10 वाक्य

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर 10 वाक्य (10 Lines on International Literacy Day in Hindi)

शिक्षा हम सभी के जीवन में विकास और प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है। व्यक्ति, समुदाय और समाज के विकास के लिए यूनेस्को शिक्षा के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के लिए 1967 से अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा किया। विश्व के सभी देशों ने इसकी महत्वता को समझा भी और हर साल 8 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर 10 लाइन (Ten Lines on International Literacy Day in Hindi)

आज इस लेख के माध्यम से हम अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के बारे में और अधिक जानेंगे।

Antarrashtriya Saksharta Diwas par 10 Vakya – Set 1

1) दुनिया में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

 2) प्रतिवर्ष 8 सितंबर को विश्व के सभी देश अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाते हैं।

3) 8 सितंबर 1967 से प्रतिवर्ष यूनेस्को की अपील पर साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

4) प्रतिवर्ष 7 सितंबर को शिक्षा क्षेत्र से संबंधित पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।

5) इस दिन पुस्तक मेले लगाए जाते हैं और कुछ संस्थाएं पुस्तक दान करती हैं।

6) साक्षरता दिवस पर स्कूल-कालेजों में भी कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

7) जीवन में शिक्षा के महत्व को समझाने के लिए प्रतिवर्ष एक नए थीम पर साक्षरता दिवस मनाया जाता है।

8) वर्ष 2021 में “मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना” साक्षरता दिवस का थीम है।

9) किसी भी देश के चतुर्मुखी विकास के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ है।

10) यूनेस्को के अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कार्यक्रम का उद्देश्य साक्षरता के साथ सतत विकास को प्राप्त करना है।


Antarrashtriya Saksharta Diwas par 10 Vakya – Set 2

1) साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा यूनेस्को ने 1966 में 26 अक्टूबर को एक सम्मलेन में किया था।

2) किसी भी मनुष्य के विकास के लिए उसका शिक्षित होना बहुत ही आवश्यक होता है।

3) शिक्षा लगभग सभी देशों में लोगों के मूलभूत अधिकार के अंतर्गत आती है।

4) किसी देश की शिक्षित जनता देश के लोकतांत्रिक विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

5) किसी देश का आर्थिक विकास भी देश की साक्षरता पर निर्भर करता है।

6) आँकड़ों के मुताबिक दुनिया में अभी भी लगभग 70 करोड़ लोग अशिक्षित हैं।

7) साक्षरता का सामान्य वैश्विक साक्षरता दर 85% माना जाता है।

8) 1947 में भारत की साक्षरता दर लगभग 12% थी जो वर्तमान में लगभग 74% तक हो गई है।

9) भारत में वर्ष 2007 तक 75% साक्षरता दर के उद्देश्य से 5 मई 1988 को ‘राष्ट्रीय साक्षरता मिशन’ की स्थापना की गई थी।

10) विश्व में साक्षरता के प्रसार के लिए कई लोगों और संस्थानों द्वारा बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं।


मुफ़्त शिक्षा, स्कूलों में खाना आदि सभी कार्यक्रम भी शिक्षा के प्रसार के लिए ही किए जा रहे हैं। इस दिन कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करके बच्चों को शिक्षा की आवश्यकता और इसके महत्व के बारे में बताया जाता है। कई देशों में साक्षरता के अपने-अपने अलग मानक तय किए गए हैं जैसे भारत में अपना नाम लिख-पढ़ सकने वाला व्यक्ति साक्षर माना जाता है।

Shubham Singh

राजनितिशास्त्र से स्नातक एवं इतिहास से परास्नातक करने के पश्चात् शुभम सिंह लेखन कार्य से जुड़ गये। लेखन से पूर्व किये गये गहन अन्वेषण इनके लेखों में साफ़ दिखाई देते है। उत्कृष्ठ लेखन के साथ-साथ ये युवाओं को उनके शिक्षा एवं भविष्य से सम्बंधित मार्गदर्शन भी करते है। इनका मानना है की सही दिशा में किया गया परिश्रम व्यक्ति को हमेशा सफल बनाता है।

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