भगवान श्री गणेश की जयंती के रूप में हर वर्ष गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। भगवान श्री गणेश समृद्धि, सौभाग्य और शुभता के देवता हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के मंदिरों और मूर्ति स्थापित करने वाले भक्तों के घरों से भगवान गणेश के भजन सुनाई देते हैं जो मंत्रमुग्ध कर देते है। लोग भगवान गणेश की अर्चना में “गणपति बप्पा मोरिया” और अन्य नारे लगाते हैं। भारत के साथ-साथ विदेशों में भी हिन्दू धर्म के अलावा लोग इस पूजा में शामिल होते हैं।
आइए आज इस इन वाक्यों के माध्यम से गणेश चतुर्थी महोत्सव के बारे में जानते हैं।
1) हिन्दू देवताओं में मुख्य भगवान श्री गणेश के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में गणेश चतुर्थी मनाया जाता है।
2) गणेश चतुर्थी प्रत्येक वर्ष हिंदी पंचांग के भाद्रपद महीने में शुक्लपक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है।
3) ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अगस्त से सितंबर माह के बीच में आता है।
4) यह त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में धूम-धाम से मनाया जाता है।
5) भक्त घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और पूजा पाठ करते हैं।
6) गणेश चतुर्थी का यह महोत्सव 10 दिनों तक चलता है।
7) 10वें दिन भगवान की मूर्ति को गाजे-बाजे के साथ जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।
8) भगवान गणेश माता पार्वती और भगवान शंकर के छोटे पुत्र हैं।
9) हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा या शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
10) गणेश चतुर्थी का यह महोत्सव केवल भारत ही नहीं विदेशों में भी हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है।
1) गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी भी कहते हैं एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है।
2) लोग सुख-समृद्धि के लिए विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं।
3) प्रसाद में भगवान गणेश को प्रिय मोदक व लड्डू का भोग लगाया जाता है।
4) लोग भगवान गणेश को अतिथि समान घर लाते हैं और 10 दिन उनकी पूजा करते हैं।
5) भगवान गणेश के प्रमुख मंदिरों में इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है।
6) भारत के महाराष्ट्र राज्य में भगवान गणेश की मूर्ति विसर्जन का बहुत भव्य कार्यक्रम होता है।
7) महाराष्ट्र में होने वाले विसर्जन कार्यक्रम में भारतीय व विदेशी लोग भारी संख्या में शामिल होते हैं।
8) पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार ने रसायनों से बनी मूर्तियों को बहते जल में विसर्जित करने पर रोक लगा दी है।
9) गणेश चतुर्थी का निश्चित इतिहास ज्ञात नहीं है पर माना जाता है कि शिवाजी महाराज ने इस भव्य महोत्सव की शुरुआत की थी।
10) 19वीं शताब्दी में मुख्य रूप से स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बाल गंगाधर तिलक की अपील पर इस महोत्सव का आरम्भ हुआ।
गणेश चतुर्थी का त्योहार एक हिन्दू त्योहार होने के बावजूद इसमें कई धर्म और सम्प्रदायों के लोग हिस्सा लेते हैं। भारत के इस भव्य महोत्सव को देखने के लिए विदेशों से टूरिस्ट भी आते हैं और इस कार्यक्रम में घुल जाते हैं। यह त्योहार लोगों को एक दुसरे से जोड़ने का कार्य करता है। भगवान गणेश में श्रद्धा रखने वाले लोगों का मानना है कि 10 दिनों तक चलने वाले महोत्सव में श्री गणेश सबके घर आते हैं और उन्हें आशीर्वाद देकर उनके दुखों व कष्टों को समाप्त करते हैं।