प्रत्येक लोकतांत्रिक देश में चुनाव कराये जाते हैं क्योंकि चुनाव ही लोकतंत्र की पहचान कहे जाते हैं। किसी लोकतांत्रिक देश के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण है निष्पक्ष चुनाव कराया जाना। एक देश में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की होती है। इसके कई भाग हो सकते हैं परन्तु सभी का नियंत्रण चुनाव आयोग का मुख्य अधिकारी ही करता है।
आज इस लेख के माध्यम से हम एक देश में चुनाव की जिम्मेदारी निभाने वाले ‘निर्वाचन आयोग’ के बारे में पढेंगे।
1) निर्वाचन आयोग वह संगठन है जो किसी राष्ट्र में चुनाव कराने का कार्य करता है।
2) देश के भीतर निष्पक्ष चुनाव हो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की होती है।
3) निर्वाचन आयोग स्वस्थ और शांतिपूर्ण चुनाव का आयोजन सुनिश्चित करता है।
4) चुनाव में किसी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार ना हो इसकी देख-रेख चुनाव आयोग करता है।
5) मतदान केंद्र और मतदाता सूचि सत्यापन और अद्यतन कार्य निर्वाचन आयोग करता है।
6) एक चुनावी संगठन होने के नाते यह राष्ट्रनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
7) निर्वाचन आयोग एक स्वायत्तपोषी संस्था होती है इसका अपना बजट प्रबंधन होता है।
8) किसी भी देश का निर्वाचन आयोग देश की कार्यपालिका से पृथक होता है।
9) निर्वाचन आयोग एक स्थायी संस्था होती है इसे भंग नहीं किया जा सकता है।
10) निर्वाचन आयोग का एक मुख्य कमिश्नर या अधिकारी होता है और बाकी अन्य अधिकारी होते हैं।
1) निर्वाचन आयोग किसी देश के लोकतंत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2) चुनाव के सभी आंकड़ो के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखना चुनाव आयोग का कार्य है।
3) चुनाव लड़ने वाले दलों और प्रत्याशियों का पंजीकरण का कार्य निर्वाचन आयोग करती है।
4) सभी देशों के अपने अलग-अलग नाम से निर्वाचन आयोग संगठन होते हैं।
5) चुनाव आयोग, चुनाव समिति और चुनाव परिषद आदि निर्वाचन आयोग के अन्य नाम हैं।
6) भारत के निर्वाचन आयोग संगठन को ‘भारतीय चुनाव आयोग’ (Indian Election Commission) कहा जाता है।
7) लोगों को मत देने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।
8) चुनावी दलों और प्रत्याशियों को उनके चुनाव चिन्ह देने का कार्य निर्वाचन आयोग का होता है।
9) किसी देश का निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय और राज्य निर्वाचन आयोग के रूप में भी विभाजित होता है।
10) चुनाव प्रक्रिया निर्वाचन आयोग द्वारा तय किये गए कुछ ठोस नियम व कानूनों के अंतर्गत होत्ती है।
निर्वाचन आयोग किसी देश के विकास के स्तंभों में से एक माना जाता है। बिना किसी संस्था के नियमित चुनाव नहीं हो सकते हैं। निर्वाचन आयोग ही चुनाव के शुरू से अंत तक सारा कार्यभार संभालता है और अंत में चुनाव के परिणाम घोषित करने तक उसकी जिम्मेदारी रहती है। किसी भी देश के विकास के लिए वहाँ एक निर्वाचन संस्था का होना अति आवश्यक होता है।