कविता

बारिश/वर्षा ऋतु पर कविता

वर्षा ऋतु चारों ऋतुओं में से एक है, यह वह ऋतु है जिसकी मनमोहक छंटा देखते ही बनती है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह ऋतु मानव जीवन और पर्यावरण तंत्र के लिए काफी मायने रखती है, क्योंकि कृषि और वन्यजीवन जैसी आधारभूत आवश्यकताएं वर्षा पर निर्भर होती हैं।

इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए वर्षा की प्रशंसा और आवश्यकता के आधार पर यह कविताएं तैयार की गयी है। जिनका आप अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं।

बारिश/वर्षा ऋतु पर कवितायें (Poems on Rain/Rainy Season in Hindi)

वर्षा ऋतु पर कविता 1

देखो  आया  है मौसम  ये  बरसात   का

आसमां   से   ज़मी   के   मुलाक़ात   का

देखो  आया  है मौसम  ये  बरसात   का।।

नन्हें  बच्चों के  पैरों की  छप-छप कभी

तो कभी  गिरती  बूंदों की  टप-टप कहीं

देख   कर    ये    अनोखा   नज़ारा    यहां

आज   झूमा   न   हो   कोई   ऐसा  नहीं

गीली मिट्टी की ख़ुशबू लिए अपने संग

दिन भी आया है खुशियों के सौगात का

आसमां   से   ज़मी   के   मुलाक़ात   का

देखो  आया  है  मौसम  ये  बरसात  का।।

बादलों   में   झगड़ती    हुई    बिजलियां

ये   फ़ुहारे   हैं   उड़ती   हुई    तितलियां

आज   धरती   को   बूंदें  हैं  यूं  छू  रही

मानों करती हो अंबर की कुछ चुगलियां

छाया है  अब  कहीं  पर खुशी  का समां

तो   कहीं  पर  है   माहौल   आपात  का

आसमां   से   ज़मी   के   मुलाक़ात   का

देखो  आया  है  मौसम  ये   बरसात का।।

वर्षा ऋतु पर कविता 2

“वर्षा ऋतु”

देखो वर्षा के यह मनमोहक बादल,

जो लाते है बारिश का यह जल।

देख मन इन्हें होता प्रफुल्लित,

वर्षा ना हो तो मन हो जाता विचलित।।

किसानों को यह देती सिंचाई की सुविधा,

यदि वर्षा ना हो तो हो जाती है बड़ी दुविधा।

इस ऋतु में चारों ओर हरयाली लहलहाती,

इसकी मनोरम छंटा सबके मन को भाती।।

वर्षा ऋतु की यह छंटा निराली,

जो सबके लिये लाती खुशियों की झोली।

आओ संग मिलकर झूमे गायें,

वर्षा ऋतु का साथ मिलकर लुत्फ़ उठाये।।

वर्षा ऋतु पर कविता 3

“वर्षा ऋतु का आनंद”

देखो एक बार फिर से बारिश का मौसम आया,

अपने साथ सबके चेहरों पर मुस्कान है लाया।

देखो वर्षा में हवा कैसी चल रही मंद-मंद,

क्या बच्चे क्या बूढ़े सब लेते इसका आनंद।।

देखो चारो ओर फैली यह अद्भुत हरियाली,

जिसकी मनमोहक छंटा है सबसे निराली।

जिसको देखो वह इस मौसम के गुण गाता,

बारिश का मौसम है ऐसा जो सबके मन को भाता।।

मेरे मित्रों तुम भी बाहर निकलो लो वर्षा का आनंद,

देखो इस मनमोहक वर्षा को जो नही हो रही बंद।

छोटे बच्चे कागज की नाव बनाकर पानी में दौड़ाते है,

वर्षा ऋतु में ऐसे नजारे नित्य दिल को बहलाते है।।

तो आओ हम सब संग मिलकर झूमे गाये,

इस मनभावी वर्षा ऋतु का आनंद उठाये।।

Yogesh Singh

Yogesh Singh, is a Graduate in Computer Science, Who has passion for Hindi blogs and articles writing. He is writing passionately for Hindikiduniya.com for many years on various topics. He always tries to do things differently and share his knowledge among people through his writings.

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