भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख हिन्दू त्यौहारों में से एक भाई दूज (Bhai Dooj/Bhau Beej) का त्यौहार मनाया जाता है जिसमें एक बहन अपने भाई के लिए पूजा-पाठ आदि करती है। इस पर्व को भी एक तरह से रक्षा बंधन की तरह ही समझा जा सकता है परन्तु इस पर्व की कथा भगवान सूर्य के पुत्र यमराज देव और पुत्री देवी यमुना से संबंधित मानी जाती है। नेपाल और भारत के भिन्न-भिन्न भागों में यह पर्व अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार मनाया जाता है।
दिवाली पर 10 वाक्य || यम द्वितीया या भाईदूज
आइए हम इन 10 वाक्यों के सेट से भाई दूज/भाई बीज पर्व के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।
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1) भाई दूज/भाऊ बीज का पावन त्यौहार भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाए जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है।
2) जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है यह त्यौहार भाई और बहन के बीच मनाया जाता है।
3) हर साल हिन्दी पंचांग के कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई बीज का पवित्र पर्व मनाया जाता है।
4) भाई फोन्टा का पर्व तिथि के अनुसार कभी दीपावली के 1 दिन या कभी 2 दिन के बाद मनाया जाता है।
5) इस पर्व पर बहन अपने भाई को आमंत्रित करके अपने हाथ से बना भोजन खिलाती है और भाई भी बहनों को उपहार देते हैं।
6) भाई दूज का यह पर्व भाई-बहन के एक दूसरे के प्रति समर्पण और स्नेह को दर्शाता है।
7) मान्यता है कि यमुना ने यमराज को अपने घर आदरपूर्वक भोजन कराया था तभी से यह पर्व मनाया जा रहा है।
8) भाई दूज (Bhai Dooj) का पर्व भारत के साथ-साथ नेपाल में भी हिन्दूओं के द्वारा बड़े श्रद्धा-भाव से मनाया जाता है।
9) नेपाल में इस पर्व को भाई टीका के नाम से जानते हैं, इसी प्रकार से भाई दूज को अन्य नामों से भी जाना जाता है।
10) भाई फोन्टा का यह पर्व कई नामों से मनाया जाता है पर इस पर्व की मान्यता और श्रद्धा-भाव सबके लिए एक जैसा ही रहता है।
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1) भाई दूज का त्यौहार भी रक्षाबंधन के पर्व की तरह मनाया जाता है जो भाई-बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ करता है।
2) प्रतिवर्ष ग्रेगोरियन कैलेंडर के अक्टूबर या नवंबर महीने में भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।
3) भाई को अपने घर आमंत्रित करके बहनें उनके स्वास्थ्य, समृद्धि और लम्बी उम्र के लिए पूजा-पाठ करती हैं।
4) बहनें अपने भाई के पसंद के खानों के साथ-साथ कढ़ी, पूरी आदि तरह-तरह के पकवान बनाती हैं।
5) जिनकी कोई सगी बहन नहीं होती है वे लोग किसी मुहबोली बहन के घर जाकर भाई दूज की रस्म को निभाते हैं।
6) भाई दूज पर जिन बहनों के भाई दूर रहते हैं वो चंद्रमा को देखकर ही यह पूजन विधि करती हैं और भाई के सुख की कामना करती हैं।
7) भाई दूज के इस पर्व को काफी स्थानों पर लोग यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं।
8) भाई बीज पर आधारित एक कथा यह भी है कि इसी दिन भगवान कृष्ण नरकासुर राक्षस का वध करके अपनी बहन सुभद्रा के घर गए थे।
9) भाई दूज के दिन भारत में कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त के जन्मदिवस का उत्सव भी मनाते हैं।
10) ऐसी आस्था है कि भाई दूज का पर्व मनाने वाले भाई पर माँ यमुना और मृत्यु देव यमराज की अनुकम्पा होती है।
ये त्यौहार लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखने का कार्य करते हैं और हमें हमारे अपनों की अहमियत का एहसास कराते हैं। ऐसे पर्व हमें हमारी संस्कृति से भी अवगत कराते हैं और रिश्तों को बनाए रखने के लिए प्रेरणा देते हैं। भाई दूज का पर्व भी बहनें काफी और खुशी से अपने भाई के साथ मनाती हैं।
उत्तर – भाई दूज वर्ष 2023 में नवंबर महीने की 15 तारीख बुधवार को मनाया जाएगा।
उत्तर – भाई दूज के दिन माता यमुना ने अपने भाई यमराज की पूजा की थी जिसके बाद से हर बहन अपने भाई की लम्बी उम्र के लिए भाई दूज मनाती है।
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