विश्व के प्राचीन शहरों में से एक वाराणसी (काशी) को भारतीय साहित्य, कला एवं सांस्कृतिक परंपरा की राजधानी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं, इतिहास, भूगोल एवं पुरातत्व विभाग काशी को भारतीय कला एवं संस्कृति का संग्रहालय मानते है।
वाराणसी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा नदी के किनारे बसा एक अति प्राचीन शहर है, जिसे हम काशी, अविमुक्ति क्षेत्र, आनंद-कानन, ब्रह्मावर्त, सुदर्शन, महाश्मशान के अलावा वर्तमान में वह नाम जिसे सुनते ही मन में मिठास घुल जाए उसे “बनारस” भी कहते है।
साथियों आज मैं आप लोगों के समक्ष वाराणसी पर 10 लाइन लेकर उपस्थित हुआ हूँ, केवल 10 लाइनों के आधार पर काशी की महिमा का वर्णन कदापि नहीं किया जा सकता पर अति महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी अवश्य प्राप्त की जा सकती है।मुझे उम्मीद है कि ये लाइनें आपको पसंद आएगी तथा स्कूल एवं कॉलेजों में आपके उपयोग लायक होंगी।
1) धार्मिक दृष्टि से वाराणसी को (काशी के विश्वनाथ ) भगवान शिव की नगरी कहते है
2) वाराणसी (सारनाथ) तथागत बुध्द की प्रथम उपदेश स्थली है ।
3) काशी को घाटों, मंदिरों एवं गलियों का शहर भी कहते है काशी में गंगा किनारे कुल 100 से अधिक मंदिर तथा 88 घाट है।
4) काशी को ज्ञान की नगरी भी कहते है क्योंकि यहाँ विश्व प्रसिद्ध बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय एवं टिबेटियन विश्वविद्यालय है।
5) भारतीय शास्त्रीय संगीत का जन्म काशी के बनारस घराने से हुआ था।
6) भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक कबीर एवं रविदास, कवि रामानंद, लेखक मुंशी प्रेमचंद एवं रामचंद्र शुक्ल तथा उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ का जन्म काशी में हुआ।
7) बनारस की साड़ी, हस्तशिल्प कालीन, कलाकंद एवं यहां के पान को संपूर्ण विश्व में अलग प्रसिद्धि हासिल है।
8)वाराणसी में आवागमन हेतु 1 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (International Airport) ,3 मुख्य रेलवे स्टेशन ,1 बस स्टैंड उपलब्ध है।
9) भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्राचीन विश्वनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण कर विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के रूप परिवर्तित कर दिया गया है।
10) भारत के सभी तीर्थ स्थलों एवं रमणीयता के मामले में काशी का नाम सबसे ऊपर आता है तथा काशी को मुक्ति का स्थान भी माना जाता है।
1) प्राचीन वैदिक साहित्य के तीनों भागों (संहिता,ब्राह्मण,उपनिषद) में काशी की महिमा का उल्लेख देखने को मिलता है।
2) पौराणिक कथाओं के अनुसार काशी का निर्माण भगवान शिव ने आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व में किया था।
3) महर्षि अगस्त्य, धन्वंतरि, गौतम बुद्ध, संत कबीर, पतंजलि, संत रैदास, स्वामी रामानंदाचार्य, वल्लभाचार्य, बाबा कीनाराम, लक्ष्मीबाई, पाणिनि, पार्श्वनाथ,जैसे महान व्यक्तियों का वास वाराणसी नगरी में था।
4) महाभारत कथा काव्य के अनुसार काशी के नरेश ने पांडवों के तरफ से महाभारत युद्ध में हिस्सा लिया था।
5) वाराणसी के रामनगर में यहाँ के राजा बलवंत सिंह का भव्य किला है जिसमें आज भी उनका परिवार उसी ठाठ से रहते है।
6) ब्रिटिश शासन काल के दौरान सन् 1910 में वाराणसी को भारत का एक राज्य घोषित किया गया था जिसकी राजधानी रामनगर थी।
7) वर्तमान में वाराणसी का कुल क्षेत्रफल 1535 कीमी2 तथा कुल जनसंख्य़ा 3676841 है।
8) निर्वाचन आयोग के अनुसार वाराणसी को 5 विधानसभा क्षेत्रों में बांटा गया है ।
9) वाराणसी के समग्र विकास के लिए 8 विकास खंड कार्यालय 2 तहसील एवं 25 पुलिस थानों का निर्माण किया गया है।
10) वाराणसी में प्राय: भोजपुरी भाषा बोली जाती है जो हिंदी भाषा का ही अंग है।
निष्कर्ष
निम्नलिखित तथ्य बनारस की गरिमा एवं महत्व को प्रदर्शित करने के लिए काफी नहीं है। आज भी ज्ञान, साहित्य, संगीत एवं संस्कृति सभ्यता के प्रतीकों तथा क्रियाकलापों में काशी की महिमा का बखान किए बिना पूर्ण नहीं होता।
दोस्तों मैं आशा करता हूँ कि वाराणसी पर 10 लाइन (Ten Lines on Varanasi) आपको पसंद आए होंगे तथा आप इसे भली-भांति समझ गए होंगे।
धन्यवाद !
उत्तर- ललिता घाट वाराणसी का सबसे पुराना घाट है।
उत्तर- मणिकर्णिका घाट काशी का महाश्मशान घाट है।
उत्तर- प्रतिदिन संध्या के समय गंगा आरती के लिए प्रसिद्ध है।