पूरे ज्ञात ब्रम्हांड में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहाँ अभीतक जीवन उपस्थित की पुष्टि हुई है। पृथ्वी पर ना सिर्फ मनुष्य बल्कि की लाखों अन्य प्रजातियां भी बसती हैं क्योंकि पृथ्वी पर लगभग हर वह चीज मौजूद है, जो जीवन के लिए आवश्यक है। पृथ्वी मानव जीवन के अनुकूल होने के साथ ही मनुष्य को हर वह वस्तु उपलब्ध कराती है जो मानव जीवन के लिए आवश्यक है, फिर भी मनुष्य अपनी लोभी प्रवृति से बाज नही आता है दिन प्रतिदिन पृथ्वी के संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग करता जाता है। इन्हीं कारणों के वजह से पृथ्वी के अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा है और यदि समय रहते इस समस्या पर काबू नही पाया गया तो इसके विध्वसंक परिणाम देखने को मिलेंगे।
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पृथ्वी है जीवन का मूल, इसके सुरक्षा के महत्व को न जाना भूल।
पृथ्वी के हितों की अवहेलना की न करना भूल, यह नही है पृथ्वी के सुरक्षा के अनुकूल।
प्रदूषण रोकेंगे, पृथ्वी के हित में सोचेंगे।
पृथ्वी के हितों को बचाओ, इसके लिए अपना जोर लगाओ।
प्रदूषण को रोकने का करो संकल्प, पृथ्वी को बचाने का बस यही है विकल्प।
पृथ्वी को बचाने हेतु आओ मिलकर करें काम, ताकि जग भर में हो हमारा नाम।
पृथ्वी को बचाना है मानव का प्रथम धर्म, इसे अपनाकर आओ पूरा करें अपना कर्म।
पृथ्वी की रक्षा हेतु हमें करना होगा संघर्ष, इसके द्वारा हम पा सकते है जीवन में नया उत्कर्ष।
पौधे लगाओ, पृथ्वी बचाओ।
पृथ्वी के हितों की रक्षा करना है हमारा धर्म, आओ इसकी रक्षा करके पूरा करे अपना कर्म।
जब वृक्ष लगाएंगे तभी तो हम पृथ्वी को बचा पाएंगे।
मनुष्य कहता हैं कि पृथ्वी हमारी माता है, फिर क्यों नहीं मनुष्य इसे बचाता है।
पृथ्वी पर आयी जो विपदा भारी है, अब इसे बचाना जिम्मेदारी हमारी है।
आओ मिल कर लें संकल्प, पृथ्वी को बचाना है एकमात्र विकल्प।
अगर अब न जागा इंसान, तो पृथ्वी का मिट जायेगा नामो निशान।
जीवन में खुशियों का संचार करती है, पृथ्वी माँ जैसा व्यवहार करती है।
प्रदुषण नर्क है, इसे हटा के देखो पृथ्वी स्वर्ग है।
जब पृथ्वी का करेगा सम्मान तभी तो इसपर रह सकेगा इंसान।
दूषित वायु और गंदे जल के साथ जीवन बिताना होगा, या फिर हमे पृथ्वी को बचाना होगा।
जब वायु, जल और पर्याप्त वन होगा, तभी पृथ्वी पर जीवन होगा।
पृथ्वी के हितों की रक्षा करना है हमारा धर्म, आओ इसकी रक्षा करके पूरा करे अपना कर्म।
यदि पृथ्वी दिखायेगी अपना कोप, तो धरती से हो जायेगा जीवन का लोप।
पृथ्वी की रक्षा का समझो अर्थाभाव, नही तो जीवन पर होगा इसका कुप्रभाव।
हमारे स्वार्थो से पृथ्वी हो रही बर्बाद, आओ मिलकर इसके रक्षा का ले संकल्प और करें इसे आबाद।
प्रदूषण द्वारा पृथ्वी पर मचा हुआ है हाहाकार, देखो कैसी धरती रक्षा हेतु रही चित्कार।
पृथ्वी रक्षा के उपायों के पालन में लोग दिखा रहे आभाव, तभी पूर्ण रुप से इस अभियान का नही दिख रहा प्रभाव।
पृथ्वी को बचाने हेतु करेंगे संकल्प, इसकी रक्षा हेतु खोजेंगे विकल्प।
पृथ्वी को स्वच्छ रखना है हमारा कर्तव्य, इसे पूरा करना है हमारा दायित्व।
पृथ्वी को बचाना हमारा कर्तव्य ही नही दायित्व भी है।
प्रदूषण पर करो वार, पृथ्वी को बचाने के लिए करो विचार।
आओ पृथ्वी के सुरक्षा हेतु करे विचार, पृथ्वी ने ही सबको दिया है जीवन का अधिकार।
यदि समय रहते हमने पृथ्वी के रक्षा हेतु उपाय नही किये तो इसके विध्वंसक परिणाम देखने को मिलेंगे।
पृथ्वी की रक्षा करके हम मानव जीवन के अस्तित्व को सुनिश्चित करेंगे।
आओ मिलकर पृथ्वी की रक्षा हेतु करे संघर्ष, अपने कार्यों द्वारा लाये मानव जीवन में नया उत्कर्ष।
पृथ्वी की रक्षा हेतु आओ मिलकर करें सहयोग, यह संकल्प सफल होगा तभी जब साथ आयेंगे सब लोग।
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