10 वाक्य

अनुच्छेद 35A पर 10 वाक्य (10 Lines on Article 35A in Hindi)

हमारा देश जब स्वतंत्र हुआ तब यह एक संघ के रूप में नहीं था बल्कि कई रियासतों में बटा हुआ था। रियासतों का एकीकरण किया गया और भारत संघ की स्थापना हुई। विलय के दौरान जम्मू-कश्मीर विवादित राज्य रहा। जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह भारत संघ में शामिल करने के उद्देश्य से एक समझौता किया गया जिसके अंतर्गत जम्मू और कश्मीर राज्य को कुछ विशेष अधिकार दिए गए। इन अधिकारों को भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 और 35A के रूप में लिखा गया था।

अनुच्छेद 35A पर 10 लाइन (Ten Lines on Article 35A in Hindi)

हमारे देश में जम्मू-कश्मीर और वहाँ लागू धारा 370 और 35A हमेशा से ही एक गंभीर विषय रहा है। वर्तमान में इन दोनों धाराओं को समाप्त कर दिया गया है तो आईए आज हम इन 10 वाक्यों के सेट के माध्यम से अनुन्छेद 35A के बारे में जानते हैं।

Anuched 35A par 10 Vakya – Set 1

1) अनुच्छेद 35A भारतीय संविधान की एक धारा थी जिसका संबंध जम्मू और कश्मीर राज्य से था।

2) 1952 में नेहरु और शेख अब्दुल्ला के दिल्ली समझौते के बाद 1954 में इसे लागू किया गया था।

3) यह जम्मू-कश्मीर को भारत के संविधान से हटकर कुछ विशेष शक्तियां देता था।

4) जम्मू-कश्मीर का ‘स्थायी निवासी’ कौन हो सकता है यह तय करने का अधिकार केवल राज्य सरकार को था।

5) जम्मू-कश्मीर राज्य के साथ ही राज्य के नागरिकों को भी कुछ विशेष अधिकार दिये गए थे।

6) अनुच्छेद 35A के तहत भारत के अन्य किसी राज्य का निवासी जम्मू-कश्मीर में सम्पति नहीं खरीद सकता था।

7) इस अनुच्छेद ने अन्य राज्यों के निवासियों को जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी मिलने पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया था।

8) अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को जम्मू-कश्मीर में सरकारी छात्रवित्ति मिलने के प्रावधान पर भी रोक थी।

9) इसके तहत पाकिस्तान के निवासी कुछ कागजी कार्यवाही के साथ जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी बन सकते थे।

10) 5 अगस्त 2019 को भारत संघ को बाटने वाले अनुच्छेद 35A को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अध्यादेश के जरिये समाप्त कर दिया गया।

Anuched 35A par 10 Vakya – Set 2

1) अनुच्छेद 35A भारत को 2 भागों में विभाजित करने वाला कानून था।

2) अनुच्छेद 35A को प. जवाहरलाल नेहरू के सुझाव पर तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद के आदेश पर संविधान में जोड़ा गया।

3) भारतीय संविधान में इस अनुच्छेद को 1954 में संसदीय कानून का पालन किये बिना जोड़ा गया था।

4) अनुच्छेद 35A को संसद में पेश किये बिना ही तत्काल प्रभाव से लागू किया गया था।

5) जम्मू-कश्मीर की जनसांख्यिकी नियंत्रित रखने की बात कहकर वहाँ अनुच्छेद 35A लागू किया गया था।

6) इसके तहत राज्य के निवासियों से संबंधित सभी अधिकार जम्मू-कश्मीर राज्य के विधानमंडल के अंतर्गत था।

7) भारत एक संघ है और अनुच्छेद 35A संघ के संविधान के समानता के अधिकार की अवहेलना करता था।

8) यह अनुच्छेद अधिकारों के मामले में महिलाओं के साथ भेद-भाव करता था।

9) अनुच्छेद 35A के विरोध में कुछ संस्थाओं और लोगों ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका भी दायर की थी।

10) अन्य राज्य का कोई उद्योगपति जम्मू-कश्मीर में निवेश नहीं कर सकता था अतः 35A राज्य के आर्थिक विकास में भी बाधक था।


ऐसा कहा जाता है की धार 35A देश के एकीकरण को पूरा नहीं होने देता था। हमारे देश में कोई भी कानून लागू करने की एक प्रकिया होती है। कोई कानून संसद में पेश करके अनुच्छेद 368 के तहत पास किया जाता है अतः 35A गैर संवैधानिक था। धारा 35A के राजनितिक उपयोग ने हजारों भारतीयों जिन्होनें बटवारे के समय जम्मू और कश्मीर में आकर शरण ली, उन्हें कभी राज्य का निवासी नहीं बनने दिया और वो शरणार्थी ही बन कर रह गये। धारा 35अ के समाप्त होने से जम्मू-कश्मीर राज्य के विकास का एक नया द्वार खुला है और इसने भारत की अखंडता को मजबूत किया है।

Shubham Singh

राजनितिशास्त्र से स्नातक एवं इतिहास से परास्नातक करने के पश्चात् शुभम सिंह लेखन कार्य से जुड़ गये। लेखन से पूर्व किये गये गहन अन्वेषण इनके लेखों में साफ़ दिखाई देते है। उत्कृष्ठ लेखन के साथ-साथ ये युवाओं को उनके शिक्षा एवं भविष्य से सम्बंधित मार्गदर्शन भी करते है। इनका मानना है की सही दिशा में किया गया परिश्रम व्यक्ति को हमेशा सफल बनाता है।

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