किसी देश की समृद्धि वहां के लोगों में निहित होती है। भारत एक ऐसा देश है जहां कई धर्मों के लोग रहते हैं जिनकी भाषा, संस्कृति और रहन-सहन काफी अलग-अलग है। ऐसे में एक दुसरे से जुड़ने में काफी कठिनाई होती है जो हमारे देश में राष्ट्रीय एकता की भावना की धीमी गति से बढ़ने का मुख्य कारण है। लोगों का एक दुसरे के लिए सम्मान और भाई-चारे की भावना ही है जो किसी भी देश की प्रगति में सहायक होती है और सभी के सहयोग से विकसित राष्ट्र बनाती है।
आज इस लेख के माध्यम से हम राष्ट्रीय एकता और उसके महत्व को समझेंगे की आखिर क्यों हमारे लिए एक दुसरे के साथ मिल-जुल कर रहना आवश्यक है।
1) किसी देश के लोगों में अपनी विभिन्नताओं को भुलाकर देश के प्रति एक समान प्रेम भावना का होना राष्ट्रीय एकता कहलाता है।
2) भारत में प्रतिवर्ष 19 नवंबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
3) एकता को बढ़ावा देने के लिए 19 से 25 तक नवंबर राष्ट्रीय एकता सप्ताह मनाया जाता है।
4) 19 नवंबर को स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिवस पर एकता दिवस मनाते हैं।
5) राष्ट्रीय एकता एक देश के नागरिकों में भाई-चारे, सद्भावना और एकता की भावना है।
6) किसी देश के विकास के लिए राष्ट्रीय एकता का होना अत्यंत आवश्यक है।
7) राष्ट्रवाद की भावना लोगों को राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरित करती है।
8) एकता वह भावना है जो लोगों को धर्म, जाति, ऊँच-नीच की भावना से मुक्त करती है।
9) वर्तमान में धार्मिक कट्टरता की भावना लोगों को एक दुसरे से अलग कर रही है।
10) अपने समाज, संस्कृति और देश की प्रगति के लिए राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना बहुत जरूरी है।
1) राष्ट्रीय एकता सम्मान और जिम्मेदारी की भावना है जो किसी देश के लोगों में एक-दुसरे के लिए होती है।
2) एक देश के विकास के लिए लोगों का व्यक्तिगत विकास आवश्यक है जो एकता से ही संभव है।
3) प्रत्येक व्यक्ति अपने राष्ट्र की प्रगति और विकास का भागीदार होता है।
4) देश के राष्ट्रीय पर्व मुख्य रूप से राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए सहायक होते हैं।
5) भारत के स्वतंत्रता का मुख्य कारण लोगों में राष्ट्रीय एकता के दृढ़ भावना का होना था।
6) राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी समय-समय पर लोगों को प्रेरित करती है।
7) स्कूल व कॉलेज स्तर से ही छात्रों को राष्ट्रीय एकता के लिए जागरूक करना चाहिए।
8) सांप्रदायिकता और जातिवाद की भावना ने लोगों को एक-दुसरे से अलग कर दिया है।
9) अपने स्वार्थ के लिए लोगों में फूट डालने वाली राजनीति राष्ट्र की एकता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
10) धार्मिक, जातीय, संस्कृति और भाषा की विभिन्नताओं के बाद भी भारत राष्ट्रीय एकता का उदहारण प्रस्तुत करता है।
राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय एकता या राष्ट्रीय एकीकरण बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे देश में राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है पर वो उतने सफल नहीं हो पाते हैं जिनका मुख्य कारण लोगों में एक दुसरे के प्रति धर्म और जाति को लेकर भरी हुई नफरत है। धर्म, भाषा, क्षेत्रवाद और आर्थिक विषमताओं के कारण देश में राष्ट्रीय एकता का दृढ़ विकास नहीं हो पाता है। बेहतर भविष्य के लिए युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय एकता के प्रति जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है।