किसी जानकार या अंजान व्यक्ति की जीवन रक्षा के लिए जीवित या मरने के बाद हम निःस्वार्थ सेवा के रूप में अंगदान करते हैं। अंगदान के प्रति सभी देशों में लोगों को जागरूक किया जाता है और प्रेरित किया जाता है। अंगदान के लिए सभी देशों के अपने-अपने कानून है। सड़क दुर्घटना, शरीर के अंग का फेल हो जाना जैसे कई कारणों के चलते लोग अपनी जान तक गंवा देते हैं। दुनिया भर में लाखों लोग प्रतिवर्ष अंगदान की कमी के कारण मरते हैं। मृत्यु के बाद हमारा शरीर किसी के काम आ सकता है और हम जीवित रहते हुए भी अंगदान से किसी के परिवार में खुशियां ला सकते हैं।
आईए इस लेख के माध्यम से हम अंगदान जैसे महादान के बारे में जानते हैं।
1) एक व्यक्ति द्वारा अपने शरीर का कोई भाग अन्य व्यक्ति को दान करना ‘अंगदान’ कहलाता है।
2) अंगदान में एक व्यक्ति के स्वस्थ अंग को दूसरे व्यक्ति के शरीर में जोड़ दिया जाता है।
3) इस सोच को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 13 अगस्त को “विश्व अंगदान दिवस” मनाते हैं।
4) सबसे पहला सफल अंग प्रत्यारोपण किडनी का 1954 में अमेरिका में हुआ था।
5) 10 लाख पर 46.9 अंगदाताओं वाला स्पेन सबसे अधिक अंगदान दर वाला देश है।
6) दुनियाभर में सबसे अधिक अंग प्रत्यारोपण किडनी और आंखों का किया जाता हैं।
7) एक व्यक्ति अंगदान करके 8 लोगों की जान बचा सकता है।
8) जागरूकता की कमी के कारण भारत में अंगदान के आंकड़े बहुत कम हैं।
9) भारत में हर साल लगभग 5 लाख लोग अंगदान के अभाव में मर जाते हैं।
10) अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भारत में प्रतिवर्ष 27 नवंबर को अंगदान दिवस मनाया जाता है।
1) एक व्यक्ति द्वारा किया गया अंगदान दूसरे व्यक्ति के लिए जीवनदान बनता है, इसलिए इसे महादान भी कहते है।
2) प्रथम जीवित अंगदाता अमेरिका के रोनाल्ड हेरिक थे, जो 1954 में अपने भाई रिचर्ड हेरिक को किडनी दान किए थे।
3) सामान्यतः किडनी, आँख, फेफड़ा, लीवर, हृदय, अस्थि, त्वचा और अन्य ऊतक दान किये जाते हैं।
4) अंगदाता की जांच और मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद ही अंगदान की अनुमति दी जाती है।
5) वर्तमान में ज्यादातर मृत्यु के पश्चात और असंबंधित अंग प्रत्यारोपण किए जाते हैं।
6) सबसे पहला सफल लिवर प्रत्यारोपण 1998 में भारतीय चिकित्सकों ने किया था।
7) अंगदान की कालाबाजारी रोकने के लिए भारत सरकार ने कई कड़े नियम बनाए हैं।
8) भारत में अंगदान की सबसे अच्छी स्थिति तमिलनाडु राज्य में है।
9) भारत में सबसे अधिक कॉर्निया (नेत्र या आंख) दान किया जाता है।
10) भारतीय पुराणों और कहानियों में भी महर्षि दधीचि, राजा शिवि और पुरू के पुत्र द्वारा अंगदान के साक्ष्य मिलते हैं।
वर्तमान के कुछ सालों में अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता देखने को मिली है। विकसित देशों में अंगदान के आँकड़े भारत के मुकाबले बहुत अच्छे हैं। हमारे देश में भी कुछ सालों से इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है और लोग अंगदान जैसे भले कार्य के लिए आगे आए हैं। हाल के समय में गुजरात, राजस्थान, पंजाब आदि राज्यों से अंगदान से कई लोगों की जान बचाने के मामले सामने आए हैं। भारत में सबसे अधिक अंगदान दर तमिलनाडु राज्य की है। अंग प्रत्यारोपण करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया जाता है। 1954 में किए पहले सफल प्रत्यारोपण के लिए डॉ. जोसेफ मरे को 1990 में उत्कृष्ट चिकित्सा सम्मान दिया गया था।