वर्तमान में वायु प्रदूषण केवल एक समस्या नहीं रह गयी है बल्कि मानव ने आधुनिकता और प्रगति के नशे में अंधा होकर, वायु प्रदूषण को एक तरह से वैश्विक महामारी का रूप दे दिया है। देश के विकास को असीमित तरीके से बढ़ाने के लिए हमने प्रकृति को अनदेखा कर दिया। हमने कई जंगलों को काट दिया और उद्योगों का तेज़ी से विस्तार किया जिसका परिणाम यह हुआ की वर्तमान में हम कई प्राकृतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिनका समाधान भी शायद हमारे पास उपलब्ध नहीं है। अपने भविष्य को बचाने के लिए हमें वायु प्रदूषण के कारकों पर नियंत्रण करना अत्यंत आवश्यक है।
आईए आज इस लेख के माध्यम से हम वायु प्रदूषण के कारकों व समाधान के बारे में जानते हैं।
1) वातावरण की वायु में घुली हानिकारक गैस और अशुद्ध कण वायु प्रदुषण कहलाती हैं।
2) उद्योग, वाहन व ज्वालामुखी से उत्सर्जित गैस वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है।
3) मानवजनित गतिविधियां वायु प्रदूषण के कारण होते हैं।
4) जीवाश्म ईंधन का अधिक दोहन और जंगल की आग भी प्रदूषण का कारण है।
5) ये कारक जीवन के लिए आवश्यक स्वच्छ वायु की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
6) इससे ह्रदय, श्वसन, त्वचा, और आँख आदि से संबंधित गंभीर रोग होते हैं।
7) अधिक वायु प्रदूषण क्षेत्र के वनस्पति और पौधों पर भी बुरा असर डालता है।
8) वायु प्रदूषण के कारण पक्षियों के जीवन चक्र पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
9) प्रदूषण सभी जीवों में कई गंभीर आतंरिक और बाहरी बिमारियों का कारण बनता है।
10) आधुनिक समय में वायु प्रदूषण विश्व की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है।
1) वायु प्रदूषण में कुछ प्राकृतिक कारण सहायक है तो बहुत से मानव जनित कारणों ने भी वायु प्रदूषण को बढ़ावा दिया हैं।
2) वायु प्रदूषण हमारे जलवायु को भी बहुत अत्यधिक प्रभावित करता है।
3) जलवायु में असामान्य परिवर्तन के कारण कृषि और जन-जीवन पर भी बुरा प्रभाव देखा जा रहा है।
4) शोध के अनुसार दुनिया के 10 में से लगभग 9 लोग वायु प्रदूषण की सीमा से अधिक प्रदूषित क्षेत्रों में रहते हैं।
5) वायु प्रदूषण त्वचा की उम्र को तेजी से बढ़ाता है, जिससे विभिन्न प्रकार के त्वचा रोग होते हैं।
6) विश्व के प्रदूषित देशों में चीन सबसे प्रथम स्थान पर आता है।
7) कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है।
8) भारत के भोपाल में 1984 में वायु प्रदूषण का भयानक उदाहरण मिथाइलआइसोसाइनाइट गैस के रिसाव से 15,000 लोगों की मृत्यु थी।
9) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिवर्ष 2 से 4 लाख लोगों की मौत बाह्य व आतंरिक वायु प्रदूषण के कारण होती है।
10) रेडॉन, कार्बन डाईऑक्साईड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड आदि गैसों का अधिक उत्सर्जन वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है।
वायु प्रदूषण केवल स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि यह विश्वभर में ग्लोबल वार्मिंग की बड़ी और गंभीर समस्या को भी जन्म दे रहा है, जिसके परिणाम बेहद खतरनाक साबित होंगे। बारिश का कहीं पर अधिक और कहीं पर बहुत कम होना, गर्मी और सूखे की स्थिति, अम्लीय वर्षा, समुद्र स्तर का बढ़ना और समुद्रतल के तापमान में वृद्धि आदि सभी वायु प्रदूषण के प्रभाव हैं। इस समस्या का समाधान है कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगाये और प्रदूषण के कारकों पर सख्त नियंत्रण करें। अपने भविष्य और धरती को संरक्षित रखने के लिए ये उपाय अत्यंत आवश्यक हैं।