10 वाक्य

अनुच्छेद 370 पर 10 वाक्य (10 Lines on Article 370 in Hindi)

भारत के स्वतंत्रता के समय बड़ी गंभीर हालातों के बीच जम्मू-कश्मीर को भारतीय संघ में शामिल किया गया था। भारत में विलय के समय कुछ शर्तों के साथ जम्मू-कश्मीर भारत का अंग बना था, जिसे बाद में धारा 370 के अंतर्गत रखा गया। इस अनुच्छेद के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर राज्य के केवल रक्षा, विदेशी और संचार मामले ही भारत सरकार के अधिकार में थे। ऐसे कई विशेष अधिकार जम्मू-कश्मीर को दिए गए जो शेख अब्दुल्ला और प. नेहरू के विचार-विमर्श से दिए गए थे।

अनुच्छेद 370 पर 10 लाइन (Ten Lines on Article 370 in Hindi)

इस लेख के माध्यम से मैंने अनुच्छेद 370 पर 10 वाक्य प्रस्तुत किए हैं, आशा करता हूँ कि ये आपको पसंद आएंगे।

Anuched 370 par 10 Vakya – Set 1

1) अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में लिखित एक अनुच्छेद था, जिसके अंतर्गत भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष अधिकार प्राप्त थे।

2) भारतीय संविधान में जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए इस विशेष अनुच्छेद को 17 अक्टूबर 1949 को जोड़ा गया था।

3) संविधान निर्माण के समय ये प्रावधान अनुच्छेद 306 के अंतर्गत रखे गए थे, जो बाद में धारा 370 बना।

4) डॉ आंबेडकर इसके विरोधी थे इसलिए अनुच्छेद 370 का मसौदा एन. गोपालस्वामी अयंगर द्वारा तैयार किया गया था।

5) राज्य के भारत में विलय के समय अस्थायी प्रावधान के रूप में अनुच्छेद 370 को भारतीय संविधान में जोड़ा गया था।

6) इसके प्रावधान कश्मीर के राजा हरि सिंह और प. नेहरू के हस्ताक्षरित मूल विलय पत्र से लिए गए थे।

7) अनुच्छेद 370 में “जम्मू-कश्मीर के संबंध में अस्थायी प्रावधान” शीर्षक के अंतर्गत राज्य को कई विशेष अधिकार दिए गए थे।

8) इस अनुच्छेद के तहत जम्मू और कश्मीर राज्य को भारतीय संविधान से हटकर स्वशासन का अधिकार प्राप्त था।

9) यह अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर राज्य को अपना अलग संविधान बनाने का अधिकार प्रदान करता था।

10) अनुच्छेद 370 केवल राज्य ही नहीं बल्कि राज्य के लोगों को भी कुछ विशेष अधिकार देता था, जो अन्य राज्य के नागरिकों को प्राप्त नहीं थे।

Anuched 370 par 10 Vakya – Set 2

1) संविधान में भाग 21 के ‘अस्थायी, परिवर्तनीय और विशेष प्रावधान’ शीर्षक के अंतर्गत अनुच्छेद 370 लिखा गया था।

2) इस प्रावधान के तहत राज्य के लोगों को जम्मू-कश्मीर और भारत की दोहरी नागरिकता प्राप्त थी।

3) जम्मू और कश्मीर के चुनाव और राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से राज्य के अधीन थी।

4) इस अनुच्छेद के तहत 1976 का शहरी भूमि कानून राज्य में लागू न होने के कारण अन्य राज्य के व्यक्ति को संपत्ति खरीदने पर बाध्यता थी।

5) अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर राज्य के अल्पसंख्यकों को कोई आरक्षण नहीं मिलता था।

6) इस अनुच्छेद के तहत राज्य में केवल राज्यपाल शासन ही लागू हो सकता था, राष्ट्रपति शासन लागू नहीं किया जा सकता था।

7) रक्षा, विदेश और संचार के मामलों को छोड़कर अन्य कोई कानून बनाने के लिए भारत सरकार को राज्य की अनुमति की आवश्यक्ता थी।

8) इस धारा के तहत भारत में वित्तीय आपातकाल की घोषणा का संबंध जम्मू-कश्मीर राज्य से नही था।

9) इस धारा के तहत राज्य में भारतीय प्रतीकों व चिन्हों का अपमान करना कोई अपराध नहीं माना जाता था।

10) इस अनुच्छेद को बिना संसद में पेश किए और बिना राष्ट्रपति की सहमति के लागू किया गया था।

उपर मैने अनुच्छेद 370 पर 10 वाक्य के जो लेख प्रस्तुत किया है, आशा करता हूँ कि  आपको पसंद आया होगा।

भारतीय राजनीति में धारा 370 एक विवादित मुद्दा था। इस धारा को लोग देश को विभाजित करने वाला मानते थे और भारत की एकता के विरुद्ध मानते थे। भारतीय सर्वोच्च न्यायालय में अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक करार देते हुए कई याचिकाएं दी गई थी। बहुत से दलीलों के बाद भी कोई परिणाम नहीं आता था जब तक की 2019 में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा इसे समाप्त करके जम्मू और कश्मीर राज्य को भारत का अभिन्न अंग न बना लिया गया।

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अनुच्छेद 370 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न : Frequently Asked Questions on Article 370

प्रश्न.1 अनुच्छेद 370 संविधान के किस भाग में लिखा गया था?

उत्तर– अनुच्छेद 370 का उल्लेख भारतीय संविधान के भाग 21 में किया गया था।

प्रश्न.2 370 धारा कब हटाई गई?

उत्तर– 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने राष्ट्रपति के आदेश पर जम्मू और कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया।

प्रश्न.3 धारा 370 क्या है?

उत्तर– धारा 370 संविधान का एक विशेष अनुच्छेद था जो केवल जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए था।

Shubham Singh

राजनितिशास्त्र से स्नातक एवं इतिहास से परास्नातक करने के पश्चात् शुभम सिंह लेखन कार्य से जुड़ गये। लेखन से पूर्व किये गये गहन अन्वेषण इनके लेखों में साफ़ दिखाई देते है। उत्कृष्ठ लेखन के साथ-साथ ये युवाओं को उनके शिक्षा एवं भविष्य से सम्बंधित मार्गदर्शन भी करते है। इनका मानना है की सही दिशा में किया गया परिश्रम व्यक्ति को हमेशा सफल बनाता है।

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