हम सभी को रहने के लिए मकान या भवन की आवश्यकता होती है। हिन्दू धर्म में निर्माण के देवता के रूप में भगवान विश्वकर्मा को पूजा जाता है। भगवान ब्रह्मा समस्त ब्रह्मांड की रचना किए और उसके बाद भगवान विश्वकर्मा ने धरती पर जल, मिट्टी, भवन, आदि की रचना किए। सतयुग से लेकर कलियुग तक भगवान विश्वकर्मा द्वारा किए निर्माणों का उल्लेख पुराणों और ग्रंथों में मिलता है।
आज इस लेख के माध्यम से हम निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा के बारे में जानेंगे।
1) विश्व निर्माता कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की जयंती के रूप में यह दिन मनाया जाता है।
2) इस दिन को विश्वकर्मा पूजा या विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाते है।
3) ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है।
4) हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह पूजा कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है।
5) यह भारत में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध हिन्दू त्योहारों में से एक है।
6) हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर माना जाता है।
7) भगवान विश्वकर्मा को सबसे बड़ा शिल्पकार कहा जाता है।
8) इस दिन लोग औजार, हथियार, वाहन, उपकरण और मशीनों आदि की पूजा करते हैं।
9) सभी कारखानों व कार्यस्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की जाती है।
10) पुराणों के अनुसार स्वर्ग लोक, लंका, द्वारका, हस्तिनापुर, इंद्रप्रस्थ और जगन्नाथ पुरी का सृजन भगवान विश्वकर्मा ने किया था।
1) सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा के जन्मोत्सव को विश्वकर्मा पूजा के रूप में मनाते हैं।
2) यह दिन मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, कर्नाटक, ओडिशा आदि क्षेत्रों में मनाया जाता है।
3) भगवान विश्वकर्मा को दिव्य वास्तुकार कहा जाता है।
4) शिल्पकलाओं से संबंध रखने वाले लोगों के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है।
5) यह दिन हमारे देश में बड़े स्तर पर लोगों द्वारा मनाया जाता है।
6) इस दिन लोग अपने कारखानों, वाहन और औजारों आदि को साफ करते हैं और पूजा के बाद ही इस्तेमाल करते हैं।
7) भगवान विश्वकर्मा को ऋग्वेद में देव बढ़ई कहा गया है।
8) भगवान विश्वकर्मा को देवमहल, देव हथियार और सभी औद्योगिक औजार का निर्माणकर्ता माना जाता है।
9) भगवान शंकर का त्रिशूल, भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र और ऋषि दधीचि के अस्थियों से बने अस्त्र का निर्माण इन्होंने ही किया था।
10) विश्वकर्मा पूजा इंजीनियर, वेल्डर, मैकेनिक, लोहार, शिल्पकार, बढ़ई आदि सभी लोग श्रद्धाभाव से मनाते हैं।
विश्वकर्मा पूजा भारत में बड़े ही उच्च स्तर पर मनाया जाता है। हम सभी को रहने और किसी भी निर्माण के लिए शिल्पज्ञान का होना अत्यंत आवश्यक है। भगवान विश्वकर्मा को शिल्प ज्ञान का पितामह कहा जाता है। ऐसा मानते हैं कि भगवान विश्वकर्मा को जन्म से ही शिल्प का ज्ञान प्राप्त था। पुराणों में वर्णित इन्द्र सिंहासन और पुष्पक विमान भगवान विश्वकर्मा द्वारा ही बनाया गया था।