रामलीला हिन्दू संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भगवान राम के जीवन पर आधारित रामलीला का नाटक भारत में एक महापर्व और उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत अपने त्योहारों और विभिन्न संस्कृतियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। सितंबर से अक्टूबर महीने के समय शारदीय नवरात्रि के दौरान हर वर्ष भव्य रामलीला का आयोजन होता है जिसमे दूर-दूर के लोग आते हैं। इस समय विदेशों से भी काफी सैलानी आते हैं और भारतीय संस्कृति का आनंद लेते हैं।
आज इस लेख के माध्यम से हम “रामलीला” के बारे में जानेंगे जो आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित होंगी।
1) रामलीला भगवान राम की जीवनकथा ‘रामायण’ पर आधारित एक नाट्य रूपांतरण है।
2) भगवान राम हिन्दू धर्म में प्राचीन समय से ही विश्वास और आस्था के केंद्र रहे हैं।
3) भारत में प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रि के दौरान भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है।
4) भारत में रामलीला का मंचन 11वीं शताब्दी के पहले से ही होता रहा है।
5) प्राचीन हिन्दू ग्रंथों में से एक ‘रामायण’ महाकाव्य की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी।
6) रामलीला में कलाकार विभिन्न रामायण के पात्रों की वेशभूषा धारण करते हैं।
7) रामलीला का यह नाटक भारत के सभी गाँव व शहरी क्षेत्रों में मनाया जाता है।
8) वाराणसी की सुप्रसिद्ध रामलीला कई स्थानों पर होते हुए 1 महीने तक चलती है।
9) रामलीला के अंतिम दिन रावण दहन करके दशहरा का महापर्व मनाया जाता है।
10) रामलीला समाज में मानवता और जीवन के सार्थक मूल्यों का सन्देश देता है।
1) रामलीला कार्यक्रम प्रभु श्रीराम के जीवन की विभिन्न घटनाओं का नाट्य संग्रह है।
2) वर्ष 2021 में 6 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक रामलीला कार्यक्रम मनाया जाएगा।
3) मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमेशा से ही भारतीय संस्कृति के पहचान माने जाते हैं।
4) रामलीला कार्यक्रम से बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रसार करते हैं।
5) यह हिंदी कैलंडर के भाद्रपद माह की अमावस्या से नवरात्रि के अंतिम दिन विजयादशमी तक चलता है।
6) भारत में इन भव्य रामलीला कार्यक्रमों को देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ लगती है।
7) ग्वालियर और प्रयागराज में मूक रामलीला का आयोजन होता है जिसमे कलाकार बिना बोले केवल हाव-भाव से प्रस्तुति दिखाते हैं।
8) रामलीला केवल भारत ही नहीं थाईलैंड और इंडोनेशिया में भी काफी हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है।
9) दशहरा के दिन रावण के साथ मेघनाद और कुम्भकरण का भी पुतला जलाकर रामलीला का अंत होता है।
10) रामलीला में मुख्य रूप से सीता स्वयंवर, वनवास, सीता हरण, लंका दहन, संजीवनी बूटी लाना, मेघनाद वध, कुम्भकरण और रावण वध आदि घटनाओं का चित्रण होता है।
रामलीला का यह मनमोहक कार्यक्रम रामायण पर आधारित माना जाता है परन्तु वर्तमान में हम जिस रामलीला मंचन का आनंद लेते है वो तुलसीदास जी द्वारा रचित “श्रीरामचरितमानस” पर आधारित है। भगवान राम केवल भारतीय हिंदुओं के लिए ही नहीं इंडोनेशियन मुस्लिमों के लिए भी काफी महत्व रखते हैं और उन्हे वे अपना पूर्वज मानकर प्रतिवर्ष रामलीला कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। रामलीला में दिखाए गए कुछ सामान्य बातों को भी हम अपनाकर अपने जीवन और समाज में बद बदलाव ला सकते हैं।