विश्व के प्रत्येक देशो में भिन्न- भिन्न धर्म एवं समुदाय के लोग नव वर्ष का पर्व अलग-अलग तिथियों पर मनाते है। विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों में नव वर्ष के उत्सव को मनाए जाने में परस्पर भिन्नता देखने को मिलती है। परन्तु आधुनिक परिवेश में पल रही लगभग सभी देशों की य़ुवा पीढी 1 जनवरी को नव वर्ष का पर्व बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाते है। इस दिन लोग पूर्व में हुई गलतियों को भूलकर एक नए संकल्प के साथ नव वर्ष में प्रवेश करते है।
साथियों आज मैं आप लोगों के समक्ष नव वर्ष पर 10 लाइन लेकर उपस्थित हुआ हूँ, तो आइए दोस्तों आज हम नव वर्ष को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाले पर्व के इतिहास एवं महत्व को समझने का प्रयास करते है।मुझे उम्मीद है कि ये लाइनें आपको पसंद आएगी तथा स्कूल एवं कॉलेजों में आपके उपयोग लायक होंगी।
1) पश्चिमी देशों में आज से लगभग 5000 वर्ष पहले बेबीलोन में 21 मार्च को नव वर्ष का पर्व मनाया जाता था।
2) 1 जनवरी को नव वर्ष मनाने की शुरुआत रोम के शासक जूलियस सीजर ने की।
3) हिन्दू धर्म के अनुसार नव वर्ष चैत्र माह के प्रथम तिथि को मनाया जाता है।
4) भारत में नव वर्ष अलग-अलग स्थानों पर भिन्न- भिन्न माह में मनाया जाता है।
5) भारत के मुख्य प्रांत पंजाब में नव वर्ष 13 अप्रैल को बैसाखी त्योहार के रूप में मनाते है।
6) पारसी धर्म के लोग 19 अगस्त को नव वर्ष का त्यौहार मनाते है।
7) जैन धर्म के लोग दीपावली के अगले दिन नव वर्ष मनाते है।
8) मुस्लिम धर्म में लोग नव वर्ष को मुहर्रम पर्व के रूप में मनाते है।
9) हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार आज ही के दिन से ब्रह्मा जी ने सृष्टि के निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया था।
10) ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार विश्व के लगभग सभी हिस्सों में 1 जनवरी को नव वर्ष पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
1) इस दिन को लोग अपने मित्र एवं रिस्तेदारो को शुभ संदेश भेजते है तथा आने वाला दिन मंगलमय हो इसके लिए प्रार्थना करते है।
2) जगह-जगह पर लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते है।
3) अयोध्या नरेश भगवान श्री राम का राज्याभिषेक आज ही के दिन हुआ था।
4) जापान में इस पर्व को याबुरी के नाम से जाना जाना जाता है तथा इस दिन लोग अपने घरो की सफाई कर लाइटों से सजाते है।
5) थाईलैंड देश के लोग नव वर्ष को “सोंगक्रान’ पर्व के रूप में भगवान बुद्ध की मूर्ति को नहला कर पुजा करते है।
6) भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में नव वर्ष को “तिजान” कहते है यह त्यौहार होली की तरह 3 दिन तक एक दूसरे के ऊपर पानी फेंक कर मनाया जाता है।
7) दक्षिण अमेरिका के लोग इस दिन को पुराने वर्ष का पुतला जलाकर मनाते है।
8) स्पेन इस दिन यानी 31 दिसंबर की रात्रि 12 बजे के बाद 12 अंगूर को खाने की परंपरा होती है।
9) विश्व के सबसे बड़े देश रूस में इस पर्व के दिन नए वृक्ष लगाने की परंपरा है, लोग देवदार के वृक्ष को सजाते है।
10) सम्पूर्ण विश्व में इस दिन में उच्च कोटि के खाद्य पदार्थों एवं सजावट की सामग्रियों की सबसे अधिक बिक्री होती है।
निष्कर्ष-
उपर्युक्त वाक्यों से यह सिद्ध होता है कि नव वर्ष सम्पूर्ण विश्व के लिए एक हर्षो उल्लास का दिन होता है। हालांकि लोग इस त्यौहार को अपने-अपने तरीके से मनाते है पर इसका उत्साह लगभग एक जैसा ही होता है।
लोग नव वर्ष का स्वागत अपनी नई आकांक्षाओं एवं नए संकल्प के साथ करते है कि आने वाला उनका 364 दिन इसी खुशी एवं हर्षो उल्लास के साथ बीते।
उत्तर- नव वर्ष ईसाई धर्म के लोगों का मुख्य त्यौहार है।
उत्तर- रोम के शासक जूलियस सीजर ने