही।

गोआ के झांकी में ‘वह क्षेत्र जहां आज भी शांति मौजूद है’ और ‘सर्व धर्म समभाव’ के विषय को प्रदर्शित किया गया।

अरुणांचल प्रदेश की झांकी में ‘पीस विदिन’ और ‘स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है’ के संदेश को प्रदर्शित किया गया।

पंजाब के झांकी में ‘जलियावाला बाग कांड’ के घटना और इसमें मारे गये सैकड़ों लोगो के विषय को प्रदर्शित किया गया।

तमिलनाडु की झांकी महात्मा गांधी द्वारा तमिलनाडु दौरे के समय मदुराई में किसानों से मिलने की घटना को प्रदर्शित किया गया।

वर्ष 2019 के गणतंत्र दिवस पर गुजरात की झांकी में गांधी जी के ऐतहासिक ‘दांडी यात्रा’ ने कैसे अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया, इसका प्रदर्शन किया गया है।

जम्मू कश्मीर के झांकी का विषय ‘गांधीजी – सभी संस्कृतियों के लिए एक उम्मीद की किरण’ था।

कर्नाटक की झांकी में ‘गांधी जी का बेलगाम कांग्रेस सेशन’ को प्रदर्शित किया गया।

इस वर्ष के गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड के झांकी में महात्मा गांधी के अनाशक्ति आश्रम में बिताये गये समय को दिखाया गया है।

दिल्ली के झांकी में महात्मा गांधी के दिल्ली स्थित बिरला हाउस में लंबे निवास को दिखाया गया है।

उत्तर प्रदेश की झांकी में ऐतहासिक संस्थान ‘महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ’ और गांधी जी द्वारा शिक्षा से होने वाले पूर्ण विकास के विशेष महत्व को दिखाया गया।

पश्चिम बंगाल के झांकी में आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी और रविंद्रनाथ टैगोर के निकटता को प्रदर्शित किया गया।

उर्जा मंत्रालय के झांकी में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युतीकरण और गैर पारम्परिक उर्जा के स्त्रोतों के उपयोग को दिखाया गया है।

जल एंव स्वच्छता मंत्रालय ने अपनी झांकी के द्वारा ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के संदेश को दिखाया।

रेलवे मंत्रालय ने अपनी झांकी में गांधी जी के जीवन में रेलवे की महत्ता को दिखाया है, जिसमें दिखाया गया कि कैसे अपने एक रेल यात्रा के दौरान उनके मोहन से महात्मा बनने की शुरुआत हुई।

इस वर्ष कृषि मंत्रालय की झांकी ‘किसान गांधी’ पर आधारित रही।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के झांकी में इस सुरक्षा बल के 50 वर्षों के गौरवशाली इतिहास तथा देश के तरक्की में इसके योगदान को दिखाया गया।

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के बागवानी विभग की झांकी में महात्मा गांधी के 150वें जयंती के जश्न को दिखाया गया है।

वर्ष 2019 के गणतंत्र दिवस परेड में वीरता पुरस्कार पाने वाले बच्चों ने भी काफी जोश और उत्साह के साथ हिस्सा लिया।

भारतीय सेना के जाबांजों द्वारा गणतंत्र दिवस परेड में हैरत अंगेज कारनामे दिखाये गये जिसका नेतृत्व कैप्टन शिखा सुरभी द्वारा किया गया। सेना के जाबाजों के इन विशेष करतबो को जनता द्वारा भी काफी पसंद किया गया।

इसके साथ ही भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टरों द्वारा काफी शानदार फ्लाई पास्ट का प्रदर्शन किया गया, इस हवाई परेड को जनता द्वारा काफी उत्साह के साथ देखा गया।

परेड के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगंतुकों से भेंट की और हांथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया।

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अर्चना सिंह

कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. टी. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।

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