किसी राष्ट्र की तरक्की के लिए मानव पूंजी एक महत्वपूर्ण कारक है, मानव पूंजी में निवेश करने का मतलब भविष्य में निवेश करना है। मानव पूंजी में निवेश का तात्पर्य बच्चों के शिक्षा स्वास्थ्य तथा उनके तकनीकी ज्ञान में निवेश करने से है। वर्तमान समाज में कुछ ऐसे तत्वों का समावेश हो गया है जिनके चलते बाल अधिकारों की व्यवस्था करना सदी की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। इन सब बातों के मद्दे नज़र संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने 1989 से हर वर्ष 20 नवम्बर को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस या बाल अधिकार दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया।
साथियों आज मैं आप लोगों के बीच में बाल अधिकार दिवस पर 10 लाइन लेकर उपस्थित हुआ हूँ, मुझे पूर्ण आशा है कि ये लाइन आपको पसंद आएंगी।
1) बाल अधिकार पर सबसे पहले अपनी चिंता संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने जाहीर की तथा उनके हकों को संरक्षित करने के लिए एक घोषणा पत्र जारी किया।
2) 20 नवम्बर 1989 को एक लम्बे समय के बाद संयुक्त राष्ट्र (United Nation) द्वारा जारी उस पत्र पर संघ के सभी सदस्य देशों ने अपनी सहमति दी, जिसमें भारत भी शामिल था।
3) 20 नवम्बर 2007 को इस घोषणा पत्र (1959 में जारी हुए) को सार्वभौम रूप से स्वीकार कर लिया गया।
4) बाल अधिकार दिवस का मुख्य उद्देश्य जनता को बच्चों से संबंधित विभिन्न अधिकारों से अवगत कराना तथा उनको शोषण से बचाना है।
5) बच्चों को समाज, परिवार तथा विद्यालयों के माध्यम से मार्गदर्शन की जरूरत होती है।
6) उचित देखभाल एवं मार्गदर्शन के अभाव में उनके भोलेपन का फायदा उठाकर उनमें अपराधिक प्रवृत्ति भी विकसित की जा सकती है।
7) नाइजीरिया, सोमालिया तथा अंगोला आदि कुछ देशों में बढ़ते हुए बाल मृत्यु दर, बाल अधिकारों को कठोरता से लागू करने की ओर संकेत देते हैं।
8) बाल अधिकारों में शिक्षा का अधिकार एक अति महत्वपूर्ण अधिकार है, कम से कम इस अधिकार को सभी को 100% लागू करना चाहिए।
9) इस दिन विद्यालयों आदि स्थानों पर कार्यक्रमों के माध्यम से अभिभावकों एवं बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में तथा उन्हें संरक्षित रखने के संबंधित जानकारियां दी जाती है।
10) भारत सरकार बाल अधिकारों को प्रोत्साहित करने के लिए कक्षा 8वीं तक के छात्रों को मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ मुफ्त भोजन भी मुहैया करा रही है।
1) विश्व भर में बाल संरक्षण योजनाओं एवं कानूनों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पूरे विश्व के स्कूल तथा कॉलेजों में 20 नवम्बर को विश्व बाल अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।
2) बालकों में बढ़ते यौन अपराधों के बारे में भी इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।
3) इसमें शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक रूप कमजोर वर्ग के बच्चों के विकास के लिए नई नीति बनाने एवं लागू करने का प्रावधान है।
4) बाल अधिकारों में बच्चों के व्यापार, उनके शारीरिक तथा मानसिक शोषण के विरूद्ध कार्य करना तथा उनका विश्लेषण करना भी शामिल है।
5) इसके माध्यम से 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों को बच्चों के विकास में बाधक बनने वाले तत्वों से अवगत कराया जाता है।
6) बाल अधिकार कानून के अंतर्गत किए गए प्रयासों के कारण आज बहुत से देश कुपोषण से लड़ने में तथा बच्चों को एक बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने में सक्षम हुए है।
7) बच्चों को उत्तम भविष्य प्रदान करने के लिए देश की सरकारों द्वारा तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा योजनाएं तथा कानून बनाए जा रहे हैं।
8) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21(क), 24, 39(घ), 39(च) आदि बाल अधिकारों से संबंधित है।
9) भारत सरकार ने आंगनवाड़ी सेवा योजना, किशोरी योजना, राष्ट्रीय शिशु गृह योजना तथा बाल संरक्षण सेवा योजना के माध्यमों से भी बाल अधिकारों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया है।
10) कुछ कठोर कानूनों [बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, बालश्रम संशोधन अधिनियम 2016, शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो (POCSO) अधिनियम, आदि] के द्वारा भी भारत सरकार ने बाल शोषण रोकने का प्रयास किया है।
निष्कर्ष
जैसे एक पेड़ को विकसित होने के लिए धरती के अंदर पनपने वाले उसके जड़ों को तंदुरुस्त होना आवश्यक है, उसी प्रकार बच्चे भी राष्ट्र के जड़ होते हैं अगर उनका विकास समुचित रूप से नहीं होगा तो राष्ट्र का विकास बाधित हो जाएगा। बाल अधिकार दिवस के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र बच्चों के अधिकारों को संरक्षित कर उनको एक बेहतर भविष्य प्रदान करने का प्रयास कर रहा है जिसमें लगभग सभी देश उसके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का प्रयास कर रहे है।
मैं उम्मीद करता हूँ कि बाल अधिकार दिवस पर 10 लाइन आपको पसंद आयी होंगी तथा यह आपके विद्यालयों एवं कॉलेजों की दृष्टि से उपयोगी सिद्ध होंगी।
धन्यवाद !
यह भी पढ़े :
उत्तर- बाल अधिकार दिवस हर वर्ष 20 नवम्बर को मनाया जाता है।
उत्तर- शिक्षा का अधिकार तथा जीवन का अधिकार एक बच्चे के लिए सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है।