किसी देश की मातृभाषा उस देश की पहचान होती है और वहां के नागरिकों का सम्मान भी उनकी मातृभाषा से जुड़ा होता है। हमारा देश भारत विविधताओं वाला देश कहा जाता है और देश में लगभग 121 भाषाएँ बोली जाती है जिनमें से 22 भाषाओँ को संविधान में मान्यता प्राप्त है। उन्हीं में से एक मुख्य भाषा हिंदी है जो देश के अधिकतर लोगों द्वारा बोली और समझी जाती है। जिस दिन हिंदी को हमारे संविधान में देश की राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया उस दिन को हम राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं।
दोस्तों वर्ष में 2 तारीखों को हिंदी दिवस मनाया जाता है जिसमें एक विश्व हिंदी दिवस है जो 10 जनवरी को मनाते हैं और दूसरा है राष्ट्रीय हिंदी दिवस जो 14 सितंबर को मनाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम भारत के राष्ट्रीय हिंदी दिवस के बारे में जानेंगे।
1) हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं।
2) हिंदी भाषा के प्रसार के उद्देश्य से 14 सितंबर 1953 से हिंदी दिवस मनाया जा रहा है।
3) 14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया।
4) हिंदी दिवस पर कवी सम्मलेन, विचार-संगोष्ठी व वाद-विवाद आदि प्रतियोगिताएं होती हैं।
5) इस दिन हिंदी भाषा के विकास में योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
6) हिंदी भारत में बोली जाने वाली सबसे अधिक प्रचलित और आसन भाषा है।
7) विश्व में सर्वाधिक बोले जानी वाली भाषाओँ में हिंदी 3 नंबर पर आती है।
8) विश्वभर में लगभग 70 करोड़ लोग हिंदी भाषा बोलते हैं।
9) दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश फ़िजी की राजभाषा हिंदी ही है।
10) हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा बनाने की बात सर्वप्रथम 1918 के हिंदी साहित्य सम्मलेन में गांधी जी ने की थी।
1) कई लोगों के अथक प्रयास के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी भारत की आधिकारिक भाषा बनाई गई।
2) हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने का श्रेय सेठ गोविन्ददास, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त और व्यौहार राजेन्द्र सिंह को जाता है।
3) हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व में हिंदी की महत्वता का प्रसार करना है।
4) हिंदी दिवस के दिन शिक्षण व अन्य संस्थानों में हिंदी कविता, नाटक व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
5) इस दिन सरकारी स्थानों में भी हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम किये जाते हैं।
6) सरकारी कार्यों में हिंदी भाषा के प्रयोग में प्रोत्साहित करने के लिए ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ दिया जाता है।
7) ज्ञान-विज्ञान पर लिखने वाले लोगों को ‘राजभाषा गौरव पुरस्कार’ से अंतर्गत 10 हजार से 2 लाख रुपये तक के 13 पुरस्कार दिए जाते हैं।
8) हिंदी हमारे देश की पहचान है अतः हमें हिंदी का प्रयोग गर्व के साथ बिना झिझक के करना चाहिए।
9) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबको एकजूट करने में हिंदी भाषा का महत्वपूर्ण योगदान था।
10) गांधी जी ने कहा था कि “राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी का प्रयोग देश की एकता और उन्नति के लिए आवश्यक है।”
आज़ादी के वक्त हमारे देश में बहुत सारी भाषाएँ बोली जाती थीं परन्तु हमें एक भाषा को राजभाषा बनाना था। बहुत संघर्ष और विचार-विमर्श के बाद हिंदी जो की देश में सर्वाधिक प्रचलित और आसानी से समझी जाने वाली भाषा थी इसे राष्ट्रभाषा चुना गया। इस निर्णय के पश्चात दक्षिण क्षेत्र तथा अन्य लोगों के भारी विरोध के बाद अंग्रेजी को भी भारत की राष्ट्रभाषा में शामिल कर लिया गया।
बड़ी विडंबना है कि हमें अपनी ही देश की भाषा बोलने में शर्म आती है जबकि हिंदी विश्व की तीसरी सबसे प्रसिद्ध भाषा है। अपने देश की भाषा का विकास और प्रसार की जिम्मेदारी हम सभी को उठानी चाहिए।